“बगलामुखी स्तोत्र: ( Bagalamukhi Stotra)आपकी हर समस्या का समाधान”
बगलामुखी स्तोत्र ( Bagalamukhi Stotra) का संबंध देवी बगलामुखी से है, जो दस महाविद्याओं में से एक हैं। यह स्तोत्र विशेष रूप से शत्रुनाश, वाद-विवाद में विजय और नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा के लिए पढ़ा जाता है। देवी बगलामुखी को “स्तंभन शक्ति” की देवी भी कहा जाता है। उनका पीला रंग और सौम्य रूप भक्तों को सुख, शांति और सुरक्षा प्रदान करता है।
बगलामुखी स्तोत्र ( Bagalamukhi Stotra) का महत्व
बगलामुखी स्तोत्र ( Bagalamukhi Stotra) का पाठ करने से मनुष्य की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और उसका आत्मविश्वास बढ़ता है। यह स्तोत्र शत्रुओं को पराजित करने, कोर्ट-कचहरी के मामलों में विजय प्राप्त करने और जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए अद्भुत रूप से प्रभावी है।
बगलामुखी स्तोत्र: ( Bagalamukhi Stotra)
बगलामुखी स्तोत्रम्
( Bagalamukhi Stotra)
ओम् ब्रह्मास्त्र-रुपिणी देवी,
माता श्रीबगलामुखी ।
चिच्छिक्तिर्ज्ञान-रुपा च,
ब्रह्मानन्द-प्रदायिनी ॥ 1 ॥
महा-विद्या महा-लक्ष्मी,
श्रीमत् -त्रिपुर-सुन्दरी ।
भुवनेशी जगन्माता,
पार्वती सर्व-मंगला ॥ 2 ॥ललिता भैरवी शान्ता,
अन्नपूर्णा कुलेश्वरी ।
वाराही छिन्नमस्ता च,
तारा काली सरस्वती ॥ 3 ॥जगत् -पूज्या महा-माया,
कामेशी भग-मालिनी ।
दक्ष-पुत्री शिवांकस्था,
शिवरुपा शिवप्रिया ॥ 4 ॥सर्व-सम्पत्-करी देवी,
सर्व-लोक वशंकरी ।
वेद-विद्या महा-पूज्या,
भक्ताद्वेषी भयंकरी ॥ 5 ॥स्तम्भ-रुपा स्तम्भिनी च,
दुष्ट-स्तम्भन-कारिणी ।
भक्त-प्रिया महा-भोगा,
श्रीविद्या ललिताम्बिका ॥ 6 ॥मेना-पुत्री शिवानन्दा,
मातंगी भुवनेश्वरी ।
नारसिंही नरेन्द्रा च,
नृपाराध्या नरोत्तमा ॥ 7 ॥नागिनी नाग-पुत्री च,
नगराज-सुता उमा ।
पीताम्बरा पीत-पुष्पा च,
पीत-वस्त्र-प्रिया शुभा ॥ 8 ॥पीत-गन्ध-प्रिया रामा,
पीत-रत्नार्चिता शिवा ।
अर्द्ध-चन्द्र-धरी देवी,
गदा-मुद्-गर-धारिणी ॥ 9 ॥सावित्री त्रि-पदा शुद्धा,
सद्यो राग-विवर्द्धिनी ।
विष्णु-रुपा जगन्मोहा,
ब्रह्म-रुपा हरि-प्रिया ॥ 10 ॥रुद्र-रुपा रुद्र-शक्तिद्दिन्मयी,
भक्त-वत्सला ।
लोक-माता शिवा सन्ध्या,
शिव-पूजन-तत्परा ॥ 11 ॥धनाध्यक्षा धनेशी च,
धर्मदा धनदा धना ।
चण्ड-दर्प-हरी देवी,
शुम्भासुर-निवर्हिणी ॥ 12 ॥राज-राजेश्वरी देवी,
महिषासुर-मर्दिनी ।
मधु-कैटभ-हन्त्री च,
रक्त-बीज-विनाशिनी ॥ 13 ॥धूम्राक्ष-दैत्य-हन्त्री च,
भण्डासुर-विनाशिनी ।
रेणु-पुत्री महा-माया,
भ्रामरी भ्रमराम्बिका ॥ 14 ॥ज्वालामुखी भद्रकाली,
बगला शत्र-ुनाशिनी ।
इन्द्राणी इन्द्र-पूज्या च,
गुह-माता गुणेश्वरी ॥ 15 ॥वज्र-पाश-धरा देवी,
जिह्वा-मुद्-गर-धारिणी ।
भक्तानन्दकरी देवी,
बगला परमेश्वरी ॥ 16 ॥फल- श्रुति
अष्टोत्तरशतं नाम्नां,
बगलायास्तु यः पठेत् ।
रिप-ुबाधा-विनिर्मुक्तः,
लक्ष्मीस्थैर्यमवाप्नुयात्॥ 1 ॥भूत-प्रेत-पिशाचाश्च,
ग्रह-पीड़ा-निवारणम् ।
राजानो वशमायाति,
सर्वैश्वर्यं च विन्दति ॥ 2 ॥नाना-विद्यां च लभते,
राज्यं प्राप्नोति निश्चितम् ।
भुक्ति-मुक्तिमवाप्नोति,
साक्षात् शिव-समो भवेत् ॥ 3 ॥॥ श्रीरूद्रयामले सर्व-सिद्धि-प्रद श्री बगलाष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम् ॥
बगलामुखी स्तोत्र ( Bagalamukhi Stotra) के मुख्य उद्देश्य
- शत्रुओं का नाश करना
- न्यायिक मामलों में जीत दिलाना
- धन-समृद्धि और शांति का वास
- मन और आत्मा की शुद्धि
- आध्यात्मिक ऊर्जा को जागृत करना
देवी बगलामुखी का स्वरूप
देवी बगलामुखी को पीले वस्त्र, सोने के आभूषण और कमलासन पर विराजित दिखाया जाता है। उनके एक हाथ में गदा और दूसरे हाथ में शत्रु की जीभ को पकड़ने का चित्रण होता है। उनका यह रूप सत्य की विजय और असत्य का नाश दर्शाता है।
बगलामुखी स्तोत्र ( Bagalamukhi Stotra) का पाठ कैसे करें?
- पाठ के लिए पीले वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है।
- पाठ करते समय पीले फूल और हल्दी का उपयोग करें।
- सुबह या शाम का समय उत्तम माना जाता है।
- पाठ के समय पूर्ण एकाग्रता और शुद्धता का ध्यान रखें।
बगलामुखी स्तोत्र ( Bagalamukhi Stotra) के अद्भुत फायदे
- शत्रुओं से मुक्ति: बगलामुखी स्तोत्र का नियमित पाठ शत्रुओं के दुष्प्रभाव को समाप्त करता है।
- मनोबल में वृद्धि: यह स्तोत्र आत्मविश्वास बढ़ाने और मानसिक शांति प्रदान करने में सहायक है।
- विवादों से छुटकारा: यदि आप किसी विवाद में फंसे हैं, तो यह स्तोत्र आपको समाधान दिला सकता है।
- भय से मुक्ति: देवी बगलामुखी का आशीर्वाद सभी प्रकार के डर और नकारात्मकता को समाप्त करता है।
बगलामुखी स्तोत्र ( Bagalamukhi Stotra) के पाठ के नियम
- शुद्धता और अनुशासन बनाए रखें।
- हर दिन एक निश्चित समय पर पाठ करें।
- माला का उपयोग करके 108 बार मंत्र जप करें।
- पाठ के बाद देवी को धन्यवाद देना न भूलें।
बगलामुखी मंत्र और स्तोत्र
बगलामुखी स्तोत्र ( Bagalamukhi Stotra) के कई मंत्र और श्लोक अत्यंत प्रभावशाली हैं। इनमें से सबसे प्रसिद्ध है:
“ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिव्हां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा।”
यह मंत्र शत्रु को नष्ट करने और आत्मरक्षा के लिए बहुत प्रभावी है।
बगलामुखी स्तोत्र ( Bagalamukhi Stotra) का धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण
बगलामुखी स्तोत्र ( Bagalamukhi Stotra) न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि इसका वैज्ञानिक आधार भी है। इसके पाठ से ध्वनि तरंगें उत्पन्न होती हैं, जो मानसिक और भावनात्मक शांति प्रदान करती हैं। यह नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त कर सकारात्मकता को बढ़ावा देता है।
बगलामुखी स्तोत्र ( Bagalamukhi Stotra) केवल एक धार्मिक पाठ नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा आध्यात्मिक औजार है, जो आपके जीवन में सकारात्मकता, शांति और सफलता लाता है। देवी बगलामुखी की पूजा और स्तोत्र का नियमित पाठ न केवल आपके जीवन को बदल सकता है, बल्कि आपको हर कठिनाई से उबारने में भी सहायक है।
बगलामुखी स्तोत्र ( Bagalamukhi Stotra) से जुड़े सामान्य प्रश्न (FAQs)
1. बगलामुखी स्तोत्र ( Bagalamukhi Stotra) क्या है?
बगलामुखी स्तोत्र ( Bagalamukhi Stotra) देवी बगलामुखी की स्तुति में रचित मंत्र और श्लोकों का संग्रह है, जो शत्रुओं पर विजय, मानसिक शांति और नकारात्मक ऊर्जा से बचाव के लिए पढ़ा जाता है।
2. देवी बगलामुखी कौन हैं?
देवी बगलामुखी दस महाविद्याओं में से एक हैं। वे स्तंभन शक्ति की देवी हैं, जो शत्रु की वाणी और बुद्धि को रोकने की शक्ति रखती हैं।
3. बगलामुखी स्तोत्र ( Bagalamukhi Stotra) का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इसका उद्देश्य शत्रु नाश, विवाद में विजय, आत्मशक्ति बढ़ाना, और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाना है।
4. बगलामुखी स्तोत्र ( Bagalamukhi Stotra) कब पढ़ा जाना चाहिए?
सुबह ब्रह्म मुहूर्त या शाम को, स्नान और शुद्ध वस्त्र पहनकर पाठ करना सबसे शुभ माना जाता है।
5. पाठ करते समय कौन-कौन सी चीजें आवश्यक हैं?
पीले वस्त्र, पीले फूल, हल्दी, और कुशा आसन का उपयोग करना शुभ होता है।
6. क्या बगलामुखी स्तोत्र ( Bagalamukhi Stotra)से शत्रु शांत हो सकते हैं?
हां, यह स्तोत्र शत्रुओं की नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त कर उन्हें शांत करने में मदद करता है।
7. क्या बगलामुखी स्तोत्र ( Bagalamukhi Stotra) केवल शत्रुओं के लिए है?
नहीं, यह स्तोत्र आत्मविश्वास बढ़ाने, विवादों से छुटकारा पाने, और मानसिक शांति के लिए भी उपयोगी है।
8. क्या इसका पाठ घर पर किया जा सकता है?
हां, लेकिन शुद्धता और अनुशासन का पालन करना अनिवार्य है।
9. क्या विशेष अवसरों पर बगलामुखी स्तोत्र ( Bagalamukhi Stotra) का पाठ करना चाहिए?
अमावस्या, नवरात्रि, या किसी विशेष संकट के समय इसका पाठ विशेष लाभकारी होता है।
10. क्या इसे रोज़ पढ़ सकते हैं?
हां, इसका नियमित पाठ जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है।
11. बगलामुखी मंत्र क्या है?
सबसे प्रसिद्ध मंत्र है:
“ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिव्हां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा।”
12. क्या पाठ के लिए गुरु से दीक्षा लेना ज़रूरी है?
यदि नियमित जप करना हो तो गुरु की दीक्षा लाभकारी होती है, लेकिन व्यक्तिगत स्तुति के लिए यह अनिवार्य नहीं है।
13. क्या बगलामुखी स्तोत्र ( Bagalamukhi Stotra) का वैज्ञानिक महत्व है?
हां, इसके उच्चारण से उत्पन्न ध्वनि तरंगें मानसिक शांति और ऊर्जा संतुलन में सहायक होती हैं।
14. क्या बगलामुखी स्तोत्र ( Bagalamukhi Stotra) का पाठ हर किसी के लिए है?
हां, लेकिन यह शुद्ध मन और सकारात्मक उद्देश्य के साथ पढ़ा जाना चाहिए।
15. बगलामुखी स्तोत्र ( Bagalamukhi Stotra) का पाठ करने के क्या फायदे हैं?
यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है, शत्रुओं से बचाता है, विवादों में विजय दिलाता है, और आत्मशक्ति को बढ़ाता है।