दीपावली (Diwali) की रात लक्ष्मी को घर बुलाने की संपूर्ण पूजा विधि! हर परिवार को जरूर जाननी चाहिए

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दीपावली (Diwali) की रात लक्ष्मी को घर बुलाने की संपूर्ण पूजा विधि! हर परिवार को जरूर जाननी चाहिए

दीपावली (Diwali) की रात लक्ष्मी को घर बुलाने की संपूर्ण पूजा विधि! हर परिवार को जरूर जाननी चाहिए


दीपावली (Diwali) पर लक्ष्मी पूजन की संपूर्ण विधि


दीपों के पर्व का आध्यात्मिक महत्व

दीपावली (Diwali) केवल रोशनी और मिठाइयों का त्योहार नहीं है, बल्कि यह आध्यात्मिक जागृति और देवी लक्ष्मी के स्वागत का शुभ अवसर भी है। इस दिन अंधकार पर प्रकाश, अज्ञान पर ज्ञान और दरिद्रता पर समृद्धि की विजय का उत्सव मनाया जाता है।

Contents

लक्ष्मी पूजन दीपावली का सबसे महत्वपूर्ण भाग होता है, जिसमें देवी लक्ष्मी, भगवान विष्णु, गणेश जी, कुबेर और सरस्वती की विधिपूर्वक आराधना की जाती है। आइए जानते हैं कि लक्ष्मी पूजन की संपूर्ण और सरल विधि क्या है, ताकि आप अपने घर में समृद्धि और सुख का वास सुनिश्चित कर सकें।


लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त कब होता है?

लक्ष्मी पूजन कार्तिक मास की अमावस्या की रात को किया जाता है। पंचांग के अनुसार, प्रदोष काल, स्थिर लग्न, और अमृत काल को पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।

👉 स्थिर लग्न में लक्ष्मी जी ठहरती हैं, जिससे धन स्थायित्व प्राप्त होता है।
👉 पूजा का समय आमतौर पर शाम 6:00 बजे से रात 8:00 बजे के बीच होता है (हर वर्ष भिन्न हो सकता है)।

टिप: पूजा से पूर्व पंचांग देखकर सही मुहूर्त अवश्य चुनें।


लक्ष्मी पूजन से पहले की तैयारी

पूजन से पहले घर की सफाई और शुद्धता अत्यंत आवश्यक मानी जाती है। मान्यता है कि जहाँ स्वच्छता होती है, वहीं लक्ष्मी जी निवास करती हैं।

आवश्यक तैयारियाँ:

  • घर की सफाई, विशेषकर मुख्य द्वार और पूजा स्थान
  • रंगोली बनाना (धन की देवी के स्वागत हेतु)
  • दीपों और झालरों से घर को सजाना
  • लक्ष्मी-गणेश जी की प्रतिमा या चित्र, पूजन के लिए तैयार करें
  • चौकी पर लाल कपड़ा, उस पर चावल और सुपारी रखकर मूर्तियाँ स्थापित करें

पूजन सामग्री की सूची (संपूर्ण सूची)

पूजन के लिए निम्नलिखित सामग्री एकत्र करें:

लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति
चांदी/पीतल का कलश, आम पत्ते, नारियल
दिया, कपूर, रूई, तेल/घी, अगरबत्ती
पंचमेवा, मिठाई, बताशे
लाल व पीले फूल, कमल पुष्प विशेष
गंगाजल, चंदन, कुमकुम, हल्दी
रक्षासूत्र (मोली), चावल (अक्षत)
दक्षिणा, 11 या 21 सिक्के
खील-बताशे, नारियल, लौंग, इलायची
लक्ष्मीजी का चरण पादुका चित्र


लक्ष्मी पूजन की विधि (Step-by-Step)

1. स्थान चयन और कलश स्थापना

घर के उत्तर-पूर्व दिशा या पूजा स्थान पर एक साफ चौकी रखें। उस पर लाल कपड़ा बिछाकर लक्ष्मी-गणेश जी की मूर्तियाँ रखें। कलश को गंगाजल से शुद्ध कर उसमें पानी, आम के पत्ते और नारियल रखें।


2. भगवान गणेश का पूजन

पूजन की शुरुआत गणेश जी से करें। उन्हें दूर्वा, मोदक, अक्षत, रोली चढ़ाएँ।


मंत्र:
“ॐ गणानां त्वा गणपतिं हवामहे…”


3. देवी लक्ष्मी का पूजन

अब महालक्ष्मी जी का पूजन करें। उनका आवाहन करें, फिर उन्हें पुष्प, कमल, अक्षत, चंदन, सिंदूर, हल्दी, मिठाई, खील-बताशे अर्पित करें।

मंत्र:
“ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः”

फिर लक्ष्मी जी के चरणों की पूजा करें, उन पर चंदन और अक्षत लगाएँ। लक्ष्मी जी के पादुका चित्र को दरवाजे पर रखें और उस पर दीप जलाएँ।


4. धन-कुबेर पूजन

कुबेर जी, धन के रक्षक माने जाते हैं। उनकी भी पूजा करें। उन्हें नवनीत (माखन), सिक्के और बताशे अर्पित करें।
मंत्र:
“ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्य अधिपतये नमः”


5. व्यापारिक बही-खातों का पूजन

अगर आपका व्यवसाय है, तो खाते-बही, कैश-बॉक्स, और नई डायरी का पूजन करें। इसे शुभ शुरुआत माना जाता है।


6. दीप प्रज्वलन और आरती

अब घर के सभी दीप जलाएँ। मुख्य दीप को मुख्य दरवाजे पर दक्षिण की दिशा में रखें। फिर पूरे परिवार के साथ लक्ष्मी, गणेश और सरस्वती की आरती करें।

आरती:
“जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता…”
“जय गणेश देवा, माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा…”


लक्ष्मी पूजन के बाद करें ये कार्य

👉 तुरंत भोजन न करें, पहले प्रसाद वितरित करें
👉 घर में सभी दीपक पूरी रात जलते रहें
👉 दरवाजा पूजा के बाद बंद न करें, यह लक्ष्मी जी के आगमन का संकेत होता है
👉 घर के सदस्यों में मिठाइयाँ, फल और धनिया के बीज बांटना शुभ होता है


लक्ष्मी पूजन से जुड़ी विशेष मान्यताएँ

🔹 दीपावली (Diwali)की रात को धन की देवी स्वर्ग से पृथ्वी पर आती हैं, और जिस घर में पूजन होता है, वहाँ अक्षय धन का वास होता है।
🔹 लक्ष्मी जी की मूर्ति को दक्षिणाभिमुख न रखें, इससे दरिद्रता आती है।
🔹 घर के मुख्य द्वार पर स्वास्तिक, शुभ-लाभ, ओम् आदि शुभ चिन्ह बनाना अनिवार्य माना गया है।
🔹 लक्ष्मी पूजन के दिन ऋण का भुगतान करना, दान करना और गरीबों को भोजन कराना पुण्यकारी होता है।


दीपावली (Diwali) की रात लक्ष्मी को घर बुलाने की संपूर्ण पूजा विधि! हर परिवार को जरूर जाननी चाहिए
दीपावली (Diwali) की रात लक्ष्मी को घर बुलाने की संपूर्ण पूजा विधि! हर परिवार को जरूर जाननी चाहिए

बच्चों के लिए क्या सिखाएँ इस दिन?

बच्चों को दीपावली की सांस्कृतिक और धार्मिक महत्ता के बारे में बताना चाहिए। उन्हें:

  • स्वच्छता का महत्व
  • माता-पिता और बुजुर्गों का सम्मान
  • धन का सदुपयोग
  • सच्ची समृद्धि का अर्थ—संतोष और सेवा
    सिखाया जा सकता है।

दीपावली (Diwali)पर वर्जित कार्य

नकारात्मक बातों और कलह से बचें
❌ किसी को अपशब्द या कटु वाणी न कहें
जुए, शराब और मांसाहार से पूरी तरह परहेज करें
❌ घर में अंधेरा और गंदगी न रखें
❌ फालतू खर्च या दिखावे से बचें


लक्ष्मी पूजन का फल और लाभ

  • घर में धन, सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होता है
  • व्यापार और नौकरी में नवीन अवसर मिलते हैं
  • परिवार में सद्भाव, सकारात्मकता और ईश्वरीय ऊर्जा बढ़ती है
  • ऋण, दरिद्रता, रोग और कष्ट दूर होते हैं
  • संतान, शिक्षा और विवाह में शुभ परिणाम मिलते हैं

लक्ष्मी पूजन क्यों आवश्यक है?

लक्ष्मी पूजन, केवल धार्मिक क्रिया नहीं बल्कि जीवन को संतुलन, समृद्धि और सुख देने वाली प्रक्रिया है। यह हमारे भीतर धैर्य, श्रद्धा और सेवा भाव को जगाती है। दीपावली पर लक्ष्मी पूजन के द्वारा हम अपने जीवन को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाते हैं।

इस वर्ष आप भी विधिपूर्वक पूजन कर लक्ष्मी माता का स्थायी वास अपने घर में सुनिश्चित करें।


FAQs: दीपावली (Diwali) पर लक्ष्मी पूजन से जुड़े सामान्य प्रश्न

1. दीपावली (Diwali) पर पूजा कब करें?

उत्तर: प्रदोष काल या स्थिर लग्न में शाम को 6 से 8 बजे के बीच।

2. कौन-कौन सी मूर्तियाँ पूजन में आवश्यक हैं?

उत्तर: लक्ष्मी जी, गणेश जी, सरस्वती जी और कुबेर जी।

3. लक्ष्मी पूजन में कौन-सा फूल सबसे शुभ है?

उत्तर: कमल का फूल और लाल गुलाब।

4. पूजा के बाद दीपक कहाँ रखें?

उत्तर: मुख्य दरवाजे के दोनों ओर, दक्षिण दिशा में एक बड़ा दीप।

5. क्या पूजा के बाद घर का दरवाज़ा बंद करना चाहिए?

उत्तर: नहीं, पूजा के बाद कुछ समय दरवाज़ा खुला रखें।


दीपावली (Diwali) पर लक्ष्मी पूजन की संपूर्ण विधि (FAQS)


1. दीपावली (Diwali) पर लक्ष्मी पूजन कब करना चाहिए?

उत्तर: लक्ष्मी पूजन कार्तिक अमावस्या की शाम को प्रदोष काल और स्थिर लग्न में किया जाता है, जो सबसे शुभ माना जाता है।


2. लक्ष्मी पूजन के लिए कौन-कौन सी मूर्तियाँ आवश्यक होती हैं?

उत्तर: पूजन में मुख्य रूप से लक्ष्मी जी, गणेश जी, और कई लोग सरस्वती जी और कुबेर जी की मूर्ति भी रखते हैं।


3. क्या घर के सभी सदस्य लक्ष्मी पूजन में भाग ले सकते हैं?

उत्तर: हाँ, लक्ष्मी पूजन सामूहिक रूप से परिवार सहित करना अधिक शुभ और फलदायक होता है।


4. लक्ष्मी जी को कौन-से फूल सबसे अधिक प्रिय हैं?

उत्तर: कमल का फूल, गुलाब, और गेंदे के फूल देवी लक्ष्मी को प्रिय माने जाते हैं।


5. क्या लक्ष्मी पूजन के बाद भोजन कर सकते हैं?

उत्तर: हाँ, लेकिन पहले आरती और प्रसाद वितरण कर लेना चाहिए। इसके बाद ही भोजन करें।


6. लक्ष्मी पूजन के लिए कौन-सा रंग शुभ होता है?

उत्तर: लाल और पीला रंग सबसे शुभ माने जाते हैं, विशेष रूप से कपड़े और पूजा के वस्त्र।


7. क्या लक्ष्मी पूजन के बाद दीपक बुझा देना चाहिए?

उत्तर: नहीं, दीपक को पूरी रात जलने देना शुभ होता है। यह लक्ष्मी जी का स्वागत है।


8. क्या लक्ष्मी पूजन में केवल महिलाएं ही पूजा कर सकती हैं?

उत्तर: नहीं, कोई भी व्यक्ति, पुरुष या महिला, श्रद्धा से लक्ष्मी पूजन कर सकता है।


9. लक्ष्मी पूजन के बाद घर का दरवाजा बंद करना चाहिए या खुला रखना चाहिए?

उत्तर: पूजा के बाद कुछ समय तक मुख्य दरवाजा खुला रखना चाहिए, ताकि देवी लक्ष्मी का प्रवेश हो सके।


10. क्या व्यापारियों को बहीखाते पूजन करना चाहिए?

उत्तर: हाँ, व्यापारी लेखा-बही, कैश-बॉक्स और चेकबुक की पूजा करते हैं जिससे नए आर्थिक वर्ष की शुभ शुरुआत हो।


11. क्या केवल मूर्तियों से ही पूजा करनी चाहिए या चित्र से भी कर सकते हैं?

उत्तर: आप मूर्ति या चित्र दोनों से पूजा कर सकते हैं, श्रद्धा सबसे महत्वपूर्ण होती है।


12. क्या लक्ष्मी पूजन के समय लक्ष्मी मंत्रों का जाप आवश्यक है?

उत्तर: हाँ, श्री सूक्त, लक्ष्मी बीज मंत्र या “ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः” का जाप विशेष फलदायी होता है।


13. लक्ष्मी पूजन में क्या न करें?

उत्तर: पूजा में अशुद्धता, नकारात्मकता, क्रोध, जुआ, और शराब आदि वर्जित हैं।


14. लक्ष्मी पूजन के लिए क्या विशेष भोग बनाना चाहिए?

उत्तर: खीर, लड्डू, खील-बताशे, फल और सूखे मेवे देवी लक्ष्मी को अर्पण किए जाते हैं।


15. लक्ष्मी पूजन से क्या लाभ होता है?

उत्तर: लक्ष्मी पूजन से धन, वैभव, शांति, सफलता और समृद्धि का वास होता है। घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।


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