महालक्ष्मी चालीसा:(Mahalakshmi Chalisa) जानें कैसे माँ महालक्ष्मी की कृपा से पाएं समृद्धि और खुशहाली
माँ महालक्ष्मी हिंदू धर्म की महत्वपूर्ण देवी हैं, जिनका संबंध धन, वैभव और समृद्धि से है। उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए भक्त विभिन्न प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान और व्रत करते हैं। महालक्ष्मी चालीसा (Mahalakshmi Chalisa) का पाठ एक ऐसा सरल और प्रभावी उपाय है, जिसके माध्यम से भक्त माँ महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। यह चालीसा विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है, जो आर्थिक तंगी, घर में खुशहाली की कमी, या जीवन में समृद्धि की तलाश में हैं। इस लेख में हम माँ महालक्ष्मी के चालीसा के महत्व, इसके पाठ की विधि और इसके लाभ के बारे में विस्तार से जानेंगे।
महालक्ष्मी चालीसा (Mahalakshmi Chalisa) का महत्व
महालक्ष्मी चालीसा (Mahalakshmi Chalisa) का पाठ व्यक्ति को धन और संपत्ति के अलावा मानसिक शांति और सुख-समृद्धि भी प्रदान करता है। यह चालीसा माँ महालक्ष्मी की स्तुति और उनकी शक्तियों का वर्णन करती है। हिंदू धर्म में देवी लक्ष्मी को भगवान विष्णु की पत्नी और संपत्ति की देवी माना जाता है। उनके आशीर्वाद से व्यक्ति का जीवन धन और ऐश्वर्य से परिपूर्ण हो सकता है। महालक्ष्मी चालीसा (Mahalakshmi Chalisa) के नियमित पाठ से न केवल धन की बर्बादी रुकती है, बल्कि घर में सुख-शांति भी बनी रहती है।
महालक्ष्मी चालीसा (Mahalakshmi Chalisa)
महालक्ष्मी चालीसा
(Mahalakshmi Chalisa)
दोहामातु लक्ष्मी करि कृपा करो हृदय में वास ।
मनो कामना सिद्ध कर पुरवहु मेरी आस ॥सिंधु सुता विष्णुप्रिये नत शिर बारंबार ।
ऋद्धि सिद्धि मंगलप्रदे नत शिर बारंबार ॥ टेक ॥सिन्धु सुता मैं सुमिरौं तोही । ज्ञान बुद्धि विद्या दो मोहि ॥
तुम समान नहिं कोई उपकारी । सब विधि पुरबहु आस हमारी ॥
जै जै जगत जननि जगदम्बा । सबके तुमही हो स्वलम्बा ॥
तुम ही हो घट घट के वासी । विनती यही हमारी खासी ॥
जग जननी जय सिन्धु कुमारी । दीनन की तुम हो हितकारी ॥
विनवौं नित्य तुमहिं महारानी । कृपा करौ जग जननि भवानी ॥
केहि विधि स्तुति करौं तिहारी । सुधि लीजै अपराध बिसारी ॥
कृपा दृष्टि चितवो मम ओरी । जगत जननि विनती सुन मोरी ॥
ज्ञान बुद्धि जय सुख की दाता । संकट हरो हमारी माता ॥
क्षीर सिंधु जब विष्णु मथायो । चौदह रत्न सिंधु में पायो ॥
चौदह रत्न में तुम सुखरासी । सेवा कियो प्रभुहिं बनि दासी ॥
जब जब जन्म जहां प्रभु लीन्हा । रूप बदल तहं सेवा कीन्हा ॥
स्वयं विष्णु जब नर तनु धारा । लीन्हेउ अवधपुरी अवतारा ॥
तब तुम प्रकट जनकपुर माहीं । सेवा कियो हृदय पुलकाहीं ॥
अपनायो तोहि अन्तर्यामी । विश्व विदित त्रिभुवन की स्वामी ॥
तुम सब प्रबल शक्ति नहिं आनी । कहँ तक महिमा कहौं बखानी ॥
मन क्रम वचन करै सेवकाई । मन-इच्छित वांछित फल पाई ॥
तजि छल कपट और चतुराई । पूजहिं विविध भाँति मन लाई ॥
और हाल मैं कहौं बुझाई । जो यह पाठ करे मन लाई ॥
ताको कोई कष्ट न होई । मन इच्छित फल पावै फल सोई ॥
त्राहि-त्राहि जय दुःख निवारिणी । त्रिविध ताप भव बंधन हारिणि ॥
जो यह चालीसा पढ़े और पढ़ावे । इसे ध्यान लगाकर सुने सुनावै ॥
ताको कोई न रोग सतावै । पुत्र आदि धन सम्पत्ति पावै ॥
पुत्र हीन और सम्पत्ति हीना । अन्धा बधिर कोढ़ी अति दीना ॥
विप्र बोलाय कै पाठ करावै । शंका दिल में कभी न लावै ॥
पाठ करावै दिन चालीसा । ता पर कृपा करैं गौरीसा ॥
सुख सम्पत्ति बहुत सी पावै । कमी नहीं काहू की आवै ॥
बारह मास करै जो पूजा । तेहि सम धन्य और नहिं दूजा ॥
प्रतिदिन पाठ करै मन माहीं । उन सम कोई जग में नाहिं ॥
बहु विधि क्या मैं करौं बड़ाई । लेय परीक्षा ध्यान लगाई ॥
करि विश्वास करैं व्रत नेमा । होय सिद्ध उपजै उर प्रेमा ॥
जय जय जय लक्ष्मी महारानी । सब में व्यापित जो गुण खानी ॥
तुम्हरो तेज प्रबल जग माहीं । तुम सम कोउ दयाल कहूँ नाहीं ॥
मोहि अनाथ की सुधि अब लीजै । संकट काटि भक्ति मोहि दीजे ॥
भूल चूक करी क्षमा हमारी । दर्शन दीजै दशा निहारी ॥
बिन दरशन व्याकुल अधिकारी । तुमहिं अक्षत दुःख सहते भारी ॥
नहिं मोहिं ज्ञान बुद्धि है तन में । सब जानत हो अपने मन में ॥
रूप चतुर्भुज करके धारण । कष्ट मोर अब करहु निवारण ॥
कहि प्रकार मैं करौं बड़ाई । ज्ञान बुद्धि मोहिं नहिं अधिकाई ॥
रामदास अब कहै पुकारी । करो दूर तुम विपति हमारी ॥
दोहा
त्राहि त्राहि दुःख हारिणी हरो बेगि सब त्रास ।
जयति जयति जय लक्ष्मी करो शत्रुन का नाश ॥रामदास धरि ध्यान नित विनय करत कर जोर ।
मातु लक्ष्मी दास पर करहु दया की कोर ॥॥ श्री लक्ष्मीजी की आरती ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता
तुम को निशदिन सेवत मैयाजी को निस दिन सेवत
हर विष्णु विधाता । ॐ जय लक्ष्मी माता ॥उमा रमा ब्रह्माणी, तुम ही जग माता । ओ मैया तुम ही जग माता ।
सूर्य चन्द्र माँ ध्यावत नारद ऋषि गाता, ॐ जय लक्ष्मी माता ॥दुर्गा रूप निरंजनि सुख सम्पति दाता, ओ मैया सुख सम्पति दाता ।
जो कोई तुम को ध्यावत ऋद्धि सिद्धि धन पाता, ॐ जय लक्ष्मी माता ॥तुम पाताल निवासिनि तुम ही शुभ दाता, ओ मैया तुम ही शुभ दाता ।
कर्म प्रभाव प्रकाशिनि, भव निधि की दाता, ॐ जय लक्ष्मी माता ॥जिस घर तुम रहती तहँ सब सद्गुण आता, ओ मैया सब सद्गुण आता ।
सब संभव हो जाता मन नहीं घबराता, ॐ जय लक्ष्मी माता ॥तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता, ओ मैया वस्त्र न कोई पाता ।
खान पान का वैभव सब तुम से आता, ॐ जय लक्ष्मी माता ॥शुभ गुण मंदिर सुंदर क्षीरोदधि जाता, ओ मैया क्षीरोदधि जाता ।
रत्न चतुर्दश तुम बिन कोई नहीं पाता , ॐ जय लक्ष्मी माता ॥महा लक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता, ओ मैया जो कोई जन गाता ।
उर आनंद समाता पाप उतर जाता , ॐ जय लक्ष्मी माता ॥स्थिर चर जगत बचावे कर्म प्रेम ल्याता । ओ मैया जो कोई जन गाता ।
राम प्रताप मैय्या की शुभ दृष्टि चाहता, ॐ जय लक्ष्मी माता ॥॥ इति॥
महालक्ष्मी चालीसा (Mahalakshmi Chalisa) का पाठ कैसे करें
महालक्ष्मी चालीसा (Mahalakshmi Chalisa) का पाठ करने की विधि सरल है, लेकिन इसके पाठ को श्रद्धा और ध्यान से करना आवश्यक है। सबसे पहले, भक्त को अपने घर या मंदिर में स्वच्छ स्थान पर बैठकर भगवान महालक्ष्मी की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक जलाना चाहिए। फिर, भक्त महालक्ष्मी चालीसा (Mahalakshmi Chalisa) का 11, 21, या 108 बार पाठ कर सकते हैं। चालीसा का पाठ करने से पहले हाथों को धोकर स्वच्छ करना चाहिए और अपने मन को शुद्ध करना चाहिए।
महालक्ष्मी चालीसा (Mahalakshmi Chalisa) का पाठ कब और कैसे करें
महालक्ष्मी चालीसा (Mahalakshmi Chalisa) का पाठ किसी भी समय किया जा सकता है, लेकिन विशेष रूप से शुक्रवार के दिन इसका पाठ करना अधिक शुभ माना जाता है। शुक्रवार का दिन देवी महालक्ष्मी का दिन माना जाता है, और इस दिन उनका आशीर्वाद अधिक फलदायक होता है। इसके अलावा दीपावली जैसे विशेष अवसरों पर भी महालक्ष्मी चालीसा का पाठ करने से विशेष लाभ मिलता है। ध्यान रहे कि पाठ के दौरान मन को एकाग्र करके ही पाठ करें, ताकि उसका अधिकतम लाभ प्राप्त हो सके।
महालक्ष्मी चालीसा (Mahalakshmi Chalisa) का महत्व घर में धन और समृद्धि के लिए
महालक्ष्मी चालीसा (Mahalakshmi Chalisa) का नियमित पाठ घर में धन और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करता है। यह चालीसा घर की ऋण मुक्ति, दुख और दरिद्रता को दूर करने में सहायक है। यदि कोई व्यक्ति आर्थिक परेशानियों से जूझ रहा है, तो महालक्ष्मी चालीसा का पाठ उसके लिए अत्यधिक लाभकारी हो सकता है। यह व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और उसके कार्यों में सफलता प्राप्त करने के अवसर पैदा करता है।
महालक्ष्मी चालीसा (Mahalakshmi Chalisa) और आध्यात्मिक लाभ
महालक्ष्मी चालीसा (Mahalakshmi Chalisa) का पाठ केवल धन के लिए नहीं, बल्कि आध्यात्मिक उन्नति के लिए भी महत्वपूर्ण है। इसका पाठ व्यक्ति के मन को शांति और संतुलन प्रदान करता है। यह मानसिक तनाव को कम करने और आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद करता है। चालीसा का नियमित पाठ व्यक्ति के जीवन में अध्यात्मिक दृष्टिकोण को भी मजबूत करता है।
महालक्ष्मी चालीसा (Mahalakshmi Chalisa) के श्लोक
महालक्ष्मी चालीसा (Mahalakshmi Chalisa) में कुल 40 श्लोक होते हैं, जो देवी महालक्ष्मी के विभिन्न रूपों और गुणों का वर्णन करते हैं। ये श्लोक माँ के सभी रूपों की स्तुति करते हैं, जैसे धन की देवी, धान्य की देवी, वीरता की देवी और सुख-शांति की देवी। इनमें से कुछ प्रमुख श्लोक इस प्रकार हैं:
- “जय लक्ष्मी माता, जय लक्ष्मी माता, संसार सुख सागर की तुम हो आधार।”
- “कात्यायनी महालक्ष्मी, धन-धान्य और ऐश्वर्य की देवी, तुम्हारा स्वागत है।”
महालक्ष्मी चालीसा (Mahalakshmi Chalisa) से आर्थिक स्थिति में सुधार
महालक्ष्मी चालीसा (Mahalakshmi Chalisa) का एक और प्रमुख लाभ यह है कि इससे व्यक्ति की आर्थिक स्थिति में सुधार होता है। जिन लोगों के व्यवसाय में मंदी चल रही होती है या जो किसी प्रकार की वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे होते हैं, उनके लिए यह चालीसा एक विशेष उपाय है। यह व्यक्ति के कामकाज में वृद्धि करता है और धन-संपत्ति के स्रोतों को खोलता है। नियमित पाठ से बिजनेस और व्यापार में लाभ मिलने के संकेत मिलते हैं।
महालक्ष्मी चालीसा (Mahalakshmi Chalisa) के मानसिक और शारीरिक लाभ
महालक्ष्मी चालीसा (Mahalakshmi Chalisa) का पाठ केवल आर्थिक लाभ नहीं देता, बल्कि यह मानसिक और शारीरिक लाभ भी प्रदान करता है। चालीसा के श्लोकों का उच्चारण मानसिक शांति और संतुलन बनाए रखता है। इसके अलावा, यह व्यक्ति को अपने कार्यों में अनुशासन और समर्पण की भावना भी सिखाता है। जब मन शांत होता है, तो जीवन में किसी भी समस्या का समाधान आसानी से मिल सकता है।
महालक्ष्मी चालीसा (Mahalakshmi Chalisa) का पाठ करते समय ध्यान रखने योग्य बातें
- चालीसा का पाठ पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ करें।
- पाठ के दौरान किसी भी प्रकार की दुश्चिंता और नकारात्मक विचारों को मन से निकाल दें।
- महालक्ष्मी के चित्र या मूर्ति के सामने दीपक जलाकर ही पाठ करें।
- शुक्रवार के दिन विशेष रूप से चालीसा का पाठ अधिक फलकारी होता है।
- किसी भी प्रकार के आंतरिक और बाह्य विक्षेप से बचने के लिए शांत वातावरण में बैठकर पाठ करें।
महालक्ष्मी चालीसा (Mahalakshmi Chalisa) के बाद क्या करें
चालीसा का पाठ करने के बाद भक्त को देवी महालक्ष्मी से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए एक छोटा सा पूजा अनुष्ठान भी करना चाहिए। पूजा में उनके प्रिय पुश्प, दीपक, और धूप अर्पित करना चाहिए। इसके साथ ही, दान और जरूरतमंदों की सहायता करना भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे पुण्य प्राप्त होता है और देवी महालक्ष्मी की कृपा मिलती है।
महालक्ष्मी चालीसा (Mahalakshmi Chalisa) का पाठ धन, समृद्धि, और सुख-शांति की प्राप्ति का एक सरल और प्रभावी तरीका है। यदि आप भी अपने जीवन में धन और समृद्धि की चाह रखते हैं, तो महालक्ष्मी चालीसा का नियमित पाठ करें। यह न केवल आपके घर में खुशहाली लाएगा, बल्कि आपके मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति में भी सहायक होगा। माँ महालक्ष्मी की कृपा से आपका जीवन धन और सुख से परिपूर्ण हो सकता है।
महालक्ष्मी चालीसा (Mahalakshmi Chalisa) पर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1. महालक्ष्मी चालीसा (Mahalakshmi Chalisa) क्या है?
महालक्ष्मी चालीसा (Mahalakshmi Chalisa) माँ महालक्ष्मी की स्तुति करने वाली एक धार्मिक प्रार्थना है, जिसे उनके आशीर्वाद के लिए पाठ किया जाता है। यह चालीसा आर्थिक समृद्धि, खुशहाली और मानसिक शांति प्राप्त करने में मदद करती है।
2. महालक्ष्मी चालीसा (Mahalakshmi Chalisa) का पाठ कैसे करें?
महालक्ष्मी चालीसा (Mahalakshmi Chalisa) का पाठ करते समय एक स्वच्छ स्थान पर बैठकर माँ महालक्ष्मी की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक जलाएं और चालीसा का उच्चारण श्रद्धा से करें। पाठ की संख्या 11, 21, या 108 हो सकती है।
3. महालक्ष्मी चालीसा (Mahalakshmi Chalisa) का पाठ किस दिन करना चाहिए?
शुक्रवार का दिन महालक्ष्मी के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है। इस दिन चालीसा का पाठ करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है।
4. क्या महालक्ष्मी चालीसा (Mahalakshmi Chalisa) से केवल धन मिलता है?
नहीं, महालक्ष्मी चालीसा (Mahalakshmi Chalisa) से केवल धन ही नहीं, बल्कि यह व्यक्ति को सुख-शांति, धार्मिक उन्नति, और मानसिक शांति भी प्रदान करती है।
5. क्या महालक्ष्मी चालीसा (Mahalakshmi Chalisa) का पाठ घर में करना चाहिए?
जी हां, महालक्ष्मी चालीसा (Mahalakshmi Chalisa) का पाठ घर में किया जा सकता है। यह घर में समृद्धि, खुशहाली और सकारात्मक ऊर्जा लाने में सहायक होता है।
6. क्या महालक्ष्मी चालीसा (Mahalakshmi Chalisa) का पाठ व्यापार में सफलता दिला सकता है?
हाँ, महालक्ष्मी चालीसा (Mahalakshmi Chalisa) का नियमित पाठ व्यापारियों के लिए बहुत लाभकारी होता है। यह व्यापार में उन्नति और सफलता के अवसर उत्पन्न करता है।
7. महालक्ष्मी चालीसा (Mahalakshmi Chalisa) का प्रभाव कितना समय में दिखाई देता है?
अगर चालीसा का नियमित रूप से पाठ किया जाए, तो इसके प्रभाव कुछ हफ्तों में दिखाई देने लगते हैं, खासकर आर्थिक स्थिति में सुधार।
8. क्या महालक्ष्मी चालीसा (Mahalakshmi Chalisa) का पाठ किसी विशेष दिन ही करना चाहिए?
शुक्रवार के दिन चालीसा का पाठ अधिक शुभ माना जाता है, लेकिन इसे किसी भी दिन किया जा सकता है।
9. क्या महालक्ष्मी चालीसा (Mahalakshmi Chalisa) का पाठ बिना गुरु के किया जा सकता है?
जी हां, महालक्ष्मी चालीसा (Mahalakshmi Chalisa) का पाठ बिना गुरु के भी किया जा सकता है। इसे श्रद्धा और विश्वास के साथ स्वयं किया जा सकता है।
10. क्या महालक्ष्मी चालीसा (Mahalakshmi Chalisa) का पाठ करने से मानसिक शांति मिलती है?
हां, महालक्ष्मी चालीसा (Mahalakshmi Chalisa) का पाठ मानसिक शांति और संतुलन लाने में मदद करता है। यह तनाव और चिंताओं को दूर करने में सहायक होता है।
11. महालक्ष्मी चालीसा (Mahalakshmi Chalisa) का पाठ कौन कर सकता है?
महालक्ष्मी चालीसा (Mahalakshmi Chalisa) का पाठ कोई भी व्यक्ति कर सकता है, चाहे वह युवा हो या वृद्ध, महिला हो या पुरुष। इसे सभी जातियों और वर्गों के लोग कर सकते हैं।
12. क्या महालक्ष्मी चालीसा (Mahalakshmi Chalisa) के पाठ से कोई बुराई या नकरात्मकता दूर होती है?
जी हां, महालक्ष्मी चालीसा (Mahalakshmi Chalisa) का पाठ नकरात्मक ऊर्जा और बुराई को दूर करने में मदद करता है। यह घर में सकारात्मकता और सुख लाता है।
13. क्या महालक्ष्मी चालीसा (Mahalakshmi Chalisa) का पाठ अकेले किया जा सकता है?
जी हां, महालक्ष्मी चालीसा (Mahalakshmi Chalisa) का पाठ अकेले भी किया जा सकता है। यह व्यक्तिगत साधना का एक रूप है।
14. क्या महालक्ष्मी चालीसा (Mahalakshmi Chalisa) का पाठ करने से घर में दरिद्रता समाप्त होती है?
हां, महालक्ष्मी चालीसा (Mahalakshmi Chalisa) का पाठ घर में दरिद्रता को समाप्त करने में सहायक होता है और धन-संपत्ति के स्रोत खोलता है।
15. क्या महालक्ष्मी चालीसा (Mahalakshmi Chalisa) का पाठ बिना पूजा के किया जा सकता है?
हालांकि महालक्ष्मी चालीसा (Mahalakshmi Chalisa) का पाठ पूजा के साथ करना अधिक फलकारी होता है, लेकिन इसे बिना पूजा के भी किया जा सकता है।