हर महीने कौन सा दिन है लक्ष्मी पूजन (Laxmi Poojan) के लिए सबसे शुभ? जानें सम्पूर्ण जानकारी!
लक्ष्मी पूजन (Laxmi Poojan) कब करें: महीने के शुभ दिन
मां लक्ष्मी धन, वैभव और समृद्धि की देवी मानी जाती हैं। हर व्यक्ति चाहता है कि उसके घर में माँ लक्ष्मी की कृपा बनी रहे। इसके लिए लोग लक्ष्मी पूजन करते हैं, परंतु सही समय और सही दिन पर पूजन करना अत्यंत आवश्यक है। यदि पूजन शुभ मुहूर्त में किया जाए तो उसका फल कई गुना अधिक मिलता है। इस लेख में हम जानेंगे कि हर महीने में कौन-से दिन लक्ष्मी पूजन (Laxmi Poojan) के लिए सबसे शुभ होते हैं।
लक्ष्मी पूजन (Laxmi Poojan) का महत्व
लक्ष्मी पूजन केवल दीपावली पर ही नहीं बल्कि हर महीने के कुछ विशेष दिनों में भी किया जाता है। यह पूजन व्यक्ति के जीवन में आर्थिक उन्नति, व्यापार में लाभ, और धन की स्थिरता लाने वाला माना गया है। जब भी आप माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा करते हैं, तो उनके साथ श्री विष्णु का पूजन भी करना चाहिए। इससे परिवार में शांति, समृद्धि और सौभाग्य बना रहता है।
शुक्रवार: लक्ष्मी पूजन (Laxmi Poojan) का विशेष दिन
हर शुक्रवार को लक्ष्मी जी की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है। शुक्रवार का दिन शुक्र ग्रह का होता है जो कि वैभव, प्रेम और सौंदर्य का प्रतीक है। यदि आप हर शुक्रवार माँ लक्ष्मी की पूजा करते हैं तो आपके जीवन में धन का आगमन होता है और कर्ज से मुक्ति मिलती है।
पूजन के दिन सफेद या गुलाबी वस्त्र पहनें, कमल का फूल, सफेद मिठाई और गाय के दूध से बनी खीर का भोग लगाएं। दीपक में देशी घी का उपयोग करें और ‘ॐ श्रीं श्रीये नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें।
एकादशी का दिन
हर महीने दो एकादशी तिथियाँ आती हैं—शुक्ल पक्ष की एकादशी और कृष्ण पक्ष की एकादशी। इन दिनों में व्रत और पूजा का विशेष महत्व होता है। विशेषकर श्रीविष्णु की पूजा करने से माँ लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं क्योंकि वे विष्णु जी की अर्धांगिनी हैं।
एकादशी के दिन सादा भोजन करें और व्रत रखें। शाम को विष्णु लक्ष्मी की संयुक्त आरती करें। अगर आप इस दिन लक्ष्मी पूजन करते हैं तो आपको दुर्लभ सुख और अक्षय धन की प्राप्ति हो सकती है।
पूर्णिमा और अमावस्या
पूर्णिमा (चंद्रमा की पूर्णता) और अमावस्या (चंद्रमा का अभाव) दोनों ही दिन लक्ष्मी पूजन के लिए श्रेष्ठ माने जाते हैं। अमावस्या को विशेषकर दीपावली पर लक्ष्मी पूजन किया जाता है, लेकिन हर अमावस्या को भी पूजा की जा सकती है।
पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की ऊर्जा से पूजा को विशेष शक्ति मिलती है। विशेषकर शरद पूर्णिमा को लक्ष्मी जी का आगमन माना जाता है। इस दिन चंद्रमा की रोशनी में खीर रखकर लक्ष्मी जी को अर्पित करें और फिर प्रसाद स्वरूप सेवन करें।
मासिक संकष्टी चतुर्थी
यह दिन भले ही भगवान गणेश को समर्पित हो, लेकिन गणेश जी के साथ लक्ष्मी जी की पूजा करने से रुकावटें दूर होती हैं। यदि आप इस दिन माँ लक्ष्मी को सिंदूर, हल्दी, चावल और गुड़ अर्पित करते हैं, तो आपके जीवन की वित्तीय परेशानियाँ समाप्त होती हैं।
इस दिन संकटमोचन गणेश के साथ लक्ष्मी जी का आह्वान करें और ‘ॐ लक्ष्म्यै नमः’ मंत्र का जाप करें। शाम को तिल के तेल का दीपक जलाएं, जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो।
मासिक लक्ष्मी व्रत
हर महीने की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक लक्ष्मी व्रत किया जाता है। इस दिन महिलाएं विशेषकर व्रत रखकर धन और सौभाग्य की कामना करती हैं। लक्ष्मी व्रत में विशेष रूप से लक्ष्मी स्तोत्र, श्रीसूक्त और कनकधारा स्तोत्र का पाठ किया जाता है।
व्रत रखने वाले को दिनभर सात्विक आहार लेना चाहिए और शाम को लक्ष्मी जी की प्रतिमा पर पीले पुष्प, केसर युक्त चावल, और मिष्ठान्न चढ़ाकर पूजन करना चाहिए। यह व्रत विशेषकर परिवार की समृद्धि और स्त्रियों के सौभाग्य के लिए लाभकारी होता है।
चंद्रग्रहण और सूर्यग्रहण के बाद का पूजन
वैदिक मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण काल के बाद का समय भी पूजा के लिए शुभ माना जाता है। विशेष रूप से यदि ग्रहण के बाद अमावस्या या पूर्णिमा हो, तो उस दिन लक्ष्मी पूजन का विशेष फल प्राप्त होता है।
ग्रहण समाप्त होते ही घर को शुद्ध करें, स्नान करके साफ वस्त्र पहनें और फिर माता लक्ष्मी की शुद्ध मन से आराधना करें। इस समय किया गया पूजन नकारात्मक ऊर्जा को हटाकर घर में धन और सुख-शांति लाता है।
नवरात्रि के दिन
शारदीय नवरात्रि और चैत्र नवरात्रि में लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व होता है, विशेषकर अष्टमी और नवमी को। इन दिनों में माँ दुर्गा के अष्ट रूपों की पूजा होती है, जिनमें महालक्ष्मी रूप भी शामिल है।
इन दिनों कन्या पूजन के साथ लक्ष्मी जी की विधिवत पूजा करने से घर में धन वर्षा होती है। पूजन में कुमकुम, कमलगट्टा, खीर और मिश्री का प्रयोग करें। सात कन्याओं को भोजन कराने से लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
दीपावली: लक्ष्मी पूजन (Laxmi Poojan) का सबसे बड़ा पर्व
दीपावली की अमावस्या को लक्ष्मी पूजन का सबसे महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। इस दिन लक्ष्मी जी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं और जहां साफ-सफाई, दीप, भक्ति और श्रद्धा होती है वहां निवास करती हैं।
इस दिन संध्या समय विशेष मुहूर्त में लक्ष्मी-गणेश की पूजा की जाती है। इस दिन लक्ष्मी जी को कमलगट्टे, बताशे, धनिया बीज, और चांदी के सिक्के चढ़ाए जाते हैं। इस दिन का पूजन पूरे साल के लिए धन-दौलत और समृद्धि का द्वार खोलता है।
मासिक प्रदोष व्रत
प्रदोष व्रत, जो कि त्रयोदशी तिथि को आता है, शिव जी की आराधना का दिन है। लेकिन शिव जी को प्रसन्न करने से महालक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं। इसलिए इस दिन लक्ष्मी पूजन भी किया जा सकता है।
प्रदोष काल यानी सूर्यास्त से पहले के 2 घंटे सबसे शुभ होते हैं। इस समय शिव-लक्ष्मी की संयुक्त आराधना करें। इससे कर्ज से मुक्ति, व्यापार में वृद्धि और घर में सुख-शांति का वास होता है।
मासिक विशेष दिन सारणी
महीना | विशेष दिन | पूजन का महत्व |
---|---|---|
जनवरी | माघ अमावस्या | स्नान-दान के साथ लक्ष्मी पूजन शुभ |
फरवरी | वसंत पंचमी | विद्या-धन की देवी का पूजन |
मार्च | होली के अगले दिन | शुद्ध वातावरण में लक्ष्मी पूजन लाभकारी |
अप्रैल | चैत्र नवरात्रि | महालक्ष्मी पूजन अष्टमी-नवमी को करें |
मई | अक्षय तृतीया | स्थायी धन लाभ हेतु पूजन करें |
जून | ज्येष्ठ पूर्णिमा | घर की शांति के लिए विशेष दिन |
जुलाई | हरियाली अमावस्या | नए धन का आगमन |
अगस्त | रक्षाबंधन के बाद की पूर्णिमा | लक्ष्मी नारायण पूजन श्रेष्ठ |
सितंबर | पितृपक्ष की अमावस्या | पूर्वजों की कृपा के साथ लक्ष्मी पूजन |
अक्टूबर | शारदीय नवरात्रि | अष्टमी-नवमी को पूजन फलदायी |
नवंबर | दीपावली | वर्ष का सबसे शुभ दिन |
दिसंबर | मार्गशीर्ष पूर्णिमा | धनधान्य में वृद्धि होती है |
यदि आप चाहते हैं कि आपके जीवन में कभी धन की कमी न हो, तो केवल दीपावली पर ही नहीं, बल्कि हर महीने के शुभ दिनों में लक्ष्मी पूजन करें। इस लेख में बताई गई तिथियाँ और विधियाँ अपनाकर आप भी माँ लक्ष्मी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
यह रहे “लक्ष्मी पूजन (Laxmi Poojan) कब करें: महीने के शुभ दिन” विषय पर आधारित महत्वपूर्ण FAQs
1. लक्ष्मी पूजन (Laxmi Poojan) किस दिन करना सबसे शुभ होता है?
हर शुक्रवार और दीपावली की अमावस्या को लक्ष्मी पूजन करना सबसे शुभ माना जाता है।
2. क्या हर महीने लक्ष्मी पूजन (Laxmi Poojan) किया जा सकता है?
हाँ, हर महीने के कुछ विशेष दिन जैसे पूर्णिमा, अमावस्या, एकादशी, अष्टमी आदि पर लक्ष्मी पूजन किया जा सकता है।
3. मासिक लक्ष्मी व्रत कब किया जाता है?
यह व्रत हर महीने की शुक्ल पक्ष की अष्टमी को किया जाता है।
4. एकादशी को लक्ष्मी पूजन (Laxmi Poojan) क्यों किया जाता है?
एकादशी विष्णु जी की तिथि है और लक्ष्मी जी उनकी पत्नी हैं। इसलिए इस दिन पूजा करने से दोनों की कृपा मिलती है।
5. अमावस्या को लक्ष्मी पूजन (Laxmi Poojan) क्यों करें?
अमावस्या को अंधकार और नव ऊर्जा का संयोग होता है, जिससे लक्ष्मी पूजन अत्यंत प्रभावशाली होता है।
6. पूर्णिमा को लक्ष्मी पूजन (Laxmi Poojan) का क्या महत्व है?
पूर्णिमा पर चंद्रमा की ऊर्जा और रोशनी लक्ष्मी पूजन को शक्तिशाली और फलदायक बनाती है।
7. दीपावली पर लक्ष्मी पूजन (Laxmi Poojan) कैसे करें?
संध्या के समय श्री गणेश और लक्ष्मी जी की विधिवत पूजा करें, घर साफ रखें और दीप जलाएं।
8. शुक्रवार को लक्ष्मी जी को क्या चढ़ाएं?
सफेद मिठाई, कमल का फूल, देशी घी का दीपक और गुलाबी वस्त्र चढ़ाना शुभ होता है।
9. क्या ग्रहण के बाद लक्ष्मी पूजन (Laxmi Poojan) किया जा सकता है?
हाँ, ग्रहण समाप्त होने के बाद का समय शुद्ध माना जाता है और इस समय पूजन करने से विशेष फल मिलता है।
10. नवरात्रि में लक्ष्मी पूजन (Laxmi Poojan) का कौन सा दिन श्रेष्ठ है?
अष्टमी और नवमी के दिन लक्ष्मी पूजन करने से विशेष फल प्राप्त होता है।
11. प्रदोष व्रत के दिन लक्ष्मी पूजन (Laxmi Poojan) कर सकते हैं?
हाँ, प्रदोष व्रत के दिन शिव जी के साथ लक्ष्मी पूजन करने से कर्ज और दरिद्रता दूर होती है।
12. लक्ष्मी पूजन (Laxmi Poojan) के लिए कौन-से फूल शुभ होते हैं?
कमल, गुलाब और पीले पुष्प लक्ष्मी पूजन के लिए शुभ माने जाते हैं।
13. क्या पुरुष भी लक्ष्मी व्रत कर सकते हैं?
हाँ, पुरुष भी श्रद्धा और नियमपूर्वक लक्ष्मी व्रत रख सकते हैं।
14. लक्ष्मी पूजन (Laxmi Poojan) का सही समय क्या होता है?
संध्या का समय यानी सूर्यास्त के बाद और प्रदोष काल सबसे शुभ माना जाता है।
15. क्या केवल दीपावली पर लक्ष्मी पूजन (Laxmi Poojan) करना काफी है?
नहीं, अगर आप हर महीने शुभ तिथियों पर पूजा करें तो लक्ष्मी जी की कृपा सदैव बनी रहती है।