गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa)भगवान गणपति की आराधना से जीवन में आएगी सुख-समृद्धि

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गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa)भगवान गणपति की आराधना से जीवन में आएगी सुख-समृद्धि

गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) भगवान गणपति की आराधना से जीवन में आएगी सुख-समृद्धि

गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa),भगवान गणपति की आराधना का एक अत्यंत प्रभावशाली तरीका है, जो न केवल आपके जीवन में सुख और समृद्धि लाने का माध्यम है, बल्कि मानसिक शांति और आत्मविश्वास को भी बढ़ाता है। गणेश चालीसा में कुल चालीस छंद होते हैं, जो भगवान गणेश के गुणों, शक्तियों और उनके भव्य रूप का वर्णन करते हैं। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता और ज्ञान के देवता के रूप में पूजा जाता है। इस लेख में हम गणेश चालीसा के महत्व, इसे पढ़ने के लाभ और इसे किस प्रकार से सही तरीके से अर्चना में शामिल किया जा सकता है, पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

Contents
गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) भगवान गणपति की आराधना से जीवन में आएगी सुख-समृद्धिगणेश चालीसा (Ganesh Chalisa)गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) से जुड़ी सामान्य प्रश्न (FAQs)1. गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) क्या है?2. गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) का पाठ क्यों करना चाहिए?3. गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) का इतिहास क्या है?4. गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) का पाठ कब करना चाहिए?5. क्या गणेश चालीसा का पाठ 108 बार करना चाहिए?6.गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) के पाठ से क्या लाभ होता है?7. क्या गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) का पाठ बच्चों को करना चाहिए?8. गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) का अर्थ क्या है?9. क्या गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) का पाठ मानसिक शांति देता है?10. गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) में कुल कितने श्लोक होते हैं?11. गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) का पाठ जीवन में कैसे बदलाव लाता है?12. क्या व्यापार में सफलता के लिए गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) का पाठ करना चाहिए?13. क्या गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) का पाठ परिवार के सभी सदस्य कर सकते हैं?14. क्या गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) का पाठ नियमित रूप से करना चाहिए?15. क्या गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) के पाठ से स्वास्थ्य लाभ होता है?

गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) का महत्व:

गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) का पाठ करने से व्यक्ति को जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता मिलती है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है, जो किसी प्रकार की मुसीबत या विघ्न का सामना कर रहे होते हैं। भगवान गणेश के प्रति श्रद्धा और भक्ति के द्वारा मानसिक तनाव को दूर किया जा सकता है। यह चालीसा न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह मनुष्य की आंतरिक शक्ति को भी जागृत करता है, जिससे वह अपने जीवन के कष्टों से उबर सकता है।

गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa)

गणेश चालीसा
(Ganesh Chalisa)

॥ दोहा ॥


जय गणपति सदगुण सदन,
कविवर बदन कृपाल ।
विघ्न हरण मंगल करण,
जय जय गिरिजालाल ॥


॥ चौपाई ॥


जय जय जय गणपति गणराजू ।
मंगल भरण करण शुभः काजू ॥

जै गजबदन सदन सुखदाता ।
विश्व विनायका बुद्धि विधाता ॥

वक्र तुण्ड शुची शुण्ड सुहावना ।
तिलक त्रिपुण्ड भाल मन भावन ॥

राजत मणि मुक्तन उर माला ।
स्वर्ण मुकुट शिर नयन विशाला ॥

पुस्तक पाणि कुठार त्रिशूलं ।
मोदक भोग सुगन्धित फूलं ॥

सुन्दर पीताम्बर तन साजित ।
चरण पादुका मुनि मन राजित ॥

धनि शिव सुवन षडानन भ्राता ।
गौरी लालन विश्व-विख्याता ॥

ऋद्धि-सिद्धि तव चंवर सुधारे ।
मुषक वाहन सोहत द्वारे ॥

कहौ जन्म शुभ कथा तुम्हारी ।
अति शुची पावन मंगलकारी ॥

एक समय गिरिराज कुमारी ।
पुत्र हेतु तप कीन्हा भारी ॥ 10 ॥

भयो यज्ञ जब पूर्ण अनूपा ।
तब पहुंच्यो तुम धरी द्विज रूपा ॥

अतिथि जानी के गौरी सुखारी ।
बहुविधि सेवा करी तुम्हारी ॥

अति प्रसन्न हवै तुम वर दीन्हा ।
मातु पुत्र हित जो तप कीन्हा ॥

मिलहि पुत्र तुहि, बुद्धि विशाला ।
बिना गर्भ धारण यहि काला ॥

गणनायक गुण ज्ञान निधाना ।
पूजित प्रथम रूप भगवाना ॥

अस कही अन्तर्धान रूप हवै ।
पालना पर बालक स्वरूप हवै ॥

बनि शिशु रुदन जबहिं तुम ठाना ।
लखि मुख सुख नहिं गौरी समाना ॥

सकल मगन, सुखमंगल गावहिं ।
नाभ ते सुरन, सुमन वर्षावहिं ॥

शम्भु, उमा, बहुदान लुटावहिं ।
सुर मुनिजन, सुत देखन आवहिं ॥

लखि अति आनन्द मंगल साजा ।
देखन भी आये शनि राजा ॥ 20 ॥

निज अवगुण गुनि शनि मन माहीं ।
बालक, देखन चाहत नाहीं ॥

गिरिजा कछु मन भेद बढायो ।
उत्सव मोर, न शनि तुही भायो ॥

कहत लगे शनि, मन सकुचाई ।
का करिहौ, शिशु मोहि दिखाई ॥

नहिं विश्वास, उमा उर भयऊ ।
शनि सों बालक देखन कहयऊ ॥

पदतहिं शनि दृग कोण प्रकाशा ।
बालक सिर उड़ि गयो अकाशा ॥

गिरिजा गिरी विकल हवै धरणी ।
सो दुःख दशा गयो नहीं वरणी ॥

हाहाकार मच्यौ कैलाशा ।
शनि कीन्हों लखि सुत को नाशा ॥

तुरत गरुड़ चढ़ि विष्णु सिधायो ।
काटी चक्र सो गज सिर लाये ॥

बालक के धड़ ऊपर धारयो ।
प्राण मन्त्र पढ़ि शंकर डारयो ॥

नाम गणेश शम्भु तब कीन्हे ।
प्रथम पूज्य बुद्धि निधि, वर दीन्हे ॥ 30 ॥

बुद्धि परीक्षा जब शिव कीन्हा ।
पृथ्वी कर प्रदक्षिणा लीन्हा ॥

चले षडानन, भरमि भुलाई ।
रचे बैठ तुम बुद्धि उपाई ॥

चरण मातु-पितु के धर लीन्हें ।
तिनके सात प्रदक्षिण कीन्हें ॥

धनि गणेश कही शिव हिये हरषे ।
नभ ते सुरन सुमन बहु बरसे ॥

तुम्हरी महिमा बुद्धि बड़ाई ।
शेष सहसमुख सके न गाई ॥

मैं मतिहीन मलीन दुखारी ।
करहूं कौन विधि विनय तुम्हारी ॥

भजत रामसुन्दर प्रभुदासा ।
जग प्रयाग, ककरा, दुर्वासा ॥

अब प्रभु दया दीना पर कीजै ।
अपनी शक्ति भक्ति कुछ दीजै ॥ 38 ॥

॥ दोहा ॥


श्री गणेश यह चालीसा,
पाठ करै कर ध्यान ।
नित नव मंगल गृह बसै,
लहे जगत सन्मान ॥

सम्बन्ध अपने सहस्त्र दश,
ऋषि पंचमी दिनेश ।
पूरण चालीसा भयो,
मंगल मूर्ती गणेश ॥

गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa)भगवान गणपति की आराधना से जीवन में आएगी सुख-समृद्धि
गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa)भगवान गणपति की आराधना से जीवन में आएगी सुख-समृद्धि!

गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) का इतिहास:

गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) के लेखक श्री तुलसीदास हैं, जो एक महान संत और कवि थे। उन्होंने इस चालीसा को भगवान गणेश की पूजा और आराधना के लिए रचित किया था। इस चालीसा में भगवान गणेश की महिमा का गुणगान किया गया है और उनके विभिन्न रूपों का भी उल्लेख किया गया है। गणेश चालीसा के पाठ से व्यक्ति के जीवन में भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जो उसे हर विघ्न और समस्या से उबारता है।

गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) के लाभ:

  1. विघ्नों का नाश: गणेश चालीसा का नियमित पाठ किसी भी प्रकार के विघ्न और बाधाओं को दूर करता है। जीवन में आने वाली मुसीबतों से छुटकारा पाने के लिए यह अत्यधिक प्रभावी है।
  2. सफलता की प्राप्ति: यह चालीसा व्यक्ति को उसके कर्मों में सफलता प्रदान करने का माध्यम है। भगवान गणेश के आशीर्वाद से किसी भी कार्य में सफलता की संभावना बढ़ जाती है।
  3. मानसिक शांति: गणेश चालीसा का नियमित पाठ मानसिक शांति और संतुलन प्रदान करता है, जो जीवन की दौड़-धूप और तनाव से निपटने में मदद करता है।
  4. आध्यात्मिक उन्नति: भगवान गणेश की आराधना से आत्मज्ञान की प्राप्ति होती है और व्यक्ति का आध्यात्मिक स्तर ऊँचा उठता है।

गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) का पाठ कैसे करें?

गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) का पाठ करने के लिए सबसे पहले अपने मन को शांति की स्थिति में लाकर भगवान गणेश की प्रतिमा के सामने बैठें। फिर, पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ चालीसा का पाठ शुरू करें। यह पाठ सुबह और शाम में किया जा सकता है, लेकिन सुबह का समय विशेष रूप से शुभ होता है। गणेश चालीसा का पाठ अगर 108 बार किया जाए तो उसका प्रभाव अधिक होता है।

गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) के छंदों का अर्थ:

गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) के प्रत्येक छंद का एक विशेष अर्थ है, जो भगवान गणेश के गुणों को दर्शाता है।

पहला छंद भगवान गणेश की महिमा का बखान करता है, जिसमें कहा गया है कि वह विघ्नों को दूर करने वाले और जीवन को समृद्ध करने वाले हैं। उनका आशीर्वाद प्राप्त करने से जीवन में खुशियाँ और सफलता आती है।

दूसरे छंद में भगवान गणेश के रूप और उनके गुणों का वर्णन है, जैसे उनके हाथों में पाश, अंकुश और मोदक का होना। इन सब प्रतीकों का गहरा आध्यात्मिक अर्थ है।

गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) का प्रभाव जीवन पर:

गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) का नियमित पाठ जीवन में कई प्रकार के सुधार लाता है। इससे जीवन में संतुलन और मानसिक शांति बनी रहती है। इसके प्रभाव से धन, दया, ज्ञान और समृद्धि में वृद्ध‍ि होती है। जो लोग बार-बार विघ्नों का सामना कर रहे होते हैं, उन्हें गणेश चालीसा के पाठ से उनके कष्टों का समाधान मिलता है।

गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) से संबंधित कुछ विशेष बातें:

  1. यदि कोई व्यक्ति मनोवांछित फल प्राप्त करना चाहता है, तो उसे भगवान गणेश की विशेष पूजा करनी चाहिए और गणेश चालीसा का पाठ अपने जीवन में नियमित रूप से करना चाहिए।
  2. विद्यार्थी और छात्रगणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) का पाठ करके अपनी पढ़ाई में मनोबल बढ़ा सकते हैं और परीक्षा में सफलता पा सकते हैं।
  3. व्यापारियों को अपने व्यापार में वृद्धि के लिए भी गणेश चालीसा का पाठ करना चाहिए, क्योंकि भगवान गणेश व्यापार में वृद्धि और समृद्धि देने वाले माने जाते हैं।

गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) न केवल भगवान गणेश की पूजा का एक तरीका है, बल्कि यह एक शक्तिशाली साधना भी है, जिससे व्यक्ति अपने जीवन में सफलता, समृद्धि और सुख प्राप्त कर सकता है। गणेश चालीसा का पाठ करने से मनुष्य की मानसिक स्थिति बेहतर होती है और उसे हर प्रकार की विघ्न से मुक्ति मिलती है। यदि आप भी अपने जीवन में सुख और शांति की तलाश कर रहे हैं, तो गणेश चालीसा का नियमित पाठ करें और भगवान गणेश के आशीर्वाद से अपने जीवन को सफल और समृद्ध बनाएं।

गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) से जुड़ी सामान्य प्रश्न (FAQs)

1. गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) क्या है?

गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) भगवान गणेश की पूजा का एक तरीका है, जिसमें 40 श्लोक होते हैं, जो भगवान गणेश के गुणों और शक्तियों का बखान करते हैं।

2. गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) का पाठ क्यों करना चाहिए?

गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) का पाठ विघ्नों को दूर करता है, जीवन में सुख और समृद्धि लाता है, और मानसिक शांति प्राप्त करने में मदद करता है।

3. गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) का इतिहास क्या है?

गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) का रचनाकार श्री तुलसीदास जी थे, जिन्होंने इसे भगवान गणेश की महिमा का बखान करते हुए लिखा था।

4. गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) का पाठ कब करना चाहिए?

गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) का पाठ सुबह और शाम किया जा सकता है, लेकिन सुबह का समय विशेष रूप से शुभ माना जाता है।

5. क्या गणेश चालीसा का पाठ 108 बार करना चाहिए?

जी हां,गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) का 108 बार पाठ करने से उसका प्रभाव अधिक होता है, क्योंकि यह संख्या विशेष रूप से पवित्र मानी जाती है।

6.गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) के पाठ से क्या लाभ होता है?

गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) का पाठ मानसिक शांति, समृद्धि, सफलता और विघ्नों से मुक्ति दिलाता है। यह जीवन में सकारात्मक बदलाव लाता है।

7. क्या गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) का पाठ बच्चों को करना चाहिए?

जी हां, बच्चों को गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) का पाठ करना चाहिए, इससे उनके जीवन में अच्छे संस्कार और सफलता की प्राप्ति होती है।

8. गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) का अर्थ क्या है?

गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) भगवान गणेश की महिमा और उनके गुणों का विस्तृत रूप से वर्णन करती है। प्रत्येक श्लोक भगवान गणेश के रूप, शक्तियों और आशीर्वाद को दर्शाता है।

9. क्या गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) का पाठ मानसिक शांति देता है?

हां,गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) का पाठ मानसिक शांति, संतुलन और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है, जिससे तनाव और चिंता दूर होती है।

10. गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) में कुल कितने श्लोक होते हैं?

गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) में कुल 40 श्लोक होते हैं, जो भगवान गणेश की महिमा का बखान करते हैं।

11. गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) का पाठ जीवन में कैसे बदलाव लाता है?

गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) का पाठ जीवन में खुशहाली, सफलता, और विघ्नों से मुक्ति लाता है। यह व्यक्ति के जीवन को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ाता है।

12. क्या व्यापार में सफलता के लिए गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) का पाठ करना चाहिए?

जी हां, व्यापारियों को गणेश चालीसा का पाठ करने से व्यापार में वृद्धि और समृद्धि मिलती है। भगवान गणेश को समृद्धि और शुभता का देवता माना जाता है।

13. क्या गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) का पाठ परिवार के सभी सदस्य कर सकते हैं?

जी हां, गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) का पाठ परिवार के सभी सदस्य मिलकर कर सकते हैं। इससे पूरे परिवार को भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

14. क्या गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) का पाठ नियमित रूप से करना चाहिए?

जी हां,गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) का नियमित पाठ करने से विघ्नों और समस्याओं से मुक्ति मिलती है, और जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है।

15. क्या गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) के पाठ से स्वास्थ्य लाभ होता है?

गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa)का पाठ मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में भी लाभकारी होता है। इससे तनाव कम होता है और आत्मविश्वास बढ़ता है, जो शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा है।

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