धनतेरस (Dhanteras) पर ये विशेष लक्ष्मी मंत्र जरूर पढ़ें, खुलेंगे घर में धन के द्वार!
धनतेरस (Dhanteras) हिन्दू धर्म का एक अत्यंत शुभ पर्व है, जो दीपावली से दो दिन पहले मनाया जाता है। यह दिन खासतौर पर धन, आरोग्य और समृद्धि की कामना के लिए मनाया जाता है। इस दिन माता लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की पूजा विशेष रूप से की जाती है। धनतेरस के दिन अगर सही विधि से विशेष मंत्रों का जाप किया जाए, तो घर में स्थायी रूप से धन-समृद्धि का वास होता है।
इस लेख में हम जानेंगे कि धनतेरस के दिन कौन-कौन से लक्ष्मी मंत्र पढ़े जाएं, उनकी महत्ता, उच्चारण विधि, और उनके चमत्कारी प्रभाव क्या हैं।
धनतेरस (Dhanteras) का महत्व
धनतेरस का अर्थ है “धन + तेरस”, यानी कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाने वाला त्योहार, जिसमें धन का विशेष पूजन किया जाता है। इसे धनत्रयोदशी भी कहा जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, समुद्र मंथन के समय इसी दिन धनवंतरी भगवान अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसी कारण इसे आरोग्य और धन से जुड़ा पर्व माना जाता है।
धनतेरस पर बर्तन, सोना, चांदी, गहने या नए सामान खरीदने की परंपरा है, लेकिन इसका सबसे मुख्य अंग होता है लक्ष्मी पूजन। अगर इस दिन सही मंत्रों का जाप करके लक्ष्मी माता की आराधना की जाए, तो जीवन में कभी भी धन की कमी नहीं होती।
लक्ष्मी पूजन का सही समय
धनतेरस पर लक्ष्मी पूजन प्रदोष काल में करना सबसे शुभ माना गया है। यह समय सूर्यास्त के बाद ढाई घंटे तक का होता है। इस काल में देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर विचरण करती हैं और जो उन्हें श्रद्धा और विधि-विधान से पूजते हैं, उन्हें धन, वैभव और सुख का आशीर्वाद मिलता है।
पूजा करने से पहले अपने घर को अच्छी तरह साफ-सुथरा करें, दरवाजे पर तोरण और रंगोली बनाएं। पूजा स्थल पर घी के दीपक जलाएं और लक्ष्मी माता, कुबेर देव और धनवंतरि भगवान की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
लक्ष्मी पूजन मंत्रों की महत्ता
मंत्र वह ध्वनि शक्ति है, जो हमारे चेतन और अवचेतन मन को जाग्रत कर, सकारात्मक ऊर्जा से भर देती है। लक्ष्मी पूजन के मंत्र अगर श्रद्धा और सही उच्चारण के साथ बोले जाएं, तो वे न केवल मानसिक शांति देते हैं, बल्कि धनवृद्धि और समृद्धि का कारण भी बनते हैं।
इन मंत्रों का प्रभाव हमारी वाणी, मन और वातावरण को पवित्र करता है। लक्ष्मी मंत्रों से घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। अतः धनतेरस के दिन इन मंत्रों का जाप विशेष फलदायी होता है।
धनतेरस (Dhanteras) के दिन बोले जाने वाले विशेष लक्ष्मी मंत्र
अब आइए जानते हैं वे शक्ति-प्रधान मंत्र, जिन्हें धनतेरस के दिन जपना चाहिए।
1. ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः॥
यह बीज मंत्र लक्ष्मी को शीघ्र प्रसन्न करता है। इसे 108 बार जपना चाहिए। यह मंत्र धनवृद्धि, व्यापार में लाभ और आर्थिक बाधाओं को दूर करता है।
2. ॐ महालक्ष्म्यै च विद्महे, विष्णुपत्नी च धीमहि। तन्नो लक्ष्मी: प्रचोदयात्॥
यह लक्ष्मी गायत्री मंत्र है। इसका जप करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और आध्यात्मिक लाभ भी मिलता है।
3. ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः॥
इस मंत्र का जाप जीवन से दरिद्रता और संकटों को दूर करता है। इसे भी 108 बार करना श्रेष्ठ होता है।
लक्ष्मी पूजन की विधि
लक्ष्मी पूजन की प्रक्रिया बहुत सरल है। नीचे दिए गए आसान चरणों का पालन करें:
- एक साफ स्थान पर लक्ष्मी माता की मूर्ति या चित्र रखें।
- उसके सामने घी का दीपक जलाएं और धूप, पुष्प, फल अर्पित करें।
- पंचामृत से माता लक्ष्मी का अभिषेक करें और स्वच्छ जल से स्नान कराएं।
- अब उपरोक्त मंत्रों का जाप करें।
- माता को खीर, मालपुए, मिश्री, कमल का फूल और चांदी का सिक्का अर्पित करें।
- आरती करें और मन में संकल्प लें कि आप जीवन में सद्मार्ग पर चलेंगे।
मंत्र जाप की संख्या और नियम
धनतेरस पर मंत्रों का जाप कम से कम 108 बार करना शुभ होता है। इसके लिए रुद्राक्ष या तुलसी की माला का प्रयोग करें। जाप करते समय ध्यान रखें:
- शुद्धता का विशेष ध्यान रखें।
- मंत्र का उच्चारण स्पष्ट और श्रद्धा से करें।
- जाप करने के बाद आरती और प्रार्थना जरूर करें।
कौन से फूल और प्रसाद लक्ष्मी को प्रिय हैं
कमल का फूल, गेंदे का फूल, और सफेद चमेली लक्ष्मी माता को अत्यंत प्रिय हैं। पूजा में इन फूलों का प्रयोग करें। माता को अर्पित किए जाने वाले प्रमुख प्रसाद हैं:
- खीर
- बताशे
- सूखे मेवे
- मिश्री
- नारियल
इन प्रसादों को पहले माता को अर्पित करें और फिर परिवार में बांटें।
ध्यान और साधना
धनतेरस की रात लक्ष्मी ध्यान और मंत्र साधना के लिए बेहद शुभ मानी जाती है। इस समय माता लक्ष्मी विशेष रूप से जगृत होती हैं और साधक की प्रार्थनाएं शीघ्र फलित होती हैं। अगर संभव हो तो एकांत में बैठकर निम्न ध्यान मंत्र से ध्यान करें:
“श्वेतवर्णा चतुर्भुजा, चक्रगदाधरा।
पद्मासनस्थिता देवी, परिपूर्ण सुधा धारा॥”
इस ध्यान से मानसिक शांति मिलती है और घर में धन-संपदा का प्रवाह होता है।
लक्ष्मी कुबेर मंत्र
धनतेरस पर लक्ष्मी के साथ कुबेर देव की भी पूजा की जाती है। कुबेर को धन का कोषाध्यक्ष माना गया है। नीचे दिया गया मंत्र लक्ष्मी-कुबेर की संयुक्त कृपा पाने के लिए अत्यंत प्रभावशाली है:
“ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये
धनधान्य समृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥”
इस मंत्र का जप 108 बार करें और स्वर्ण अथवा चांदी के सिक्कों को माता के समक्ष अर्पित करें।
क्या करें, क्या न करें
क्या करें:
- पूजा स्थल को साफ रखें।
- दीपकों की सम संख्या में जलाएं।
- रात में लक्ष्मी स्तोत्र, श्रीसूक्त, या कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें।
क्या न करें:
- धनतेरस की रात घर को अंधेरे में न रखें।
- झूठ, कलह, गाली-गलौच आदि से दूर रहें।
- किसी गरीब या जरुरतमंद को खाली हाथ न लौटाएं।
धनतेरस (Dhanteras) और मनोविज्ञान
धनतेरस केवल पूजा का पर्व नहीं, बल्कि हमारे मन और भावनाओं को धन की ओर उन्मुख करने का दिन है। जब हम मंत्रों का जाप करते हैं, तो हमारा मन धन, संतुलन और सकारात्मकता की ओर केंद्रित होता है। यह हमारी सोच और कर्मों को वैसा ही बना देता है।
इस दिन किया गया मंत्र जाप, ध्यान और संकल्प वर्षभर हमारे विचार और कार्यों को दिशा देता है। इसलिए इसे धन आकर्षण का शक्तिशाली माध्यम भी माना जा सकता है।
धनतेरस पर लक्ष्मी पूजन के विशेष मंत्रों का उच्चारण करके हम धन, आरोग्य, सुख और समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं। यह पर्व केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि धन प्राप्ति का मनोवैज्ञानिक और आध्यात्मिक मार्ग भी है।
इस धनतेरस पर आप भी इन मंत्रों का जाप करें और अपने घर में लक्ष्मी माता का स्थायी वास सुनिश्चित करें। ध्यान रखें, श्रद्धा, विश्वास और निष्ठा ही सबसे बड़ा मंत्र है।
यहां धनतेरस (Dhanteras) पर लक्ष्मी पूजन के विशेष मंत्रों के बारे में 15 सामान्य प्रश्न (FAQ)
1. धनतेरस (Dhanteras) पर लक्ष्मी पूजा क्यों की जाती है?
धनतेरस पर माता लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की पूजा की जाती है, ताकि घर में धन, सुख और समृद्धि का वास हो।
2. धनतेरस (Dhanteras) पर कौन सा मंत्र सबसे प्रभावी है?
धनतेरस पर सबसे प्रभावी मंत्र है:
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः।
इस मंत्र का जाप करने से धन की प्राप्ति होती है।
3. धनतेरस (Dhanteras) पर लक्ष्मी पूजन के समय क्या खास ध्यान रखना चाहिए?
पूजन के समय साफ-सफाई, घी के दीपक जलाना और माता लक्ष्मी को प्रिय वस्त्र, फल, और मिठाई अर्पित करना चाहिए।
4. लक्ष्मी मंत्रों का जाप कितनी बार करना चाहिए?
लक्ष्मी मंत्रों का जाप 108 बार करना शुभ होता है।
5. लक्ष्मी पूजन में कौन से फूल अर्पित करने चाहिए?
लक्ष्मी पूजन में कमल का फूल, गेंदे का फूल, और सफेद चमेली के फूल अर्पित करें।
6. क्या धनतेरस (Dhanteras) पर नया बर्तन खरीदना शुभ है?
जी हां, धनतेरस पर नया बर्तन, गहने, या चांदी-सोने की चीजें खरीदना शुभ माना जाता है, यह धन की वृद्धि का प्रतीक है।
7. धनतेरस (Dhanteras) के दिन क्या कुछ विशेष करना चाहिए?
धनतेरस पर घर को साफ रखें, तोरण लगाएं और धनतेरस मंत्रों का जाप करें।
8. लक्ष्मी मंत्र का जाप करने से क्या लाभ होते हैं?
लक्ष्मी मंत्रों का जाप करने से धन, समृद्धि, आध्यात्मिक शांति, और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।
9. कुबेर देव की पूजा क्यों की जाती है?
कुबेर देव को धन का अधिपति माना जाता है, इसलिए धनतेरस पर उनकी पूजा से धन में वृद्धि होती है।
10. क्या लक्ष्मी पूजन में विशेष कोई प्रसाद अर्पित करना चाहिए?
लक्ष्मी पूजन में खीर, मालपुए, मिश्री, और कमल का फूल अर्पित करना शुभ होता है।
11. धनतेरस (Dhanteras) पर क्या ध्यान और साधना करनी चाहिए?
धनतेरस पर लक्ष्मी ध्यान और मंत्र साधना करना विशेष रूप से लाभकारी होता है। इससे घर में धन की स्थिरता और आध्यात्मिक उन्नति होती है।
12. क्या धनतेरस (Dhanteras) के दिन कोई व्रत रखना चाहिए?
धनतेरस पर व्रत रखना चाहिए, विशेषकर माता लक्ष्मी का व्रत। इस दिन उपवास और मंत्र जाप करने से जीवन में धन-धान्य की कमी नहीं होती।
13. क्या धनतेरस (Dhanteras) पर हर किसी को पूजा करनी चाहिए?
जी हां, धनतेरस पर हर व्यक्ति को पूजा करनी चाहिए, चाहे वह धन संबंधी समस्याएं झेल रहा हो या न हो, इस दिन की पूजा से सभी प्रकार की समस्याओं का समाधान होता है।
14. धनतेरस (Dhanteras) पर पूजा के बाद क्या करना चाहिए?
पूजा के बाद माता लक्ष्मी और कुबेर देव की आरती करें और प्रसाद का वितरण करें। साथ ही, नई चीजें खरीदने का भी लाभ प्राप्त करें।
15. धनतेरस (Dhanteras) पर किस प्रकार के दीपक जलाना चाहिए?
धनतेरस पर घी के दीपक जलाने से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है।