अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) पर लक्ष्मी जी की कृपा पाने का रहस्य जानिए – हर घर में आएगी सुख-समृद्धि!

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अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) पर लक्ष्मी जी की कृपा पाने का रहस्य जानिए – हर घर में आएगी सुख-समृद्धि!

अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) पर लक्ष्मी जी की कृपा पाने का रहस्य जानिए – हर घर में आएगी सुख-समृद्धि!


अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) का महत्व और लक्ष्मी से संबंध


अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) क्या है?

अक्षय तृतीया, (Akshaya Tritiya) जिसे आखा तीज भी कहा जाता है, हिन्दू पंचांग के अनुसार वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। यह दिन अक्षय पुण्य और फल प्रदान करने वाला माना जाता है। ‘अक्षय’ का अर्थ होता है—जो कभी समाप्त न हो। इस दिन किए गए पुण्य कार्यों, दान, पूजा और निवेश का फल कभी खत्म नहीं होता।

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अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) पर लक्ष्मी जी की कृपा पाने का रहस्य जानिए – हर घर में आएगी सुख-समृद्धि!अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) का महत्व और लक्ष्मी से संबंधअक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) क्या है?अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) का पौराणिक महत्वलक्ष्मी माता से अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) का संबंधअक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) पर लक्ष्मी जी की पूजा विधिसोना खरीदने की परंपरा और उसका महत्वदान-पुण्य का विशेष महत्वअक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) व्रत विधिकौन से काम अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) पर करने चाहिएअक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) पर क्या न करेंअक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) और ज्योतिषीय महत्वअक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) का सार1. अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) कब मनाई जाती है?2. ‘अक्षय’ का अर्थ क्या है?3. अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) पर लक्ष्मी माता की पूजा क्यों की जाती है?4. अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) पर क्या खरीदना शुभ होता है?5. क्या अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) पर विवाह किया जा सकता है?6. अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) पर व्रत कैसे रखा जाता है?7. इस दिन क्या दान करना सबसे श्रेष्ठ होता है?8. लक्ष्मी माता को अक्षय तृतीया पर क्या अर्पित करें?9. क्या इस दिन सोना न खरीदने पर नुकसान होता है?10. कौन-से मंत्र अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) पर जपने चाहिए?11. अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) का ज्योतिषीय महत्व क्या है?12. क्या इस दिन कोई अशुभ काम नहीं करना चाहिए?13. क्या अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) पर व्रत पुरुष भी रख सकते हैं?14. क्या केवल सोना ही खरीदना शुभ होता है?15. क्या अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) पर घर की सफाई और सजावट करनी चाहिए?

यह तिथि विशेष रूप से धार्मिक, आध्यात्मिक और भौतिक उन्नति के लिए शुभ मानी जाती है। मान्यता है कि इस दिन किया गया कोई भी कार्य सदैव फलदायी होता है। इसीलिए इस दिन विवाह, व्यापार आरंभ, गृहप्रवेश और सोने की खरीदारी जैसे शुभ कार्य किए जाते हैं।

अक्षय तृतीया का लक्ष्मी जी से गहरा संबंध है। कहा जाता है कि इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा करने से घर में धन, सुख और समृद्धि का वास होता है। यही कारण है कि इस दिन लक्ष्मी पूजन, सोने की खरीद और दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है।


अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) का पौराणिक महत्व

अक्षय तृतीया से जुड़ी अनेक पौराणिक कथाएं और मान्यताएं हैं। एक कथा के अनुसार, इसी दिन भगवान परशुराम जी का जन्म हुआ था, जो विष्णु जी के छठे अवतार माने जाते हैं। अतः यह दिन परशुराम जयंती के रूप में भी मनाया जाता है।

दूसरी मान्यता के अनुसार, इसी दिन भगवान गणेश जी ने महर्षि व्यास जी के कहने पर महाभारत का लेखन कार्य आरंभ किया था। इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि सत्ययुग और त्रेतायुग की शुरुआत भी इसी तिथि से हुई थी, जो इसे और भी पावन बनाती है।

पांडवों को मिला अक्षय पात्र भी इसी दिन की घटना मानी जाती है। माता कुंती को भगवान सूर्य ने ऐसा पात्र दिया था जिससे अक्षय भोजन निकलता था, जो पूरे वनवास काल में पांडवों का साथ बना रहा। इसलिए इस दिन को अक्षय ऊर्जा और कृपा से जुड़ा हुआ माना जाता है।


लक्ष्मी माता से अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) का संबंध

अक्षय तृतीया को धन की देवी लक्ष्मी से विशेष रूप से जोड़ा गया है। ऐसा विश्वास है कि इस दिन माता लक्ष्मी पृथ्वी पर अपने भक्तों को विशेष रूप से दर्शन देती हैं। यदि इस दिन सच्चे मन से लक्ष्मी पूजन किया जाए तो वर्ष भर धन-धान्य की कमी नहीं रहती

इस दिन सोना खरीदना एक प्रमुख परंपरा है। सोना शुभता, स्थायित्व और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। यह माना जाता है कि जो व्यक्ति इस दिन सोना खरीदता है, उसके जीवन में लक्ष्मी जी का वास स्थायी रूप से होता है।

शुक्रवार को यदि अक्षय तृतीया पड़े तो उसका महत्व और भी बढ़ जाता है, क्योंकि शुक्रवार भी लक्ष्मी जी का दिन माना जाता है। इस दिन व्रत, पूजा, दान और सोने की खरीद से लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।


अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) पर लक्ष्मी जी की पूजा विधि

इस दिन लक्ष्मी नारायण की संयुक्त पूजा करना सबसे उत्तम माना जाता है। पूजा के लिए प्रातःकाल स्नान कर शुद्ध और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। घर के पूर्व या उत्तर दिशा में एक साफ स्थान पर लक्ष्मी-नारायण की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।

फिर रोली, चावल, हल्दी, कुमकुम, फूल, दीपक और धूप से विधिवत पूजा करें। माता लक्ष्मी को कमल के फूल, सफेद मिठाई, गुलाब और तुलसी के पत्ते अर्पित करें। श्री सूक्त या लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनामावली का पाठ करें। इसके साथ ही लक्ष्मी जी का एक बीज मंत्र का जाप भी फलदायी होता है—
“ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः”

पूजा के बाद ब्राह्मणों या गरीबों को अन्न, वस्त्र या दक्षिणा दान करें। यह सब कार्य सच्चे मन और श्रद्धा से करें, तभी लक्ष्मी जी की कृपा प्राप्त होती है।


सोना खरीदने की परंपरा और उसका महत्व

अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने की परंपरा बहुत पुरानी है। सोना हिन्दू धर्म में शुभता और सौभाग्य का प्रतीक है। माना जाता है कि इस दिन खरीदा गया सोना अक्षय फल देता है और घर में धनवृद्धि का कारण बनता है।

लोग इस दिन सोने की अंगूठी, चेन, सिक्के, लक्ष्मी जी की मूर्ति या कोई भी आभूषण खरीदते हैं। कुछ लोग चांदी की वस्तुएं भी खरीदते हैं क्योंकि चांदी भी शुद्धता और शीतलता का प्रतीक है।

व्यापारी वर्ग इस दिन नई खाता-बही की शुरुआत करते हैं, जिसे ‘हलखाता’ कहा जाता है। यह एक शुभ संकेत माना जाता है कि व्यापार पूरे वर्ष लाभकारी और फलदायक रहेगा।


दान-पुण्य का विशेष महत्व

इस दिन दान करना सबसे श्रेष्ठ कार्य माना गया है। अक्षय तृतीया पर किया गया दान असीम पुण्य प्रदान करता है। खासतौर से जल, अन्न, वस्त्र, छाता, चप्पल, सोना-चांदी आदि का दान अत्यंत फलदायी होता है।

धार्मिक ग्रंथों में कहा गया है—
“जो व्यक्ति अक्षय तृतीया के दिन जलपात्र, गाय, भूमि, वस्त्र या स्वर्ण का दान करता है, वह स्वर्गलोक को प्राप्त करता है।”

इस दिन कन्यादान को भी विशेष महत्व दिया जाता है। अक्षय तृतीया पर किए गए कन्यादान को सप्त जनमों का पुण्य देने वाला कहा गया है। इसके अतिरिक्त, गरीबों को भोजन कराना, गौ सेवा, ब्राह्मणों को भोजन कराना आदि भी अत्यंत पुण्यदायी माने जाते हैं।


अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) व्रत विधि

अक्षय तृतीया पर व्रत रखना भी बहुत लाभकारी होता है। इस दिन व्रती को प्रातःकाल ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए। उसके बाद संकल्प लेकर व्रत का आरंभ करें।

दिन भर एक समय फलाहार या जलाहार करके दिन को ध्यान, पूजा और सत्संग में बिताना चाहिए। रात्रि को व्रत का पारण करने से पहले लक्ष्मी नारायण की आरती और प्रसाद वितरण करें।

व्रत के दौरान अशुभ विचार, क्रोध, झूठ और आलस्य से बचें। इस दिन का उद्देश्य है आत्मशुद्धि और देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति। यह व्रत विशेष रूप से धन, संतान, सुख और सौभाग्य की प्राप्ति के लिए किया जाता है।


कौन से काम अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) पर करने चाहिए

  • सोना-चांदी या जमीन खरीदना
  • नए कार्य या व्यापार की शुरुआत
  • कन्यादान, विवाह या सगाई
  • नवजात शिशु के नामकरण संस्कार
  • नई बही-खाता या बिज़नेस लॉग बुक की शुरुआत
  • मां लक्ष्मी की पूजा और श्रीसूक्त का पाठ
  • जलपात्र, अनाज, छाता, वस्त्र आदि का दान

इन सभी कार्यों को यदि श्रद्धा और सही विधि से किया जाए तो जीवन में अक्षय सुख और लक्ष्मी का आगमन निश्चित होता है।


अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) पर क्या न करें

  • इस दिन झूठ बोलना, क्रोध करना और किसी का अपमान नहीं करना चाहिए।
  • कर्ज लेना या देना वर्जित माना गया है।
  • कटु भाषण और विवाद से बचना चाहिए।
  • शराब, मांसाहार या नकारात्मक ऊर्जा से दूर रहें।
  • माता-पिता या बुजुर्गों का अनादर इस दिन विशेष रूप से वर्जित होता है।

इन कार्यों से माता लक्ष्मी प्रसन्न नहीं होतीं और उनके आशीर्वाद से वंचित रहना पड़ता है।


अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) और ज्योतिषीय महत्व

ज्योतिष के अनुसार, अक्षय तृतीया एक ऐसा दिन होता है जब सूर्य और चंद्रमा दोनों उच्च राशि में होते हैं। यह एक अत्यंत शुभ योग होता है जिसे ‘सर्वसिद्ध मुहूर्त’ कहा जाता है। इस दिन मुहूर्त देखने की आवश्यकता नहीं होती क्योंकि पूरा दिन ही शुभ होता है।

अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) पर लक्ष्मी जी की कृपा पाने का रहस्य जानिए – हर घर में आएगी सुख-समृद्धि!
अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) पर लक्ष्मी जी की कृपा पाने का रहस्य जानिए – हर घर में आएगी सुख-समृद्धि!

यह दिन धन, यश, बुद्धि और भाग्य की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। विशेष रूप से वृषभ राशि, तुला राशि और मीन राशि वालों के लिए यह दिन बेहद शुभ माना जाता है।


अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) का सार

अक्षय तृतीया न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह दिन धन, सुख और उन्नति का मार्ग भी प्रशस्त करता है। इस दिन लक्ष्मी जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है, जो जीवन को समृद्ध और संतुलित बनाती है।

यह रहे “अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) का महत्व और लक्ष्मी से संबंध” पर आधारित महत्वपूर्ण FAQs,


1. अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) कब मनाई जाती है?

अक्षय तृतीया हर साल वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। यह आमतौर पर अप्रैल या मई महीने में पड़ती है।


2. ‘अक्षय’ का अर्थ क्या है?

‘अक्षय’ का मतलब होता है—जो कभी नष्ट न हो। इस दिन किए गए पुण्य और अच्छे कार्यों का फल हमेशा बना रहता है


3. अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) पर लक्ष्मी माता की पूजा क्यों की जाती है?

इस दिन माता लक्ष्मी पृथ्वी पर विशेष रूप से विचरण करती हैं और भक्तों को धन-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। इसलिए लक्ष्मी पूजा का महत्व है।


4. अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) पर क्या खरीदना शुभ होता है?

इस दिन सोना, चांदी, भूमि, वाहन, नया व्यापार आदि खरीदना शुभ माना जाता है।


5. क्या अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) पर विवाह किया जा सकता है?

हां, अक्षय तृतीया को अबूझ मुहूर्त कहा जाता है, जिसमें बिना मुहूर्त देखे विवाह या शुभ कार्य किए जा सकते हैं


6. अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) पर व्रत कैसे रखा जाता है?

प्रातः स्नान कर संकल्प लें, फिर दिन भर भक्ति, पूजा, पाठ में लगें। एक समय फलाहार करें और रात में व्रत का पारण करें।


7. इस दिन क्या दान करना सबसे श्रेष्ठ होता है?

जल, अन्न, वस्त्र, स्वर्ण, चप्पल, छाता और कन्यादान आदि का दान इस दिन अत्यंत पुण्यदायक होता है।


8. लक्ष्मी माता को अक्षय तृतीया पर क्या अर्पित करें?

कमल के फूल, गुलाब, तुलसी, खीर, सफेद मिठाई और सोने के आभूषण माता को अर्पित करें।


9. क्या इस दिन सोना न खरीदने पर नुकसान होता है?

नहीं, लेकिन सोना खरीदना शुभता और लक्ष्मी आगमन का प्रतीक है। यह एक मान्यता है, जरूरी नहीं है।


10. कौन-से मंत्र अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) पर जपने चाहिए?

“ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः”, श्री सूक्त, और लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनामावली का पाठ करें।


11. अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) का ज्योतिषीय महत्व क्या है?

इस दिन सूर्य और चंद्रमा दोनों उच्च स्थिति में होते हैं, जो इसे सर्वसिद्ध मुहूर्त बनाता है।


12. क्या इस दिन कोई अशुभ काम नहीं करना चाहिए?

हां, इस दिन क्रोध, अपशब्द, झूठ, हिंसा और कर्ज लेना/देना वर्जित माना गया है।


13. क्या अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) पर व्रत पुरुष भी रख सकते हैं?

बिल्कुल, पुरुष, महिलाएं और बच्चे सभी व्रत रख सकते हैं, कोई बंधन नहीं है।


14. क्या केवल सोना ही खरीदना शुभ होता है?

नहीं, आप चांदी, तांबा, पीतल, इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स या अन्य संपत्ति भी खरीद सकते हैं।


15. क्या अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) पर घर की सफाई और सजावट करनी चाहिए?

हां, घर की सफाई, दीपक जलाना, तोरण सजाना आदि से लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं


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