नवरात्रि में देवी (Goddess) के 9 स्वरूपों की पूजा के नियम! सही विधि जानें और पाएं मनचाहा वरदान

Soma
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नवरात्रि में देवी (Goddess) के 9 स्वरूपों की पूजा के नियम! सही विधि जानें और पाएं मनचाहा वरदान


नवरात्रि में देवी (Goddess) के 9 स्वरूपों की पूजा के नियम! सही विधि जानें और पाएं मनचाहा वरदान

नवरात्रि में देवी (Goddess) के हर स्वरूप की आराधना के नियम

नवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसमें माँ दुर्गा के नौ रूपों की उपासना की जाती है। यह त्योहार भक्तों की आस्था, साधना और शक्ति उपासना का प्रतीक है। नवरात्रि में सही विधि और नियम के अनुसार देवी की आराधना करने से मनचाही सिद्धियां और आशीर्वाद प्राप्त होते हैं। इस लेख में हम हर दिन की पूजा विधि, भोग, मंत्र और नियमों को विस्तार से समझेंगे।

Contents

1. पहले दिन – शैलपुत्री माता की आराधना

नवरात्रि का पहला दिन माँ शैलपुत्री को समर्पित होता है। इनका वाहन नंदी बैल है और ये त्रिशूल व कमल धारण करती हैं।

🔸 पूजा विधि:

  • प्रातः स्नान कर लाल या पीले वस्त्र पहनें।
  • माँ शैलपुत्री की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
  • गंगा जल से स्नान कराकर फूल अर्पित करें।
  • सिंदूर, चंदन, धूप, दीप, और नैवेद्य अर्पित करें।
  • ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः मंत्र का 108 बार जाप करें।
  • भोग में शुद्ध घी से बनी मिठाई चढ़ाएं।

🔹 नियम:

  • इस दिन सात्विक आहार लें।
  • ब्रह्मचर्य का पालन करें और क्रोध से बचें।
  • मन को शांत और पवित्र रखें।

2. दूसरे दिन – ब्रह्मचारिणी माता की पूजा विधि

माँ ब्रह्मचारिणी तपस्या और साधना की देवी हैं। ये रुद्राक्ष की माला और कमंडलु धारण करती हैं।

🔸 पूजा विधि:

  • सफेद वस्त्र पहनें और माँ को गंगाजल, दूध और दही से स्नान कराएं।
  • सुगंधित पुष्प और सफेद चंदन अर्पित करें।
  • ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः मंत्र का जाप करें।
  • भोग में गुड़ और दूध से बनी मिठाई चढ़ाएं।

🔹 नियम:

  • इस दिन निर्जल व्रत रखने से विशेष फल मिलता है।
  • मन, वचन और कर्म से पवित्र रहें।
  • माता का ध्यान और मंत्र जाप करें।

3. तीसरे दिन – चंद्रघंटा माता की पूजा विधि

माँ चंद्रघंटा शक्ति और साहस की प्रतीक हैं। इनके मस्तक पर चंद्रमा स्थित होता है।

🔸 पूजा विधि:

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वर्ण रंग के वस्त्र पहनें।
  • माँ को गंगाजल और केसर मिले दूध से स्नान कराएं।
  • सुगंधित फूल और कुमकुम चढ़ाएं।
  • ॐ देवी चंद्रघंटायै नमः मंत्र का जाप करें।
  • भोग में खीर या दूध से बनी मिठाई चढ़ाएं।

🔹 नियम:

  • इस दिन क्रोध और अहंकार से बचें
  • व्रत का पालन करें और मन को शांत रखें।

4. चौथे दिन – कुष्मांडा माता की पूजा विधि

माँ कुष्मांडा सूर्य की शक्ति से जगत को प्रकाशित करने वाली देवी हैं।

🔸 पूजा विधि:

  • हरे रंग के वस्त्र पहनें।
  • माँ को मालपुआ या शहद से स्नान कराएं।
  • ॐ देवी कुष्मांडायै नमः मंत्र का जाप करें।
  • भोग में मालपुआ या सफेद मिठाई चढ़ाएं।

🔹 नियम:

  • इस दिन संतुलित आहार लें।
  • आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए माता का ध्यान करें।

5. पांचवे दिन – स्कंदमाता की पूजा विधि

माँ स्कंदमाता प्रेम और मातृत्व की देवी हैं। ये भगवान कार्तिकेय की माता हैं।

🔸 पूजा विधि:

  • पीले वस्त्र धारण करें।
  • माँ को केसर मिश्रित जल से स्नान कराएं।
  • ॐ देवी स्कंदमातायै नमः मंत्र का जाप करें।
  • भोग में केले या पीले फल चढ़ाएं।

🔹 नियम:

  • इस दिन वाणी में मधुरता रखें
  • माता की कृपा से संतान सुख प्राप्त होता है।

6. छठे दिन – कात्यायनी माता की पूजा विधि

माँ कात्यायनी रक्तवर्ण की होती हैं और सिंह पर सवार रहती हैं

🔸 पूजा विधि:

  • लाल रंग के वस्त्र पहनें।
  • माता को गुलाब जल और शहद से स्नान कराएं।
  • ॐ देवी कात्यायन्यै नमः मंत्र का जाप करें।
  • भोग में शहद या गुड़ से बनी मिठाई चढ़ाएं।

🔹 नियम:

  • इस दिन शत्रु नाश की प्रार्थना करें।
  • मन में कोई बुरा विचार न आने दें।

7. सातवें दिन – कालरात्रि माता की पूजा विधि

माँ कालरात्रि रुद्र रूप और अंधकार का नाश करने वाली देवी हैं।

🔸 पूजा विधि:

  • काले या नीले वस्त्र पहनें।
  • माता को गंगाजल, पंचामृत और इत्र से स्नान कराएं।
  • ॐ देवी कालरात्र्यै नमः मंत्र का जाप करें।
  • भोग में गुड़ और नारियल चढ़ाएं।

🔹 नियम:

  • इस दिन असत्य और अन्याय का विरोध करें।
  • मन को भयमुक्त रखें।

8. आठवें दिन – महागौरी माता की पूजा विधि

माँ महागौरी श्वेत रंग की होती हैं और इनका वाहन बैल है।

🔸 पूजा विधि:

  • सफेद वस्त्र धारण करें।
  • माता को कच्चे दूध और गंगाजल से स्नान कराएं।
  • ॐ देवी महागौर्यै नमः मंत्र का जाप करें।
  • भोग में खीर या मिश्री चढ़ाएं।

🔹 नियम:

  • इस दिन निर्जला व्रत करने से विशेष लाभ होता है।

9. नवें दिन – सिद्धिदात्री माता की पूजा विधि

माँ सिद्धिदात्री आठों सिद्धियों की दात्री हैं।

🔸 पूजा विधि:

  • बैंगनी या लाल वस्त्र पहनें।
  • माता को सुगंधित जल से स्नान कराएं।
  • ॐ देवी सिद्धिदात्र्यै नमः मंत्र का जाप करें।
  • भोग में नारियल और हलवा चढ़ाएं।

🔹 नियम:

  • इस दिन दान-पुण्य करें
  • ब्राह्मणों को भोजन कराएं।
नवरात्रि में देवी (Goddess) के 9 स्वरूपों की पूजा के नियम! सही विधि जानें और पाएं मनचाहा वरदान
नवरात्रि में देवी (Goddess) के 9 स्वरूपों की पूजा के नियम! सही विधि जानें और पाएं मनचाहा वरदान

नवरात्रि का हर दिन विशेष होता है और देवी के हर स्वरूप की पूजा करने से अलग-अलग आशीर्वाद प्राप्त होते हैं। सही नियम और विधि से पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है

नवरात्रि में देवी (Goddess) के हर स्वरूप की आराधना के नियम – FAQs

1. नवरात्रि में कुल कितने देवी (Goddess) स्वरूपों की पूजा होती है?

नवरात्रि में माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती है, जिन्हें नवदुर्गा कहा जाता है।

2. नवरात्रि में देवी (Goddess) की पूजा का सही समय क्या होता है?

पूजा का सबसे शुभ समय ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4-6 बजे) और संध्या समय (शाम 6-8 बजे) होता है।

3. क्या नवरात्रि में व्रत रखना अनिवार्य होता है?

नहीं, यह अनिवार्य नहीं है, लेकिन व्रत रखने से मानसिक और आध्यात्मिक शुद्धि प्राप्त होती है।

4. नवरात्रि में किन-किन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए?

प्याज, लहसुन, मांस, शराब, तामसिक भोजन और अन्न (कुछ उपवासों में) से परहेज करना चाहिए।

5. हर दिन कौन से रंग के वस्त्र पहनने चाहिए?

हर दिन एक विशेष रंग शुभ माना जाता है, जैसे पहले दिन लाल, दूसरे दिन सफेद, तीसरे दिन नीला, आदि।

6. देवी (Goddess) की पूजा में कौन-कौन से मंत्र जाप करना चाहिए?

हर दिन संबंधित देवी का मंत्र जैसे “ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः”, “ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः”, आदि का जाप करना चाहिए।

7. नवरात्रि में कन्या पूजन क्यों किया जाता है?

कन्या पूजन से देवी प्रसन्न होती हैं और भक्तों को समृद्धि, सुख और आशीर्वाद देती हैं।

8. कौन-सा भोग किस देवी (Goddess) को अर्पित करना चाहिए?

  • पहले दिन – घी
  • दूसरे दिन – गुड़
  • तीसरे दिन – दूध
  • चौथे दिन – मालपुआ
  • पांचवें दिन – केले
  • छठे दिन – शहद
  • सातवें दिन – गुड़
  • आठवें दिन – नारियल
  • नवें दिन – हलवा

9. नवरात्रि में कलश स्थापना का महत्व क्या है?

कलश शुभता, समृद्धि और देवी की ऊर्जा का प्रतीक है, जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।

10. क्या नवरात्रि में हवन करना जरूरी है?

हवन अनिवार्य नहीं है, लेकिन हवन करने से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं और वातावरण पवित्र होता है।

11. क्या नवरात्रि में बाल कटवाना और नाखून काटना वर्जित है?

हाँ, नवरात्रि में बाल और नाखून काटना अशुभ माना जाता है, इसलिए इससे बचना चाहिए।

12. क्या नवरात्रि में नींबू-मिर्च टांग सकते हैं?

नवरात्रि में नींबू-मिर्च को नजर दोष से बचाव के लिए उपयोग किया जाता है, लेकिन पूजा स्थल पर नहीं रखना चाहिए।

13. नवरात्रि में कौन सा दान करना शुभ होता है?

नवरात्रि में लाल वस्त्र, फल, मिठाई, अनाज और गाय को चारा दान करने से देवी की कृपा प्राप्त होती है।

14. क्या नवरात्रि में यात्रा करना ठीक होता है?

संभव हो तो नवरात्रि के दौरान यात्रा से बचें, क्योंकि इस समय ध्यान और साधना का विशेष महत्व होता है।

15. नवरात्रि के बाद व्रत कैसे खोलना चाहिए?

व्रत कन्या पूजन और हवन करने के बाद फलाहार या सात्विक भोजन से खोलना चाहिए।

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