यमुना षष्ठी (Yamuna Shashti) 2024: इस पावन दिन पर करें ये उपाय, मिलेगी अपार कृपा!

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यमुना षष्ठी (Yamuna Shashti) 2024: इस पावन दिन पर करें ये उपाय, मिलेगी अपार कृपा!


यमुना षष्ठी (Yamuna Shashti) 2024: इस पावन दिन पर करें ये उपाय, मिलेगी अपार कृपा!


यमुना षष्ठी (Yamuna Shashti) (3 अप्रैल) – महत्त्व, व्रत कथा और पूजन विधि

यमुना षष्ठी (Yamuna Shashti) एक महत्वपूर्ण हिंदू पर्व है, जो माता यमुना की पूजा-अर्चना के लिए मनाया जाता है। यह चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को आता है और इस वर्ष 3 अप्रैल 2024 को मनाया जाएगा। मान्यता है कि इस दिन यमुना नदी का अवतरण हुआ था, इसलिए इसे यमुना जयंती भी कहते हैं।

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यमुना षष्ठी (Yamuna Shashti) 2024: इस पावन दिन पर करें ये उपाय, मिलेगी अपार कृपा!यमुना षष्ठी (Yamuna Shashti) (3 अप्रैल) – महत्त्व, व्रत कथा और पूजन विधियमुना नदी का पौराणिक महत्त्वयमुना षष्ठी (Yamuna Shashti) व्रत का महत्त्वयमुना षष्ठी (Yamuna Shashti) की पूजन विधियमुना षष्ठी (Yamuna Shashti) व्रत कथायमुना षष्ठी (Yamuna Shashti) पर विशेष उपाययमुना नदी की वर्तमान स्थितियमुना षष्ठी (Yamuna Shashti) (3 अप्रैल) – महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर1. यमुना षष्ठी (Yamuna Shashti) क्या है?2. यमुना षष्ठी (Yamuna Shashti) कब मनाई जाती है?3. यमुना षष्ठी (Yamuna Shashti) का धार्मिक महत्त्व क्या है?4. यमुना नदी का पौराणिक महत्व क्या है?5. यमुना षष्ठी (Yamuna Shashti) पर व्रत रखने के लाभ क्या हैं?6. यमुना षष्ठी (Yamuna Shashti) का व्रत कैसे रखा जाता है?7. इस दिन कौन-कौन से पूजन सामग्री आवश्यक हैं?8. यमुना षष्ठी (Yamuna Shashti) की व्रत कथा क्या है?9. यमुना स्नान का क्या महत्त्व है?10. यमुना षष्ठी (Yamuna Shashti) पर कौन-कौन से दान करने चाहिए?11. इस दिन कौन-कौन से उपाय करने चाहिए?12. क्या यमुना षष्ठी (Yamuna Shashti) सभी लोग कर सकते हैं?13. क्या यमुना षष्ठी (Yamuna Shashti) का संबंध श्रीकृष्ण से है?14. आज के समय में यमुना नदी की स्थिति कैसी है?15. हमें यमुना नदी की सफाई के लिए क्या करना चाहिए?

इस दिन विशेष रूप से ब्रज क्षेत्र, खासकर मथुरा, वृंदावन और गोकुल में बड़े धूमधाम से उत्सव मनाया जाता है। श्रद्धालु यमुना स्नान, पूजा-पाठ और दान करके माता यमुना का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इस व्रत को करने से पुण्य लाभ मिलता है और पापों का नाश होता है।


यमुना नदी का पौराणिक महत्त्व

पौराणिक कथाओं के अनुसार, यमुना देवी सूर्यदेव और छाया की पुत्री तथा यमराज की बहन हैं। यह भी कहा जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने अपने बाल्यकाल में यमुना जी में अनेक लीलाएँ की थीं।

महाभारत में भी यमुना नदी का विशेष उल्लेख मिलता है। कहा जाता है कि पांडवों ने भी अपने वनवास के दौरान यमुना के तट पर समय बिताया था। इसके अलावा, कालीय नाग का वध भी श्रीकृष्ण ने यमुना नदी में ही किया था। इसी कारण यमुना जल को पवित्र और मोक्षदायी माना जाता है।


यमुना षष्ठी (Yamuna Shashti) व्रत का महत्त्व

यमुना षष्ठी का व्रत रखने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है और उसका जीवन सुख-समृद्धि से भर जाता है। खासकर महिलाएँ इस दिन संतान सुख और वैवाहिक जीवन की मंगलकामना के लिए व्रत रखती हैं।

इस दिन यमुना स्नान करने से जन्म-जन्मांतर के पाप नष्ट होते हैं। जो लोग यमुना स्नान नहीं कर पाते, वे घर पर ही यमुना जल का आचमन करके पुण्य प्राप्त कर सकते हैं।

शास्त्रों में उल्लेख है कि यमुना जी की पूजा करने से व्यक्ति को वैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है। इस व्रत को करने से व्यक्ति को स्वास्थ्य, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है।


यमुना षष्ठी (Yamuna Shashti) की पूजन विधि

1. प्रातः स्नान और संकल्प:
इस दिन प्रातः काल जल्दी उठकर गंगा या यमुना स्नान करें। अगर यह संभव न हो तो घर में ही पवित्र जल से स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।

2. यमुना माता की पूजा:
भगवान श्रीकृष्ण और यमुना माता की मूर्ति या चित्र को स्थापित करें। धूप, दीप, अक्षत, पुष्प और नैवेद्य अर्पित करें।

3. यमुना जी का अभिषेक:
अगर संभव हो तो यमुना नदी में दूध अर्पित करें या घर में जल में दूध मिलाकर पूजा करें।

4. कथा श्रवण:
यमुना षष्ठी की व्रत कथा सुनें और दूसरों को भी सुनाएँ।

5. दान और भोग:
इस दिन ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को दान करें। विशेष रूप से सफेद वस्त्र, चावल, दही, चीनी और धन का दान शुभ माना जाता है।


यमुना षष्ठी (Yamuna Shashti) व्रत कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार एक ब्राह्मण परिवार में जन्मी लड़की ने यमुना जी की कठोर तपस्या की। यमुना माता ने प्रसन्न होकर उसे वरदान दिया कि जो भी श्रद्धा से मेरी पूजा करेगा, उसके सारे कष्ट दूर हो जाएंगे।

इस दिन माता यमुना अपने भक्तों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। इस कथा का श्रवण करने से व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है।


यमुना षष्ठी (Yamuna Shashti) पर विशेष उपाय

  1. यमुना स्नान करें: अगर संभव हो तो इस दिन यमुना में स्नान करें, नहीं तो घर पर ही गंगाजल और यमुना जल मिलाकर स्नान करें।
  2. सफेद वस्त्र धारण करें: इस दिन सफेद वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है।
  3. गाय को चारा खिलाएँ: इस दिन गाय को हरा चारा खिलाने से विशेष पुण्य मिलता है।
  4. जल में दूध अर्पित करें: यमुना जी में दूध प्रवाहित करने से कर्ज से मुक्ति मिलती है।
  5. गरीबों को भोजन कराएँ: इस दिन जरूरतमंदों को अन्न और वस्त्र दान करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है।

यमुना नदी की वर्तमान स्थिति

आज के समय में यमुना नदी प्रदूषण का शिकार हो चुकी है। औद्योगिक कचरा, प्लास्टिक और केमिकल्स की वजह से इसका जल अशुद्ध हो गया है।

हमें चाहिए कि हम यमुना नदी की सफाई और संरक्षण के लिए कार्य करें। प्लास्टिक का उपयोग कम करें, औद्योगिक कचरे को सही तरीके से नष्ट करें और यमुना में कचरा न डालें।

यमुना षष्ठी (Yamuna Shashti) 2024: इस पावन दिन पर करें ये उपाय, मिलेगी अपार कृपा!
यमुना षष्ठी (Yamuna Shashti) 2024: इस पावन दिन पर करें ये उपाय, मिलेगी अपार कृपा!

यदि हम अपनी पवित्र नदियों की रक्षा नहीं करेंगे, तो आने वाली पीढ़ियों को इसका दुष्परिणाम भुगतना पड़ेगा।


यमुना षष्ठी एक पावन पर्व है, जो यमुना माता की कृपा पाने का उत्तम अवसर है। इस दिन व्रत, पूजा, दान और स्नान करने से पुण्य लाभ मिलता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

अगर हम यमुना नदी को स्वच्छ बनाएँ, तो यह हमारे आध्यात्मिक और भौतिक जीवन के लिए भी लाभदायक होगा। इस यमुना षष्ठी पर हम सब संकल्प लें कि यमुना मैया की शुद्धता और संरक्षण के लिए प्रयास करेंगे।

यमुना षष्ठी (Yamuna Shashti) (3 अप्रैल) – महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर

1. यमुना षष्ठी (Yamuna Shashti) क्या है?

यमुना षष्ठी एक पवित्र हिंदू पर्व है, जिसे यमुना जयंती भी कहा जाता है। इस दिन माता यमुना के अवतरण का उत्सव मनाया जाता है और उनकी पूजा-अर्चना की जाती है।

2. यमुना षष्ठी (Yamuna Shashti) कब मनाई जाती है?

यमुना षष्ठी चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाई जाती है। इस वर्ष यह 3 अप्रैल 2024 को पड़ रही है।

3. यमुना षष्ठी (Yamuna Shashti) का धार्मिक महत्त्व क्या है?

इस दिन यमुना स्नान और पूजा करने से पापों का नाश, सुख-समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसे करने से व्यक्ति के जीवन में शांति और सकारात्मकता आती है।

4. यमुना नदी का पौराणिक महत्व क्या है?

यमुना माता सूर्यदेव और छाया की पुत्री तथा यमराज की बहन हैं। भगवान श्रीकृष्ण ने अपने बाल्यकाल में यमुना जी में अनेक लीलाएँ की थीं, जिससे यह नदी और भी पवित्र मानी जाती है।

5. यमुना षष्ठी (Yamuna Shashti) पर व्रत रखने के लाभ क्या हैं?

इस दिन व्रत रखने से स्वास्थ्य, संतान सुख और वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है। यह कष्टों से मुक्ति और पुण्य प्राप्ति का मार्ग भी है।

6. यमुना षष्ठी (Yamuna Shashti) का व्रत कैसे रखा जाता है?

व्रतधारी को स्नान कर संकल्प लेना चाहिए, यमुना जी की पूजा करनी चाहिए, व्रत कथा सुननी चाहिए और दिनभर सात्त्विक भोजन करना चाहिए।

7. इस दिन कौन-कौन से पूजन सामग्री आवश्यक हैं?

पूजन के लिए धूप, दीप, फूल, अक्षत, कुमकुम, चंदन, गंगा जल, दूध, फल, मिठाई और यमुना जल की आवश्यकता होती है।

8. यमुना षष्ठी (Yamuna Shashti) की व्रत कथा क्या है?

एक कथा के अनुसार, एक ब्राह्मण कन्या ने यमुना माता की तपस्या की, जिससे माता ने उसे आशीर्वाद दिया कि जो भी सच्चे मन से यमुना जी की पूजा करेगा, उसके सारे कष्ट दूर हो जाएंगे।

9. यमुना स्नान का क्या महत्त्व है?

इस दिन यमुना नदी में स्नान करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। जो लोग यमुना स्नान नहीं कर सकते, वे घर पर यमुना जल का आचमन कर सकते हैं।

10. यमुना षष्ठी (Yamuna Shashti) पर कौन-कौन से दान करने चाहिए?

इस दिन सफेद वस्त्र, चावल, दही, चीनी, दूध, फल, मिठाई और धन का दान करना बहुत शुभ माना जाता है।

11. इस दिन कौन-कौन से उपाय करने चाहिए?

  • गाय को चारा खिलाएँ
  • यमुना में दूध प्रवाहित करें
  • जरूरतमंदों को भोजन कराएँ
  • सफेद वस्त्र धारण करें
  • यमुना जल का आचमन करें

12. क्या यमुना षष्ठी (Yamuna Shashti) सभी लोग कर सकते हैं?

हाँ, यह व्रत स्त्री, पुरुष, बच्चे और बुजुर्ग सभी कर सकते हैं। यह व्रत करने से सभी को लाभ प्राप्त होता है।

13. क्या यमुना षष्ठी (Yamuna Shashti) का संबंध श्रीकृष्ण से है?

हाँ, श्रीकृष्ण ने यमुना नदी के तट पर कई लीलाएँ की थीं और उन्होंने कालीय नाग का वध भी यमुना नदी में ही किया था, जिससे यह स्थान और भी पवित्र हो गया।

14. आज के समय में यमुना नदी की स्थिति कैसी है?

आज यमुना नदी प्रदूषण से प्रभावित हो रही है। प्लास्टिक कचरा, औद्योगिक कचरा और गंदे जल के कारण इसका जल अशुद्ध होता जा रहा है।

15. हमें यमुना नदी की सफाई के लिए क्या करना चाहिए?

हमें यमुना नदी को स्वच्छ रखने के लिए प्लास्टिक और गंदगी को इसमें न डालने का संकल्प लेना चाहिए। सरकार और स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ मिलकर यमुना संरक्षण अभियान में भाग लेना चाहिए।

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