नवरात्रि में पूजा ऐसे करें कि माता रानी (Mata Rani) की कृपा बनी रहे! | वास्तु शास्त्र के अचूक नियम!

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नवरात्रि में पूजा ऐसे करें कि माता रानी (Mata Rani) की कृपा बनी रहे! | वास्तु शास्त्र के अचूक नियम!

नवरात्रि में पूजा ऐसे करें कि माता रानी (Mata Rani) की कृपा बनी रहे! | वास्तु शास्त्र के अचूक नियम!

नवरात्रि में वास्तु शास्त्र के अनुसार पूजा कैसे करें?

नवरात्रि हिन्दू धर्म का एक प्रमुख पावन पर्व है, जिसमें मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। इस दौरान भक्तगण व्रत, हवन, आरती और जप के माध्यम से माता को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर वास्तु शास्त्र के नियमों के अनुसार पूजा की जाए, तो मां दुर्गा की कृपा कई गुना बढ़ सकती है? इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि वास्तु शास्त्र के अनुसार नवरात्रि की पूजा कैसे करनी चाहिए।

Contents
नवरात्रि में पूजा ऐसे करें कि माता रानी (Mata Rani) की कृपा बनी रहे! | वास्तु शास्त्र के अचूक नियम!नवरात्रि में वास्तु शास्त्र के अनुसार पूजा कैसे करें?1. नवरात्रि में पूजा स्थान का चयन2. कलश स्थापना का सही तरीका3. नवरात्रि में दीपक जलाने की सही दिशा4. माता रानी (Mata Rani) की मूर्ति या चित्र की दिशा5. नवरात्रि के दौरान रंगों का महत्व6. हवन और मंत्र जाप का सही तरीका7. प्रसाद और भोग में क्या दें?नवरात्रि में वास्तु शास्त्र के अनुसार पूजा करने से जुड़ी महत्वपूर्ण FAQs1. नवरात्रि में पूजा के लिए सबसे शुभ दिशा कौन सी होती है?2. क्या नवरात्रि में पूजा घर की सफाई जरूरी है?3. नवरात्रि में कलश स्थापना कैसे करें?4. दीपक जलाने की सही दिशा कौन सी होती है?5. क्या पूजा के समय जूते-चप्पल पहन सकते हैं?6. नवरात्रि में माता रानी (Mata Rani) की मूर्ति किस दिशा में रखें?7. क्या नवरात्रि के दौरान घर में झाड़ू लगाना चाहिए?8. कौन-से रंग नवरात्रि में पहनने चाहिए?9. नवरात्रि में कौन से भोग माता रानी (Mata Rani) को चढ़ाने चाहिए?10. क्या नवरात्रि में हवन करना जरूरी है?11. क्या नवरात्रि के दौरान सोना या चांदी का सिक्का रखना शुभ होता है?12. क्या नवरात्रि में बाल कटवाना या शेविंग करना उचित है?13. क्या नवरात्रि के दौरान घर में नए कपड़े खरीद सकते हैं?14. नवरात्रि में कौन से मंत्र का जाप करना सबसे शुभ होता है?15. नवरात्रि के दौरान कौन-से कार्य नहीं करने चाहिए?

1. नवरात्रि में पूजा स्थान का चयन

पूजा स्थल का सही चयन करना बहुत महत्वपूर्ण है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण) में मंदिर होना सबसे शुभ माना जाता है। यदि यह संभव न हो, तो पूर्व दिशा में भी पूजा कर सकते हैं।

ध्यान देने योग्य बातें:

  • पूजा स्थल शुद्ध और स्वच्छ होना चाहिए।
  • मंदिर या पूजा स्थल के पास शौचालय या जूते-चप्पल नहीं होने चाहिए।
  • पूजा के समय मुख पूर्व या उत्तर की ओर होना चाहिए।
  • पूजा स्थल में हल्के रंग का प्रयोग करें, जैसे सफेद, हल्का पीला या गुलाबी।

अगर सही दिशा में मंदिर या पूजा स्थल होगा, तो सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और माता रानी की कृपा प्राप्त होती है।


2. कलश स्थापना का सही तरीका

कलश स्थापना नवरात्रि पूजा का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। इसे सही तरीके से करने से शुभता और सुख-समृद्धि आती है।

कलश स्थापना का सही तरीका:

  1. कलश को उत्तर-पूर्व दिशा में रखें।
  2. तांबे, पीतल या मिट्टी के कलश का उपयोग करें।
  3. कलश में गंगाजल या शुद्ध जल भरें और उसमें सुपारी, आम के पत्ते, सिक्का और अक्षत डालें।
  4. नारियल को लाल कपड़े में लपेटकर कलश पर रखें।
  5. कलश के पास मां दुर्गा की प्रतिमा या चित्र रखें।

सही विधि से कलश स्थापना करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं।


3. नवरात्रि में दीपक जलाने की सही दिशा

दीपक का बहुत अधिक महत्व होता है, क्योंकि यह घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाता है।

दीपक जलाने के वास्तु नियम:

  • पूजा स्थल पर देशी घी या तिल के तेल का दीपक जलाएं।
  • दीपक को हमेशा दक्षिण-पूर्व दिशा (अग्नि कोण) में रखें।
  • रात के समय अखंड दीपक जलाना अत्यंत शुभ होता है।
  • यदि दीपक लगातार जलता रहता है, तो इसे सौभाग्य और समृद्धि का संकेत माना जाता है।

सही दिशा में दीपक जलाने से घर में शांति, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।


4. माता रानी (Mata Rani) की मूर्ति या चित्र की दिशा

पूजा करते समय माता रानी की मूर्ति या चित्र का स्थान सही होना बहुत जरूरी है।

महत्वपूर्ण नियम:

  • माता रानी की मूर्ति या चित्र को उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा में रखें।
  • मूर्ति का मुख पश्चिम या दक्षिण की ओर नहीं होना चाहिए।
  • पूजा के दौरान मूर्ति को सीधे जमीन पर न रखें, बल्कि चौकी या आसन पर स्थापित करें।
  • टूटी-फूटी मूर्तियों को कभी भी पूजा स्थल पर न रखें।

सही दिशा में मूर्ति या चित्र स्थापित करने से माता रानी की कृपा जल्दी प्राप्त होती है।


5. नवरात्रि के दौरान रंगों का महत्व

वास्तु शास्त्र में रंगों का बहुत बड़ा महत्व है। हर दिन एक विशेष रंग पहनने और पूजा स्थल पर लगाने से सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।

नवरात्रि के नौ दिनों के शुभ रंग:

  1. पहला दिन – नारंगी (शक्ति का प्रतीक)
  2. दूसरा दिन – सफेद (शांति और पवित्रता)
  3. तीसरा दिन – लाल (ऊर्जा और शक्ति)
  4. चौथा दिन – नीला (स्थिरता और आत्मविश्वास)
  5. पांचवां दिन – पीला (ज्ञान और समृद्धि)
  6. छठा दिन – हरा (स्वास्थ्य और उन्नति)
  7. सातवां दिन – ग्रे (संतुलन और विनम्रता)
  8. आठवां दिन – बैंगनी (आध्यात्मिक जागरूकता)
  9. नौवां दिन – गुलाबी (प्रेम और करुणा)

इन रंगों का प्रयोग करने से माता रानी अधिक प्रसन्न होती हैं और उनकी कृपा जल्दी प्राप्त होती है।


6. हवन और मंत्र जाप का सही तरीका

हवन और मंत्र जाप करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और सुख-शांति आती है।

हवन के नियम:

  • हवन करते समय घर के उत्तर-पूर्व दिशा में बैठें।
  • हवन में पीपल, आम, चंदन और गुग्गल की लकड़ी का उपयोग करें।
  • हवन कुंड को आग्नेय कोण (दक्षिण-पूर्व दिशा) में रखें।
  • मंत्र जाप करते समय शुद्धता और एकाग्रता बनाए रखें।

मंत्र जाप:

  • “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे”
  • “जय माता दी” का नियमित उच्चारण करें।
  • दुर्गा सप्तशती का पाठ करना बहुत शुभ माना जाता है।

सही विधि से हवन और मंत्र जाप करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और मन की शांति मिलती है।


7. प्रसाद और भोग में क्या दें?

नवरात्रि में माता रानी को भोग चढ़ाने का विशेष महत्व होता है।

नवरात्रि के अनुसार प्रसाद:

  • पहले दिन: घी और शक्कर
  • दूसरे दिन: फलों का भोग
  • तीसरे दिन: खीर
  • चौथे दिन: मालपुए
  • पांचवें दिन: केले और शहद
  • छठे दिन: हलवा
  • सातवें दिन: नारियल और गुड़
  • आठवें दिन: पूड़ी और चने
  • नौवें दिन: खीर और हलवा
नवरात्रि में पूजा ऐसे करें कि माता रानी (Mata Rani) की कृपा बनी रहे! | वास्तु शास्त्र के अचूक नियम!
नवरात्रि में पूजा ऐसे करें कि माता रानी (Mata Rani) की कृपा बनी रहे! | वास्तु शास्त्र के अचूक नियम!

शुद्धता और भक्ति से भोग चढ़ाने से माता रानी की कृपा बनी रहती है और जीवन में समृद्धि आती है।


अगर नवरात्रि में वास्तु शास्त्र के इन सिद्धांतों को अपनाया जाए, तो माता रानी की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है। पूजा स्थल, दीपक, हवन, मूर्ति की दिशा और रंगों का सही उपयोग करने से सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और सुख-समृद्धि आती है।

नवरात्रि में वास्तु शास्त्र के अनुसार पूजा करने से जुड़ी महत्वपूर्ण FAQs

1. नवरात्रि में पूजा के लिए सबसे शुभ दिशा कौन सी होती है?

वास्तु शास्त्र के अनुसार, उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण) पूजा के लिए सबसे शुभ होती है। यदि यह संभव न हो, तो पूर्व दिशा में भी पूजा की जा सकती है।

2. क्या नवरात्रि में पूजा घर की सफाई जरूरी है?

हाँ, पूजा स्थल की स्वच्छता बहुत महत्वपूर्ण होती है। गंदे और अव्यवस्थित स्थान पर पूजा करने से नकारात्मक ऊर्जा बढ़ सकती है।

3. नवरात्रि में कलश स्थापना कैसे करें?

कलश को उत्तर-पूर्व दिशा में रखें, उसमें गंगाजल या शुद्ध जल भरें और उसमें सुपारी, आम के पत्ते, सिक्का और अक्षत डालें। कलश पर लाल कपड़े में लिपटा नारियल रखें।

4. दीपक जलाने की सही दिशा कौन सी होती है?

दीपक को दक्षिण-पूर्व दिशा (अग्नि कोण) में रखना चाहिए। यह दिशा सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाती है।

5. क्या पूजा के समय जूते-चप्पल पहन सकते हैं?

नहीं, पूजा स्थल में जूते-चप्पल पहनकर जाना अशुभ माना जाता है। इससे नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।

6. नवरात्रि में माता रानी (Mata Rani) की मूर्ति किस दिशा में रखें?

मूर्ति या चित्र को उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा में रखना चाहिए। मूर्ति का मुख पश्चिम या दक्षिण दिशा में नहीं होना चाहिए।

7. क्या नवरात्रि के दौरान घर में झाड़ू लगाना चाहिए?

हाँ, लेकिन सूर्यास्त के बाद झाड़ू नहीं लगानी चाहिए। यह माना जाता है कि इससे धन की हानि होती है।

8. कौन-से रंग नवरात्रि में पहनने चाहिए?

हर दिन विशेष रंग पहनना शुभ माना जाता है, जैसे –
🔸 पहला दिन: नारंगी
🔸 दूसरा दिन: सफेद
🔸 तीसरा दिन: लाल
🔸 चौथा दिन: नीला
🔸 पांचवां दिन: पीला
🔸 छठा दिन: हरा
🔸 सातवां दिन: ग्रे
🔸 आठवां दिन: बैंगनी
🔸 नौवां दिन: गुलाबी

9. नवरात्रि में कौन से भोग माता रानी (Mata Rani) को चढ़ाने चाहिए?

हर दिन अलग-अलग भोग चढ़ाना शुभ होता है, जैसे –
🍚 पहले दिन: घी और शक्कर
🍌 दूसरे दिन: फल
🥣 तीसरे दिन: खीर
🍪 चौथे दिन: मालपुआ
🍯 पांचवें दिन: केला और शहद
🍛 छठे दिन: हलवा
🥥 सातवें दिन: नारियल और गुड़
🍽 आठवें दिन: पूड़ी और चने
🥄 नौवें दिन: खीर और हलवा

10. क्या नवरात्रि में हवन करना जरूरी है?

हवन करने से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और घर में शांति और समृद्धि आती है। हवन कुंड को दक्षिण-पूर्व दिशा (अग्नि कोण) में रखना शुभ होता है।

11. क्या नवरात्रि के दौरान सोना या चांदी का सिक्का रखना शुभ होता है?

हाँ, पूजा स्थल में सोना या चांदी का सिक्का रखने से धन और समृद्धि बढ़ती है।

12. क्या नवरात्रि में बाल कटवाना या शेविंग करना उचित है?

नहीं, नवरात्रि के दौरान बाल कटवाना, शेविंग करना और नाखून काटना वर्जित माना जाता है।

13. क्या नवरात्रि के दौरान घर में नए कपड़े खरीद सकते हैं?

हाँ, नवरात्रि में नए कपड़े खरीदना शुभ माना जाता है, लेकिन इन्हें पहले माता रानी को अर्पित करना चाहिए।

14. नवरात्रि में कौन से मंत्र का जाप करना सबसे शुभ होता है?

🔸 “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे”
🔸 “जय माता दी”
🔸 दुर्गा सप्तशती का पाठ

15. नवरात्रि के दौरान कौन-से कार्य नहीं करने चाहिए?

❌ लहसुन-प्याज का सेवन न करें।
❌ शराब और मांसाहार से दूर रहें।
❌ क्रोध और झूठ बोलने से बचें।
❌ शास्त्रों में कहा गया है कि नवरात्रि में रात्रि के समय भोजन नहीं करना चाहिए।

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