“चक्षु स्तोत्र”: (Chakshu Stotra) आँखों की समस्याओं का आध्यात्मिक समाधान

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"चक्षु स्तोत्र": (Chakshu Stotra) आँखों की समस्याओं का आध्यात्मिक समाधान

चक्षु स्तोत्र”: (Chakshu Stotra) आँखों की समस्याओं का आध्यात्मिक समाधान

चक्षु स्तोत्र (Chakshu Stotra) एक अद्भुत प्रार्थना है जो भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है। इसे आँखों की रक्षा और दृष्टि सुधारने के लिए विशेष रूप से जाना जाता है। यह प्राचीन वैदिक परंपरा का हिस्सा है और इसमें आध्यात्मिक ऊर्जा का भंडार छिपा है। इसे नियमित रूप से पढ़ने से न केवल आँखों की शारीरिक समस्याएँ कम होती हैं, बल्कि मानसिक शांति भी मिलती है।

Contents
“ चक्षु स्तोत्र”: (Chakshu Stotra) आँखों की समस्याओं का आध्यात्मिक समाधानचक्षु स्तोत्र (Chakshu Stotra) का महत्वचक्षु स्तोत्र (Chakshu Stotra)चक्षु स्तोत्र (Chakshu Stotra) की उत्पत्तिस्तोत्र का पाठ कैसे करें?चक्षु स्तोत्र (Chakshu Stotra) का वैज्ञानिक दृष्टिकोणचक्षु स्तोत्र (Chakshu Stotra) के लाभकौन पढ़ सकता है यह स्तोत्र?चक्षु स्तोत्र (Chakshu Stotra) का पाठ कब करें?चक्षु स्तोत्र (Chakshu Stotra) और ध्यान का महत्वचक्षु स्तोत्र (Chakshu Stotra) को जीवन में शामिल करने के उपायचक्षु स्तोत्र (Chakshu Stotra) के श्लोक (उदाहरण)चक्षु स्तोत्र (Chakshu Stotra) से जुड़े सामान्य प्रश्न (FAQs)1. चक्षु स्तोत्र (Chakshu Stotra) क्या है?2. चक्षु स्तोत्र (Chakshu Stotra) की रचना किसने की?3. चक्षु स्तोत्र (Chakshu Stotra) पढ़ने से क्या लाभ होता है?4. चक्षु स्तोत्र (Chakshu Stotra) को कब पढ़ा जाना चाहिए?5. चक्षु स्तोत्र (Chakshu Stotra) कितनी बार पढ़ना चाहिए?6. क्या चक्षु स्तोत्र (Chakshu Stotra) से चश्मा हट सकता है?7. क्या बच्चों को चक्षु स्तोत्र (Chakshu Stotra) पढ़ने से लाभ मिलेगा?8. क्या चक्षु स्तोत्र (Chakshu Stotra) को अकेले पढ़ सकते हैं?9. चक्षु स्तोत्र (Chakshu Stotra) पढ़ने के लिए कोई विशेष नियम हैं?10. क्या चक्षु स्तोत्र (Chakshu Stotra) वैज्ञानिक रूप से भी उपयोगी है?11. क्या चक्षु स्तोत्र (Chakshu Stotra) पढ़ने से आँखों की बीमारियाँ ठीक हो सकती हैं?12. क्या नेत्रज्योति बढ़ाने के लिए अन्य उपाय भी साथ में करने चाहिए?13. क्या इसे पढ़ने के लिए कोई विशेष स्थान जरूरी है?14. क्या चक्षु स्तोत्र (Chakshu Stotra) को सुनना भी लाभकारी है?15. क्या चक्षु स्तोत्र (Chakshu Stotra) को जीवनभर पढ़ा जा सकता है?

चक्षु स्तोत्र (Chakshu Stotra) का महत्व

चक्षु स्तोत्र (Chakshu Stotra) का नाम सुनते ही पता चलता है कि यह दृष्टि (आंखों) से संबंधित है। यह स्तोत्र नेत्रज्योति को बढ़ाने, आँखों की बीमारियों से बचाने और आध्यात्मिक जागरूकता बढ़ाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। कई लोग इसे आँखों की कमजोर रोशनी, चश्मा हटाने और आँखों से संबंधित अन्य परेशानियों के समाधान के रूप में उपयोग करते हैं।

चक्षु स्तोत्र (Chakshu Stotra)

चक्षु स्तोत्र
(Chakshu Stotra)

चाक्षुषोपनिषद विनियोग

ॐ अस्याश्चाक्षुषीविद्याया अहिर्बुध्न्य ऋषिः, गायत्री छन्दः, सूर्यो देवता, ॐ बीजम् नमः शक्तिः, स्वाहा कीलकम्, चक्षुरोग निवृत्तये जपे विनियोगः

चक्षुष्मती विद्या

ॐ चक्षुः चक्षुः चक्षुः तेज स्थिरो भव।
मां पाहि पाहि।


त्वरितम् चक्षुरोगान् शमय शमय।
ममाजातरूपं तेजो दर्शय दर्शय।
यथा अहमंधोनस्यां तथा कल्पय कल्पय ।


कल्याण कुरु कुरु
यानि मम् पूर्वजन्मो पार्जितानि चक्षुः प्रतिरोधक दुष्कृतानि सर्वाणि निर्मूलय निर्मूलय।


ॐ नमः चक्षुस्तेजोदात्रे दिव्याय भास्कराय।
ॐ नमः कल्याणकराय अमृताय। ॐ नमः सूर्याय।
ॐ नमो भगवते सूर्याय अक्षितेजसे नमः।


खेचराय नमः महते नमः। रजसे नमः। तमसे नमः ।
असतो मा सद गमय। तमसो मा ज्योतिर्गमय। मृत्योर्मां अमृतं गमय।
उष्णो भगवान्छुचिरूपः। हंसो भगवान् शुचि प्रतिरूपः ।


ॐ विश्वरूपं घृणिनं जातवेदसं हिरण्मयं ज्योतिरूपं तपन्तम्।
सहस्त्र रश्मिः शतधा वर्तमानः पुरः प्रजानाम् उदयत्येष सूर्यः।।


ॐ नमो भगवते श्रीसूर्याय आदित्याया अक्षि तेजसे अहो वाहिनि वाहिनि स्वाहा।।
ॐ वयः सुपर्णा उपसेदुरिन्द्रं प्रियमेधा ऋषयो नाधमानाः।
अप ध्वान्तमूर्णुहि पूर्धि- चक्षुम् उग्ध्यस्मान्निधयेव बद्धान्।।


ॐ पुण्डरीकाक्षाय नमः। ॐ पुष्करेक्षणाय नमः। ॐ कमलेक्षणाय नमः। ॐ विश्वरूपाय नमः। ॐ

श्रीमहाविष्णवे नमः।
ॐ सूर्यनारायणाय नमः।। ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः।।


य इमां चाक्षुष्मतीं विद्यां ब्राह्मणो नित्यम् अधीयते न तस्य अक्षिरोगो भवति। न तस्य कुले अंधो भवति। न

तस्य कुले अंधो भवति।


अष्टौ ब्राह्मणान् ग्राहयित्वा विद्यासिद्धिः भवति।
विश्वरूपं घृणिनं जातवेदसं हिरण्मयं पुरुषं ज्योतिरूपमं तपतं सहस्त्र रश्मिः।
शतधावर्तमानः पुरः प्रजानाम् उदयत्येष सूर्यः। ॐ नमो भगवते आदित्याय।।

।।इति स्तोत्रम्।।

"चक्षु स्तोत्र": (Chakshu Stotra) आँखों की समस्याओं का आध्यात्मिक समाधान
चक्षु स्तोत्र: (Chakshu Stotra) आँखों की समस्याओं का आध्यात्मिक समाधान

चक्षु स्तोत्र (Chakshu Stotra) की उत्पत्ति

चक्षु स्तोत्र (Chakshu Stotra) की उत्पत्ति भगवान विष्णु के भक्तों की ओर से हुई है। ऐसा माना जाता है कि इसे ऋषि-मुनियों ने रचा था, ताकि शारीरिक दृष्टि और आध्यात्मिक ज्ञान को जागृत किया जा सके। भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित इस स्तोत्र को पढ़ते समय भक्तों को ऐसा अनुभव होता है जैसे भगवान उनकी आँखों की हर समस्या का समाधान कर रहे हों।

स्तोत्र का पाठ कैसे करें?

  1. सुबह जल्दी उठकर स्वच्छता का ध्यान रखें।
  2. पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें।
  3. चक्षु स्तोत्र का पाठ धीमे और ध्यान लगाकर करें।
  4. अगर संभव हो तो भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा के समक्ष दीपक जलाएं।
  5. इसे कम से कम 11 बार पढ़ें।

चक्षु स्तोत्र (Chakshu Stotra) का वैज्ञानिक दृष्टिकोण

आध्यात्मिक दृष्टि से यह स्तोत्र अद्भुत है, लेकिन वैज्ञानिक रूप से भी यह मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। इस स्तोत्र का नियमित पाठ तनाव को कम करता है, जिससे आँखों पर कम दबाव पड़ता है। साथ ही, यह सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करता है, जो आँखों की बीमारियों को ठीक करने में सहायक है।

चक्षु स्तोत्र (Chakshu Stotra) के लाभ

  • नेत्रज्योति में सुधार: इसे पढ़ने से आँखों की रोशनी बढ़ती है।
  • आध्यात्मिक जागरूकता: भगवान श्रीकृष्ण के प्रति श्रद्धा बढ़ती है।
  • बीमारियों से सुरक्षा: आँखों के रोगों का प्रभाव कम होता है।
  • मानसिक शांति: तनाव कम होता है और मन को सुकून मिलता है।

कौन पढ़ सकता है यह स्तोत्र?

चक्षु स्तोत्र (Chakshu Stotra) को कोई भी पढ़ सकता है। यह स्तोत्र बच्चों, वयस्कों और बुजुर्गों सभी के लिए फायदेमंद है। खासकर वे लोग जो चश्मा पहनते हैं, या जिनकी आँखें लगातार स्क्रीन पर काम करने के कारण थक जाती हैं, उन्हें इसे जरूर पढ़ना चाहिए।

चक्षु स्तोत्र (Chakshu Stotra) का पाठ कब करें?

सुबह और शाम का समय इसे पढ़ने के लिए सबसे उपयुक्त माना गया है। सुबह के समय यह सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है और शाम को इसे पढ़ने से दिनभर की थकान दूर होती है।

चक्षु स्तोत्र (Chakshu Stotra) और ध्यान का महत्व

चक्षु स्तोत्र (Chakshu Stotra) पढ़ने के साथ ध्यान करना भी फायदेमंद है। ध्यान करने से मस्तिष्क शांत रहता है और आँखों की कार्यक्षमता बढ़ती है। चक्षु स्तोत्र के पाठ के बाद 5-10 मिनट तक ध्यान करें।

चक्षु स्तोत्र (Chakshu Stotra) को जीवन में शामिल करने के उपाय

  1. इसे रोज़ाना पढ़ने की आदत डालें।
  2. बच्चों को इसे पढ़ने के लिए प्रेरित करें।
  3. घर में इसे सुबह-शाम सुनें।
  4. आँखों की देखभाल के साथ इसका अभ्यास करें।

चक्षु स्तोत्र (Chakshu Stotra) के श्लोक (उदाहरण)

इस स्तोत्र के मूल श्लोक इस प्रकार हैं:


“चक्षुर्वेदो मम प्रीयं,
चक्षुर्वेदं समर्पयेत।
चक्षुर्वेदं ददाम्यहम्,
चक्षुर्वेदे नमो नमः।”

यह श्लोक सुनने और पढ़ने में जितना सरल है, इसका प्रभाव भी उतना ही शक्तिशाली है।

चक्षु स्तोत्र (Chakshu Stotra) सिर्फ एक प्रार्थना नहीं, बल्कि नेत्र स्वास्थ्य का वरदान है। इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाकर आप अपनी आँखों की सेहत और मानसिक शांति को बेहतर बना सकते हैं। अगर आप भी आँखों की किसी समस्या से परेशान हैं, तो चक्षु स्तोत्र को नियमित रूप से पढ़ें और भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त करें।

चक्षु स्तोत्र (Chakshu Stotra) से जुड़े सामान्य प्रश्न (FAQs)

1. चक्षु स्तोत्र (Chakshu Stotra) क्या है?

चक्षु स्तोत्र (Chakshu Stotra) भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित एक प्रार्थना है, जिसे विशेष रूप से आँखों की समस्याओं और नेत्रज्योति बढ़ाने के लिए पढ़ा जाता है।

2. चक्षु स्तोत्र (Chakshu Stotra) की रचना किसने की?

इसकी रचना प्राचीन ऋषि-मुनियों ने की है, जिन्होंने इसे आँखों की शारीरिक और आध्यात्मिक समस्याओं का समाधान बताया।

3. चक्षु स्तोत्र (Chakshu Stotra) पढ़ने से क्या लाभ होता है?

इसका पाठ आँखों की रोशनी बढ़ाने, बीमारियों से बचाने, मानसिक शांति प्रदान करने और आध्यात्मिक जागरूकता बढ़ाने में सहायक है।

4. चक्षु स्तोत्र (Chakshu Stotra) को कब पढ़ा जाना चाहिए?

सुबह सूर्योदय से पहले और शाम को सूर्यास्त के बाद इसका पाठ करना सबसे अच्छा माना जाता है।

5. चक्षु स्तोत्र (Chakshu Stotra) कितनी बार पढ़ना चाहिए?

इसे दिन में कम से कम 11 बार पढ़ना चाहिए। अगर संभव हो तो इसे 21 या 51 बार भी पढ़ा जा सकता है।

6. क्या चक्षु स्तोत्र (Chakshu Stotra) से चश्मा हट सकता है?

यह स्तोत्र आँखों की सेहत को सुधारता है, जिससे रोशनी बेहतर हो सकती है। हालांकि, इसके साथ सही आहार और व्यायाम भी जरूरी है।

7. क्या बच्चों को चक्षु स्तोत्र (Chakshu Stotra) पढ़ने से लाभ मिलेगा?

हाँ, यह स्तोत्र बच्चों के लिए भी फायदेमंद है। उनके आँखों की सेहत और एकाग्रता को बढ़ाने में मदद करता है।

8. क्या चक्षु स्तोत्र (Chakshu Stotra) को अकेले पढ़ सकते हैं?

हाँ, इसे अकेले भी पढ़ा जा सकता है। हालांकि, सामूहिक पाठ करने से इसका प्रभाव और बढ़ जाता है।

9. चक्षु स्तोत्र (Chakshu Stotra) पढ़ने के लिए कोई विशेष नियम हैं?

हाँ, पाठ के दौरान मन को शांत रखना, स्वच्छता का ध्यान रखना, और भगवान श्रीकृष्ण की आराधना करना महत्वपूर्ण है।

10. क्या चक्षु स्तोत्र (Chakshu Stotra) वैज्ञानिक रूप से भी उपयोगी है?

हाँ, इसका नियमित पाठ मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करता है, जिससे आँखों पर तनाव कम होता है।

11. क्या चक्षु स्तोत्र (Chakshu Stotra) पढ़ने से आँखों की बीमारियाँ ठीक हो सकती हैं?

यह स्तोत्र बीमारियों को कम करने में मदद करता है, लेकिन चिकित्सीय उपचार के साथ इसे पूरक के रूप में पढ़ा जाना चाहिए।

12. क्या नेत्रज्योति बढ़ाने के लिए अन्य उपाय भी साथ में करने चाहिए?

हाँ, संतुलित आहार, आँखों के व्यायाम, और नियमित आराम के साथ चक्षु स्तोत्र पढ़ने से ज्यादा लाभ होता है।

13. क्या इसे पढ़ने के लिए कोई विशेष स्थान जरूरी है?

इसे शांत और पवित्र स्थान पर बैठकर पढ़ना चाहिए, जहां ध्यान आसानी से लगाया जा सके।

14. क्या चक्षु स्तोत्र (Chakshu Stotra) को सुनना भी लाभकारी है?

हाँ, इसे सुनने से भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, खासकर उन लोगों के लिए जो इसे पढ़ नहीं सकते।

15. क्या चक्षु स्तोत्र (Chakshu Stotra) को जीवनभर पढ़ा जा सकता है?

हाँ, इसे नियमित रूप से जीवनभर पढ़ सकते हैं। यह न केवल आँखों की समस्याओं के लिए, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक शांति के लिए भी फायदेमंद है।

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