ज्योतिष (Jyotish)और कुंडली का रहस्य! कैसे आपकी किस्मत बदल सकती है?

NdtvHindu
10 Min Read
ज्योतिष (Jyotish)और कुंडली का रहस्य! कैसे आपकी किस्मत बदल सकती है

ज्योतिष (Jyotish) और कुंडली का रहस्य! कैसे आपकी किस्मत बदल सकती है?


ज्योतिष (Jyotish) और कुंडली से जुड़ी जानकारी

ज्योतिष (Jyotish) क्या है?

ज्योतिष (Jyotish) एक प्राचीन विज्ञान है जो ग्रहों, नक्षत्रों और राशियों के आधार पर मानव जीवन को प्रभावित करने वाले कारकों का अध्ययन करता है। यह हमारे भविष्य, व्यक्तित्व, करियर, विवाह, धन, स्वास्थ्य और जीवन के अन्य पहलुओं के बारे में भविष्यवाणी करने में मदद करता है। ज्योतिष का आधार ग्रहों की स्थिति और उनका प्रभाव है, जिसे कुंडली के माध्यम से समझा जाता है।

Contents
ज्योतिष (Jyotish) और कुंडली का रहस्य! कैसे आपकी किस्मत बदल सकती है?ज्योतिष (Jyotish) और कुंडली से जुड़ी जानकारीज्योतिष (Jyotish) क्या है?कुंडली क्या होती है?कुंडली के 12 भावों का महत्वराशियों का प्रभावग्रहों का प्रभावग्रहों की दशा और महादशामंगल दोष और कालसर्प दोषज्योतिष के लाभज्योतिष के उपायक्या ज्योतिष (Jyotish) पर विश्वास करना सही है?ज्योतिष (Jyotish) और कुंडली से जुड़े सामान्य प्रश्न (FAQs)1. ज्योतिष (Jyotish) क्या है?2. कुंडली क्या होती है?3. कुंडली के कितने प्रकार होते हैं?4. कुंडली में 12 भावों का क्या महत्व है?5. ज्योतिष (Jyotish) में कितनी राशियां होती हैं?6. ग्रहों का व्यक्ति के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है?7. महादशा और अंतरदशा क्या होती है?8. मंगल दोष क्या होता है?9. कालसर्प दोष क्या होता है?10. ग्रहों की शांति के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं?11. क्या ज्योतिष (Jyotish) से शादी के योग देखे जा सकते हैं?12. नौकरी और करियर के लिए कौन सा ग्रह जिम्मेदार होता है?13. क्या ज्योतिष (Jyotish) में धन प्राप्ति के योग देखे जा सकते हैं?14. क्या ज्योतिष (Jyotish) में स्वास्थ्य की भविष्यवाणी संभव है?15. क्या ज्योतिष (Jyotish) पर विश्वास करना सही है?

ज्योतिष (Jyotish) को दो प्रमुख भागों में बांटा गया है – वैदिक ज्योतिष और पाश्चात्य ज्योतिष। वैदिक ज्योतिष में नौ ग्रहों (सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु) की स्थिति और उनके प्रभाव को देखा जाता है। यह जीवन में आने वाली सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा को संतुलित करने के उपाय भी बताता है।

कुंडली क्या होती है?

कुंडली (Horoscope) एक खगोलीय नक्शा है, जिसे व्यक्ति के जन्म समय और स्थान के आधार पर तैयार किया जाता है। इसमें 12 भाव होते हैं, और हर भाव किसी न किसी जीवन क्षेत्र को दर्शाता है, जैसे करियर, विवाह, स्वास्थ्य, धन आदि।

कुंडली को चार प्रकारों में बांटा जाता है:

  1. जन्म कुंडली – व्यक्ति के जन्म के समय बनाई जाती है।
  2. वर्षफल कुंडली – प्रत्येक वर्ष के लिए भविष्यवाणी करने के लिए बनाई जाती है।
  3. प्रश्न कुंडली – किसी विशेष प्रश्न का उत्तर प्राप्त करने के लिए बनाई जाती है।
  4. मांगलिक कुंडली – विवाह के योग देखने के लिए बनाई जाती है।

कुंडली के 12 भावों का महत्व

हर कुंडली में 12 भाव (Houses) होते हैं, और हर भाव का अलग महत्व होता है।

  1. प्रथम भाव – व्यक्तित्व और आत्मविश्वास।
  2. द्वितीय भाव – धन और परिवार।
  3. तृतीय भाव – परिश्रम और भाई-बहन।
  4. चतुर्थ भाव – माता, संपत्ति और सुख।
  5. पंचम भाव – शिक्षा, प्रेम और संतान।
  6. षष्ठम भाव – रोग और शत्रु।
  7. सप्तम भाव – विवाह और साझेदारी।
  8. अष्टम भाव – आयु और गुप्त ज्ञान।
  9. नवम भाव – भाग्य और धर्म।
  10. दशम भाव – करियर और समाज।
  11. एकादश भाव – लाभ और इच्छाएं।
  12. द्वादश भाव – हानि और मोक्ष।

राशियों का प्रभाव

ज्योतिष (Jyotish) में 12 राशियां होती हैं:

  1. मेष (Aries) – नेतृत्व और आत्मनिर्भरता।
  2. वृषभ (Taurus) – स्थिरता और धैर्य।
  3. मिथुन (Gemini) – बुद्धिमत्ता और संवाद।
  4. कर्क (Cancer) – संवेदनशीलता और परिवार प्रेम।
  5. सिंह (Leo) – आत्मविश्वास और राजसी स्वभाव।
  6. कन्या (Virgo) – परिश्रम और अनुशासन।
  7. तुला (Libra) – संतुलन और सौंदर्य।
  8. वृश्चिक (Scorpio) – गुप्त ज्ञान और दृढ़ संकल्प।
  9. धनु (Sagittarius) – यात्रा और दर्शन।
  10. मकर (Capricorn) – महत्वाकांक्षा और मेहनत।
  11. कुंभ (Aquarius) – नवाचार और स्वतंत्रता।
  12. मीन (Pisces) – कल्पनाशक्ति और आध्यात्मिकता।

ग्रहों का प्रभाव

ग्रहों की स्थिति किसी भी व्यक्ति की कुंडली को प्रभावित करती है। हर ग्रह का एक अलग प्रभाव होता है:

  • सूर्य – आत्मा, आत्मसम्मान।
  • चंद्रमा – मन, भावनाएं।
  • मंगल – ऊर्जा, साहस।
  • बुध – बुद्धि, व्यापार।
  • गुरु (बृहस्पति) – ज्ञान, भाग्य।
  • शुक्र – प्रेम, वैवाहिक सुख।
  • शनि – कर्म, अनुशासन।
  • राहु – छल-कपट, भ्रम।
  • केतु – रहस्य, आध्यात्म।

ग्रहों की दशा और महादशा

हर ग्रह की एक महादशा होती है, जो कई वर्षों तक चलती है। महादशा के दौरान उस ग्रह का प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर अधिक पड़ता है। अंतरदशा, प्रत्यंतरदशा और सूक्ष्मदशा के माध्यम से यह और अधिक विस्तार से देखा जाता है।

मंगल दोष और कालसर्प दोष

  • मंगल दोष – जब मंगल ग्रह किसी विशेष भाव में स्थित होता है, तो विवाह और दांपत्य जीवन में परेशानियां आती हैं।
  • कालसर्प दोष – जब सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते हैं, तो जीवन में कठिनाइयां बढ़ जाती हैं।

ज्योतिष के लाभ

  1. भविष्य की जानकारी – व्यक्ति को आने वाली संभावनाओं और चुनौतियों के बारे में पता चलता है।
  2. सही निर्णय लेने में मदद – करियर, विवाह और आर्थिक मामलों में सही निर्णय लेने में सहायक।
  3. कर्म सुधार के उपाय – सही उपायों से जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है।

ज्योतिष के उपाय

  1. रत्न धारण करना – सही रत्न पहनने से ग्रहों की सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।
  2. मंत्र जाप – ग्रहों की शांति के लिए मंत्र जाप किया जाता है।
  3. दान-पुण्य – किसी ग्रह के बुरे प्रभाव को कम करने के लिए दान करना लाभकारी होता है।
  4. व्रत और पूजा – नियमित रूप से पूजा-पाठ करने से ग्रहों की कृपा प्राप्त होती है।
ज्योतिष (Jyotish)और कुंडली का रहस्य! कैसे आपकी किस्मत बदल सकती है
ज्योतिष (Jyotish)और कुंडली का रहस्य! कैसे आपकी किस्मत बदल सकती है!

क्या ज्योतिष (Jyotish) पर विश्वास करना सही है?

ज्योतिष (Jyotish) एक वैज्ञानिक अध्ययन और अनुभवजन्य ज्ञान पर आधारित प्रणाली है, लेकिन इसे अंधविश्वास नहीं बनाना चाहिए। ज्योतिष सही मार्गदर्शन दे सकता है, लेकिन व्यक्ति के कर्म और प्रयास ही सबसे महत्वपूर्ण होते हैं।

ज्योतिष (Jyotish) और कुंडली हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने का एक महत्वपूर्ण माध्यम हैं। यह हमें भविष्य की संभावनाओं के बारे में जागरूक करता है और जीवन में सफलता पाने के उपाय बताता है। सही ज्योतिषीय मार्गदर्शन और सकारात्मक सोच से हम अपने जीवन को और बेहतर बना सकते हैं।


ज्योतिष (Jyotish) और कुंडली से जुड़े सामान्य प्रश्न (FAQs)

1. ज्योतिष (Jyotish) क्या है?

ज्योतिष (Jyotish) एक प्राचीन विज्ञान है जो ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति का अध्ययन करके व्यक्ति के जीवन पर उनके प्रभाव को समझने में मदद करता है।

2. कुंडली क्या होती है?

कुंडली (Horoscope) एक खगोलीय नक्शा है, जो व्यक्ति के जन्म समय और स्थान के आधार पर तैयार किया जाता है। यह भविष्य की संभावनाओं को जानने का माध्यम है।

3. कुंडली के कितने प्रकार होते हैं?

मुख्य रूप से चार प्रकार की कुंडलियां होती हैं – जन्म कुंडली, वर्षफल कुंडली, प्रश्न कुंडली और मांगलिक कुंडली

4. कुंडली में 12 भावों का क्या महत्व है?

हर भाव (House) जीवन के किसी विशेष क्षेत्र को दर्शाता है, जैसे पहला भाव व्यक्तित्व के लिए, सातवां भाव विवाह के लिए और दसवां भाव करियर के लिए महत्वपूर्ण होता है।

5. ज्योतिष (Jyotish) में कितनी राशियां होती हैं?

ज्योतिष में कुल 12 राशियां होती हैं, जैसे मेष, वृषभ, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुंभ और मीन

6. ग्रहों का व्यक्ति के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है?

हर ग्रह का एक विशेष प्रभाव होता है। जैसे सूर्य आत्मसम्मान, चंद्रमा मन, मंगल ऊर्जा, बुध बुद्धि, शुक्र प्रेम, शनि कर्म, राहु छल और केतु आध्यात्म से जुड़ा होता है।

7. महादशा और अंतरदशा क्या होती है?

महादशा किसी विशेष ग्रह का प्रभाव दर्शाती है, जो वर्षों तक रहता है। अंतरदशा और प्रत्यंतरदशा महादशा के छोटे-छोटे चरण होते हैं, जो जीवन में उतार-चढ़ाव लाते हैं।

8. मंगल दोष क्या होता है?

जब मंगल ग्रह कुंडली के कुछ विशेष भावों में स्थित होता है, तो विवाह में देरी, झगड़े या तलाक जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसे मांगलिक दोष कहते हैं।

9. कालसर्प दोष क्या होता है?

जब सभी ग्रह राहु और केतु के बीच में आ जाते हैं, तो इसे कालसर्प दोष कहा जाता है। यह जीवन में संघर्ष और बाधाएं बढ़ा सकता है।

10. ग्रहों की शांति के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं?

ग्रहों की शांति के लिए मंत्र जाप, हवन, पूजा, दान, व्रत और सही रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है।

11. क्या ज्योतिष (Jyotish) से शादी के योग देखे जा सकते हैं?

हां, कुंडली मिलान के जरिए यह देखा जाता है कि वर और वधू की कुंडलियां अनुकूल हैं या नहीं। गुण मिलान से वैवाहिक जीवन की सफलता का अनुमान लगाया जाता है।

12. नौकरी और करियर के लिए कौन सा ग्रह जिम्मेदार होता है?

दशम भाव (10th House) करियर का भाव होता है, और इसमें मौजूद ग्रह यह तय करते हैं कि व्यक्ति को सरकारी नौकरी, बिजनेस या प्राइवेट जॉब में सफलता मिलेगी या नहीं।

13. क्या ज्योतिष (Jyotish) में धन प्राप्ति के योग देखे जा सकते हैं?

हां, द्वितीय (2nd), पंचम (5th), नवम (9th) और एकादश (11th) भाव धन से जुड़े होते हैं। इन भावों में शुभ ग्रह होने से धन प्राप्ति के योग बनते हैं।

14. क्या ज्योतिष (Jyotish) में स्वास्थ्य की भविष्यवाणी संभव है?

हां, षष्ठम भाव (6th House) स्वास्थ्य को दर्शाता है। यदि इसमें अशुभ ग्रह हों, तो व्यक्ति को बीमारियां हो सकती हैं।

15. क्या ज्योतिष (Jyotish) पर विश्वास करना सही है?

ज्योतिष (Jyotish) एक मार्गदर्शन देने वाला विज्ञान है, लेकिन व्यक्ति की कर्म और मेहनत सबसे महत्वपूर्ण होती है। केवल ज्योतिष पर निर्भर रहना सही नहीं है।


Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *