मई 2025 में शुक्रवार व्रत (Shukrawar Vrat) ऐसे करें कि लक्ष्मी जी हो जाएं प्रसन्न – पूरी विधि और चमत्कारी लाभ!
शुक्रवार व्रत (Shukrawar Vrat) मई में कैसे करें (2025) – सरल हिंदी में पूरी जानकारी
शुक्रवार व्रत (Shukrawar Vrat) का महत्व
शुक्रवार का दिन देवी महालक्ष्मी और संतोषी माता को समर्पित होता है। यह व्रत धन, सुख, शांति और समृद्धि के लिए रखा जाता है। जो व्यक्ति नियमित रूप से शुक्रवार व्रत (Shukrawar Vrat) करता है, उसके जीवन में आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं और गृहकलह समाप्त होता है।
मई 2025 का महीना व्रत करने के लिए अत्यंत शुभ है क्योंकि इस महीने वसंत ऋतु का प्रभाव बना रहता है और मौसम साफ होता है। इस समय की गई पूजा का प्रभाव अधिक होता है। इस लेख में हम जानेंगे कि शुक्रवार व्रत मई 2025 में कब करें, इसकी पूजा विधि, क्या खाएं, क्या न करें, और कौन से मंत्र बोलें।
मई 2025 में शुक्रवार व्रत (Shukrawar Vrat) की तिथियां
मई 2025 में शुक्रवार को आने वाली तिथियां इस प्रकार हैं:
- 2 मई 2025
- 9 मई 2025
- 16 मई 2025
- 23 मई 2025
- 30 मई 2025
इन सभी तिथियों को आप शुक्रवार व्रत कर सकते हैं। चाहें तो पूरे महीने का सप्ताहिक व्रत रखें या किसी एक विशेष शुक्रवार को भी रख सकते हैं।
व्रत शुरू करने की सही विधि
अगर आप पहली बार शुक्रवार व्रत कर रहे हैं, तो इसे किसी शुभ मुहूर्त या शुक्ल पक्ष के शुक्रवार से शुरू करें। व्रत की शुरुआत से पहले यह संकल्प लें:
“मैं देवी लक्ष्मी / संतोषी माता को प्रसन्न करने के लिए श्रद्धा से यह व्रत आरंभ करता हूँ।”
संकल्प के बाद हर शुक्रवार को नियमपूर्वक व्रत करें और कथा सुनें। यह व्रत 16 शुक्रवार तक किया जाता है, परंतु आप केवल मई महीने तक भी कर सकते हैं।
व्रत की तैयारी – सुबह क्या करें?
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र पहनें।
- घर की सफाई करें विशेषकर पूजा स्थान की।
- सफेद कपड़ा बिछाकर देवी लक्ष्मी या संतोषी माता की मूर्ति या चित्र रखें।
- घी का दीपक जलाएं और चावल, गुड़, और हलवा का भोग बनाएं।
इन कार्यों से आपका दिन शुभ होता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर रहती है।
शुक्रवार व्रत की पूजा विधि
- माता लक्ष्मी या संतोषी माता का ध्यान करें।
- दीपक, अगरबत्ती, और फूल अर्पित करें।
- माता को गुड़ चने, खीर, या चावल का भोग लगाएं।
- शुक्रवार व्रत कथा पढ़ें या सुनें (आगे लेख में कथा दी गई है)।
- आरती करें और व्रत का संकल्प दोहराएं।
पूजा में सबसे जरूरी है श्रद्धा और नियम। बिना मन की एकाग्रता के पूजा का फल अधूरा रह जाता है।
व्रत के दिन क्या खाएं?
व्रत करने वाले व्यक्ति को नमक नहीं खाना चाहिए। भोजन में आप ये चीजें शामिल कर सकते हैं:
- दूध और फल
- गुड़ और चने
- मीठा चावल (बिना नमक का)
- सादा खिचड़ी (बिना नमक)
- साबूदाने की खीर
शुद्धता और सात्विकता बनाए रखना व्रत का सबसे बड़ा नियम है।
व्रत के दिन क्या न करें?
शुक्रवार के दिन कुछ काम निषेध माने जाते हैं:
- नमक का सेवन न करें।
- झूठ बोलना, किसी से झगड़ना वर्जित है।
- लोहे के बर्तन में खाना न खाएं।
- काले कपड़े पहनने से बचें।
- कटु शब्दों का प्रयोग न करें।
अगर आप इन बातों का ध्यान रखते हैं, तो व्रत का पूरा फल प्राप्त होता है।
शुक्रवार व्रत (Shukrawar Vrat) कथा (संक्षिप्त में)
प्राचीन काल में एक गरीब स्त्री हर शुक्रवार को व्रत करती थी। उसने नियमपूर्वक संतोषी माता की पूजा की। धीरे-धीरे उसके घर में धन, अन्न और सुख की वृद्धि हुई। एक बार उसकी बहू ने व्रत किया लेकिन उसके रिश्तेदारों ने खट्टा खा लिया। इससे माता रुष्ट हो गईं और परिणाम बुरा हुआ।
कहानी का सार यह है कि संतोष, संयम और नियम से किया गया व्रत जरूर फल देता है।
शुक्रवार व्रत (Shukrawar Vrat) के लिए मंत्र
व्रत के दौरान ये मंत्र जपें:
“ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः”
या
“जय संतोषी माता” – 108 बार जाप करें।
मंत्र जप से मन एकाग्र होता है और पूजा का आध्यात्मिक प्रभाव बढ़ता है।
शुक्रवार व्रत (Shukrawar Vrat) रखने के लाभ
- आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।
- जीवन से दरिद्रता और क्लेश दूर होते हैं।
- घर में सुख-शांति बनी रहती है।
- विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं।
- स्त्रियों को सौभाग्य और पति की लंबी उम्र प्राप्त होती है।
यह व्रत विशेष रूप से महिलाओं के लिए शुभ फलदायक माना जाता है।
बच्चों और परिवार के लिए भी फलदायक
यदि घर की स्त्री व्रत करती है, तो उसका प्रभाव पूरे परिवार पर पड़ता है। बच्चों को भी संतोष, शांति, और सुसंस्कार मिलते हैं। घर में लक्ष्मी का वास होता है और रोग-व्याधि दूर रहती है।
अगर गलती हो जाए तो क्या करें?
अगर किसी शुक्रवार को व्रत करना भूल जाएं या कोई नियम टूट जाए तो:
- अगले दिन प्रायश्चित करें।
- संतोषी माता से क्षमा याचना करें।
- अगले शुक्रवार को विशेष रूप से पूजन करें।
भक्ति में सच्ची भावना हो तो छोटी भूलों को देवी क्षमा कर देती हैं।
शुक्रवार व्रत (Shukrawar Vrat) का समापन कैसे करें?
यदि आप मई माह के अंतिम शुक्रवार तक ही व्रत करना चाहते हैं, तो 30 मई 2025 को समापन व्रत रखें:
- माता को विशेष भोग लगाएं – जैसे चूरमा, खीर, और पंचामृत।
- पूरी श्रद्धा से कथा और आरती करें।
- किसी कन्या को भोजन कराएं और वस्त्र या दक्षिणा दें।

इससे व्रत का फल पूर्ण और चिरस्थायी होता है।
संतोषी माता और लक्ष्मी जी के साथ शिव जी का पूजन
शुक्रवार के दिन शिव जी की पूजा भी अत्यंत फलदायक मानी जाती है। शिव और लक्ष्मी का संयोजन जीवन में धन और स्थिरता लाता है। इसलिए आप शिवलिंग पर जल चढ़ाकर और “ॐ नमः शिवाय” का जाप कर सकते हैं।
शुक्रवार व्रत: (Shukrawar Vrat) सरलता में छुपा है चमत्कार
शुक्रवार व्रत को लेकर कोई दिखावा या कठिन विधि नहीं है। इस व्रत में सबसे अधिक महत्व है मन की श्रद्धा और नियमों की पालना। जो लोग नियमित रूप से यह व्रत करते हैं, उनके जीवन में धन, सुख और शांति का चमत्कारी संयोग होता है।
शुक्रवार व्रत एक सरल लेकिन अत्यंत प्रभावशाली व्रत है। मई 2025 में यह व्रत करने से आपको लक्ष्मी जी की कृपा, गृह सुख, और आर्थिक उन्नति के विशेष योग बनते हैं। व्रत के साथ नियम, संकल्प, और श्रद्धा जरूरी है।
मई 2025 में शुक्रवार व्रत (Shukrawar Vrat) ऐसे करें कि लक्ष्मी जी हो जाएं प्रसन्न – पूरी विधि और चमत्कारी लाभ! FAQs:
1. शुक्रवार व्रत (Shukrawar Vrat) क्या है?
शुक्रवार व्रत देवी लक्ष्मी और संतोषी माता की पूजा के लिए रखा जाता है। यह व्रत विशेष रूप से धन, सुख और समृद्धि प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
2. शुक्रवार व्रत (Shukrawar Vrat) करने का क्या महत्व है?
शुक्रवार व्रत से व्यक्ति के जीवन में आर्थिक समृद्धि, शांति और धन की वृद्धि होती है। यह व्रत विशेष रूप से महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है।
3. मई 2025 में शुक्रवार व्रत (Shukrawar Vrat) कब करें?
मई 2025 में 2 मई, 9 मई, 16 मई, 23 मई और 30 मई को शुक्रवार व्रत किया जा सकता है।
4. शुक्रवार व्रत (Shukrawar Vrat) की विधि क्या है?
- जल्दी उठकर स्नान करें।
- सफाई करके देवी लक्ष्मी या संतोषी माता की पूजा करें।
- गुड़ और चने का भोग अर्पित करें।
- शुक्रवार व्रत कथा पढ़ें या सुनें।
- मंत्र “ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः” का जाप करें।
5. क्या शुक्रवार व्रत (Shukrawar Vrat) में विशेष खाएं?
शुक्रवार व्रत में नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। आप फल, दूध, गुड़-चने, या साबूदाने की खीर खा सकते हैं।
6. शुक्रवार व्रत (Shukrawar Vrat) में क्या न करें?
- नमक का सेवन न करें।
- झूठ बोलने और लड़ाई-झगड़े से बचें।
- लोहे के बर्तन में भोजन न करें।
- काले कपड़े न पहनें।
7. शुक्रवार व्रत (Shukrawar Vrat) के लाभ क्या हैं?
यह व्रत धन, सुख, शांति, और सौभाग्य लाता है। व्रत करने से गृह सुख और आर्थिक समस्याओं का समाधान होता है।
8. शुक्रवार व्रत (Shukrawar Vrat) के दौरान कौन सा मंत्र जपें?
आप “ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः” और “जय संतोषी माता” मंत्रों का जप कर सकते हैं। यह मंत्र व्रत की सफलता के लिए महत्वपूर्ण हैं।
9. शुक्रवार व्रत (Shukrawar Vrat) की पूजा में क्या चढ़ाएं?
आप देवी लक्ष्मी या संतोषी माता को गुड़ चने, खीर, चावल, और फूल अर्पित कर सकते हैं।
10. शुक्रवार व्रत कितने दिन तक करें?
यह व्रत 16 शुक्रवार तक किया जाता है, लेकिन आप एक महीने तक भी इसे कर सकते हैं, जैसे मई 2025 में।
11. क्या व्रत में अगर भूल जाएं तो क्या करें?
अगर व्रत भूल जाएं या कुछ नियम टूट जाएं, तो अगले शुक्रवार को विशेष रूप से पूजा करें और प्रायश्चित करें।
12. शुक्रवार व्रत के समापन का तरीका क्या है?
व्रत का समापन 30 मई 2025 को विशेष पूजा और भोग अर्पित करने के साथ करें। किसी कन्या को भोजन कराएं और दक्षिणा दें।
13. क्या व्रत में पूजा के बाद खीर खाना चाहिए?
जी हां, खीर विशेष रूप से व्रत के दौरान चढ़ाई जाती है, यह लक्ष्मी जी और संतोषी माता को प्रिय है।
14. क्या शुक्रवार व्रत पुरुष भी कर सकते हैं?
शुक्रवार व्रत विशेष रूप से महिलाओं के लिए होता है, लेकिन पुरुष भी इसे धन और सुख के लिए कर सकते हैं।
15. शुक्रवार व्रत के दौरान शिव जी की पूजा करें या नहीं?
शिव जी की पूजा करने से भी धन और सुख की प्राप्ति होती है। आप “ॐ नमः शिवाय” का जाप करके शिव की पूजा भी कर सकते हैं।