कामदा एकादशी (Kamada Ekadashi) 2024: इस व्रत से दूर होंगे सारे पाप, जानें शुभ मुहूर्त, महत्व और कथा!

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कामदा एकादशी (Kamada Ekadashi) 2024: इस व्रत से दूर होंगे सारे पाप, जानें शुभ मुहूर्त, महत्व और कथा!


कामदा एकादशी (Kamada Ekadashi) 2024: इस व्रत से दूर होंगे सारे पाप, जानें शुभ मुहूर्त, महत्व और कथा!


कामदा एकादशी (Kamada Ekadashi) (8 अप्रैल 2024): व्रत की संपूर्ण जानकारी

कामदा एकादशी (Kamada Ekadashi) हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है। यह चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को आती है और इस वर्ष 8 अप्रैल 2024 को मनाई जाएगी। मान्यता है कि इस व्रत को रखने से सभी प्रकार के पाप नष्ट होते हैं और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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कामदा एकादशी (Kamada Ekadashi) 2024: इस व्रत से दूर होंगे सारे पाप, जानें शुभ मुहूर्त, महत्व और कथा!कामदा एकादशी (Kamada Ekadashi) (8 अप्रैल 2024): व्रत की संपूर्ण जानकारीकामदा एकादशी (Kamada Ekadashi) का महत्वकामदा एकादशी (Kamada Ekadashi) की व्रत विधिकामदा एकादशी (Kamada Ekadashi) की कथाकामदा एकादशी (Kamada Ekadashi) का शुभ मुहूर्त 2024कामदा एकादशी (Kamada Ekadashi) का व्रत रखने के फायदेकामदा एकादशी (Kamada Ekadashi) पर क्या करें और क्या न करें?कामदा एकादशी (Kamada Ekadashi) 2024:महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर1. कामदा एकादशी (Kamada Ekadashi) कब है?2. कामदा एकादशी (Kamada Ekadashi) का क्या महत्व है?3. कामदा एकादशी (Kamada Ekadashi) किस भगवान को समर्पित है?4. कामदा एकादशी (Kamada Ekadashi) व्रत की क्या विधि है?5. कामदा एकादशी (Kamada Ekadashi) व्रत में क्या खा सकते हैं?6. कामदा एकादशी (Kamada Ekadashi) व्रत में क्या नहीं खाना चाहिए?7. कामदा एकादशी (Kamada Ekadashi) की व्रत कथा क्या है?8. कामदा एकादशी (Kamada Ekadashi) का पारण कब करना चाहिए?9. क्या इस व्रत को बिना जल के रखा जा सकता है?10. क्या गर्भवती महिलाएं कामदा एकादशी (Kamada Ekadashi) का व्रत रख सकती हैं?11. क्या बच्चे और बुजुर्ग इस व्रत को रख सकते हैं?12. कामदा एकादशी पर कौन से मंत्र का जाप करना चाहिए?13. क्या इस व्रत से संतान प्राप्ति में लाभ होता है?14. क्या कामदा एकादशी के दिन दान करना आवश्यक है?15. अगर कोई इस व्रत को नहीं कर सकता, तो क्या उपाय करें?

यह एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित होती है और इसे करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत कथा सुनने से मनुष्य के सभी दुख दूर होते हैं। इस लेख में हम आपको कामदा एकादशी के व्रत, विधि, कथा, महत्व और शुभ मुहूर्त के बारे में संपूर्ण जानकारी देंगे।


कामदा एकादशी (Kamada Ekadashi) का महत्व

कामदा एकादशी का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो भी व्यक्ति इस दिन सच्चे मन से व्रत करता है और भगवान विष्णु की पूजा करता है, उसे सभी पापों से मुक्ति मिलती है।

पुराणों के अनुसार, इस एकादशी का व्रत करने से मनुष्य को पिछले जन्मों के दोषों से भी छुटकारा मिल सकता है। इसके अलावा, इस व्रत को करने से संतान सुख, धन, ऐश्वर्य और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। यह एकादशी उन लोगों के लिए भी बहुत लाभकारी होती है जो किसी मानसिक या शारीरिक कष्ट से गुजर रहे हैं।

भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को बताया था कि इस एकादशी का पालन करने से स्वर्ग लोक में स्थान मिलता है। इसलिए भक्त इस दिन विशेष रूप से विष्णु सहस्रनाम और भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करते हैं।


कामदा एकादशी (Kamada Ekadashi) की व्रत विधि

इस दिन विधिपूर्वक व्रत करने से अत्यंत पुण्य की प्राप्ति होती है। व्रत करने की विधि इस प्रकार है:

  1. ब्राह्म मुहूर्त में उठें और स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें।
  2. भगवान विष्णु का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें।
  3. घर के पूजा स्थल को साफ करें और वहां भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
  4. पीले फूल, तुलसी दल और फल चढ़ाकर भगवान विष्णु की पूजा करें।
  5. व्रत कथा का पाठ करें और विष्णु सहस्रनाम का जाप करें।
  6. दिनभर निर्जला व्रत रखें या फलाहार करें।
  7. शाम को आरती करें और जरूरतमंदों को अन्न-दान करें।
  8. अगले दिन पारण (व्रत तोड़ना) सूर्योदय के बाद करें।

कामदा एकादशी (Kamada Ekadashi) की कथा

कामदा एकादशी से जुड़ी एक प्रसिद्ध कथा है, जो हमें इस व्रत के महत्व को समझाती है।

प्राचीन काल में नागलोक में पुण्डरीक नामक एक राजा राज करता था। उसके दरबार में ललिता और उसका पति ललित नामक गंधर्व दंपत्ति थे। दोनों एक-दूसरे से अत्यधिक प्रेम करते थे। एक दिन जब ललित दरबार में गाने में व्यस्त था, तब वह अपनी पत्नी ललिता का ध्यान करने लगा। यह देखकर राजा ने उसे शाप देकर राक्षस बना दिया

ललिता बहुत दुखी हुई और अपने पति को फिर से गंधर्व रूप में लाने के लिए ऋषि शृंगी के पास गई। ऋषि ने उसे कामदा एकादशी व्रत करने की सलाह दी। ललिता ने इस व्रत का पालन किया और भगवान विष्णु से प्रार्थना की। भगवान विष्णु ने उसकी भक्ति से प्रसन्न होकर उसके पति को शाप से मुक्त कर दिया।

इस कथा से हमें यह शिक्षा मिलती है कि कामदा एकादशी का व्रत हर प्रकार के कष्टों से मुक्ति दिलाने वाला होता है


कामदा एकादशी (Kamada Ekadashi) का शुभ मुहूर्त 2024

इस वर्ष कामदा एकादशी का व्रत 8 अप्रैल 2024 को रखा जाएगा। शुभ मुहूर्त इस प्रकार है:

  • एकादशी तिथि प्रारंभ: 7 अप्रैल 2024, शाम 04:15 बजे
  • एकादशी तिथि समाप्त: 8 अप्रैल 2024, दोपहर 05:30 बजे
  • पारण (व्रत तोड़ने का समय): 9 अप्रैल 2024, सुबह 06:00 से 08:30 बजे तक

कामदा एकादशी (Kamada Ekadashi) का व्रत रखने के फायदे

कामदा एकादशी व्रत करने से कई प्रकार के लाभ होते हैं:

  1. पापों से मुक्ति: यह व्रत पिछले और इस जन्म के सभी पापों को नष्ट करता है।
  2. मनोकामना पूर्ति: जो भी व्यक्ति सच्चे मन से इस व्रत को करता है, उसकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।
  3. स्वास्थ्य लाभ: यह व्रत करने से मानसिक और शारीरिक रोग दूर होते हैं।
  4. वैवाहिक जीवन में सुख: विवाहित दंपत्तियों के लिए यह व्रत विशेष लाभकारी माना जाता है।
  5. आध्यात्मिक उन्नति: यह व्रत आत्मा की शुद्धि करता है और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करता है।
कामदा एकादशी (Kamada Ekadashi) 2024: इस व्रत से दूर होंगे सारे पाप, जानें शुभ मुहूर्त, महत्व और कथा!
कामदा एकादशी (Kamada Ekadashi) 2024: इस व्रत से दूर होंगे सारे पाप, जानें शुभ मुहूर्त, महत्व और कथा!

कामदा एकादशी (Kamada Ekadashi) पर क्या करें और क्या न करें?

करें:
✔ भगवान विष्णु की पूजा करें और ओम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें।
✔ दान-पुण्य करें और जरूरतमंदों की सहायता करें।
✔ व्रत कथा पढ़ें और भजन-कीर्तन करें।
✔ सात्विक आहार लें और संयम का पालन करें।

न करें:
❌ झूठ न बोलें और किसी का अपमान न करें।
❌ मांस-मदिरा का सेवन न करें।
❌ क्रोध और बुरे विचारों से बचें।
❌ तामसिक भोजन और अधिक सोने से बचें।


कामदा एकादशी का व्रत अत्यंत पुण्यदायी और फलदायक माना जाता है। यह व्रत करने से जीवन की सभी परेशानियां समाप्त होती हैं और व्यक्ति को धार्मिक, मानसिक और शारीरिक शुद्धि मिलती है।

भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए इस एकादशी पर उपवास रखें, पूजा-अर्चना करें और दान-पुण्य करें। इससे आपको सभी संकटों से मुक्ति और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होगी।


कामदा एकादशी (Kamada Ekadashi) 2024:महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर


1. कामदा एकादशी (Kamada Ekadashi) कब है?

उत्तर: कामदा एकादशी इस वर्ष 8 अप्रैल 2024, सोमवार को मनाई जाएगी।


2. कामदा एकादशी (Kamada Ekadashi) का क्या महत्व है?

उत्तर: इस एकादशी का व्रत करने से पापों का नाश होता है, जीवन में सुख-समृद्धि आती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।


3. कामदा एकादशी (Kamada Ekadashi) किस भगवान को समर्पित है?

उत्तर: यह एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन श्रीहरि की पूजा करने से विशेष फल मिलता है।


4. कामदा एकादशी (Kamada Ekadashi) व्रत की क्या विधि है?

उत्तर:

  1. सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  2. भगवान विष्णु की पूजा करें और व्रत का संकल्प लें।
  3. पूरे दिन फलाहार या निर्जला व्रत रखें।
  4. रात में भजन-कीर्तन करें और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
  5. अगले दिन प्रातः पारण करें।

5. कामदा एकादशी (Kamada Ekadashi) व्रत में क्या खा सकते हैं?

उत्तर: फल, दूध, मेवे, साबूदाना, सिंघाड़े का आटा, कुट्टू का आटा और सेंधा नमक का सेवन किया जा सकता है।


6. कामदा एकादशी (Kamada Ekadashi) व्रत में क्या नहीं खाना चाहिए?

उत्तर: इस दिन अनाज, मसूर दाल, प्याज, लहसुन, मांस, शराब और तामसिक भोजन का सेवन वर्जित है।


7. कामदा एकादशी (Kamada Ekadashi) की व्रत कथा क्या है?

उत्तर: इस व्रत की कथा के अनुसार, एक गंधर्व ललित को राजा ने शाप देकर राक्षस बना दिया था। उसकी पत्नी ललिता ने कामदा एकादशी का व्रत रखा, जिससे भगवान विष्णु प्रसन्न हुए और उसके पति को पुनः गंधर्व बना दिया।


8. कामदा एकादशी (Kamada Ekadashi) का पारण कब करना चाहिए?

उत्तर: पारण 9 अप्रैल 2024 को सुबह 06:00 से 08:30 बजे के बीच करना शुभ रहेगा।


9. क्या इस व्रत को बिना जल के रखा जा सकता है?

उत्तर: हां, जो लोग सक्षम हैं, वे निर्जला व्रत रख सकते हैं। लेकिन यदि स्वास्थ्य कारणों से संभव न हो तो फलाहार लिया जा सकता है।


10. क्या गर्भवती महिलाएं कामदा एकादशी (Kamada Ekadashi) का व्रत रख सकती हैं?

उत्तर: हां, लेकिन वे हल्का सात्विक भोजन कर सकती हैं और पूरा उपवास न रखें। स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए व्रत करें।


11. क्या बच्चे और बुजुर्ग इस व्रत को रख सकते हैं?

उत्तर: यदि स्वास्थ्य अनुमति देता है, तो बुजुर्ग और बच्चे भी फलाहार व्रत रख सकते हैं। निर्जला व्रत की बाध्यता नहीं है।


12. कामदा एकादशी पर कौन से मंत्र का जाप करना चाहिए?

उत्तर: इस दिन “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करना अत्यंत फलदायी माना जाता है।


13. क्या इस व्रत से संतान प्राप्ति में लाभ होता है?

उत्तर: हां, यह व्रत संतान सुख की प्राप्ति और संतान की लंबी उम्र के लिए शुभ माना जाता है।


14. क्या कामदा एकादशी के दिन दान करना आवश्यक है?

उत्तर: हां, इस दिन अन्न, वस्त्र, धन और जल का दान करना अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है।


15. अगर कोई इस व्रत को नहीं कर सकता, तो क्या उपाय करें?

उत्तर: जो लोग व्रत नहीं रख सकते, वे भगवान विष्णु की पूजा, कथा श्रवण और दान-पुण्य कर सकते हैं। इससे भी पुण्य प्राप्त होगा।


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