महालक्ष्मी अष्टकम मंत्र: (Mahalakshmi Ashtakam Mantra) संपूर्ण व्याख्या और चमत्कारी लाभ
महालक्ष्मी अष्टकम मंत्र (Mahalakshmi Ashtakam Mantra) भगवान विष्णु की अर्धांगिनी माता लक्ष्मी की स्तुति का एक प्रभावशाली मंत्र है। इस मंत्र का पाठ करने से व्यक्ति को धन, समृद्धि, सुख-शांति, और आरोग्य की प्राप्ति होती है। यह मंत्र अष्टकम यानी आठ श्लोकों में विभाजित होता है, जिसमें देवी लक्ष्मी की महिमा, स्वरूप, और कृपा का वर्णन किया गया है।
इस मंत्र का उल्लेख पद्म पुराण में मिलता है और यह मंत्र श्री लक्ष्मी नारायण को प्रसन्न करने का सबसे प्रभावी साधन माना जाता है। जो भी भक्त सच्चे मन से महालक्ष्मी अष्टकम का नियमित जाप करता है, उसकी आर्थिक परेशानियाँ समाप्त होती हैं और भाग्य प्रबल होता है।
अब आइए इस मंत्र को विस्तार से समझते हैं और जानते हैं इसके शब्दार्थ, महत्त्व, विधि और लाभ।
महालक्ष्मी अष्टकम मंत्र
(Mahalakshmi Ashtakam Mantra)
🔱 नमस्तेऽस्तु महामाये श्रीपीठे सुरपूजिते।
शङ्खचक्रगदाहस्ते महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते॥ १॥
🔱 नमस्ते गरुड़ारूढे कोलासुर भयङ्करि।
सर्वपापहरे देवि महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते॥ २॥
🔱 सर्वज्ञे सर्ववरदे सर्वदुष्टभयंकरि।
सर्वदुःखहरे देवि महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते॥ ३॥
🔱 सिद्धिबुद्धिप्रदे देवि भुक्तिमुक्तिप्रदायिनि।
मन्त्रपूते सदा देवि महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते॥ ४॥
🔱 आद्यांतरहिते देवि सर्वलोकमहेश्वरि।
योगजे योगसम्भूते महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते॥ ५॥
🔱 स्थूलसूक्ष्ममहारौद्रे महाशक्तिमहोदरे।
महापापहरे देवि महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते॥ ६॥
🔱 पद्मासनस्थिते देवि परब्रह्मस्वरूपिणि।
परमेशि जगन्मातः महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते॥ ७॥
🔱 श्वेताम्बरधरे देवि नानालंकारभूषिते।
जगत्स्थिते जगन्मातः महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते॥ ८॥
महालक्ष्मी अष्टकम मंत्र (Mahalakshmi Ashtakam Mantra) का अर्थ और व्याख्या
पहला श्लोक:
इसमें देवी लक्ष्मी को महामाया कहा गया है, जो समस्त संसार का संचालन करती हैं। वे श्रीपीठ (वैभव और ऐश्वर्य का स्थान) में निवास करती हैं और शंख, चक्र, गदा धारण करती हैं।
दूसरा श्लोक:
महालक्ष्मी गरुड़ पर विराजमान हैं और कोलासुर राक्षस का संहार करने वाली हैं। वे सभी पापों को नष्ट कर देती हैं और अपने भक्तों को अभय प्रदान करती हैं।
तीसरा श्लोक:
महालक्ष्मी सर्वज्ञ हैं, वे सभी को वरदान देने वाली और दुष्टों का नाश करने वाली देवी हैं। उनका स्मरण करने से सभी दुःख समाप्त हो जाते हैं।
चौथा श्लोक:
महालक्ष्मी सिद्धि और बुद्धि प्रदान करती हैं। वे मोक्ष और भौतिक सुख देने वाली हैं। उनके मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति को मानसिक और आध्यात्मिक बल प्राप्त होता है।
पांचवां श्लोक:
महालक्ष्मी आदि और अंत से रहित हैं, वे सम्पूर्ण विश्व की अधिष्ठात्री देवी हैं। वे योगियों की शक्ति का मूल स्रोत हैं।
छठा श्लोक:
महालक्ष्मी स्थूल और सूक्ष्म दोनों रूपों में व्याप्त हैं। वे महाशक्ति और महापापों का नाश करने वाली हैं।
सातवां श्लोक:
महालक्ष्मी पद्मासन पर विराजमान हैं और वे परब्रह्म स्वरूप हैं। वे संपूर्ण जगत की माता हैं।
आठवां श्लोक:
महालक्ष्मी श्वेत वस्त्र धारण करती हैं और अनेक आभूषणों से सुसज्जित हैं। वे समस्त संसार का पोषण करने वाली माँ हैं।
महालक्ष्मी अष्टकम मंत्र (Mahalakshmi Ashtakam Mantra) के लाभ
- धन और समृद्धि: इस मंत्र का नियमित जाप करने से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
- सभी प्रकार के संकट दूर होते हैं: यह मंत्र व्यक्ति के जीवन से दुःख, कष्ट और दरिद्रता को समाप्त करता है।
- मन की शांति मिलती है: इससे मानसिक तनाव कम होता है और मन में आत्मविश्वास बढ़ता है।
- कर्मों में सुधार होता है: यह मंत्र व्यक्ति के कर्मों को सात्विक और शुभ बनाता है।
- वास्तु दोष और नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है: इसे पढ़ने से घर में शुद्धता और सकारात्मकता आती है।
- व्यापार और नौकरी में सफलता: जो लोग अपने व्यवसाय या नौकरी में तरक्की चाहते हैं, उन्हें यह मंत्र रोज़ पढ़ना चाहिए।
- रोग और दुर्भाग्य दूर होते हैं: महालक्ष्मी की कृपा से स्वास्थ्य अच्छा रहता है और दुर्भाग्य समाप्त होता है।
महालक्ष्मी अष्टकम मंत्र (Mahalakshmi Ashtakam Mantra) जाप की विधि
- स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- शुद्ध घी का दीपक जलाएं और माँ लक्ष्मी की प्रतिमा के सामने बैठें।
- श्री महालक्ष्मी अष्टकम का श्रद्धा और ध्यानपूर्वक जाप करें।
- जाप के बाद देवी को प्रसाद अर्पित करें और हाथ जोड़कर प्रार्थना करें।
- इस मंत्र का जाप रोज़ या विशेष रूप से शुक्रवार को करें।
कब और कैसे करें इस मंत्र का जाप?
- शुक्रवार को इस मंत्र का जाप करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
- दिवाली और अक्षय तृतीया पर इसका पाठ करने से विशेष फल मिलता है।
- इस मंत्र को कमल के फूल, चावल और सफेद मिठाई के साथ अर्पण करना चाहिए।
- 108 बार जाप करने से अत्यंत शुभ फल प्राप्त होते हैं।
महालक्ष्मी अष्टकम मंत्र (Mahalakshmi Ashtakam Mantra) न केवल धन-संपत्ति और ऐश्वर्य प्रदान करता है, बल्कि यह आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग भी खोलता है। यदि आप जीवन में आर्थिक तंगी, मानसिक अशांति या दुर्भाग्य से जूझ रहे हैं, तो इस मंत्र का नियमित जाप करें। माता लक्ष्मी की कृपा से आपके जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता निश्चित रूप से आएगी।
महालक्ष्मी अष्टकम मंत्र (Mahalakshmi Ashtakam Mantra) से जुड़े महत्वपूर्ण FAQs
1. महालक्ष्मी अष्टकम मंत्र (Mahalakshmi Ashtakam Mantra) क्या है?
महालक्ष्मी अष्टकम मंत्र (Mahalakshmi Ashtakam Mantra) एक अष्टकम (आठ श्लोकों) वाला स्तोत्र है, जिसमें देवी लक्ष्मी की महिमा, स्वरूप और कृपा का वर्णन किया गया है। इसे पढ़ने से धन, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
2. महालक्ष्मी अष्टकम मंत्र (Mahalakshmi Ashtakam Mantra) का स्रोत क्या है?
यह मंत्र पद्म पुराण में वर्णित है और इसे श्री लक्ष्मी नारायण की कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है।
3. महालक्ष्मी अष्टकम मंत्र (Mahalakshmi Ashtakam Mantra) का जाप कब करना चाहिए?
इसका जाप प्रतिदिन सुबह या संध्या को किया जा सकता है, लेकिन शुक्रवार और दिवाली के दिन इसे पढ़ना सबसे शुभ माना जाता है।
4. इस मंत्र को कितनी बार जपना चाहिए?
सर्वश्रेष्ठ परिणाम के लिए इस मंत्र का 108 बार जप किया जाता है। यदि समय कम हो तो 3, 7 या 11 बार जप करना भी लाभकारी होता है।
5. क्या महालक्ष्मी अष्टकम का जाप करने से धन प्राप्ति होती है?
हाँ, यह मंत्र आर्थिक समृद्धि, व्यापार में वृद्धि और करियर में सफलता दिलाने में सहायक है।
6. इस मंत्र का जाप कैसे करें?
स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें, श्री लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र के सामने घी का दीपक जलाएं और पूरी श्रद्धा से मंत्र का जाप करें।
7. क्या महालक्ष्मी अष्टकम मंत्र (Mahalakshmi Ashtakam Mantra) से वास्तु दोष दूर हो सकता है?
हाँ, इस मंत्र का जाप करने से घर या व्यापार स्थान से नकारात्मक ऊर्जा और वास्तु दोष समाप्त होते हैं।
8. क्या इस मंत्र को किसी विशेष समय में पढ़ना चाहिए?
सुबह ब्रह्म मुहूर्त (4-6 AM) और संध्या के समय सूर्यास्त के बाद इस मंत्र का जाप करना विशेष फलदायी होता है।
9. क्या इस मंत्र का जाप केवल शुक्रवार को करना चाहिए?
नहीं, इस मंत्र को किसी भी दिन पढ़ा जा सकता है, लेकिन शुक्रवार और दिवाली पर इसका विशेष फल मिलता है।
10. क्या महालक्ष्मी अष्टकम केवल धन प्राप्ति के लिए किया जाता है?
नहीं, यह मंत्र आध्यात्मिक शांति, स्वास्थ्य, सुख और सफलता भी प्रदान करता है।
11. इस मंत्र को किस प्रकार का व्यक्ति जप सकता है?
कोई भी व्यक्ति, स्त्री या पुरुष, किसी भी उम्र में श्रद्धा और विश्वास के साथ इस मंत्र का जाप कर सकता है।
12. क्या इस मंत्र का जाप करने से ऋण मुक्ति संभव है?
हाँ, यदि कोई व्यक्ति आर्थिक तंगी और कर्ज से परेशान है तो इस मंत्र का नियमित जाप करने से ऋण मुक्ति मिल सकती है।
13. क्या इस मंत्र को गुप्त रूप से पढ़ना चाहिए?
नहीं, इसे घर, मंदिर या पूजा स्थान पर खुलकर पढ़ सकते हैं। यदि किसी स्थान पर शांति न हो तो मन ही मन जप कर सकते हैं।
14. क्या इस मंत्र का जाप करने से वैवाहिक जीवन में सुख बढ़ता है?
हाँ, इस मंत्र के प्रभाव से दांपत्य जीवन में सुख-शांति बनी रहती है और मनमुटाव समाप्त होते हैं।
15. क्या इस मंत्र को जपने से देवी लक्ष्मी साक्षात् दर्शन देती हैं?
यदि कोई व्यक्ति निरंतर श्रद्धा और विश्वास से इस मंत्र का जाप करता है, तो देवी लक्ष्मी की कृपा से उसे दिव्य अनुभूतियाँ और धन-समृद्धि प्राप्त हो सकती है।