अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) 2025: इस दिन करें ये खास पूजा, खुल जाएंगे सुख-समृद्धि के द्वार!

11 Min Read
अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) 2025: इस दिन करें ये खास पूजा, खुल जाएंगे सुख-समृद्धि के द्वार!अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) 2025: इस दिन करें ये खास पूजा, खुल जाएंगे सुख-समृद्धि के द्वार!

अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) 2025: इस दिन करें ये खास पूजा, खुल जाएंगे सुख-समृद्धि के द्वार!


अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) 2025: पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व

अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) हिंदू धर्म का एक बेहद पवित्र और शुभ त्योहार है। इसे ‘अक्ति’ या ‘अखातीज’ भी कहा जाता है। यह तिथि वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाई जाती है। इस दिन का महत्व इतना अधिक है कि इसे अबूझ मुहूर्त कहा गया है, यानी इस दिन कोई भी शुभ कार्य बिना पंचांग देखे किया जा सकता है।

Contents

अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) 2025 की तारीख और शुभ मुहूर्त

अक्षय तृतीया 2025 में यह पर्व 1 मई 2025, गुरुवार को मनाया जाएगा। पंचांग के अनुसार, शुभ कार्यों के लिए यह दिन अत्यंत उपयुक्त होता है।

  • तृतीया तिथि प्रारंभ: 30 अप्रैल 2025 को रात 03:45 बजे
  • तृतीया तिथि समाप्त: 1 मई 2025 को रात 05:00 बजे
  • पूजा का सबसे शुभ मुहूर्त: सुबह 05:45 बजे से दोपहर 12:15 बजे तक

इस दिन सोना खरीदना, नया व्यापार शुरू करना, शादी-ब्याह, मकान खरीदना, आदि बेहद शुभ माना जाता है।

अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) का अर्थ और महत्व

अक्षय‘ शब्द का अर्थ है – जो कभी क्षय (नाश) न हो। और ‘तृतीया‘ यानी हिंदू माह की तीसरी तिथि। इस दिन किए गए दान-पुण्य, पूजा-पाठ और जप-तप का फल अक्षय यानी सदा बना रहने वाला होता है।

इस दिन को धर्म, पुण्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, जो व्यक्ति इस दिन सच्चे मन से पूजा करता है, उसे जीवन में कभी भी धन, सुख और समृद्धि की कमी नहीं होती

पौराणिक मान्यताएँ

अक्षय तृतीया से जुड़ी कई पौराणिक कथाएँ हैं:

  1. त्रेता युग का आरंभ इसी दिन हुआ था।
  2. परशुराम जी का जन्म इसी दिन हुआ था।
  3. गंगा जी का धरती पर आगमन भी इसी तिथि को हुआ था।
  4. द्रौपदी को श्रीकृष्ण द्वारा अक्षय पात्र देना, जिससे कभी भोजन की कमी नहीं हुई।
  5. सत्य नारायण व्रत का भी आरंभ इसी दिन से माना जाता है।

इन सभी घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि यह दिन बहुत ही शुभ और दिव्य है।

अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) की पूजा विधि

इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए। गंगा स्नान का भी विशेष महत्व होता है। इसके बाद शुद्ध वस्त्र पहनकर घर के मंदिर की सफाई करें और पूजा की तैयारी करें।

  • भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करें
  • उन्हें पीले फूल, चने की दाल, तुलसी, और केले अर्पित करें।
  • घी का दीपक जलाएं और धूप-दीप से आरती करें
  • “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें।
  • फिर पंचामृत से भगवान का अभिषेक करें।

इस दिन सत्यनारायण कथा सुनना या पढ़ना भी शुभ होता है।

सोना खरीदने का महत्व

अक्षय तृतीया पर सोना खरीदना बहुत ही शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन खरीदी गई चीजें कभी नष्ट नहीं होतीं और इनमें लगातार वृद्धि होती है।

आजकल लोग इस दिन सोने के सिक्के, आभूषण, या नए प्रॉपर्टी के कागज़ात खरीदते हैं। इसे आर्थिक स्थिरता और संपन्नता का प्रतीक माना जाता है।

इस दिन कौन से कार्य करें?

  • नए कार्य का शुभारंभ
  • बिजनेस की शुरुआत
  • शादी-ब्याह
  • गृह प्रवेश
  • नए वाहन की खरीदारी
  • कृषि संबंधी कार्य

इन सभी कार्यों के लिए यह दिन अबूझ मुहूर्त होता है यानी बिना ज्योतिष से पूछे भी किया जा सकता है।

इस दिन क्या ना करें?

  • किसी का अपमान ना करें
  • निंदा या झूठ से बचें
  • अहंकार न रखें
  • गरीबों का मजाक न उड़ाएं
  • कर्ज न लें

इस दिन पवित्रता और सच्चाई को अपने जीवन में उतारना सबसे जरूरी होता है।

अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) पर दान का महत्व

दान करना इस दिन सबसे श्रेष्ठ कर्मों में माना जाता है। इस दिन किया गया दान हजार गुना फल देता है।

दान की कुछ मुख्य वस्तुएँ:

  • जल से भरे घड़े
  • कपड़े
  • सोना या चांदी
  • तिल और चावल
  • खाद्य सामग्री
  • पंखे या छाते (गर्मियों में उपयोगी)

दान करते समय भावना होनी चाहिए कि हम किसी की मदद कर रहे हैं, न कि दिखावा।

व्रत कैसे करें?

जो लोग व्रत रखते हैं, वे इस दिन सिर्फ फलाहार करते हैं या एक समय भोजन करते हैं। व्रत के दौरान दिनभर भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी का स्मरण किया जाता है।

  • व्रत के दिन ध्यान और जाप करना लाभकारी होता है।
  • दिन के अंत में कथा और आरती करें और फिर भोजन ग्रहण करें।

व्रत रखने से मानसिक शांति और आध्यात्मिक शक्ति मिलती है।

अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) और ज्योतिष

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अक्षय तृतीया का दिन चंद्रमा और सूर्य दोनों की स्थिति बहुत शुभ रहती है। इस दिन कोई भी ग्रह दोष असर नहीं करता, इसलिए यह दिन खास माना जाता है।

ज्योतिषीय उपाय:

  • इस दिन पीली वस्तुओं का दान करें।
  • ब्रह्मण भोजन कराएं।
  • श्री सूक्त और कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें।
  • गाय को हरा चारा खिलाएं।

ये उपाय धन और सुख में वृद्धि लाते हैं।

अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) और विवाह

अक्षय तृतीया को अबूझ सावा माना जाता है। इस दिन बिना किसी ज्योतिषीय गणना के शादी कराई जा सकती है। बहुत से लोग शादी की तारीख इसी दिन तय करते हैं, क्योंकि यह दिन सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त होता है।

दूल्हा-दुल्हन का जीवन सुखमय और समृद्धिशाली हो, ऐसी मान्यता है। इसलिए अक्षय तृतीया पर हजारों शादियाँ होती हैं।

अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) पर बच्चों को क्या सिखाएँ?

बच्चों को इस दिन के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के बारे में बताना चाहिए। उन्हें दान-पुण्य, सेवा, और सच्चाई का महत्व सिखाना चाहिए।

  • बच्चों को छोटे-छोटे दान कार्यों में शामिल करें
  • भक्ति भाव और पूजा विधि समझाएं
  • प्रकृति और पर्यावरण से जुड़ाव सिखाएं
अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) 2025 इस दिन करें ये खास पूजा, खुल जाएंगे सुख-समृद्धि के द्वार!
अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) 2025 इस दिन करें ये खास पूजा, खुल जाएंगे सुख-समृद्धि के द्वार!

इससे बच्चों में सकारात्मकता और आध्यात्मिकता का विकास होता है।

आधुनिक समय में अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) का रूप

आजकल लोग ऑनलाइन पूजा, डिजिटल दान और सोशल मीडिया के माध्यम से शुभकामनाएं देने लगे हैं। हालांकि, भावना और श्रद्धा अब भी वही बनी हुई है।

इस दिन लोग ऑनलाइन गोल्ड खरीदते हैं, ई-दान करते हैं, और ऑनलाइन कथा सुनते हैं। इससे यह दिन आधुनिकता और परंपरा का सुंदर मेल बन गया है।

अक्षय तृतीया सिर्फ एक पर्व नहीं, बल्कि एक भाव और विश्वास है। यह दिन हमें सिखाता है कि अगर हम सच्चे मन से पूजा, दान और सेवा करें तो हमारे जीवन में कभी कोई अभाव नहीं रहता। यह दिन धन, पुण्य और समृद्धि का प्रतीक है।

अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) 2025: इस दिन करें ये खास पूजा, खुल जाएंगे सुख-समृद्धि के द्वार! FAQs:


1. अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) 2025 में कब है?

उत्तर: अक्षय तृतीया 2025 में 1 मई, गुरुवार को मनाई जाएगी।


2. अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) का क्या मतलब होता है?

उत्तर: ‘अक्षय’ का अर्थ है जो कभी खत्म न हो और ‘तृतीया’ मतलब हिंदू माह की तीसरी तिथि


3. इस दिन को इतना खास क्यों माना जाता है?

उत्तर: क्योंकि इस दिन किया गया पुण्य, दान और पूजा कभी नष्ट नहीं होता। यह दिन अबूझ मुहूर्त भी माना जाता है।


4. अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) पर कौन सी पूजा की जाती है?

उत्तर: इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है।


5. क्या इस दिन सोना खरीदना शुभ होता है?

उत्तर: हाँ, इस दिन सोना खरीदना बहुत शुभ और लाभकारी माना जाता है।


6. इस दिन कौन-कौन से शुभ कार्य किए जा सकते हैं?

उत्तर: विवाह, गृह प्रवेश, नया व्यापार, वाहन खरीदना, भूमि पूजन आदि बिना मुहूर्त के किए जा सकते हैं।


7. क्या इस दिन व्रत रखा जाता है?

उत्तर: हाँ, बहुत से लोग इस दिन व्रत रखते हैं और सत्यनारायण व्रत कथा करते हैं।


8. क्या अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) पर दान करना जरूरी है?

उत्तर: हाँ, यह दिन दान करने के लिए सबसे उत्तम होता है। विशेषकर जल, अन्न, वस्त्र और तिल का दान।


9. इस दिन कौन से मंत्र का जाप करें?

उत्तर: “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करना अत्यंत फलदायी होता है।


10. क्या अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) का कोई पौराणिक महत्व भी है?

उत्तर: हाँ, इस दिन भगवान परशुराम का जन्म, गंगा अवतरण, और अक्षय पात्र की कथा जुड़ी हुई है।


11. क्या अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) पर शादी की जा सकती है?

उत्तर: बिल्कुल! यह दिन अबूझ सावा होता है, शादी के लिए किसी ज्योतिषी की जरूरत नहीं पड़ती।


12. पूजा का शुभ मुहूर्त कब है 2025 में?

उत्तर: पूजा का शुभ समय है: 1 मई 2025 को सुबह 05:45 बजे से दोपहर 12:15 बजे तक


13. क्या इस दिन ग्रह दोष का प्रभाव रहता है?

उत्तर: नहीं, इस दिन ग्रहों की स्थिति अत्यंत शुभ होती है और किसी भी दोष का असर नहीं होता।


14. इस दिन बच्चों को क्या सिखाना चाहिए?

उत्तर: बच्चों को दान-पुण्य, सेवा, पूजा विधि और धर्म के प्रति श्रद्धा का महत्व सिखाना चाहिए।


15. क्या अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) ऑनलाइन मनाई जा सकती है?

उत्तर: जी हाँ, आजकल लोग ऑनलाइन पूजा, डिजिटल दान और ई-गोल्ड खरीद जैसे तरीकों से भी इसे मनाते हैं।


Share This Article
Exit mobile version