भैरव चालीसा: (Bhairav Chalisa) काल भैरव की कृपा पाने के सरल और प्रभावी उपाय
भैरव चालीसा (Bhairav Chalisa) – काल भैरव की कृपा प्राप्त करने के लिए
काल भैरव हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक माने जाते हैं। उन्हें शंकर के रूप में पूजा जाता है और उनका रूप बहुत डरावना और शक्तिशाली है। काल भैरव का रूप अत्यधिक क्रोधित और वीर होता है, जिससे उनका नाम भी “काल” और “भैरव” पड़ा। यह माना जाता है कि वे अपने भक्तों की रक्षा करते हैं और बुरी शक्तियों से बचाते हैं।
भैरव चालीसा (Bhairav Chalisa) एक प्राचीन और शक्तिशाली प्रार्थना है, जिसे काल भैरव की कृपा प्राप्त करने के लिए पढ़ा जाता है। इस चालीसा में कुल 40 श्लोक होते हैं, और प्रत्येक श्लोक में भगवान भैरव की महिमा का वर्णन किया गया है। इसे नियमित रूप से पढ़ने से भक्तों को संकटों से मुक्ति, समृद्धि और सुरक्षा प्राप्त होती है।
काल भैरव की पूजा और महत्व
काल भैरव का पूजन विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार को किया जाता है। इन दोनों दिनों में विशेष रूप से भैरव जी की पूजा करने से सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। काल भैरव का पूजन करने से व्यक्ति को मानसिक शांति और आत्मविश्वास मिलता है।
भैरव जी के दर्शन और पूजा से व्यक्तिगत समस्याएं, आर्थिक संकट और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं दूर होती हैं। यह माना जाता है कि जो व्यक्ति सही तरीके से काल भैरव की पूजा करता है, उसके जीवन में कोई भी संकट नहीं टिकता।
भैरव चालीसा (Bhairav Chalisa)
भैरव चालीसा
(Bhairav Chalisa)
दोहाश्री गणपति, गुरु गौरि पद, प्रेम सहित धरि माथ ।
चालीसा वन्दन करों, श्री शिव भैरवनाथ ॥
श्री भैरव संकट हरण, मंगल करण कृपाल ।
श्याम वरण विकराल वपु, लोचन लाल विशाल ॥
भैरव चालीसा चौपाई
जय जय श्री काली के लाला ।जयति जयति काशी-कुतवाला ॥
जयति बटुक भैरव जय हारी ।
जयति काल भैरव बलकारी ॥
जयति सर्व भैरव विख्याता ।
जयति नाथ भैरव सुखदाता ॥
भैरव रुप कियो शिव धारण ।
भव के भार उतारण कारण ॥
भैरव रव सुन है भय दूरी ।
सब विधि होय कामना पूरी ॥
शेष महेश आदि गुण गायो ।
काशी-कोतवाल कहलायो ॥
जटाजूट सिर चन्द्र विराजत ।
बाला, मुकुट, बिजायठ साजत ॥
कटि करधनी घुंघरु बाजत ।
दर्शन करत सकल भय भाजत ॥
जीवन दान दास को दीन्हो ।
कीन्हो कृपा नाथ तब चीन्हो ॥
वसि रसना बनि सारद-काली ।
दीन्यो वर राख्यो मम लाली ॥
धन्य धन्य भैरव भय भंजन ।
जय मनरंजन खल दल भंजन ॥
कर त्रिशूल डमरु शुचि कोड़ा ।
कृपा कटाक्ष सुयश नहिं थोड़ा ॥
जो भैरव निर्भय गुण गावत ।
अष्टसिद्घि नवनिधि फल पावत ॥
रुप विशाल कठिन दुख मोचन ।
क्रोध कराल लाल दुहुं लोचन ॥
अगणित भूत प्रेत संग डोलत ।
बं बं बं शिव बं बं बोतल ॥
रुद्रकाय काली के लाला ।
महा कालहू के हो काला ॥
बटुक नाथ हो काल गंभीरा ।
श्वेत, रक्त अरु श्याम शरीरा ॥
करत तीनहू रुप प्रकाशा ।
भरत सुभक्तन कहं शुभ आशा ॥
त्न जड़ित कंचन सिंहासन ।
व्याघ्र चर्म शुचि नर्म सुआनन ॥
तुमहि जाई काशिहिं जन ध्यावहिं ।
विश्वनाथ कहं दर्शन पावहिं ॥
जय प्रभु संहारक सुनन्द जय ।
जय उन्नत हर उमानन्द जय ॥
भीम त्रिलोकन स्वान साथ जय ।
बैजनाथ श्री जगतनाथ जय ॥
महाभीम भीषण शरीर जय ।
रुद्र त्र्यम्बक धीर वीर जय ॥
अश्वनाथ जय प्रेतनाथ जय ।
श्वानारुढ़ सयचन्द्र नाथ जय ॥
निमिष दिगम्बर चक्रनाथ जय ।
गहत अनाथन नाथ हाथ जय ॥
त्रेशलेश भूतेश चन्द्र जय ।
क्रोध वत्स अमरेश नन्द जय ॥
श्री वामन नकुलेश चण्ड जय ।
कृत्याऊ कीरति प्रचण्ड जय ॥
रुद्र बटुक क्रोधेश काल धर ।
चक्र तुण्ड दश पाणिव्याल धर ॥
करि मद पान शम्भु गुणगावत ।
चौंसठ योगिन संग नचावत ।
करत कृपा जन पर बहु ढंगा ।
काशी कोतवाल अड़बंगा ॥
देयं काल भैरव जब सोटा ।
नसै पाप मोटा से मोटा ॥
जाकर निर्मल होय शरीरा।
मिटै सकल संकट भव पीरा ॥
श्री भैरव भूतों के राजा ।
बाधा हरत करत शुभ काजा ॥
ऐलादी के दुःख निवारयो ।
सदा कृपा करि काज सम्हारयो ॥
सुन्दरदास सहित अनुरागा ।
श्री दुर्वासा निकट प्रयागा ॥
श्री भैरव जी की जय लेख्यो ।
सकल कामना पूरण देख्यो ॥
भैरव चालीसा दोहा
जय जय जय भैरव बटुक, स्वामी संकट टार ।कृपा दास पर कीजिये, शंकर के अवतार ॥
जो यह चालीसा पढ़े, प्रेम सहित सत बार ।
उस घर सर्वानन्द हों, वैभव बड़े अपार ॥
|| इति श्री भैरव चालीसा समाप्त ||
भैरव चालीसा (Bhairav Chalisa) का महत्व
भैरव चालीसा (Bhairav Chalisa) का महत्व अत्यधिक है। इसे पढ़ने से व्यक्ति की दूसरों के साथ समस्याएं, धन की कमी, और स्वास्थ्य में समस्याएं दूर होती हैं। इसके अलावा, यह व्यक्ति को अपने जीवन में नई दिशा प्राप्त करने में मदद करता है।
कई लोग भैरव चालीसा (Bhairav Chalisa) का पाठ करते हैं ताकि वे भगवान भैरव की कृपा प्राप्त कर सकें और उनकी मदद से अपने जीवन में सफलता प्राप्त कर सकें। यह चालीसा विश्वास और श्रद्धा से पढ़ी जाती है, और इससे व्यक्ति का जीवन सुखमय बन जाता है।
भैरव चालीसा (Bhairav Chalisa) का पाठ विधि
- स्नान करें: सबसे पहले, शुद्ध होकर स्नान करें।
- दीप जलाएं: एक दीपक या अगरबत्ती जलाएं।
- भैरव चालीसा (Bhairav Chalisa) का पाठ करें: अब, भैरव चालीसा का पाठ करें।
- मनोभाव से प्रार्थना करें: पाठ करते समय, अपने मन को एकाग्र करके भगवान भैरव से आशीर्वाद की प्रार्थना करें।
- अंत में, श्रद्धा पूर्वक आभार व्यक्त करें।
यह पाठ आपको 21 दिन तक नियमित रूप से करना चाहिए। अगर आप इसे 108 बार पढ़ते हैं तो यह और भी प्रभावी माना जाता है।
भैरव चालीसा (Bhairav Chalisa) का पाठ करने के लाभ
- बुरी शक्तियों से सुरक्षा: काल भैरव की पूजा और चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति को बुरी शक्तियों से सुरक्षा मिलती है।
- व्यक्तिगत संकटों से मुक्ति: यह चालीसा व्यक्ति के जीवन के व्यक्तिगत संकटों को दूर करती है और संकटों से मुक्ति देती है।
- आध्यात्मिक विकास: भैरव चालीसा का नियमित पाठ करने से व्यक्ति का आध्यात्मिक विकास होता है और वह भगवान भैरव के पास आस्था और विश्वास से पहुंचता है।
- धन और संपत्ति में वृद्धि: भगवान भैरव के आशीर्वाद से व्यक्ति को धन और संपत्ति में वृद्धि होती है।
- सामाजिक प्रतिष्ठा में सुधार: भैरव चालीसा का पाठ करने से सामाजिक प्रतिष्ठा में भी सुधार होता है और व्यक्ति का नाम रोशन होता है।
भैरव चालीसा (Bhairav Chalisa) के श्लोक और उनके अर्थ
भैरव चालीसा (Bhairav Chalisa) के श्लोकों में भगवान भैरव की शक्तियों और उनके आशीर्वाद की महिमा का वर्णन किया गया है। हर श्लोक में उनके वीर रूप, शक्ति, सिद्धि और समृद्धि का बखान किया जाता है। इस चालीसा के श्लोकों को ध्यान से पढ़ने और समझने से व्यक्ति की मानसिक स्थिति भी बेहतर होती है और उसे आंतरिक शांति मिलती है।
भैरव चालीसा (Bhairav Chalisa) के प्रभावी उपाय
अगर आपको अपनी समस्याओं से मुक्ति चाहिए और जीवन में शांति और समृद्धि की तलाश है, तो कुछ प्रभावी उपाय हैं जिन्हें आप भैरव चालीसा के साथ जोड़ सकते हैं:
- नमक का त्याग: चालीसा का पाठ करते समय नमक का त्याग करें, इससे आपके जीवन में नकारात्मक ऊर्जा दूर होगी।
- हनुमान चालीसा का पाठ: साथ में हनुमान चालीसा का पाठ भी करें। यह उपाय आपके जीवन को और भी ज्यादा सकारात्मक बनाएगा।
- ताम्बे की अंगूठी पहनें: भैरव जी के आशीर्वाद से ताम्बे की अंगूठी पहनने से जीवन में स्थिरता आती है।
भैरव चालीसा (Bhairav Chalisa) काल भैरव की कृपा प्राप्त करने का एक अत्यधिक प्रभावी और सरल उपाय है। इसका नियमित पाठ करके आप जीवन में संकटों से मुक्त हो सकते हैं और धन, समृद्धि, सुरक्षा और आध्यात्मिक शांति प्राप्त कर सकते हैं।
काल भैरव की कृपा से आपका जीवन हर संकट से परे हो सकता है, और आप पूरी तरह से प्रेम, आध्यात्मिक शांति और धन से समृद्ध हो सकते हैं। तो, यदि आप भी अपने जीवन में भयरहित और सुखमय जीवन चाहते हैं, तो भैरव चालीसा का पाठ करें और भगवान भैरव की कृपा प्राप्त करें।
FAQs: भैरव चालीसा (Bhairav Chalisa)
1. भैरव चालीसा (Bhairav Chalisa) क्या है?
भैरव चालीसा (Bhairav Chalisa) भगवान काल भैरव की महिमा को बयां करने वाली एक प्रार्थना है, जिसमें 40 श्लोक होते हैं। इसे नियमित रूप से पढ़ने से व्यक्ति की समस्याओं का समाधान होता है और भगवान भैरव की कृपा प्राप्त होती है।
2. भैरव चालीसा (Bhairav Chalisa) के लाभ क्या हैं?
भैरव चालीसा (Bhairav Chalisa) का पाठ करने से बुरी शक्तियों से सुरक्षा मिलती है, व्यक्तिगत संकट दूर होते हैं, और मानसिक शांति प्राप्त होती है। यह व्यक्ति को समृद्धि और सामाजिक प्रतिष्ठा भी प्रदान करता है।
3. काल भैरव कौन हैं?
काल भैरव हिंदू धर्म के एक प्रमुख देवता हैं, जिन्हें शंकर भगवान का रौद्र रूप माना जाता है। उन्हें सभी संकटों का नाशक और समृद्धि के दाता माना जाता है।
4. काल भैरव की पूजा कब करनी चाहिए?
काल भैरव की पूजा विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार को करनी चाहिए। इन दिनों में उनकी पूजा से विशेष लाभ मिलता है।
5. भैरव चालीसा (Bhairav Chalisa) का पाठ किसे करना चाहिए?
भैरव चालीसा (Bhairav Chalisa) का पाठ हर व्यक्ति को करना चाहिए, विशेष रूप से उन लोगों को जो किसी संकट में हैं या जिन्हें सुरक्षा और समृद्धि की आवश्यकता है।
6. भैरव चालीसा (Bhairav Chalisa) को कितने दिन तक पढ़ना चाहिए?
भैरव चालीसा (Bhairav Chalisa) को 21 दिन तक नियमित रूप से पढ़ना चाहिए। यह समय अवधि विशेष रूप से प्रभावी मानी जाती है।
7. क्या भैरव चालीसा (Bhairav Chalisa) का पाठ महिलाओं को भी करना चाहिए?
जी हां, महिलाओं को भी भैरव चालीसा (Bhairav Chalisa) का पाठ करने की पूरी स्वतंत्रता है। यह चालीसा सभी के लिए कल्याणकारी है।
8. क्या भैरव चालीसा (Bhairav Chalisa) का पाठ बिना पूजा के किया जा सकता है?
जी हां, आप भैरव चालीसा का पाठ बिना पूजा के भी कर सकते हैं। हालांकि, दीपक या अगरबत्ती जलाना शुभ होता है।
9. भैरव चालीसा के श्लोकों का सही उच्चारण क्यों महत्वपूर्ण है?
सही उच्चारण से श्लोकों की शक्ति बढ़ती है और भगवान भैरव की कृपा प्राप्त होती है। गलत उच्चारण से मंत्र का प्रभाव कम हो सकता है।
10. भैरव चालीसा (Bhairav Chalisa) का पाठ करने से कौन से संकट समाप्त होते हैं?
भैरव चालीसा (Bhairav Chalisa) का पाठ करने से आर्थिक संकट, व्यक्तिगत समस्याएं, और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां समाप्त होती हैं।
11. क्या भैरव चालीसा (Bhairav Chalisa) का पाठ करने से धन प्राप्त होता है?
हां, भैरव चालीसा (Bhairav Chalisa) का पाठ व्यक्ति के जीवन में धन और समृद्धि को आकर्षित करता है। भगवान भैरव की कृपा से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
12. भैरव चालीसा (Bhairav Chalisa) का पाठ करने से कैसे मानसिक शांति प्राप्त होती है?
भैरव चालीसा (Bhairav Chalisa) का पाठ करने से मन एकाग्र होता है, जिससे मानसिक शांति मिलती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
13. क्या काल भैरव की पूजा से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है?
हां, काल भैरव की पूजा और चालीसा का पाठ नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और घर या स्थान को शुद्ध करता है।
14. क्या भैरव चालीसा (Bhairav Chalisa) का पाठ दिन में किसी भी समय किया जा सकता है?
भैरव चालीसा (Bhairav Chalisa) का पाठ किसी भी समय किया जा सकता है, लेकिन सुबह और सांझ का समय विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
15. क्या काल भैरव की पूजा से समस्याओं का समाधान तुरंत होता है?
भैरव चालीसा (Bhairav Chalisa) का पाठ करने से समस्याओं का समाधान धीरे-धीरे होता है, लेकिन नियमित पाठ से काल भैरव की कृपा व्यक्ति की समस्याओं का समाधान जरूर करती है।