“जानिए 10 महाविद्या स्तोत्र (10 Mahavidya Stotra) का महत्व और उनके गूढ़ रहस्य”

NdtvHindu
11 Min Read
"जानिए 10 महाविद्या स्तोत्र (10 Mahavidya Stotra) का महत्व और उनके गूढ़ रहस्य"

“जानिए 10 महाविद्या स्तोत्र (10 Mahavidya Stotra) का महत्व और उनके गूढ़ रहस्य”

10 महाविद्या भारतीय आध्यात्मिक परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। ये दस देवियाँ शक्ति की दस अलग-अलग रूपों का प्रतिनिधित्व करती हैं और अद्वितीय अध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करती हैं। इनके स्तोत्रों का पाठ भक्तों को आध्यात्मिक उन्नति, संकटों से मुक्ति, और जीवन में सफलता दिलाने में सहायक होता है। इस लेख में हम सरल शब्दों में 10 महाविद्या स्तोत्रों की महत्ता, उनके अर्थ और लाभ पर चर्चा करेंगे।

Contents
“जानिए 10 महाविद्या स्तोत्र (10 Mahavidya Stotra) का महत्व और उनके गूढ़ रहस्य”महाविद्या क्या हैं?महाविद्या स्तोत्रों का महत्व10 महाविद्या स्तोत्र (10 Mahavidya Stotra)1. काली महाविद्या स्तोत्र2. तारा महाविद्या स्तोत्र3. त्रिपुरसुंदरी महाविद्या स्तोत्र4. भुवनेश्वरी महाविद्या स्तोत्र5. छिन्नमस्ता महाविद्या स्तोत्र6. त्रिपुर भैरवी महाविद्या स्तोत्र7. धूमावती महाविद्या स्तोत्र8. बगलामुखी महाविद्या स्तोत्र9. मातंगी महाविद्या स्तोत्र10. कमला महाविद्या स्तोत्र10 महाविद्या स्तोत्रों (10 Mahavidya Stotra)का नियमित पाठ कैसे करें?महाविद्या साधना के लाभFAQs: 10 महाविद्या स्तोत्र (10 Mahavidya Stotra)1. 10 महाविद्या कौन-कौन सी हैं?2. महाविद्या स्तोत्रों का क्या महत्व है?3. काली महाविद्या का मुख्य उद्देश्य क्या है?4. तारा महाविद्या किसके लिए लाभकारी है?5. त्रिपुरसुंदरी महाविद्या का क्या लाभ है?6. भुवनेश्वरी महाविद्या की विशेषता क्या है?7. छिन्नमस्ता महाविद्या क्यों प्रसिद्ध है?8. त्रिपुर भैरवी किसके लिए उपयोगी है?9. धूमावती महाविद्या का पाठ क्यों किया जाता है?10. बगलामुखी महाविद्या का क्या प्रभाव है?11. मातंगी महाविद्या का महत्व क्या है?12. कमला महाविद्या का पाठ क्यों किया जाता है?13. महाविद्या स्तोत्रों का पाठ कब करना चाहिए?14. क्या महाविद्या स्तोत्र सभी के लिए हैं?15. महाविद्या स्तोत्रों का नियमित पाठ कैसे जीवन बदल सकता है?

महाविद्या क्या हैं?

महाविद्या का अर्थ है ‘महान ज्ञान’। यह देवी शक्ति के दस रूप हैं, जिनमें प्रत्येक देवी का अपना विशेष महत्व और शक्तियां हैं। ये दस महाविद्या हैं:

  1. काली
  2. तारा
  3. त्रिपुरसुंदरी
  4. भुवनेश्वरी
  5. छिन्नमस्ता
  6. त्रिपुर भैरवी
  7. धूमावती
  8. बगलामुखी
  9. मातंगी
  10. कमला

इनका आध्यात्मिक और तांत्रिक महत्व है। इनके स्तोत्रों का नियमित रूप से पाठ करने से व्यक्ति के मन और आत्मा को शुद्धि मिलती है।


महाविद्या स्तोत्रों का महत्व

महाविद्या स्तोत्रों को पढ़ने से:

  • भय और अज्ञान का नाश होता है।
  • व्यक्ति को साहस और आत्मविश्वास मिलता है।
  • जीवन के कठिन समय में शक्ति मिलती है।
  • सकारात्मक ऊर्जा और मन की शांति प्राप्त होती है।
    ये स्तोत्र केवल शब्द नहीं हैं, बल्कि एक ऊर्जा स्रोत हैं, जो साधकों को हर परिस्थिति में मार्गदर्शन करते हैं।

10 महाविद्या स्तोत्र (10 Mahavidya Stotra)

||दश महाविद्या स्तोत्रम् ||
(10 Mahavidya Stotra)

श्रीपार्वत्युवाच –


नमस्तुभ्यं महादेव! विश्वनाथ ! जगद्गुरो ! ।
श्रुतं ज्ञानं महादेव ! नानातन्त्र तवाननत् ॥

इदानीं ज्ञानं महादेव ! गुह्यस्तोत्रं वद प्रभो ! ।
कवचं ब्रूहि मे नाथ ! मन्त्रचैतन्यकारणम् ॥

मन्त्रसिद्धिकरं गुह्याद्गुह्यं मोक्षैधायकम् ।
श्रुत्वा मोक्षमवाप्नोति ज्ञात्वा विद्यां महेश्वर ! ॥

श्री शिव उवाच –


दुर्लभं तारिणीमार्गं दुर्लभं तारिणीपदम् ।
मन्त्रार्थं मन्त्रचैतन्यं दुर्लभं शवसाधनम् ॥

श्मशानसाधनं योनिसाधनं ब्रह्मसाधनम् ।
क्रियासाधनकं भक्तिसाधनं मुक्तिसाधनम् ॥

तव प्रसादाद्देवेशि! सर्वाः सिद्ध्यन्ति सिद्धयः ।

ॐ नमस्ते चण्डिके चण्डि चण्डमुण्डविनाशिनि |
नमस्ते कालिके कालमहाभयविनाशिनि ||१||

शिवे रक्ष जगद्धात्रि प्रसीद हरवल्लभे |
प्रणमामि जगद्धात्रीं जगत्पालनकारिणीम् ||२||

जगत् क्षोभकरीं विद्यां जगत्सृष्टिविधायिनीम् |
करालां विकटां घोरां मुण्डमालाविभूषिताम् ||३||

हरार्चितां हराराध्यां नमामि हरवल्लभाम् |
गौरीं गुरुप्रियां गौरवर्णालङ्कारभूषिताम् ||४||

हरिप्रियां महामायां नमामि ब्रह्मपूजिताम् |
सिद्धां सिद्धेश्वरीं सिद्धविद्याधरङ्गणैर्युताम् ||५||

मन्त्रसिद्धिप्रदां योनिसिद्धिदां लिङ्गशोभिताम् |
प्रणमामि महामायां दुर्गां दुर्गतिनाशिनीम् ||६||

उग्रामुग्रमयीमुग्रतारामुग्रगणैर्युताम् |
नीलां नीलघनश्यामां नमामि नीलसुन्दरीम् ||७||

श्यामाङ्गीं श्यामघटितां श्यामवर्णविभूषिताम् |
प्रणमामि जगद्धात्रीं गौरीं सर्वार्थसाधिनीम् ||८||

विश्वेश्वरीं महाघोरां विकटां घोरनादिनीम् |
आद्यामाद्यगुरोराद्यामाद्यनाथप्रपूजिताम् ||९||

श्रीं दुर्गां धनदामन्नपूर्णां पद्मां सुरेश्वरीम् |
प्रणमामि जगद्धात्रीं चन्द्रशेखरवल्लभाम् ||१०||

त्रिपुरां सुन्दरीं बालामबलागणभूषिताम् |
शिवदूतीं शिवाराध्यां शिवध्येयां सनातनीम् ||११||

सुन्दरीं तारिणीं सर्वशिवागणविभूषिताम् |
नारायणीं विष्णुपूज्यां ब्रह्मविष्णुहरप्रियाम् ||१२||

सर्वसिद्धिप्रदां नित्यामनित्यां गुणवर्जिताम् |
सगुणां निर्गुणां ध्येयामर्चितां सर्वसिद्धिदाम् ||१३||

विद्यां सिद्धिप्रदां विद्यां महाविद्यां महेश्वरीम् |
महेशभक्तां माहेशीं महाकालप्रपूजिताम् ||१४||

प्रणमामि जगद्धात्रीं शुम्भासुरविमर्दिनीम् |
रक्तप्रियां रक्तवर्णां रक्तबीजविमर्दिनीम् ||१५||

भैरवीं भुवनां देवीं लोलजिव्हां सुरेश्वरीम् |
चतुर्भुजां दशभुजामष्टादशभुजां शुभाम् ||१६||

त्रिपुरेशीं विश्वनाथप्रियां विश्वेश्वरीं शिवाम् |
अट्टहासामट्टहासप्रियां धूम्रविनाशिनीम् ||१७||

कमलां छिन्नभालाञ्च मातङ्गीं सुरसुन्दरीम् |
षोडशीं विजयां भीमां धूमाञ्च वगलामुखीम् ||१८||

सर्वसिद्धिप्रदां सर्वविद्यामन्त्रविशोधिनीम् |
प्रणमामि जगत्तारां साराञ्च मन्त्रसिद्धये ||१९||

इत्येवञ्च वरारोहे स्तोत्रं सिद्धिकरं परम् |
पठित्वा मोक्षमाप्नोति सत्यं वै गिरिनन्दिनि ||२०||

कुजवारे चतुर्दश्याममायां जीववासरे ।
शुक्रे निशिगते स्तोत्रं पठित्वा मोक्षमाप्नुयात् ॥

त्रिपक्षे मन्त्रसिद्धि स्यात्स्तोत्रपाठाद्धि शंकरि ।
चतुर्दश्यां निशाभागे निशि भौमेऽष्टमीदिने ॥

निशामुखे पठेत्स्तोत्रं मन्त्र सिद्धिमवाप्नुयात् ।
केवलं स्तोत्रपाठाद्धि तन्त्रसिद्धिरनुत्तमा ।
जागर्ति सततं चण्डी स्तवपाठाद्भुजङ्गिनी ॥

इति मुण्डमालातन्त्रोक्त पञ्चदशपटलान्तर्गतं दशमहाविद्यास्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥

"जानिए 10 महाविद्या स्तोत्र (10 Mahavidya Stotra) का महत्व और उनके गूढ़ रहस्य"
जानिए 10 महाविद्या स्तोत्र (10 Mahavidya Stotra) का महत्व और उनके गूढ़ रहस्य!

1. काली महाविद्या स्तोत्र

काली महाविद्या को समय और मृत्यु की देवी कहा जाता है। काली स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति को सभी प्रकार के भय से मुक्ति मिलती है। यह स्तोत्र जीवन की नकारात्मकताओं को खत्म कर सकारात्मकता का संचार करता है।

महत्वपूर्ण श्लोक:
“ॐ क्रीं कालिकायै नमः।”
यह मंत्र अंतर्मन की शुद्धि के लिए अत्यंत लाभकारी है।


2. तारा महाविद्या स्तोत्र

तारा को दया और करुणा की देवी कहा जाता है। उनका स्तोत्र संकटों से उबारने और जीवन में प्रगति लाने में सहायक होता है।

महत्वपूर्ण श्लोक:
“ॐ ह्रीं स्त्रीं हुं फट्।”
यह मंत्र मन को साहस और आत्मविश्वास प्रदान करता है।


3. त्रिपुरसुंदरी महाविद्या स्तोत्र

त्रिपुरसुंदरी को सौंदर्य और आकर्षण की देवी माना जाता है। इनका स्तोत्र व्यक्ति के भीतर सकारात्मक ऊर्जा भरता है और उसे आध्यात्मिक सौंदर्य प्रदान करता है।

महत्वपूर्ण श्लोक:
“श्रीं ह्रीं क्लीं सौः।”
इस मंत्र का नियमित जाप आध्यात्मिक और भौतिक समृद्धि देता है।


4. भुवनेश्वरी महाविद्या स्तोत्र

भुवनेश्वरी देवी ब्रह्मांड की शक्ति का प्रतिनिधित्व करती हैं। इनका स्तोत्र जीवन की बाधाओं को दूर करने और सफलता दिलाने में मदद करता है।

महत्वपूर्ण श्लोक:
“ॐ ह्रीं भुवनेश्वरीयै नमः।”
यह मंत्र सुरक्षा और उन्नति का स्रोत है।


5. छिन्नमस्ता महाविद्या स्तोत्र

छिन्नमस्ता देवी को बलिदान और ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। इनका स्तोत्र आंतरिक शक्ति और संकल्प को बढ़ाने में सहायक है।

महत्वपूर्ण श्लोक:
“ॐ ह्रूं छिन्नमस्तायै नमः।”
इस मंत्र से व्यक्ति में धैर्य और आत्मसंयम बढ़ता है।


6. त्रिपुर भैरवी महाविद्या स्तोत्र

त्रिपुर भैरवी को तप और साधना की देवी कहा जाता है। इनका स्तोत्र साधकों को सिद्धियां प्रदान करता है और ध्यान में गहराई लाने में मदद करता है।

महत्वपूर्ण श्लोक:
“ॐ ह्रीं भैरव्यै नमः।”
यह मंत्र ध्यान और साधना के लिए उत्तम है।


7. धूमावती महाविद्या स्तोत्र

धूमावती देवी को विधवा रूप और त्याग की देवी माना जाता है। उनका स्तोत्र नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करता है और व्यक्ति को साहस प्रदान करता है।

महत्वपूर्ण श्लोक:
“ॐ धूं धूं धूमावत्यै नमः।”
यह मंत्र आध्यात्मिक शांति के लिए उपयोगी है।


8. बगलामुखी महाविद्या स्तोत्र

बगलामुखी को शत्रुओं पर विजय पाने की देवी कहा जाता है। इनका स्तोत्र जीवन में विजय दिलाने और दुष्ट प्रभावों से बचाने में मदद करता है।

महत्वपूर्ण श्लोक:
“ॐ ह्लीं बगलामुख्यै नमः।”
यह मंत्र साहस और सफलता दिलाता है।


9. मातंगी महाविद्या स्तोत्र

मातंगी को ज्ञान और कला की देवी माना जाता है। इनका स्तोत्र छात्रों और कलाकारों के लिए आशीर्वाद स्वरूप है।

महत्वपूर्ण श्लोक:
“ॐ ह्रीं मातंग्यै नमः।”
यह मंत्र सृजनात्मकता और बुद्धिमत्ता बढ़ाता है।


10. कमला महाविद्या स्तोत्र

कमला देवी को धन और समृद्धि की देवी कहा जाता है। इनका स्तोत्र आर्थिक उन्नति और वैभव को बढ़ाता है।

महत्वपूर्ण श्लोक:
“ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः।”
यह मंत्र संपत्ति और सुख की प्राप्ति के लिए अत्यंत उपयोगी है।


10 महाविद्या स्तोत्रों (10 Mahavidya Stotra)का नियमित पाठ कैसे करें?

  • सही समय: सुबह या शाम के समय पाठ करना अधिक प्रभावी होता है।
  • शुद्धि: पाठ से पहले शरीर और मन की शुद्धि आवश्यक है।
  • मंत्र जाप: मंत्र को सही उच्चारण और ध्यान के साथ पढ़ें।
  • नियमितता: रोज़ाना पाठ से सकारात्मक परिणाम मिलते हैं।

महाविद्या साधना के लाभ

  • आध्यात्मिक प्रगति और आत्मा की शुद्धि।
  • संकटों से मुक्ति और जीवन में सफलता।
  • सकारात्मक ऊर्जा और मन की शांति।
  • जीवन में आध्यात्मिक और भौतिक उन्नति।

10 महाविद्या स्तोत्र (10 Mahavidya Stotra) अद्वितीय ऊर्जा और ज्ञान के स्रोत हैं। इनके नियमित पाठ से व्यक्ति को आध्यात्मिक मार्गदर्शन मिलता है और जीवन के हर पहलू में सफलता प्राप्त होती है। इनका अभ्यास केवल भक्तिभाव से नहीं, बल्कि सही नियम और समर्पण के साथ करना चाहिए।

FAQs: 10 महाविद्या स्तोत्र (10 Mahavidya Stotra)

1. 10 महाविद्या कौन-कौन सी हैं?

उत्तर: 10 महाविद्या हैं:

  1. काली
  2. तारा
  3. त्रिपुरसुंदरी
  4. भुवनेश्वरी
  5. छिन्नमस्ता
  6. त्रिपुर भैरवी
  7. धूमावती
  8. बगलामुखी
  9. मातंगी
  10. कमला

2. महाविद्या स्तोत्रों का क्या महत्व है?

उत्तर: महाविद्या स्तोत्रों का पाठ मन और आत्मा को शुद्ध करता है, व्यक्ति को संकटों से बचाता है, और जीवन में सफलता व आध्यात्मिक प्रगति दिलाता है।


3. काली महाविद्या का मुख्य उद्देश्य क्या है?

उत्तर: काली महाविद्या भय, अज्ञान और नकारात्मकता को समाप्त कर जीवन में साहस और सुरक्षा प्रदान करती है।


4. तारा महाविद्या किसके लिए लाभकारी है?

उत्तर: तारा महाविद्या संकट से उबारने, दया, और करुणा को बढ़ाने के लिए उपयोगी है।


5. त्रिपुरसुंदरी महाविद्या का क्या लाभ है?

उत्तर: त्रिपुरसुंदरी महाविद्या सुंदरता, आकर्षण, और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करती है। यह व्यक्ति को आध्यात्मिक सौंदर्य भी देती है।


6. भुवनेश्वरी महाविद्या की विशेषता क्या है?

उत्तर: भुवनेश्वरी महाविद्या बाधाओं को दूर करने और सफलता प्राप्त करने में सहायक है।


7. छिन्नमस्ता महाविद्या क्यों प्रसिद्ध है?

उत्तर: छिन्नमस्ता देवी बलिदान और ऊर्जा का प्रतीक हैं। उनका स्तोत्र आत्मसंयम और शक्ति बढ़ाने में मदद करता है।


8. त्रिपुर भैरवी किसके लिए उपयोगी है?

उत्तर: त्रिपुर भैरवी तप, साधना और आध्यात्मिक सिद्धियां प्राप्त करने वाले साधकों के लिए महत्वपूर्ण है।


9. धूमावती महाविद्या का पाठ क्यों किया जाता है?

उत्तर: धूमावती देवी नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त कर साहस और मानसिक शांति प्रदान करती हैं।


10. बगलामुखी महाविद्या का क्या प्रभाव है?

उत्तर: बगलामुखी महाविद्या शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने और बुरी शक्तियों से बचाने में सहायक है।


11. मातंगी महाविद्या का महत्व क्या है?

उत्तर: मातंगी देवी ज्ञान, कला, और सृजनात्मकता की देवी हैं। उनका स्तोत्र छात्रों और कलाकारों के लिए फायदेमंद है।


12. कमला महाविद्या का पाठ क्यों किया जाता है?

उत्तर: कमला महाविद्या धन, समृद्धि, और वैभव प्रदान करने के लिए जानी जाती हैं।


13. महाविद्या स्तोत्रों का पाठ कब करना चाहिए?

उत्तर: महाविद्या स्तोत्रों का पाठ सुबह या शाम के समय शुद्ध और शांत मन से करना चाहिए।


14. क्या महाविद्या स्तोत्र सभी के लिए हैं?

उत्तर: हां, महाविद्या स्तोत्र हर व्यक्ति के लिए हैं, लेकिन इन्हें सही नियम और श्रद्धा से पढ़ना चाहिए।


15. महाविद्या स्तोत्रों का नियमित पाठ कैसे जीवन बदल सकता है?

उत्तर: नियमित पाठ से व्यक्ति को आत्मविश्वास, शांति, और सफलता मिलती है। यह जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक उन्नति लाता है।

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *