तारा चालीसा: (Tara Chalisa) माँ तारा की शक्ति और आशीर्वाद से जीवन को बनाएं सफल
तारा चालीसा (Tara Chalisa) – माँ तारा देवी की स्तुति हेतु
तारा चालीसा,(Tara Chalisa) माँ तारा देवी की स्तुति करने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रार्थना है। माँ तारा देवी को हिंदू धर्म में शक्ति और दया की प्रतीक माना जाता है। यह चालीसा विशेष रूप से उन भक्तों द्वारा पढ़ी जाती है जो अपनी जीवन यात्रा में संकटों और कठिनाइयों से जूझ रहे होते हैं। माँ तारा देवी की पूजा से जीवन में शांति, सुख, और समृद्धि आती है। तारा चालीसा का पाठ करने से मानसिक शांति प्राप्त होती है और भक्तों को अपने जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलती है।
माँ तारा का महत्व
माँ तारा देवी को देवी दुर्गा का ही एक रूप माना जाता है। वे शक्ति, साहस, और सहनशक्ति की देवी हैं। तारा का मतलब है ‘तारा’ यानी एक नक्षत्र या एक प्रकाश। माँ तारा को अंधकार से प्रकाश की ओर मार्गदर्शन करने वाली देवी के रूप में पूजा जाता है। वह अपनी कृपा से भक्तों को हर संकट से उबारती हैं और उन्हें जीवन के कठिन रास्तों पर सही मार्ग पर चलने की शक्ति देती हैं।
तारा चालीसा (Tara Chalisa) का महत्व
तारा चालीसा (Tara Chalisa) का पाठ करना एक सरल और प्रभावी तरीका है जिससे भक्त माँ तारा की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। यह चालीसा भक्तों को आंतरिक शक्ति और साहस प्रदान करती है। इसके माध्यम से जीवन में आने वाली सभी समस्याओं का समाधान पाया जा सकता है। तारा चालीसा का नियमित रूप से पाठ करने से मानसिक शांति मिलती है और मानसिक तनाव कम होता है।
तारा चालीसा (Tara Chalisa)
तारा चालीसा –
(Tara Chalisa)॥दोहा॥
श्री गणपति गुरु गौरी, पूजिहउं सिर नाइ।
तारा बल जल सोखनि, बिमल विद्या दाइ॥
॥चालीसा॥
नमो नमो तारा जगदम्बा।
तुम बिन होत न होई अम्बा॥
जय हेमवती जय जगदम्बे।
जय अचला जय दुर्गे अम्बे॥
शिवशंकर की तुम हो प्यारी।
करहुं कृपा मति हो संहारी॥
जय गायत्री वेद की माता।
तुम बिन काहु न सुघर विधाता॥
ब्रह्मा विष्णु महेश सवारी।
तीनों देव तुम्हारे पुजारी॥
करहुं दया मति ममता भारी।
हम सबकी तुम हो हितकारी॥
सृष्टि पालन तुम्हारे बस में।
तुम्ह बिन कहुं न दूजा जग में॥
रक्षक हो तुम परम विशाल।
तुम्हरा कृपा सदा सुफल॥
शरणागत की तुम हो माता।
कृपा करो अम्बे विघ्न हटा॥
शत्रु विनाशिनी मति हो माती।
तुम्ह बिन पूर्ण कहुं नहि पाती॥
भव सागर सब पार करावे।
तारा भवानी कृपा बरसावे॥
संत जनों की तुम हो प्यारी।
तुम्ह बिन होत न कोई भिखारी॥
रिद्धि सिद्धि की तुम हो दाता।
विपत्ति हरो सबकी विधाता॥
दीन हीन के दुख हरणी।
तुम हो सबकी अधिपति मरणी॥
अघट की तुम हो महिमा भारी।
तुम बिन सृष्टि न कोई उधारी॥
शरणागत को ना तजना।
तुम बिन कौन करू उद्धार॥
कृपा दृष्टि करहुं हम पर।
सुख संपत्ति होय घर घर॥
दया करो अब तुम मति मारी।
हम पर अम्बे कृपा उतारी॥
॥दोहा॥
शरणागत की रक्षा करु, दुष्ट दलन कर पाय।
तारा भवानी मति मति, संकट दूर कराय॥
तारा चालीसा (Tara Chalisa) का पाठ कैसे करें?
तारा चालीसा (Tara Chalisa) का पाठ करने के लिए सबसे पहले साफ-सफाई का ध्यान रखें और शांत वातावरण में बैठें। इसे कभी भी बिना ध्यान और भक्ति के न पढ़ें, क्योंकि जब भक्ति और श्रद्धा का भाव होता है, तब ही इसका फल मिलता है। इस चालीसा का पाठ प्रतिदिन सुबह सूर्योदय से पहले करना बहुत शुभ माना जाता है, लेकिन इसे किसी भी समय पढ़ सकते हैं, जब भी समय मिले।
तारा चालीसा (Tara Chalisa) का सरल और प्रभावी पाठ
तारा चालीसा (Tara Chalisa) का सरल पाठ सभी के लिए उपयुक्त है। इस चालीसा में कुल चालीस श्लोक होते हैं जो माँ तारा की स्तुति करते हैं। हर श्लोक में माँ तारा के विभिन्न रूपों और गुणों का वर्णन किया गया है। इसे ध्यानपूर्वक और सच्चे मन से पढ़ने से भक्तों को माँ तारा की कृपा प्राप्त होती है।
तारा चालीसा (Tara Chalisa) के लाभ
- मानसिक शांति: तारा चालीसा का पाठ मानसिक शांति और संतुलन प्रदान करता है।
- संकट से मुक्ति: यह चालीसा कठिन समय में संकटों से मुक्ति पाने के लिए विशेष रूप से लाभकारी है।
- समृद्धि और सुख: माँ तारा के आशीर्वाद से घर में समृद्धि और सुख-शांति आती है।
- जीवन में दिशा: यह चालीसा जीवन के सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है और निर्णय लेने में मदद करती है।
- आध्यात्मिक उन्नति: तारा चालीसा से आध्यात्मिक उन्नति होती है और आत्मज्ञान की प्राप्ति होती है।
तारा चालीसा (Tara Chalisa) के श्लोक
तारा चालीसा (Tara Chalisa) में हर श्लोक में माँ तारा के बारे में विशेष गुण और शक्ति का वर्णन किया गया है। इसमें माँ के सौंदर्य, शक्ति, और उनके आशीर्वाद के प्रभावों का भी उल्लेख है। यह श्लोक पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ पढ़ने से जीवन में नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में मदद करते हैं।
तारा चालीसा (Tara Chalisa) का प्रभाव
तारा चालीसा (Tara Chalisa) का पाठ करने से भक्तों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। यह चालीसा व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक दोनों प्रकार से स्वस्थ रखती है। साथ ही, यह व्यक्ति को जीवन के कठिन समय में धैर्य और साहस प्रदान करती है। तारा चालीसा के प्रभाव से व्यक्ति अपने सभी कष्टों और समस्याओं का समाधान प्राप्त कर सकता है।
तारा चालीसा (Tara Chalisa) और वास्तु दोष
माँ तारा की पूजा विशेष रूप से घर की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए की जाती है। यदि घर में वास्तु दोष हो, तो तारा चालीसा का पाठ करने से इन दोषों का निवारण होता है और घर में सुख-शांति बनी रहती है। घर के वातावरण को शुद्ध करने के लिए यह चालीसा एक शक्तिशाली उपाय साबित होती है।
तारा चालीसा (Tara Chalisa) के साथ अन्य उपाय
तारा चालीसा (Tara Chalisa) के साथ कुछ अन्य उपाय भी किए जा सकते हैं जैसे कि तारा देवी की तस्वीर या मूर्ति की पूजा, हल्दी, सिंदूर और फूलों का अर्पण, और दीप जलाना। इन उपायों से माँ तारा का आशीर्वाद शीघ्र प्राप्त होता है।
तारा चालीसा (Tara Chalisa) एक शक्तिशाली साधना है जो व्यक्ति के जीवन को संवारने में मदद करती है। इसके माध्यम से माँ तारा की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सफलता, समृद्धि और शांति आती है। यदि आप भी अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव चाहते हैं, तो तारा चालीसा का पाठ अवश्य करें और इसके लाभों का अनुभव करें।
तारा चालीसा (Tara Chalisa) के माध्यम से भक्त माँ तारा देवी की भक्ति और आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। यह चालीसा मानसिक शांति, सुख, समृद्धि, और जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति प्रदान करने में सहायक है। इसलिए, यदि आप अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन और माँ तारा के आशीर्वाद की कामना करते हैं, तो तारा चालीसा का पाठ जरूर करें।
FAQs: तारा चालीसा (Tara Chalisa)
1. तारा चालीसा (Tara Chalisa) क्या है?
तारा चालीसा (Tara Chalisa) एक हिन्दू धार्मिक ग्रंथ है, जो माँ तारा देवी की स्तुति करने के लिए लिखा गया है। इसमें कुल 40 श्लोक होते हैं, जिनमें माँ तारा की महिमा का बखान किया गया है।
2. माँ तारा देवी की पूजा क्यों की जाती है?
माँ तारा देवी को शक्ति और सहनशक्ति की देवी माना जाता है। उनकी पूजा से मानसिक शांति, संकटों से मुक्ति और जीवन में सफलता प्राप्त होती है।
3. तारा चालीसा (Tara Chalisa) का पाठ कब करना चाहिए?
तारा चालीसा (Tara Chalisa) का पाठ प्रतिदिन सुबह सूर्योदय से पहले किया जाना शुभ माना जाता है, लेकिन इसे किसी भी समय किया जा सकता है जब भक्त का मन शुद्ध हो।
4. तारा चालीसा (Tara Chalisa) के क्या लाभ हैं?
तारा चालीसा (Tara Chalisa) का पाठ करने से मानसिक शांति, संकटों से मुक्ति, समृद्धि, सुख और आध्यात्मिक उन्नति होती है।
5. क्या तारा चालीसा (Tara Chalisa) को किसी विशेष स्थान पर पढ़ना चाहिए?
तारा चालीसा (Tara Chalisa) को शांत और पवित्र स्थान पर बैठकर पढ़ना चाहिए, ताकि ध्यान केंद्रित किया जा सके और भक्ति का भाव स्थिर हो सके।
6. तारा चालीसा (Tara Chalisa) का पाठ कितने दिन तक करना चाहिए?
तारा चालीसा (Tara Chalisa) का पाठ नियमित रूप से किया जाना चाहिए। कम से कम 40 दिन तक लगातार पाठ करने से अधिक लाभ प्राप्त होता है।
7. क्या तारा चालीसा (Tara Chalisa) का पाठ एक व्यक्ति अकेले कर सकता है?
जी हां, तारा चालीसा (Tara Chalisa) का पाठ कोई भी व्यक्ति अकेले कर सकता है। इसे व्यक्ति की आस्था और भक्ति के अनुसार किया जाता है।
8. क्या तारा चालीसा (Tara Chalisa) का पाठ घर के अन्य सदस्यों के लिए लाभकारी है?
हां, तारा चालीसा (Tara Chalisa) का पाठ घर के सभी सदस्यों के लिए लाभकारी होता है। यह घर में शांति और समृद्धि लाता है और सभी को खुशहाल बनाए रखता है।
9. क्या तारा चालीसा (Tara Chalisa) का पाठ करने से वास्तु दोष दूर हो सकते हैं?
जी हां, तारा चालीसा (Tara Chalisa) का पाठ करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा कम होती है और वास्तु दोष दूर हो सकते हैं।
10. क्या तारा चालीसा (Tara Chalisa) को उधार ले सकता है?
तारा चालीसा (Tara Chalisa) का पाठ स्वयं करने से ही अधिक लाभ होता है। हालांकि, यदि कोई शारीरिक या मानसिक परेशानी हो, तो किसी अन्य व्यक्ति से सुनने का भी लाभ लिया जा सकता है।
11. तारा चालीसा (Tara Chalisa) का सही तरीके से पाठ कैसे करें?
तारा चालीसा (Tara Chalisa) का सही तरीका है कि आप शांत और एकाग्रचित्त होकर उसे पढ़ें। ध्यान रखें कि हर शब्द और श्लोक का सही उच्चारण हो।
12. क्या तारा चालीसा Tara Chalisa) का पाठ करने से किसी प्रकार की विशेष अनुष्ठान की आवश्यकता होती है?
तारा चालीसा (Tara Chalisa) का पाठ बिना किसी विशेष अनुष्ठान के किया जा सकता है, लेकिन दीप जलाना और फूल अर्पित करना शुभ होता है।
13. क्या तारा चालीसा (Tara Chalisa) से शारीरिक स्वास्थ्य पर कोई प्रभाव पड़ता है?
तारा चालीसा (Tara Chalisa) से मानसिक शांति मिलती है, जिससे शारीरिक स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह तनाव को कम करने और स्वस्थ रहने में मदद करता है।
14. क्या तारा चालीसा (Tara Chalisa) का पाठ करके किसी विशेष इच्छा को पूरा किया जा सकता है?
हां, तारा चालीसा (Tara Chalisa) का पाठ करने से व्यक्ति की इच्छाओं की पूर्ति होती है, खासकर जब वह सच्चे मन से और श्रद्धा के साथ इसे पढ़ता है।
15. क्या तारा चालीसा (Tara Chalisa) का पाठ किसी विशेष दिन या समय पर करना चाहिए?
तारा चालीसा (Tara Chalisa) का पाठ किसी भी दिन या समय किया जा सकता है, लेकिन मंगलवार और शनिवार को इसका पाठ विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है।