वरद चतुर्थी 2025: (Varad Chaturthi) क्यों है यह गणेश जी की कृपा पाने का खास दिन?

Soma
10 Min Read
वरद चतुर्थी 2025: (Varad Chaturthi) क्यों है यह गणेश जी की कृपा पाने का खास दिन?

वरद चतुर्थी 2025: (Varad Chaturthi) क्यों है यह गणेश जी की कृपा पाने का खास दिन?

वरद चतुर्थी (Varad Chaturthi) (1 अप्रैल) – महत्व, पूजा विधि और लाभ

वरद चतुर्थी (Varad Chaturthi) का महत्व

वरद चतुर्थी (Varad Chaturthi) को गणेश चतुर्थी भी कहा जाता है और यह भगवान गणेश जी को समर्पित एक महत्वपूर्ण व्रत है। यह चतुर्थी वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को आती है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा और व्रत करने से व्यक्ति को मनचाहा वरदान प्राप्त होता है। इसलिए इसे “वरद” (वरदान देने वाली) चतुर्थी कहा जाता है।

Contents

भगवान गणेश को विघ्नहर्ता और बुद्धि के देवता माना जाता है। यह व्रत विशेष रूप से संकटों को दूर करने, सुख-समृद्धि बढ़ाने और कार्यों में सफलता पाने के लिए किया जाता है। हिंदू धर्म में गणेश जी की पूजा के बिना कोई भी शुभ कार्य पूरा नहीं होता। इसीलिए वरद चतुर्थी का विशेष महत्व है।

जो व्यक्ति इस दिन सच्चे मन से व्रत करता है और गणेश जी की आराधना करता है, उसे सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है और उसका जीवन सुखमय बनता है। खासतौर पर विद्यार्थियों और व्यापारियों के लिए यह दिन अत्यंत शुभ माना जाता है।


वरद चतुर्थी (Varad Chaturthi) की पौराणिक कथा

पुराणों के अनुसार, एक बार देवताओं और असुरों के बीच भयंकर युद्ध हुआ। देवता युद्ध में हारने लगे और उन्होंने भगवान शिव से सहायता मांगी। तब भगवान शिव ने कहा कि गणेश जी की उपासना करने से सभी संकट समाप्त हो सकते हैं

देवताओं ने भगवान गणेश की कठोर आराधना और व्रत किया। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर गणेश जी प्रकट हुए और वरदान दिया कि जो भी वरद चतुर्थी का व्रत करेगा, उसके जीवन से सभी संकट दूर होंगे। गणेश जी के इस आशीर्वाद से देवताओं को युद्ध में विजय प्राप्त हुई।

एक अन्य कथा के अनुसार, एक गरीब ब्राह्मण के पास धन-संपत्ति नहीं थी। उसने वरद चतुर्थी का व्रत किया और गणेश जी की पूजा की। कुछ समय बाद उसे अपार धन और सुख-समृद्धि प्राप्त हुई। इस प्रकार, यह व्रत हर व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है।


वरद चतुर्थी (Varad Chaturthi) की पूजा विधि

वरद चतुर्थी के दिन विशेष पूजा विधि का पालन करने से भगवान गणेश जल्दी प्रसन्न होते हैं।

  1. स्नान कर साफ वस्त्र पहनें और मन को शुद्ध करें।
  2. गणेश प्रतिमा को लकड़ी की चौकी पर स्थापित करें।
  3. गणपति को अक्षत, चंदन, दूर्वा (घास), मोदक और पुष्प अर्पित करें
  4. गणेश मंत्र – “ॐ गण गणपतये नमः” का जाप करें।
  5. गणेश जी की आरती करें और उनसे संकट निवारण, सुख और समृद्धि का आशीर्वाद मांगें।
  6. व्रत करने वाले को दिनभर निर्जल या फलाहार उपवास रखना चाहिए।
  7. रात को चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत का समापन करें।

यदि कोई व्यक्ति इस दिन व्रत नहीं कर सकता, तो केवल गणेश जी की पूजा, आरती और मंत्र जाप करने से भी लाभ प्राप्त कर सकता है


वरद चतुर्थी (Varad Chaturthi) के व्रत के लाभ

वरद चतुर्थी व्रत करने से कई प्रकार के लाभ होते हैं:

  1. संकटों का नाश – यह व्रत करने से जीवन के सभी प्रकार के कष्ट और बाधाएं दूर होती हैं।
  2. धन-संपत्ति में वृद्धि – व्यापारियों के लिए यह दिन अत्यंत शुभ होता है।
  3. विद्या और बुद्धि का विकास – विद्यार्थियों को पढ़ाई में सफलता मिलती है।
  4. वैवाहिक जीवन सुखी बनता है – दांपत्य जीवन में प्रेम और सामंजस्य बढ़ता है।
  5. बीमारियों से मुक्ति – इस व्रत के प्रभाव से स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  6. मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं – जो भी व्यक्ति सच्चे मन से यह व्रत करता है, उसकी इच्छाएं पूरी होती हैं।

जो लोग नौकरी, व्यापार, शिक्षा या जीवन के किसी भी क्षेत्र में संघर्ष कर रहे हैं, उन्हें यह व्रत अवश्य करना चाहिए।


वरद चतुर्थी (Varad Chaturthi) पर क्या करें और क्या न करें?

इस शुभ दिन पर कुछ महत्वपूर्ण नियमों का पालन करना आवश्यक होता है।

क्या करें?

  • प्रातः जल्दी उठकर गंगा जल से स्नान करें
  • पूरे दिन गणेश जी के मंत्रों का जाप करें
  • गणेश चालीसा और संकटनाशक स्तोत्र का पाठ करें।
  • दान-पुण्य करें, विशेषकर गरीबों को भोजन कराएं।

क्या न करें?

  • इस दिन मांस-मदिरा का सेवन न करें।
  • गणेश जी की पूजा के बाद दूध और तुलसी पत्ते का सेवन न करें
  • झूठ, निंदा और बुरी संगत से दूर रहें।
  • व्रत के दौरान क्रोध और बुरे विचारों से बचें।
वरद चतुर्थी 2025: (Varad Chaturthi) क्यों है यह गणेश जी की कृपा पाने का खास दिन?
वरद चतुर्थी 2025: (Varad Chaturthi) क्यों है यह गणेश जी की कृपा पाने का खास दिन! ?

इन नियमों का पालन करने से गणेश जी की कृपा जल्दी प्राप्त होती है


वरद चतुर्थी (Varad Chaturthi) और गणेश चतुर्थी में अंतर

कई लोग वरद चतुर्थी और गणेश चतुर्थी को एक ही समझ लेते हैं, लेकिन दोनों में कुछ अंतर है।

  • गणेश चतुर्थी (भाद्रपद मास में) भगवान गणेश के जन्म उत्सव के रूप में मनाई जाती है।
  • वरद चतुर्थी (वैशाख मास में) गणेश जी की विशेष कृपा प्राप्ति के लिए की जाती है।
  • गणेश चतुर्थी पर गणपति स्थापना और विसर्जन होता है, जबकि वरद चतुर्थी पर केवल व्रत और पूजन किया जाता है।
  • गणेश चतुर्थी पर पूरे 10 दिन तक उत्सव चलता है, जबकि वरद चतुर्थी एक दिन का व्रत है।

हालांकि, दोनों ही तिथियां गणपति जी की पूजा के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती हैं


वरद चतुर्थी (Varad Chaturthi) (1 अप्रैल 2025) भगवान गणेश की कृपा पाने का एक शक्तिशाली दिन है। इस दिन व्रत और पूजा करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं, और व्यक्ति को सुख-समृद्धि, बुद्धि और सफलता प्राप्त होती है।

वरद चतुर्थी 2025: (Varad Chaturthi) क्यों है यह गणेश जी की कृपा पाने का खास दिन?

1. वरद चतुर्थी (Varad Chaturthi) क्या है?

वरद चतुर्थी भगवान गणेश जी को समर्पित एक पवित्र व्रत है, जिसे वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है।

2. वरद चतुर्थी (Varad Chaturthi) का क्या महत्व है?

इस दिन गणेश जी की पूजा और व्रत करने से व्यक्ति को मनचाहा वरदान मिलता है, सभी संकटों का नाश होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

3. वरद चतुर्थी 2025 (Varad Chaturthi) में कब है?

वरद चतुर्थी 1 अप्रैल 2025 (सोमवार) को मनाई जाएगी।

4. वरद चतुर्थी (Varad Chaturthi) की पूजा कैसे करें?

स्नान के बाद गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें, उन्हें अक्षत, फूल, चंदन, मोदक और दूर्वा अर्पित करें, गणेश मंत्रों का जाप करें और आरती करें

5. वरद चतुर्थी (Varad Chaturthi) का व्रत कैसे रखा जाता है?

इस दिन निर्जल या फलाहार व्रत रखा जाता है और रात को चंद्र दर्शन के बाद व्रत खोला जाता है।

6. वरद चतुर्थी पर कौन-से मंत्र जपने चाहिए?

ॐ गण गणपतये नमः” और “गणेशाय नमः” मंत्र का जाप करना शुभ माना जाता है।

7. वरद चतुर्थी की पौराणिक कथा क्या है?

इस दिन गणेश जी ने देवताओं की रक्षा के लिए वरदान दिया था कि जो भी इस दिन व्रत करेगा, उसके सभी संकट दूर होंगे।

8. वरद चतुर्थी पर कौन-कौन से नियम पालन करने चाहिए?

इस दिन सात्विक भोजन करें, गणेश जी की आराधना करें, झूठ न बोलें और दान-पुण्य करें

9. वरद चतुर्थी पर क्या नहीं करना चाहिए?

मांस-मदिरा का सेवन, क्रोध, झूठ बोलना, बुरी संगत और तुलसी का सेवन वर्जित है।

10. क्या वरद चतुर्थी और गणेश चतुर्थी एक ही हैं?

नहीं, गणेश चतुर्थी भाद्रपद मास में आती है और गणेश जन्मोत्सव है, जबकि वरद चतुर्थी वैशाख मास में होती है और विशेष रूप से वरदान प्राप्ति के लिए की जाती है।

11. वरद चतुर्थी व्रत कौन कर सकता है?

यह सभी उम्र और वर्गों के लोग कर सकते हैं, विशेष रूप से विद्यार्थी, व्यापारी और नौकरीपेशा लोगों के लिए यह व्रत लाभकारी है।

12. वरद चतुर्थी का शुभ मुहूर्त क्या है?

व्रत का शुभ समय चतुर्थी तिथि के सूर्योदय से चंद्र दर्शन तक रहता है।

13. वरद चतुर्थी पर क्या दान करना चाहिए?

गाय को चारा, ब्राह्मणों को भोजन, गरीबों को वस्त्र और दूर्वा घास का दान शुभ माना जाता है।

14. वरद चतुर्थी के लाभ क्या हैं?

इस व्रत से संकट दूर होते हैं, बुद्धि और ज्ञान की वृद्धि होती है, धन और सुख-समृद्धि मिलती है और हर कार्य में सफलता प्राप्त होती है।

15. यदि कोई वरद चतुर्थी का व्रत न रख सके तो क्या करे?

अगर व्रत न रख सकें तो गणेश जी की पूजा, आरती और मंत्र जाप करने से भी लाभ मिलता है।

Share This Article
Follow:
Soma is a versatile content creator with a unique expertise spanning the divine, the cosmic, and the fortuitous. For over five years, she has been a guiding voice for readers, offering insightful daily Rashifal (Vedic Horoscopes) and deep dives into the rich mythology and teachings of Hindu Gods. Simultaneously, she has established herself as a reliable and accurate source for millions by reporting the winning numbers for major Indian Lottery Results, including Lottery Sambad, Kerala State Lottery, and Punjab State Lottery. Soma's unique blend of spiritual wisdom and practical information makes her a trusted and multifaceted authority in her field.
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *