श्री हरि विष्णु जी की आरती: (Sri Hari Vishnu Ji Ki Aarti) जीवन में कैसे लाए सुख, शांति और समृद्धि

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श्री हरि विष्णु जी की आरती: (Sri Hari Vishnu Ji Ki Aarti) जीवन में कैसे लाए सुख, शांति और समृद्धि

श्री हरि विष्णु जी की आरती: (Sri Hari Vishnu Ji Ki Aarti) जीवन में कैसे लाए सुख, शांति और समृद्धि

श्री हरि विष्णु जी हिन्दू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक माने जाते हैं। वे त्रिदेवों में से एक हैं और उनकी पूजा का महत्व अत्यधिक है। विष्णु जी की आरती का बहुत बड़ा धार्मिक महत्व है। यह आरती भगवान विष्णु के गुणों और उनके द्वारा किए गए कल्याणकारी कार्यों का गान करती है। विष्णु जी को शरण में लेने से व्यक्ति के जीवन में शांति, समृद्धि और सुख-शांति का वास होता है। इस लेख में हम श्री हरि विष्णु जी की आरती के महत्व और इसे कैसे सही रूप से गाया जाए, इस पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

Contents
श्री हरि विष्णु जी की आरती: (Sri Hari Vishnu Ji Ki Aarti) जीवन में कैसे लाए सुख, शांति और समृद्धिश्री हरि विष्णु जी की आरती (Sri Hari Vishnu Ji Ki Aarti)FAQs: श्री हरि विष्णु जी की आरती (Sri Hari Vishnu Ji Ki Aarti)1. श्री हरि विष्णु जी की आरती (Sri Hari Vishnu Ji Ki Aarti) क्यों गाई जाती है?2. श्री हरि विष्णु जी की आरती (Sri Hari Vishnu Ji Ki Aarti) का महत्व क्या है?3. श्री हरि विष्णु जी की आरती (Sri Hari Vishnu Ji Ki Aarti) गाने का सही समय कब है?4. क्या श्री हरि विष्णु जी की आरती (Sri Hari Vishnu Ji Ki Aarti) किसी भी स्थान पर की जा सकती है?5. आरती गाते समय क्या ध्यान रखना चाहिए?6. आरती से हमें क्या लाभ होता है?7. क्या आरती का उच्चारण दिन में कई बार किया जा सकता है?8. क्या कोई विशेष मंत्र है जो आरती से पहले बोलने चाहिए?9. क्या आरती के दौरान दीपक जलाना आवश्यक है?10. आरती के बोल क्या होते हैं?11. क्या भगवान विष्णु की पूजा केवल मंदिर में की जा सकती है?12. विष्णु जी की आरती गाने से क्या मानसिक शांति मिलती है?13. क्या विष्णु जी की पूजा से धन लाभ होता है?14. विष्णु जी की आरती किसे गानी चाहिए?15. क्या विष्णु जी की आरती गाने से कष्टों का निवारण होता है?

विष्णु जी की आरती का महत्व

श्री हरि विष्णु जी की आरती (Sri Hari Vishnu Ji Ki Aarti) का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व अत्यधिक है। आरती के माध्यम से हम भगवान विष्णु की स्तुति करते हैं और उनके अनंत कृपा से लाभ प्राप्त करते हैं। विष्णु जी को ‘पालक’ और ‘पालककर्ता’ के रूप में पूजा जाता है। उनका आशीर्वाद प्राप्त करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। जब भी कोई भक्त संकट में होता है, तब भगवान विष्णु की आरती उसके दुखों का नाश करती है और उसे मानसिक शांति देती है।

आरती के समय भगवान विष्णु के नाम का जाप करना और उनके गुणों का बखान करना विशेष रूप से लाभकारी होता है। इससे भक्त का मन शांत रहता है और वह जीवन की चुनौतियों का सामना अच्छे से कर पाता है।

श्री हरि विष्णु जी की आरती (Sri Hari Vishnu Ji Ki Aarti)

श्री हरि विष्णु जी की आरती
(Sri Hari Vishnu Ji Ki Aarti)


ॐ जय जगदीश हरे, प्रभु! जय जगदीश हरे।
भक्तजनों के संकट, छन में दूर करे॥ ॐ जय जगदीश हरे

जो ध्यावै फल पावै, दु:ख बिनसै मनका।
सुख सम्पत्ति घर आवै, कष्ट मिटै तनका॥ ॐ जय जगदीश हरे

मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूँ किसकी।
तुम बिन और न दूजा, आस करूँ जिसकी॥ ॐ जय जगदीश हरे

तुम पूरन परमात्मा, तुम अंतर्यामी।
पार ब्रह्म परमेश्वर, तुम सबके स्वामी॥ ॐ जय जगदीश हरे

तुम करुणा के सागर, तुम पालनकर्ता।
मैं मुरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥ ॐ जय जगदीश हरे

तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।
किस विधि मिलूँ दयामय, तुमको मैं कुमती॥ ॐ जय जगदीश हरे

दीनबन्धु, दु:खहर्ता तुम ठाकुर मेरे।
अपने हाथ उठाओ, द्वार पडा तेरे॥ ॐ जय जगदीश हरे

विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।
श्रद्धा-भक्ति बढाओ, संतन की सेवा॥ ॐ जय जगदीश हरे

श्री हरि विष्णु जी की आरती: (Sri Hari Vishnu Ji Ki Aarti) जीवन में कैसे लाए सुख, शांति और समृद्धि
श्री हरि विष्णु जी की आरती: (Sri Hari Vishnu Ji Ki Aarti) जीवन में कैसे लाए सुख, शांति और समृद्धि!

श्री हरि विष्णु जी की आरती (Sri Hari Vishnu Ji Ki Aarti) कैसे गाएं?

विष्णु जी की आरती को सही तरीके से गाना बहुत जरूरी है, क्योंकि यह आरती भगवान के प्रति श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक होती है। पहले तो हम स्वच्छ स्थान पर बैठकर भगवान विष्णु के चित्र के सामने दीपक जलाएं। फिर, अच्छे मनोभाव से हम इस आरती का गायन करें। इस आरती में भगवान विष्णु की महिमा का बखान करते हुए उनका ध्यान किया जाता है।

आरती को ध्यानपूर्वक और एकाग्रता से गाने से मानसिक शांति मिलती है और भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यदि आरती को पूरी श्रद्धा के साथ गाया जाए, तो इससे व्यक्ति के जीवन में समृद्धि और खुशहाली आती है।

श्री हरि विष्णु जी की आरती (Sri Hari Vishnu Ji Ki Aarti) के बोल

श्री हरि विष्णु जी की आरती (Sri Hari Vishnu Ji Ki Aarti) के बोल बहुत ही सरल और प्रभावी होते हैं। ये बोल भगवान विष्णु के विभिन्न रूपों, उनके कार्यों और उनके गुणों का बखान करते हैं। आरती के बोल इस प्रकार होते हैं:

जय श्री विष्णु देव, सर्वरक्षणकर्ता
हमारे जीवन के पथ को दिखाने वाले, ध्यान रखते हमारे ऊपर।

इन बोलों के माध्यम से हम भगवान विष्णु की महिमा का गान करते हैं। आरती का उच्चारण करने से भगवान की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है।

आरती का सही समय और स्थान

श्री हरि विष्णु जी की आरती (Sri Hari Vishnu Ji Ki Aarti) किसी भी समय की जा सकती है, लेकिन सुबह और संध्याकाल का समय सर्वोत्तम माना जाता है। इस समय वातावरण शांत और प्रदूषण रहित होता है, जो ध्यान और भक्ति में सहायक होता है। इसके अतिरिक्त, शनिवार और मंगलवार को विष्णु जी की पूजा विशेष रूप से लाभकारी मानी जाती है।

आरती का स्थान भी ध्यान रखने योग्य है। यह पूजा घर, मंदिर या किसी शांत वातावरण में किया जाना चाहिए, जहां भक्त पूरी श्रद्धा से आरती गा सके।

आरती से होने वाले लाभ

  1. मानसिक शांति – विष्णु जी की आरती से मानसिक शांति मिलती है, जिससे तनाव और चिंता दूर होते हैं।
  2. समृद्धि का वास – विष्णु जी की कृपा से घर में समृद्धि और धन का वास होता है।
  3. आध्यात्मिक उन्नति – नियमित रूप से आरती करने से आध्यात्मिक उन्नति होती है और जीवन में संतुलन बनता है।
  4. कष्टों का निवारण – विष्णु जी की आरती करने से जीवन में आने वाले कष्टों का निवारण होता है और संकट दूर होते हैं।

आरती के साथ भगवान विष्णु का ध्यान

आरती के समय भगवान विष्णु का ध्यान करना बहुत महत्वपूर्ण होता है। ध्यान करते समय भक्त भगवान के परम रूप की कल्पना करते हैं और उनके दिव्य गुणों का ध्यान करते हैं। इससे आत्मा को शांति और स्थिरता मिलती है। भगवान विष्णु के ध्यान से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन होते हैं और व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।

ध्यान के दौरान, भगवान विष्णु के शंख, चक्र, गदा और पद्म को अपने मन में अंकित करें। उनके दिव्य रूप का ध्यान करते हुए उन्हें अपने जीवन में उतारें।

विष्णु जी के प्रमुख रूप

भगवान विष्णु के कई रूपों की पूजा की जाती है। वे मात्स्य, कूर्म, वराह, नृसिंह, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण, और बuddha के रूप में प्रकट हुए थे। प्रत्येक रूप का एक अलग महत्व है और उनके कार्यों का अनुसरण करने से जीवन में अच्छाई आती है।

श्री हरि विष्णु जी की आरती (Sri Hari Vishnu Ji Ki Aarti)से जुड़े कुछ और तथ्य

  1. शरणागति – श्री विष्णु जी की आरती से व्यक्ति को शरणागति की भावना उत्पन्न होती है। यह व्यक्ति को भगवान की ओर आकर्षित करती है और उन्हें जीवन में शांति प्राप्त होती है।
  2. उत्सवों और विशेष दिनों में पूजा – विशेष दिन जैसे दीपावली, नवरात्रि, और रथ यात्रा के दौरान विष्णु जी की आरती का महत्व और भी बढ़ जाता है।
  3. पारिवारिक सुख – नियमित रूप से विष्णु जी की आरती करने से परिवार में सुख-शांति का वातावरण बनता है और रिश्तों में मधुरता आती है।

श्री हरि विष्णु जी की आरती (Sri Hari Vishnu Ji Ki Aarti) एक शक्तिशाली साधना है, जो व्यक्ति के जीवन में शांति, समृद्धि और सुख लाती है। भगवान विष्णु की पूजा और उनकी आरती करने से हम उनके दिव्य आशीर्वाद को प्राप्त कर सकते हैं। आरती को सही समय और श्रद्धा के साथ गाने से जीवन में सकारात्मक बदलाव आता है और हम भगवान विष्णु के सच्चे भक्त बन सकते हैं।

यह लेख आपकी आस्थाओं और भक्ति को और भी प्रगाढ़ बनाने में सहायक होगा। नियमित रूप से विष्णु जी की आरती का गायन करें और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को खुशहाल बनाएं।


FAQs: श्री हरि विष्णु जी की आरती (Sri Hari Vishnu Ji Ki Aarti)

1. श्री हरि विष्णु जी की आरती (Sri Hari Vishnu Ji Ki Aarti) क्यों गाई जाती है?

श्री हरि विष्णु जी की आरती (Sri Hari Vishnu Ji Ki Aarti) उनके अनंत गुणों, शक्ति और कल्याणकारी कार्यों का स्तुतिगान करती है। इसके माध्यम से भक्त भगवान की कृपा प्राप्त करते हैं और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का अनुभव करते हैं।

2. श्री हरि विष्णु जी की आरती (Sri Hari Vishnu Ji Ki Aarti) का महत्व क्या है?

यह आरती मानसिक शांति, संकटों का निवारण और आध्यात्मिक उन्नति के लिए अत्यंत लाभकारी है। भगवान विष्णु की आरती से भक्तों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन होते हैं।

3. श्री हरि विष्णु जी की आरती (Sri Hari Vishnu Ji Ki Aarti) गाने का सही समय कब है?

आरती सुबह और संध्याकाल में गाना सबसे उत्तम होता है। विशेष रूप से शनिवार और मंगलवार को विष्णु जी की आरती का अधिक महत्व है।

4. क्या श्री हरि विष्णु जी की आरती (Sri Hari Vishnu Ji Ki Aarti) किसी भी स्थान पर की जा सकती है?

आरती किसी भी स्वच्छ स्थान पर की जा सकती है, लेकिन पूजा घर, मंदिर या शांत वातावरण में इसे करना सबसे उत्तम होता है।

5. आरती गाते समय क्या ध्यान रखना चाहिए?

आरती गाते समय भक्त को पूरे ध्यान और श्रद्धा से भगवान विष्णु का स्मरण करना चाहिए और उनके दिव्य गुणों का गान करना चाहिए।

6. आरती से हमें क्या लाभ होता है?

आरती से मानसिक शांति, समृद्धि, खुशहाली और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है। इसके अलावा जीवन में आने वाले कष्टों का निवारण भी होता है।

7. क्या आरती का उच्चारण दिन में कई बार किया जा सकता है?

जी हां, श्री हरि विष्णु जी की आरती को दिन में कई बार किया जा सकता है, लेकिन विशेष रूप से सुबह और शाम के समय यह अधिक प्रभावी होती है।

8. क्या कोई विशेष मंत्र है जो आरती से पहले बोलने चाहिए?

आरती से पहले आप “ॐ श्री विष्णवे नमः” या “जय श्री विष्णु देव” जैसे मंत्र का जाप कर सकते हैं, जो भगवान की आराधना को सशक्त बनाता है।

9. क्या आरती के दौरान दीपक जलाना आवश्यक है?

जी हां, आरती के दौरान दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है क्योंकि यह सकारात्मक ऊर्जा और दिव्य प्रकाश का प्रतीक है।

10. आरती के बोल क्या होते हैं?

आरती के बोल में भगवान विष्णु के विभिन्न रूपों और गुणों का बखान किया जाता है, जैसे: “जय श्री विष्णु देव, सर्वरक्षणकर्ता, हमारे जीवन के पथ को दिखाने वाले।”

11. क्या भगवान विष्णु की पूजा केवल मंदिर में की जा सकती है?

नहीं, भगवान विष्णु की पूजा घर में भी की जा सकती है। घर पर पूजा करते समय भी सही नियमों और श्रद्धा का पालन करना आवश्यक है।

12. विष्णु जी की आरती गाने से क्या मानसिक शांति मिलती है?

जी हां, भगवान विष्णु की आरती का नियमित जाप मानसिक तनाव को दूर करता है और मानसिक शांति प्रदान करता है।

13. क्या विष्णु जी की पूजा से धन लाभ होता है?

जी हां, श्री विष्णु जी की पूजा से धन और समृद्धि का वास होता है। उनकी कृपा से घर में खुशहाली बनी रहती है।

14. विष्णु जी की आरती किसे गानी चाहिए?

किसी भी व्यक्ति को भगवान विष्णु के प्रति श्रद्धा और भक्ति के साथ आरती गानी चाहिए। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जो जीवन में शांति और समृद्धि चाहते हैं।

15. क्या विष्णु जी की आरती गाने से कष्टों का निवारण होता है?

जी हां, श्री विष्णु जी की आरती (Sri Hari Vishnu Ji Ki Aarti) से जीवन में आने वाले कष्टों का निवारण होता है और भगवान की कृपा से जीवन सुखमय बनता है।

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