नवरात्रि व्रत (Navratri Vrat) कैसे करें? जानें सही विधि, नियम और जरूरी बातें!

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नवरात्रि व्रत (Navratri Vrat) कैसे करें जानें सही विधि, नियम और जरूरी बातें!

नवरात्रि व्रत (Navratri Vrat) कैसे करें? जानें सही विधि, नियम और जरूरी बातें!


नवरात्रि व्रत (Navratri Vrat) विधि: नवरात्रि के दौरान व्रत रखने की सही प्रक्रिया

नवरात्रि का महत्व और व्रत रखने की परंपरा

नवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे साल में चार बार मनाया जाता है, लेकिन चैत्र और शारदीय नवरात्रि सबसे प्रसिद्ध हैं। यह देवी दुर्गा की आराधना का पर्व है, जिसमें भक्त उपवास रखकर माँ दुर्गा की कृपा प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। नवरात्रि में व्रत (Navratri Vrat) रखने से मानसिक और शारीरिक शुद्धि होती है, साथ ही यह आध्यात्मिक शक्ति को बढ़ाने का एक माध्यम भी है। मान्यता है कि सही विधि से नवरात्रि व्रत रखने से सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

Contents
नवरात्रि व्रत (Navratri Vrat) कैसे करें? जानें सही विधि, नियम और जरूरी बातें!नवरात्रि व्रत (Navratri Vrat) विधि: नवरात्रि के दौरान व्रत रखने की सही प्रक्रियानवरात्रि का महत्व और व्रत रखने की परंपरानवरात्रि व्रत (Navratri Vrat) की तैयारी कैसे करें?घटस्थापना और कलश स्थापना विधिनवरात्रि व्रत (Navratri Vrat) रखने के नियमव्रत के दौरान क्या खाएं और क्या न खाएं?नवरात्रि के नौ दिन: किस दिन कौन-सी देवी की पूजा करें?कन्या पूजन का महत्व और विधिनवरात्रि व्रत (Navratri Vrat) का वैज्ञानिक महत्वनवरात्रि व्रत (Navratri Vrat) समाप्त करने की सही विधिनवरात्रि व्रत (Navratri Vrat) विधि से जुड़े सबसे महत्वपूर्ण सवाल-जवाब (FAQs)1. नवरात्रि में व्रत रखने का क्या महत्व है?2. नवरात्रि व्रत (Navratri Vrat) कैसे रखें?3. क्या नवरात्रि व्रत (Navratri Vrat) में पानी पी सकते हैं?4. क्या नवरात्रि में चाय या कॉफी पी सकते हैं?5. नवरात्रि में कौन-कौन से अनाज खाए जा सकते हैं?6. क्या नवरात्रि व्रत (Navratri Vrat) में नमक खा सकते हैं?7. नवरात्रि व्रत (Navratri Vrat) में क्या नहीं खाना चाहिए?8. क्या नवरात्रि व्रत (Navratri Vrat) में फलों का सेवन किया जा सकता है?9. क्या नवरात्रि में व्रत खोलने का कोई विशेष नियम है?10. क्या नवरात्रि में शादी या शुभ कार्य कर सकते हैं?11. नवरात्रि में पूजा के लिए कौन-कौन से फूल उपयोग किए जा सकते हैं?12. क्या नवरात्रि व्रत (Navratri Vrat) में दूध और दूध से बनी चीजें खा सकते हैं?13. नवरात्रि में किस देवी की पूजा किस दिन की जाती है?14. क्या नवरात्रि में रात को सो सकते हैं?15. नवरात्रि व्रत (Navratri Vrat) का वैज्ञानिक लाभ क्या है?

नवरात्रि व्रत (Navratri Vrat) की तैयारी कैसे करें?

व्रत रखने से पहले सही तैयारी करना बहुत जरूरी होता है। सबसे पहले, यह तय करें कि आप कौन-सा व्रत नियम अपनाना चाहते हैं – निर्जला व्रत, फलाहार व्रत, एक समय भोजन या केवल पानी पीने वाला व्रत। व्रत से पहले अपने मन में संकल्प लें कि आप पूरी श्रद्धा से नौ दिनों तक देवी दुर्गा की पूजा करेंगे। घर को साफ करें और एक पवित्र स्थान पर माँ दुर्गा की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। घटस्थापना करके नवरात्रि पूजा शुरू करें और प्रतिदिन देवी का आह्वान करें।

घटस्थापना और कलश स्थापना विधि

नवरात्रि की शुरुआत घटस्थापना से होती है, जिसे बहुत शुभ माना जाता है। इसके लिए एक तांबे या मिट्टी के कलश को जल से भरें और उसमें पान का पत्ता, सुपारी, सिक्का और गंगाजल डालें। फिर इसके ऊपर नारियल रखें और इसे लाल कपड़े से लपेट दें। इस कलश को चावल या गेहूं से भरे पात्र पर रखें और इसके चारों ओर माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों का आह्वान करें। घटस्थापना के साथ ही नवरात्रि व्रत की आधिकारिक शुरुआत हो जाती है।

नवरात्रि व्रत (Navratri Vrat) रखने के नियम

  1. सात्विक भोजन करें – नवरात्रि में लहसुन-प्याज और तामसिक भोजन से परहेज करें।
  2. भक्ति और पूजा करें – प्रतिदिन देवी दुर्गा की पूजा और आरती करें।
  3. शुद्धता बनाए रखें – घर और शरीर की स्वच्छता पर ध्यान दें।
  4. वाणी पर नियंत्रण रखें – नवरात्रि में गाली-गलौच और झूठ बोलने से बचें।
  5. एक ही स्थान पर बैठकर भोजन करें – खान-पान में नियमों का पालन करें।
  6. रात में जागरण करें – देवी माँ के भजन और कीर्तन गाएं।

व्रत के दौरान क्या खाएं और क्या न खाएं?

नवरात्रि में भोजन पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है।
क्या खाएं:

  • साबूदाना खिचड़ी, सिंघाड़े और कुट्टू के आटे की रोटी
  • फलों का सेवन (केला, पपीता, अनार, सेब)
  • दूध, दही, मखाना, मूंगफली और नारियल पानी
  • सेंधा नमक का उपयोग करें

क्या न खाएं:

  • गेहूं, चावल और मैदा से बनी चीजें
  • नमक, मसालेदार भोजन और तेलयुक्त खाना
  • मांस, मछली, अंडे और शराब

नवरात्रि के नौ दिन: किस दिन कौन-सी देवी की पूजा करें?

  1. पहला दिन: माता शैलपुत्री – मानसिक शक्ति और साहस का प्रतीक
  2. दूसरा दिन: माता ब्रह्मचारिणी – तपस्या और संयम का प्रतीक
  3. तीसरा दिन: माता चंद्रघंटा – वीरता और साहस का प्रतीक
  4. चौथा दिन: माता कूष्मांडा – सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत
  5. पांचवां दिन: माता स्कंदमाता – बुद्धि और ज्ञान की देवी
  6. छठा दिन: माता कात्यायनी – निडरता और सुरक्षा की देवी
  7. सातवां दिन: माता कालरात्रि – नकारात्मक शक्तियों का नाश
  8. आठवां दिन: माता महागौरी – शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक
  9. नौवां दिन: माता सिद्धिदात्री – सभी इच्छाओं की पूर्ति करने वाली देवी

कन्या पूजन का महत्व और विधि

नवरात्रि के अंतिम दिन या अष्टमी/नवमी को कन्या पूजन किया जाता है। इसमें नौ छोटी कन्याओं को देवी स्वरूप मानकर उनकी पूजा की जाती है। उन्हें हलवा-पूरी, चने और प्रसाद खिलाया जाता है और दक्षिणा दी जाती है। मान्यता है कि कन्या पूजन करने से माता रानी प्रसन्न होती हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है।

नवरात्रि व्रत (Navratri Vrat) का वैज्ञानिक महत्व

नवरात्रि केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि इसका वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी बहुत महत्व है। यह समय मौसम परिवर्तन का होता है, जब शरीर को हल्के और सात्विक आहार की आवश्यकता होती है। उपवास रखने से पाचन तंत्र मजबूत होता है और शरीर में विषैले तत्व बाहर निकलते हैं। इसके अलावा, ध्यान और मंत्र जाप से मानसिक शांति मिलती है और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।

नवरात्रि व्रत (Navratri Vrat) कैसे करें जानें सही विधि, नियम और जरूरी बातें!
नवरात्रि व्रत (Navratri Vrat) कैसे करें जानें सही विधि, नियम और जरूरी बातें!

नवरात्रि व्रत (Navratri Vrat) समाप्त करने की सही विधि

नवरात्रि व्रत को सही विधि से समाप्त करना भी आवश्यक है। नवमी तिथि को देवी दुर्गा की विशेष पूजा करें और फिर कन्या पूजन के बाद अन्न ग्रहण करें। पहले हल्का भोजन लें, जैसे फलों का रस, खिचड़ी या साबूदाना खिचड़ी, ताकि पाचन तंत्र पर ज्यादा दबाव न पड़े।

नवरात्रि व्रत (Navratri Vrat) केवल उपवास रखने का पर्व नहीं है, बल्कि यह आध्यात्मिक जागरूकता, सात्विक जीवनशैली और धार्मिक अनुशासन को अपनाने का एक सुंदर अवसर है। अगर सही विधि से नवरात्रि व्रत रखा जाए, तो यह शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से लाभकारी होता है। माँ दुर्गा की कृपा पाने के लिए सच्चे मन से व्रत रखें और उनकी पूजा करें।


नवरात्रि व्रत (Navratri Vrat) विधि से जुड़े सबसे महत्वपूर्ण सवाल-जवाब (FAQs)

1. नवरात्रि में व्रत रखने का क्या महत्व है?

नवरात्रि व्रत देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त करने, मानसिक और शारीरिक शुद्धि के लिए रखा जाता है। यह आध्यात्मिक शक्ति बढ़ाने और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने का माध्यम है।

2. नवरात्रि व्रत (Navratri Vrat) कैसे रखें?

व्रत शुरू करने से पहले संकल्प लें, फिर घटस्थापना करें, माँ दुर्गा की पूजा करें और नियमों का पालन करते हुए सात्विक भोजन करें।

3. क्या नवरात्रि व्रत (Navratri Vrat) में पानी पी सकते हैं?

हाँ, आप नवरात्रि व्रत में पानी पी सकते हैं। कुछ लोग निर्जला व्रत भी रखते हैं, लेकिन यह अनिवार्य नहीं है।

4. क्या नवरात्रि में चाय या कॉफी पी सकते हैं?

हाँ, लेकिन दूध वाली चाय या कॉफी पीनी चाहिए। कई लोग बिना दूध वाली चाय को व्रत में निषेध मानते हैं।

5. नवरात्रि में कौन-कौन से अनाज खाए जा सकते हैं?

व्रत में सिंघाड़े का आटा, कुट्टू का आटा, राजगिरा, साबूदाना और सामक के चावल खा सकते हैं।

6. क्या नवरात्रि व्रत (Navratri Vrat) में नमक खा सकते हैं?

साधारण नमक की जगह सेंधा नमक का प्रयोग किया जाता है, क्योंकि यह प्राकृतिक होता है और सात्विक भोजन का हिस्सा है।

7. नवरात्रि व्रत (Navratri Vrat) में क्या नहीं खाना चाहिए?

मसालेदार और तली-भुनी चीजें, लहसुन-प्याज, मांस, अंडे, शराब, गेहूं और चावल नहीं खाना चाहिए।

8. क्या नवरात्रि व्रत (Navratri Vrat) में फलों का सेवन किया जा सकता है?

हाँ, सेब, केला, पपीता, अनार, अंगूर आदि फल खाए जा सकते हैं।

9. क्या नवरात्रि में व्रत खोलने का कोई विशेष नियम है?

नवरात्रि व्रत आमतौर पर अष्टमी या नवमी के दिन कन्या पूजन के बाद हल्के भोजन से खोला जाता है।

10. क्या नवरात्रि में शादी या शुभ कार्य कर सकते हैं?

नवरात्रि को शुभ समय माना जाता है, इसलिए कई लोग इस दौरान शादी, गृह प्रवेश, नई शुरुआत आदि करते हैं।

11. नवरात्रि में पूजा के लिए कौन-कौन से फूल उपयोग किए जा सकते हैं?

गुलाब, कमल, गेंदे के फूल और चमेली देवी माँ को अर्पित किए जा सकते हैं।

12. क्या नवरात्रि व्रत (Navratri Vrat) में दूध और दूध से बनी चीजें खा सकते हैं?

हाँ, आप दूध, दही, पनीर और मखाना खा सकते हैं।

13. नवरात्रि में किस देवी की पूजा किस दिन की जाती है?

नवरात्रि के नौ दिन अलग-अलग देवी के लिए होते हैं, जैसे पहले दिन माँ शैलपुत्री, दूसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणी आदि।

14. क्या नवरात्रि में रात को सो सकते हैं?

हाँ, लेकिन कुछ लोग रात में जागरण करते हैं और देवी माँ के भजन-कीर्तन गाते हैं।

15. नवरात्रि व्रत (Navratri Vrat) का वैज्ञानिक लाभ क्या है?

व्रत रखने से पाचन तंत्र ठीक रहता है, शरीर के विषैले तत्व बाहर निकलते हैं और मानसिक शांति मिलती है।

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