नवरात्रि में नवग्रह (Navagraha) शांति पूजा: घर बैठे पाएं ग्रहों की कृपा और संकटों से मुक्ति!

Soma
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नवरात्रि में नवग्रह (Navagraha) शांति पूजा: घर बैठे पाएं ग्रहों की कृपा और संकटों से मुक्ति!


नवरात्रि में नवग्रह (Navagraha) शांति पूजा: घर बैठे पाएं ग्रहों की कृपा और संकटों से मुक्ति!

नवरात्रि में कैसे करें घर पर नवग्रह (Navagraha) शांति पूजा?

नवरात्रि एक पवित्र हिन्दू पर्व है, जिसमें मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की उपासना की जाती है। इस दौरान कई लोग नवग्रह (Navagraha) शांति पूजा भी करते हैं ताकि उनकी कुंडली में मौजूद ग्रह दोष शांत हो सकें और सुख-समृद्धि प्राप्त हो। यह पूजा घर पर ही आसानी से की जा सकती है, बशर्ते कि सही विधि अपनाई जाए। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि घर पर नवग्रह शांति पूजा कैसे करें, किन चीजों की आवश्यकता होती है और इसका क्या महत्व है।

Contents

नवग्रह (Navagraha) शांति पूजा का महत्व

नवग्रह (Navagraha) (सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु, केतु) हमारे जीवन को प्रभावित करते हैं। यदि ये ग्रह अशुभ स्थिति में होते हैं, तो व्यक्ति को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। नवग्रह शांति पूजा करने से ग्रहों की अशुभता कम होती है, जीवन में शांति, सुख और समृद्धि आती है। यह पूजा विशेष रूप से नवरात्रि में करने से अधिक शुभ फल देती है, क्योंकि इस दौरान सकारात्मक ऊर्जा अत्यधिक सक्रिय रहती है।

पूजा के लिए आवश्यक सामग्री

घर पर नवग्रह शांति पूजा करने के लिए आपको निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होगी:

  • कलश, पंचपात्र, तांबे या पीतल का दीपक
  • गंगाजल, कुमकुम, हल्दी, अक्षत (चावल), सफेद कपड़ा
  • नवग्रहों के मंत्रों की पुस्तक या मंत्र लिखे हुए कागज
  • सात्विक फल, मिठाई, पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, चीनी)
  • नौ प्रकार के अनाज और फूल
  • दुर्गा सप्तशती या नवग्रह स्तोत्र

नवग्रह (Navagraha) शांति पूजा की विधि

1. पूजा स्थल की शुद्धि

सबसे पहले, घर के किसी शांत स्थान पर एक साफ जगह चुनें और वहां गंगाजल का छिड़काव करें। पूजा स्थल को साफ-सुथरा और सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर बनाएं।

2. कलश स्थापन

एक तांबे या मिट्टी के कलश में गंगाजल भरकर उसमें पान का पत्ता, सुपारी और कुछ चावल डालें। इसके ऊपर एक नारियल रखें और कलश को लाल कपड़े से ढक दें।

3. दीप प्रज्वलन और संकल्प

दीपक जलाएं और भगवान का ध्यान करते हुए संकल्प लें कि आप नवग्रहों की शांति के लिए यह पूजा कर रहे हैं।

4. नवग्रहों की स्थापना

पूजा स्थल पर नवग्रहों के प्रतीक स्वरूप 9 सुपारियां रखें। आप चाहें तो नवग्रहों की मूर्तियां भी रख सकते हैं।

5. नवग्रहों का पूजन

अब नवग्रहों को अक्षत, फूल, कुमकुम और जल अर्पित करें। प्रत्येक ग्रह के लिए उस ग्रह का विशेष मंत्र पढ़ें।

नवग्रहों के मंत्र और पूजा विधि

1. सूर्य ग्रह (सकारात्मक ऊर्जा और आत्मविश्वास)

मंत्र: ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः


सूर्य के लिए गुड़, तांबा और लाल फूल अर्पित करें।

2. चंद्र ग्रह (मन की शांति और मानसिक संतुलन)

मंत्र: ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्राय नमः


चंद्रमा के लिए सफेद फूल, चावल और दूध अर्पित करें।

3. मंगल ग्रह (साहस और बल)

मंत्र: ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः


मंगल के लिए गुड़, मसूर दाल और लाल चंदन चढ़ाएं।

4. बुध ग्रह (बुद्धि और व्यापारिक सफलता)

मंत्र: ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः


बुध के लिए हरे मूंग, पान और हरे वस्त्र चढ़ाएं।

5. गुरु ग्रह (ज्ञान और समृद्धि)

मंत्र: ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः


गुरु के लिए हल्दी, चने की दाल और पीले फूल चढ़ाएं।

6. शुक्र ग्रह (प्रेम और वैवाहिक सुख)

मंत्र: ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः


शुक्र के लिए चंदन, सफेद वस्त्र और मिश्री अर्पित करें।

7. शनि ग्रह (धैर्य और न्याय)

मंत्र: ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः


शनि के लिए तेल, काला तिल और लोहे की वस्तु अर्पित करें।

8. राहु ग्रह (नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति)

मंत्र: ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः


राहु के लिए नीले फूल, उड़द दाल और नीले कपड़े चढ़ाएं।

9. केतु ग्रह (आध्यात्मिक उन्नति और संकट से मुक्ति)

मंत्र: ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः केतवे नमः


केतु के लिए कपूर, कंबल और गुड़ अर्पित करें।

हवन (यदि संभव हो तो करें)

अगर संभव हो, तो नवग्रह शांति के लिए हवन करें। प्रत्येक ग्रह के मंत्र का 108 बार जाप करें और घी, तिल, चावल, और नवग्रह संबंधी विशेष सामग्री से आहुति दें।

भोग और आरती

पूजा के अंत में पंचामृत और फल अर्पित करें। दुर्गा माता और नवग्रहों की आरती करें, फिर प्रसाद ग्रहण करें।

पूजा के बाद क्या करें?

  • पूजा समाप्त होने के बाद दान-पुण्य करें, विशेषकर गरीबों को भोजन और वस्त्र दान करें।
  • नवग्रहों की कृपा प्राप्त करने के लिए रोज कम से कम एक बार मंत्र जाप करें।
  • घर में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने के लिए सात्विक भोजन करें और अच्छे विचार रखें।
नवरात्रि में नवग्रह (Navagraha) शांति पूजा: घर बैठे पाएं ग्रहों की कृपा और संकटों से मुक्ति!
नवरात्रि में नवग्रह (Navagraha) शांति पूजा: घर बैठे पाएं ग्रहों की कृपा और संकटों से मुक्ति!

नवग्रह शांति पूजा करने से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं और ग्रहों की कृपा प्राप्त होती है। नवरात्रि के शुभ अवसर पर यह पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है। यदि आपके जीवन में किसी भी प्रकार की ग्रह बाधा है, तो इस पूजा को विधिपूर्वक करें और अपने जीवन को सुख-समृद्धि से भर दें।


नवरात्रि में घर पर नवग्रह (Navagraha) शांति पूजा से जुड़े महत्वपूर्ण सवाल-जवाब

1. नवग्रह (Navagraha) शांति पूजा क्या है?

नवग्रह शांति पूजा एक विशेष पूजा है जो सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु को प्रसन्न करने के लिए की जाती है। इससे जीवन में शांति, समृद्धि और सुख की प्राप्ति होती है।

2. नवरात्रि में नवग्रह (Navagraha) शांति पूजा क्यों की जाती है?

नवरात्रि एक पवित्र और ऊर्जावान समय होता है, जब ग्रहों की ऊर्जा को सकारात्मक रूप से संतुलित किया जा सकता है। इस दौरान पूजा करने से ग्रह दोष दूर होते हैं और देवी दुर्गा की कृपा भी प्राप्त होती है।

3. नवग्रह (Navagraha) शांति पूजा करने का सही समय क्या है?

पूजा का सबसे शुभ समय ब्राह्ममुहूर्त (सुबह 4-6 बजे) या अभिजीत मुहूर्त (दोपहर 12 बजे के आसपास) होता है। यदि संभव न हो, तो दिन में किसी भी शुभ मुहूर्त में पूजा कर सकते हैं।

4. क्या यह पूजा घर पर की जा सकती है?

हाँ, यह पूजा घर पर आसानी से की जा सकती है। इसके लिए सही विधि, मंत्रों का उच्चारण और पूजा सामग्री का होना आवश्यक है।

5. नवग्रह (Navagraha) शांति पूजा के लिए कौन-कौन सी सामग्री चाहिए?

गंगाजल, दीपक, कुमकुम, हल्दी, अक्षत, सुपारी, नवग्रहों के मंत्र, फूल, फल, नौ प्रकार के अनाज और पंचामृत आदि आवश्यक होते हैं।

6. नवग्रह (Navagraha) शांति पूजा कितने दिन करनी चाहिए?

अगर कोई विशेष ग्रह दोष है, तो 9 दिन तक पूजा करना शुभ होता है। सामान्य रूप से 1 दिन की पूजा भी फलदायी होती है।

7. नवग्रहों की कृपा पाने के लिए कौन से मंत्र का जाप करना चाहिए?

हर ग्रह के लिए एक विशेष मंत्र होता है, जैसे कि सूर्य के लिए “ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः” और चंद्र के लिए “ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्राय नमः”

8. क्या हवन करना आवश्यक है?

हवन अनिवार्य नहीं है, लेकिन यदि संभव हो तो इसे करने से ग्रहों की शांति जल्दी मिलती है। हवन में घी, तिल, चावल और नवग्रहों की विशेष सामग्री से आहुति दी जाती है।

9. नवग्रह (Navagraha) शांति पूजा के बाद क्या करना चाहिए?

पूजा के बाद गरीबों को दान, जरूरतमंदों को भोजन और नवग्रहों से संबंधित वस्त्र या अनाज का दान करना शुभ माना जाता है।

10. क्या नवग्रहों की पूजा बिना पंडित के कर सकते हैं?

हाँ, यदि आप पूजा विधि और मंत्रों का सही ज्ञान रखते हैं, तो बिना पंडित के भी यह पूजा कर सकते हैं।

11. कौन-कौन से लोग नवग्रह (Navagraha) शांति पूजा कर सकते हैं?

जो भी व्यक्ति ग्रह दोष, जीवन में बाधाएं, स्वास्थ्य समस्याएं, आर्थिक तंगी या अन्य कष्ट झेल रहा है, उसे यह पूजा करनी चाहिए।

12. नवग्रह शांति पूजा करने से क्या लाभ होते हैं?

  • ग्रह दोषों का निवारण होता है।
  • मानसिक और शारीरिक शांति मिलती है।
  • आर्थिक संकट और कार्य में बाधाएं दूर होती हैं।
  • सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

13. पूजा में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

  • पूजा स्थल को शुद्ध और पवित्र रखें।
  • पूजा के दौरान शुद्ध मन से मंत्रों का जाप करें।
  • ग्रहों के अनुसार सही वस्तुएं अर्पित करें।

14. नवग्रहों की पूजा में कौन से रंग के कपड़े पहनने चाहिए?

  • सूर्य: लाल
  • चंद्र: सफेद
  • मंगल: लाल
  • बुध: हरा
  • गुरु: पीला
  • शुक्र: सफेद
  • शनि: काला या नीला
  • राहु: नीला
  • केतु: ग्रे या काला

15. क्या यह पूजा किसी भी दिन की जा सकती है?

हाँ, लेकिन यदि आप विशेष ग्रह दोष शांति चाहते हैं, तो उस ग्रह के लिए संबंधित वार को चुनना शुभ होता है। उदाहरण के लिए, शनिवार को शनि पूजा, मंगलवार को मंगल पूजा करना अधिक प्रभावी होता है।


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