“ओम जय लक्ष्मी माता मंत्र: धन, सुख और समृद्धि का दिव्य रहस्य!”
“ओम जय लक्ष्मी माता” मंत्र भारतीय संस्कृति का एक प्रमुख और दिव्य भजन है। इसे माता लक्ष्मी की आराधना में गाया जाता है। यह मंत्र न केवल धन और समृद्धि प्रदान करता है, बल्कि आध्यात्मिक शांति और जीवन में सकारात्मकता भी लाता है।
माता लक्ष्मी को धन और वैभव की देवी माना जाता है, और उनकी पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में समृद्धि और खुशहाली आती है। इस लेख में, हम इस मंत्र के महत्व, इसके प्रभाव, और इसे सही तरीके से जपने के नियमों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
“ओम जय लक्ष्मी माता” मंत्र का इतिहास
“ओम जय लक्ष्मी माता” मंत्र का उद्भव भारतीय धर्म और संस्कृति में गहराई से जुड़ा हुआ है। यह मंत्र वेदों और पुराणों में उल्लिखित देवी लक्ष्मी के गुणों का वर्णन करता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब देवता और असुरों ने समुद्र मंथन किया, तो उसमें माता लक्ष्मी प्रकट हुईं। इस मंत्र में उनकी दयालुता, कृपा और शक्तियों का गुणगान किया गया है।
इस मंत्र को गाने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह व्यक्ति के मन में आस्था और विश्वास को मजबूत करता है। दिवाली, शुक्रवार, और पूर्णिमा के दिन इसे विशेष रूप से गाया जाता है।
ओम जय लक्ष्मी माता
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया, जय लक्ष्मी माता
तुमको निसदिन सेवत, मैया जी को निसदिन सेवत
हर विष्णु धाता, ॐ जय लक्ष्मी माता
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता
(मैया, तुम ही जग-माता)
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत (सूर्य-चंद्रमा ध्यावत)
नारद ऋषि गाता (ॐ जय लक्ष्मी माता)
दुर्गा रुप निरंजनी, सुख, संपत्ति दाता
(मैया, सुख, संपत्ति दाता)
जो कोई तुमको ध्यावत (जो कोई तुमको ध्यावत)
ऋद्धि-सिद्धि धन पाता (ॐ जय लक्ष्मी माता)
तुम पाताल निवासिनि, तुम ही शुभ दाता
(मैया, तुम ही शुभ दाता)
कर्म प्रभाव प्रकाशिनी (कर्म प्रभाव प्रकाशिनी)
भवनिधि की त्राता (ॐ जय लक्ष्मी माता)
जिस घर तुम रहती तः सब सद्गुण आता
(मैया, सब सद्गुण आता)
सब संभव हो जाता (सब संभव हो जाता)
मन नहीं घबराता (ॐ जय लक्ष्मी माता)
तुम बिन यज्ञ ना होते, वस्त्र ना हो पाता
(मैया, वस्त्र ना हो पाता)
खान-पान का वैभव (खान-पान का वैभव)
सब तुमसे आता (ॐ जय लक्ष्मी माता)
शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि जाता
(मैया, क्षीरोदधि जाता)
रत्न चतुर्दश तुम बिन (रत्न चतुर्दश तुम बिन)
कोई नहीं पाता (ॐ जय लक्ष्मी माता)
महालक्ष्मी जी की आरती जो कोई नर गाता
(मैया, जो कोई नर गाता)
उर आनंद समाता (उर आनंद समाता)
पाप उतर जाता (ॐ जय लक्ष्मी माता)
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया, जय लक्ष्मी माता
तुमको निसदिन सेवत, मैया जी को निसदिन सेवत
हर विष्णु धाता, ॐ जय लक्ष्मी माता
ओम जय लक्ष्मी माता (English)
Om Jai Lakshmi Mata, Mother, Jai Lakshmi Mata
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया, जय लक्ष्मी माताServing you daily, serving my mother daily.
तुमको निसदिन सेवत, मैया जी को निसदिन सेवतHar Vishnu Dhata, Om Jai Lakshmi Mata
हर विष्णु धाता, ॐ जय लक्ष्मी माताUma, Rama, Brahmani, you are the mother of the world.
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता(Mother, you are the mother of the world)
(मैया, तुम ही जग-माता)Sun-Moon Dhyavat (Sun-Moon Dhyavat)
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत (सूर्य-चंद्रमा ध्यावत)Narad Rishi sings (Om Jai Lakshmi Mata)
नारद ऋषि गाता (ॐ जय लक्ष्मी माता)Durga form Niranjani, giver of happiness, wealth
दुर्गा रुप निरंजनी, सुख, संपत्ति दाता(mother, giver of happiness, wealth)
(मैया, सुख, संपत्ति दाता)Whoever cares for you (Whoever cares for you)
जो कोई तुमको ध्यावत (जो कोई तुमको ध्यावत)Riddhi-Siddhi attains wealth (Om Jai Lakshmi Mata)
ऋद्धि-सिद्धि धन पाता (ॐ जय लक्ष्मी माता)You are the resident of the underworld, you are the giver of auspiciousness.
तुम पाताल निवासिनि, तुम ही शुभ दाता(Mother, you are the auspicious giver)
(मैया, तुम ही शुभ दाता)Karma Prabhava Prakashini (Karma Prabhava Prakashini)
कर्म प्रभाव प्रकाशिनी (कर्म प्रभाव प्रकाशिनी)Trata of Bhavanidhi (Om Jai Lakshmi Mata)
भवनिधि की त्राता (ॐ जय लक्ष्मी माता)The house where you live: all virtues come
जिस घर तुम रहती तः सब सद्गुण आता(Mother, all virtues come)
(मैया, सब सद्गुण आता)Everything becomes possible (Everything becomes possible)
सब संभव हो जाता (सब संभव हो जाता)The mind does not panic (Om Jai Lakshmi Mata)
मन नहीं घबराता (ॐ जय लक्ष्मी माता)Without you there would be no Yajna, there would be no clothes.
तुम बिन यज्ञ ना होते, वस्त्र ना हो पाता(Mother, I couldn’t get clothes)
(मैया, वस्त्र ना हो पाता)The splendor of food and drink (The splendor of food and drink)
खान-पान का वैभव (खान-पान का वैभव)Everything comes from you (Om Jai Lakshmi Mata)
सब तुमसे आता (ॐ जय लक्ष्मी माता)The auspicious temple is beautiful and goes to Kshiroddhi.
शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि जाता(Mother, Kshirodadhi goes)
(मैया, क्षीरोदधि जाता)Ratna Chaturdash Tum Bin (Ratna Chaturdash Tum Bin)
रत्न चतुर्दश तुम बिन (रत्न चतुर्दश तुम बिन)No one gets it (Om Jai Lakshmi Mata)
कोई नहीं पाता (ॐ जय लक्ष्मी माता)Aarti of Mahalakshmi ji which any man sings
महालक्ष्मी जी की आरती जो कोई नर गाता(Maaya, whoever sings)
(मैया, जो कोई नर गाता)Ur Anand Samata (Ur Anand Samata)
उर आनंद समाता (उर आनंद समाता)Sins go away (Om Jai Lakshmi Mata)
पाप उतर जाता (ॐ जय लक्ष्मी माता)Om Jai Lakshmi Mata, Mother, Jai Lakshmi Mata
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया, जय लक्ष्मी माताServing you daily, serving my mother daily.
तुमको निसदिन सेवत, मैया जी को निसदिन सेवतHar Vishnu Dhata, Om Jai Lakshmi Mata
हर विष्णु धाता, ॐ जय लक्ष्मी माता
मंत्र का अर्थ और महत्व
“ओम जय लक्ष्मी माता” का अर्थ है, “हे देवी लक्ष्मी, आपकी जय हो।” इस मंत्र में माता लक्ष्मी की महानता, उनके अद्भुत गुणों, और उनकी कृपा का वर्णन किया गया है।
इस मंत्र को गाने से:
- धन की कमी दूर होती है।
- आध्यात्मिक उन्नति होती है।
- मानसिक शांति मिलती है।
- जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
इस मंत्र के हर श्लोक में माता लक्ष्मी की महिमा और उनके द्वारा प्रदान की जाने वाली आशीर्वादों का उल्लेख किया गया है। इसलिए, इसे गाने से न केवल व्यक्ति के भौतिक जीवन में सुधार होता है, बल्कि आध्यात्मिक प्रगति भी होती है।
मंत्र को गाने के लाभ
“ओम जय लक्ष्मी माता” मंत्र का नियमित जाप करने से कई लाभ मिलते हैं।
- धन की प्राप्ति: यह मंत्र उन लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है जो आर्थिक परेशानियों का सामना कर रहे हैं।
- सकारात्मक ऊर्जा: यह घर और मन दोनों को शुद्ध करता है।
- मानसिक शांति: इस मंत्र को सुनने और गाने से तनाव कम होता है।
- परिवार में सामंजस्य: यह मंत्र परिवार में शांति और प्रेम लाता है।
- आध्यात्मिक प्रगति: यह व्यक्ति को आध्यात्मिक रूप से मजबूत बनाता है।
मंत्र का सही उच्चारण
इस मंत्र का सही उच्चारण बहुत महत्वपूर्ण है। इसे गाने का तरीका इस प्रकार है:
- शुद्धता: मंत्र गाने से पहले स्नान करें और स्वच्छ कपड़े पहनें।
- ध्यान: माता लक्ष्मी की तस्वीर या मूर्ति के सामने बैठें।
- संगीत: आप इसे संगीत के साथ गा सकते हैं, जो भक्ति का अनुभव बढ़ाता है।
- समय: इसे सुबह या शाम के समय गाना सबसे उत्तम है।
- दिवाली पर विशेष: दिवाली की रात इस मंत्र का जाप करना बेहद शुभ माना जाता है।
“ओम जय लक्ष्मी माता” मंत्र के पीछे का विज्ञान
आधुनिक विज्ञान भी इस मंत्र के प्रभावों को स्वीकार करता है। जब यह मंत्र गाया जाता है, तो इसकी ध्वनि तरंगें सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करती हैं।
- ध्वनि तरंगों का प्रभाव: मंत्र गाने से मस्तिष्क में एंडोर्फिन का स्तर बढ़ता है, जो तनाव को कम करता है।
- ध्यान और मंत्र: यह व्यक्ति के मस्तिष्क को एकाग्र करने में मदद करता है।
- आध्यात्मिक शक्ति: इस मंत्र का नियमित जाप मन और आत्मा को शुद्ध करता है।
इस मंत्र को गाने के नियम
“ओम जय लक्ष्मी माता” मंत्र को गाने के कुछ खास नियम और विधियाँ हैं:
- इसे गाने से पहले घर की सफाई करें।
- पूजा स्थल को सजाएं और दीप जलाएं।
- घी का दीपक जलाना शुभ माना जाता है।
- इसे गाने के दौरान संपूर्ण मन से माता लक्ष्मी की आराधना करें।
- मंत्र गाने के बाद माता लक्ष्मी को प्रसाद चढ़ाएं।
मंत्र का सामाजिक और आध्यात्मिक महत्व
यह मंत्र न केवल व्यक्ति के जीवन में सुधार करता है, बल्कि समाज को भी सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है। इसे सामूहिक रूप से गाने से:
- समाज में सद्भाव बढ़ता है।
- धर्म और संस्कृति का प्रचार होता है।
- आध्यात्मिक एकता को बढ़ावा मिलता है।
“ओम जय लक्ष्मी माता” मंत्र एक दिव्य साधन है, जो व्यक्ति के जीवन को धन, समृद्धि, और शांति से भर देता है। इसे सही तरीके से गाने और माता लक्ष्मी की पूजा करने से हर व्यक्ति आध्यात्मिक और भौतिक लाभ प्राप्त कर सकता है। इस मंत्र का नियमित जाप आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगा और आपके सभी सपनों को साकार करेगा।
FAQs : “ओम जय लक्ष्मी माता मंत्र”
1. “ओम जय लक्ष्मी माता” मंत्र का क्या महत्व है?
यह मंत्र माता लक्ष्मी की आराधना में उपयोग किया जाता है और धन, समृद्धि, और शांति प्रदान करता है। यह भक्तों को मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति भी देता है।
2. यह मंत्र कब गाना चाहिए?
मंत्र को सुबह और शाम के समय, विशेष रूप से शुक्रवार और दिवाली पर गाना शुभ माना जाता है।
3. इस मंत्र का सही उच्चारण कैसे करें?
मंत्र को स्पष्ट और धीमे स्वर में गाएं, माता लक्ष्मी की तस्वीर या मूर्ति के सामने ध्यान लगाकर।
4. क्या “ओम जय लक्ष्मी माता” मंत्र आर्थिक समस्याओं को हल कर सकता है?
जी हां, इस मंत्र का नियमित जाप आर्थिक कठिनाइयों को दूर करने और समृद्धि को आकर्षित करने में सहायक होता है।
5. मंत्र गाने के लिए कौन-सा समय सबसे शुभ होता है?
सुबह 5 बजे से 7 बजे और शाम 6 बजे से 8 बजे के बीच का समय शुभ माना जाता है।
6. क्या इसे संगीत के साथ गाया जा सकता है?
हां, इस मंत्र को भक्ति संगीत के साथ गाना भक्तिभाव को और गहरा करता है।
7. मंत्र को कितनी बार गाना चाहिए?
इसे 108 बार जपना उत्तम माना जाता है, लेकिन इसे कम से कम 11 बार जरूर गाएं।
8. क्या यह मंत्र केवल दिवाली पर गाया जा सकता है?
नहीं, इसे आप किसी भी दिन गा सकते हैं, लेकिन दिवाली, पूर्णिमा, और शुक्रवार को यह विशेष फलदायी होता है।
9. मंत्र गाने से क्या स्वास्थ्य लाभ होते हैं?
यह मंत्र मानसिक तनाव को कम करता है और आत्मिक शांति प्रदान करता है, जिससे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
10. मंत्र गाने के लिए पूजा सामग्री क्या होनी चाहिए?
घी का दीपक, फूल, चावल, और माता लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर की आवश्यकता होती है।
11. क्या इसे समूह में गाया जा सकता है?
हां, समूह में गाने से अधिक सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है और सामूहिक कल्याण होता है।
12. क्या यह मंत्र नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर सकता है?
जी हां, यह मंत्र नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करता है और घर में सकारात्मकता का वातावरण बनाता है।
13. क्या इसे बिना संगीत के गाया जा सकता है?
हां, इसे आप बिना संगीत के भी गा सकते हैं। भक्ति और ध्यान का भाव सबसे महत्वपूर्ण है।
14. क्या “ओम जय लक्ष्मी माता” बच्चों के लिए भी लाभकारी है?
हां, बच्चों के साथ गाने से वे सकारात्मक ऊर्जा और भक्ति के महत्व को समझते हैं।
15. क्या इस मंत्र को गाने के बाद कोई विशेष नियम पालन करना चाहिए?
मंत्र गाने के बाद माता लक्ष्मी को प्रसाद अर्पित करें और सभी के बीच प्रसाद बांटें। इसके अलावा, अपने आचरण में शुद्धता और दया बनाए रखें।
अंतिम सुझाव
यदि आप अपने जीवन में धन, शांति, और समृद्धि चाहते हैं, तो “ओम जय लक्ष्मी माता” मंत्र को अपने दैनिक जीवन में शामिल करें। सच्चे मन और भक्ति से इसका जाप करें और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करें।