संकट नाशन गणेश स्तोत्रम (Sankat Nashan Ganesh Stotram): हर संकट का समाधान जानिए !

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संकट नाशन गणेश स्तोत्रम (Sankat Nashan Ganesh Stotram): हर संकट का समाधान जानिए !


संकट नाशन गणेश स्तोत्रम (Sankat Nashan Ganesh Stotram) का महत्त्व

संकट नाशन गणेश स्तोत्रम (Sankat Nashan Ganesh Stotram) भगवान गणेश को समर्पित एक पवित्र और प्रभावशाली स्तोत्र है। इसे पढ़ने से जीवन के सभी संकट, बाधाएँ और परेशानियाँ दूर होती हैं। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है, जो अपने भक्तों के जीवन से सभी प्रकार की नकारात्मकता को दूर करते हैं। यह स्तोत्र न केवल मानसिक शांति प्रदान करता है बल्कि भक्ति और शक्ति का अद्भुत संगम भी है।

Contents
संकट नाशन गणेश स्तोत्रम (Sankat Nashan Ganesh Stotram): हर संकट का समाधान जानिए !संकट नाशन गणेश स्तोत्रम (Sankat Nashan Ganesh Stotram) का महत्त्वसंकट नाशन गणेश स्तोत्रम (Sankat Nashan Ganesh Stotram):संकट नाशन गणेश स्तोत्रम (Sankat Nashan Ganesh Stotram) की उत्पत्तिस्तोत्र का महत्व और विशेषताएँसंकट नाशन गणेश स्तोत्रम (Sankat Nashan Ganesh Stotram) का पाठ कब और कैसे करें?संकट नाशन गणेश स्तोत्रम (Sankat Nashan Ganesh Stotram) का पाठ करने के लाभसंकट नाशन गणेश स्तोत्रम (Sankat Nashan Ganesh Stotram) का शाब्दिक अर्थइस स्तोत्र का बच्चों और युवाओं पर प्रभावसंकट नाशन गणेश स्तोत्रम (Sankat Nashan Ganesh Stotram) का पाठ करने की विधिविशेष संदेशFAQs: संकट नाशन गणेश स्तोत्रम (Sankat Nashan Ganesh Stotram) के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न1. संकट नाशन गणेश स्तोत्र क्या है?2. इस स्तोत्र का क्या महत्व है?3. संकट नाशन गणेश स्तोत्र का पाठ कब करना चाहिए?4. क्या इसे विशेष अवसरों पर ही पढ़ा जा सकता है?5. संकट नाशन गणेश स्तोत्र का नियमित पाठ करने से क्या लाभ हैं?6. इसे कैसे पढ़ा जाए?7. क्या इसे बच्चे भी पढ़ सकते हैं?8. क्या संकट नाशन गणेश स्तोत्र का पाठ करने के लिए किसी विशेष मंत्र की आवश्यकता होती है?9. क्या इसे किसी भी भाषा में पढ़ा जा सकता है?10. क्या यह स्तोत्र आर्थिक समस्याओं का समाधान करता है?11. क्या यह स्तोत्र शत्रुओं से बचाव करता है?12. संकट नाशन गणेश स्तोत्र का सबसे प्रभावी समय क्या है?13. क्या इसे याद करना कठिन है?14. क्या इसका पाठ मानसिक शांति प्रदान करता है?15. क्या संकट नाशन गणेश स्तोत्र केवल हिंदू धर्म के लोग ही पढ़ सकते हैं?

इस स्तोत्र का पाठ नियमित रूप से करने से व्यक्ति के जीवन में धन, वैभव, स्वास्थ्य और सुख-शांति का संचार होता है। इसे पढ़ने के दौरान भगवान गणेश की आराधना और उनके प्रति आस्था मुख्य होती है।

संकट नाशन गणेश स्तोत्रम (Sankat Nashan Ganesh Stotram):

॥ श्री गणेशायनमः ॥

नारद उवाच –

प्रणम्यं शिरसा देव गौरीपुत्रं विनायकम ।
भक्तावासं: स्मरैनित्यंमायु:कामार्थसिद्धये ॥1॥

प्रथमं वक्रतुंडंच एकदंतं द्वितीयकम ।
तृतीयं कृष्णं पिङा्क्षं गजवक्त्रं चतुर्थकम ॥2॥

लम्बोदरं पंचमं च षष्ठं विकटमेव च ।
सप्तमं विघ्नराजेन्द्रं धूम्रवर्ण तथाष्टकम् ॥3॥

नवमं भालचन्द्रं च दशमं तु विनायकम ।
एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजाननम ॥4॥

द्वादशैतानि नामानि त्रिसंध्य य: पठेन्नर: ।
न च विघ्नभयं तस्य सर्वासिद्धिकरं प्रभो ॥5॥

विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम् ।
पुत्रार्थी लभते पुत्रान् मोक्षार्थी लभते गतिम् ॥6॥

जपेद्वगणपतिस्तोत्रं षड्भिर्मासै: फलं लभेत् ।
संवत्सरेण सिद्धिं च लभते नात्र संशय: ॥7॥

अष्टभ्यो ब्राह्मणेभ्यश्च लिखित्वां य: समर्पयेत ।
तस्य विद्या भवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादत: ॥8॥

॥ इति श्रीनारदपुराणे संकष्टनाशनं गणेशस्तोत्रं सम्पूर्णम्‌ ॥

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संकट नाशन गणेश स्तोत्रम (Sankat Nashan Ganesh Stotram): हर संकट का समाधान जानिए!

संकट नाशन गणेश स्तोत्रम (Sankat Nashan Ganesh Stotram) की उत्पत्ति

इस पवित्र स्तोत्र का उल्लेख पुराणों में मिलता है। ऐसा माना जाता है कि इसे भगवान गणेश की स्तुति में रचा गया था। यह उन भक्तों के लिए विशेष रूप से प्रभावी है जो जीवन में संकट, दुख और अवरोधों का सामना कर रहे हैं।

इस स्तोत्र के माध्यम से भगवान गणेश को प्रसन्न करना बहुत सरल है। यह विश्वास किया जाता है कि इस स्तोत्र का पाठ करते समय भगवान गणेश अपने भक्तों के कष्टों को तुरंत सुनते हैं और उन्हें राहत प्रदान करते हैं।


स्तोत्र का महत्व और विशेषताएँ

संकट नाशन गणेश स्तोत्रम (Sankat Nashan Ganesh Stotram) पढ़ने के कई आध्यात्मिक और मानसिक लाभ हैं:

  1. जीवन में आने वाले सभी विघ्न और अवरोधों को दूर करता है।
  2. मन को शांति और आत्मविश्वास प्रदान करता है।
  3. भगवान गणेश के प्रति भक्ति और समर्पण को बढ़ाता है।
  4. इस स्तोत्र का पाठ करते समय एक सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव होता है।
  5. यह कार्य, शिक्षा, व्यवसाय और जीवन के अन्य क्षेत्रों में सफलता दिलाने वाला माना जाता है।

संकट नाशन गणेश स्तोत्रम (Sankat Nashan Ganesh Stotram) का पाठ कब और कैसे करें?

संकट नाशन गणेश स्तोत्रम (Sankat Nashan Ganesh Stotram) का पाठ करने के लिए किसी विशेष समय या स्थान की आवश्यकता नहीं होती। लेकिन, इसे सुबह के समय स्नान करके और भगवान गणेश की मूर्ति के सामने बैठकर पढ़ना सबसे उत्तम माना गया है।

  1. भगवान गणेश की पूजा सामग्री में दूर्वा, मोदक, फूल और दीपक का उपयोग करें।
  2. पाठ करते समय मन को शांत और सजग रखें।
  3. पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ स्तोत्र का पाठ करें।
  4. इसे नियमित रूप से पढ़ने की आदत डालें।

इस स्तोत्र को पढ़ते समय भगवान गणेश का ध्यान करते हुए “ॐ गण गणपतये नमः” का जाप करना भी शुभ माना गया है।


संकट नाशन गणेश स्तोत्रम (Sankat Nashan Ganesh Stotram) का पाठ करने के लाभ

  1. संकटों से मुक्ति: यह स्तोत्र हर प्रकार के संकट और परेशानी को दूर करने में सहायक है।
  2. आत्मविश्वास में वृद्धि: इसके नियमित पाठ से व्यक्ति के आत्मविश्वास और मानसिक शांति में बढ़ोतरी होती है।
  3. सकारात्मक ऊर्जा: यह स्तोत्र नकारात्मकता को खत्म कर जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
  4. सफलता का मार्ग: शिक्षा, करियर और व्यापार में आने वाली बाधाएँ दूर होती हैं।
  5. शत्रुओं पर विजय: यह स्तोत्र शत्रुओं से सुरक्षा प्रदान करता है।

संकट नाशन गणेश स्तोत्रम (Sankat Nashan Ganesh Stotram) का शाब्दिक अर्थ

इस स्तोत्र के प्रत्येक श्लोक में भगवान गणेश की महिमा का वर्णन किया गया है। इसका शाब्दिक अर्थ यह बताता है कि भगवान गणेश अपने भक्तों के जीवन को सुखमय और निर्विघ्न बनाते हैं।

उदाहरण के लिए:

  • “प्रणम्य शिरसा देवं, गौरीपुत्रं विनायकम्।”
    इसका अर्थ है: “भगवान गणेश, जो माता गौरी के पुत्र हैं, उन्हें सिर झुका कर प्रणाम करें।”

यह श्लोक भगवान गणेश की विनम्रता और स्नेह को व्यक्त करता है।


इस स्तोत्र का बच्चों और युवाओं पर प्रभाव

आज के समय में बच्चों और युवाओं के जीवन में कई प्रकार के तनाव और बाधाएँ होती हैं। इस स्तोत्र का पाठ उन्हें मानसिक रूप से मजबूत बनाता है और उन्हें अपनी शिक्षा और करियर में सफलता दिलाने में मदद करता है।

युवाओं को इसे पढ़ने से सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास प्राप्त होता है। यह उन्हें जीवन में आने वाले सभी प्रकार के संकटों का सामना करने के लिए तैयार करता है।


संकट नाशन गणेश स्तोत्रम (Sankat Nashan Ganesh Stotram) का पाठ करने की विधि

  1. सुबह स्नान के बाद भगवान गणेश के सामने बैठें।
  2. अपनी पूजा सामग्री को सजाएं।
  3. गणेश जी का ध्यान करते हुए स्तोत्र का पाठ शुरू करें।
  4. अंत में भगवान गणेश से आशीर्वाद की प्रार्थना करें।

इस पूरी प्रक्रिया के दौरान मन को शांत और सकारात्मक बनाए रखना जरूरी है।


विशेष संदेश

संकट नाशन गणेश स्तोत्रम (Sankat Nashan Ganesh Stotram) केवल एक धार्मिक पाठ नहीं है, बल्कि यह भगवान गणेश के प्रति हमारी भक्ति और विश्वास को प्रकट करने का माध्यम है। इसे पढ़ने से जीवन के हर क्षेत्र में सफलता और खुशहाली प्राप्त होती है।

भगवान गणेश अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूरी करते हैं और उनके जीवन से सभी कष्ट और संकटों को दूर करते हैं। इसलिए, इसे नियमित रूप से पढ़ने की आदत डालें और भगवान गणेश के आशीर्वाद का अनुभव करें।


संकट नाशन गणेश स्तोत्रम (Sankat Nashan Ganesh Stotram) एक दिव्य और प्रभावशाली पाठ है जो हर प्रकार के संकटों से मुक्ति दिलाने में सक्षम है। भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए यह स्तोत्र सबसे आसान और प्रभावी साधन है। इसे पढ़ने से न केवल आध्यात्मिक शक्ति मिलती है, बल्कि जीवन में सुख-शांति और समृद्धि भी आती है।

FAQs: संकट नाशन गणेश स्तोत्रम (Sankat Nashan Ganesh Stotram) के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


1. संकट नाशन गणेश स्तोत्र क्या है?

यह भगवान गणेश को समर्पित एक पवित्र स्तोत्र है, जिसका नियमित पाठ करने से जीवन के सभी संकट, बाधाएँ और परेशानियाँ दूर हो जाती हैं।


2. इस स्तोत्र का क्या महत्व है?

यह स्तोत्र भगवान गणेश की महिमा का गुणगान करता है और भक्तों को आत्मविश्वास, मानसिक शांति, और हर प्रकार के संकट से मुक्ति दिलाने में सहायक है।


3. संकट नाशन गणेश स्तोत्र का पाठ कब करना चाहिए?

इसका पाठ सुबह स्नान के बाद, शांत और स्वच्छ मन से करना सबसे शुभ माना जाता है।


4. क्या इसे विशेष अवसरों पर ही पढ़ा जा सकता है?

नहीं, इसे किसी भी दिन और समय पढ़ा जा सकता है। लेकिन मंगलवार और गणेश चतुर्थी के दिन इसका पाठ विशेष फलदायी होता है।


5. संकट नाशन गणेश स्तोत्र का नियमित पाठ करने से क्या लाभ हैं?

  • सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति।
  • जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार।
  • आत्मविश्वास में वृद्धि।
  • शत्रुओं से सुरक्षा।
  • कार्यक्षेत्र और व्यक्तिगत जीवन में सफलता।

6. इसे कैसे पढ़ा जाए?

भगवान गणेश की मूर्ति के सामने बैठकर, शुद्ध मन और पूर्ण श्रद्धा से इस स्तोत्र का पाठ करें।


7. क्या इसे बच्चे भी पढ़ सकते हैं?

हाँ, यह स्तोत्र सरल है और बच्चे भी इसे आसानी से याद करके पढ़ सकते हैं।


8. क्या संकट नाशन गणेश स्तोत्र का पाठ करने के लिए किसी विशेष मंत्र की आवश्यकता होती है?

नहीं, लेकिन “ॐ गण गणपतये नमः” का जाप पाठ से पहले और बाद में करना शुभ माना जाता है।


9. क्या इसे किसी भी भाषा में पढ़ा जा सकता है?

हाँ, इसे संस्कृत, हिंदी या किसी अन्य भाषा में पढ़ सकते हैं, लेकिन मूल संस्कृत पाठ अधिक प्रभावी माना जाता है।


10. क्या यह स्तोत्र आर्थिक समस्याओं का समाधान करता है?

जी हाँ, यह स्तोत्र धन, समृद्धि और आर्थिक बाधाओं को दूर करने में सहायक है।


11. क्या यह स्तोत्र शत्रुओं से बचाव करता है?

हाँ, इसका नियमित पाठ शत्रुओं से सुरक्षा और विजय दिलाने में सहायक है।


12. संकट नाशन गणेश स्तोत्र का सबसे प्रभावी समय क्या है?

सुबह के समय या पूजा के दौरान इसका पाठ करना सबसे प्रभावी होता है।


13. क्या इसे याद करना कठिन है?

नहीं, यह स्तोत्र छोटा और सरल है, जिसे आसानी से याद किया जा सकता है।


14. क्या इसका पाठ मानसिक शांति प्रदान करता है?

हाँ, इसका नियमित पाठ मानसिक तनाव को कम करता है और शांति प्रदान करता है।


15. क्या संकट नाशन गणेश स्तोत्र केवल हिंदू धर्म के लोग ही पढ़ सकते हैं?

नहीं, भगवान गणेश सभी के लिए शुभ माने जाते हैं। इसे किसी भी धर्म के व्यक्ति श्रद्धा और विश्वास के साथ पढ़ सकते हैं।


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