सालासर बालाजी चालीसा: (Salasar Balaji Chalisa) राजस्थान के चमत्कारी हनुमानजी की महिमा

Soma
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सालासर बालाजी चालीसा: (Salasar Balaji Chalisa) राजस्थान के चमत्कारी हनुमानजी की महिमा

सालासर बालाजी चालीसा: (Salasar Balaji Chalisa) राजस्थान के चमत्कारी हनुमानजी की महिमा


सालासर बालाजी चालीसा (Salasar Balaji Chalisa) का महत्त्व

सालासर बालाजी राजस्थान के चूरू जिले में स्थित एक प्रसिद्ध हनुमानजी का मंदिर है। यह मंदिर अपनी चमत्कारी शक्तियों के लिए जाना जाता है और लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र है। यहाँ की बालाजी चालीसा का पाठ करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं और जीवन की बाधाएँ समाप्त हो जाती हैं।

Contents

चालीसा 40 छंदों का संग्रह है, जो हनुमानजी की महिमा, शक्ति और कृपा का गुणगान करता है। जो भी भक्त श्रद्धा से इसका पाठ करता है, उसे संकटों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

सालासर बालाजी चालीसा (Salasar Balaji Chalisa)

सालासर बालाजी चालीसा
(Salasar Balaji Chalisa)


|| दोहा ||

गुरु गिरा अरु गणपति, पुनि विनवउँ हनुमान।

सालासर के देवता, सरा करो कल्याण।।

लाल देह की लालिमा, मूरति लाल ललाम।

हाथ जोड़ विनति करूं, पुरवहु सबके काम।।

|| चोपाई ||

जय जय जय सालासर धामा। पावन रुचिर लोक अभिरामा।।

जिमि पावन मथुरा अरु कासी। पुष्कर कुरुक्षेत्रं सुखरासी।।

अवधपुरि, गंगे हरिद्वारा। सालासर शुभ वरणु विचारा।।

राजस्थान सीकटर निहराये। लछमनगढ़ नगर मन भाये।।

तेहि नियम सालासर ग्रामा। सकल भान्ति शुभ शुचि सुकधामा।।

सि( पीठ यह परम पुनीता। हनुमद् दर्शन सब दुख बीता।।

ताते विनय करो सुनु बाई। भजहुं पवनसुत सुमति पाई।।

सालासर हनुमत जिमि आवा। कहुं सकल सुनु मन समुझावा।।

मोहनदास विप्र सब जाना। भगति भाव गुण ज्ञान नि…ना।।

उदय संग ले खेत कमाये। एक बार हनुमद् तहं आये।।

कह कपि विप्र सुनो मम बानी। कीजे ध्यान भगति जिय जानी।।

सब तजि मोहन विप्र विचार। हनुमत्बजन सदा सुककारी।।

करइ भजन भगति अरू ध्याना। नित्य होई मिलन हनुमाना।।

आसोटा मूर्ति प्रगटाये। लै ठाकुर सालासर आये।।

विक्रम अष्टादश शत् ग्यारह। आयऊ हनुमद् रवि जिमि बारह।।

श्रावण सित नवमी शनिवारा। थायन योग भूमि असवारा।।

मोहन पूजन हवन कराई। कपि मूरति थापी सुखदाई।

आरति मोहन मंगल गावा। ढोल नगारा शबद मुहावा।।

चढे़ चूरमा भोग लगाये। भजन कीर्तन सब मिल गाये।।

एक बार मोहन मन भाई। भई प्रेरणा मूर्त सजाई।

चित्र रचा जो मन सुखदाई। भये प्रसन्न हनुमत् कपिराई।।

घृत सिन्दूर थाल भर लीना। मूरत लाल ललित कर दीना।।

मोहन बोले उदय बुलाई। हनुमद्कहं अवराधै आई।।

सेवहुं हनुमद् लग्न लगाई। नित प्रति भगति बढ़ै सवाई।।

सालासर जयकार मुहाई। चहुँदिशि घंटा धुनि मन भाई।।

दिन दिन हो मंदिर विस्तारा। पूजा करे उदय परिवारा।।

मंगल पूनम जो मन भाये। सालासर शुभ दर्शन पाये।।

ध्वजा नारियल आत चढ़ाये। खाण्ड चूरमा भोग लगाये।।

हनुमत भजन करइ मन लाई। सालासर हनुमान मनाई।।

एहिविधि आई धोक लगाये। मन इच्छा फल सब जन पाये।।

आत्म ज्ञान बढ़े नित नाया। जब ते होये हनुमत दाया।।

सब विघ्न कष्ट विकार हटावे। सालासर शरणा जो जावे।।

चिन्ता सांपिनी ताको भाजे। जाके हिय में हनुमत राजे।।

हनुमत दर्शन अति मन भाई। लाल देह छवि कहि नहिं जाई।।

दूर दूर ते लोग लुगाई। बड़े भाग ते दर्शन पाई।।

करहि सफल सब निज निज लोचन। करि करि दर्शन संकट मोचन।।

हनुमत महिमा चहुँदिशि गाजे। सालासर हनुमान विराजे।।

सालासर शुभ धाम भजामी। जय जय जय बजरंग नमामी।।

‘इन्द्रजीत’ कपिराई सहाई। सालासर महिमा जो गाई।।

सालासर हनुमत चालीसा। पढ़े सुने शुभ करे कपीसा।।

दोहा: चालीसा शुभधाम का, गाये जो चितलाय।

‘इन्द्रजीत’ भगति बढ़े, दया करें कपिराय।।

ओ3म् सुमर गाते रहो, नित श्री सीताराम।

सालासर शरणा गहो, करि हनुमत प्रणाम।।

सालासर बालाजी चालीसा: (Salasar Balaji Chalisa) राजस्थान के चमत्कारी हनुमानजी की महिमा
सालासर बालाजी चालीसा: (Salasar Balaji Chalisa) राजस्थान के चमत्कारी हनुमानजी की महिमा!

सालासर बालाजी की विशेषता

सालासर बालाजी मंदिर की सबसे अनोखी विशेषता यह है कि यहाँ स्थापित हनुमानजी की मूर्ति दाढ़ी और मूंछ वाली है, जो अन्य स्थानों की मूर्तियों से अलग बनाती है। यह स्थान सच्ची भक्ति और विश्वास का प्रतीक है।

यहाँ आने वाले भक्तों को हनुमानजी की कृपा अनुभव होती है। मंदिर में हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं, विशेषकर हनुमान जयंती और चैत्र पूर्णिमा पर यहाँ बड़ा मेला लगता है। भक्तजन चालीसा पाठ, सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ करके भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।


📜 बालाजी (सालासर) चालीसा (Salasar Balaji Chalisa) का पाठ करने के लाभ

  1. सभी संकटों से मुक्ति – हनुमानजी संकटमोचक हैं और चालीसा पाठ से जीवन में आने वाली सभी बाधाएँ समाप्त होती हैं।
  2. नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है – नियमित पाठ से मन में शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  3. रोगों से मुक्ति – यह माना जाता है कि सालासर बालाजी के दर्शन और चालीसा पाठ से शारीरिक और मानसिक रोग दूर होते हैं।
  4. कार्य सिद्धि और सफलता – जो भी भक्त किसी कार्य में सफलता की कामना करता है, उसे इस चालीसा के पाठ से अवश्य लाभ मिलता है।
  5. परिवार में सुख-शांति – इस चालीसा का पाठ करने से घर में शांति, समृद्धि और प्रेम बना रहता है।

✨ सालासर बालाजी चालीसा (Salasar Balaji Chalisa) (पूर्ण पाठ)

॥ दोहा ॥


जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
कहत अयोध्या दास तुम, देहु अभय वरदान॥

॥ चौपाई ॥


जय जय जय हनुमान गोसाईं। कृपा करहु गुरु देव की नाईं॥
सालासर के धाम विराजे। संकट हरन भक्त के काजे॥

बालाजी तुम दीन दयाला। सदा सहाय भक्त प्रतिपाला॥
सालासर में रूप अनूपा। दाढ़ी मूंछ अति मन को भूपा॥

भक्तों के तुम काज संवारे। संकट मोचन नाम तुम्हारे॥
जो कोई तव ध्यान लगाए। संकट कबहुं निकट ना आए॥

(पूर्ण चालीसा विस्तृत रूप में दी जा सकती है)


📅 सालासर बालाजी की पूजा और अनुष्ठान

सालासर बालाजी की पूजा विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार को की जाती है। इन दिनों मंदिर में विशेष हवन, आरती और भंडारे का आयोजन होता है। श्रद्धालु यहाँ आकर हनुमानजी को चोला चढ़ाते हैं, नारियल अर्पित करते हैं और चालीसा का पाठ करते हैं।

यहाँ एक विशेष “सवामणी” अनुष्ठान किया जाता है, जिसमें भक्त हनुमानजी को हलवा, चूरमा और अन्य प्रसाद अर्पित करते हैं। ऐसा करने से मनोकामनाएँ पूरी होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।


🔥 सालासर बालाजी मंदिर के चमत्कार

  1. स्वयं प्रकट हुई मूर्ति – ऐसा माना जाता है कि सालासर बालाजी की प्रतिमा स्वयं प्रकट हुई थी और इसे एक भक्त जोधा राम ने स्थापित किया था।
  2. कष्ट हरने वाले बालाजी – मंदिर में दर्शन करने से भक्तों की समस्याएँ दूर होती हैं और उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आता है।
  3. मनोकामना पूर्ण करने वाला धाम – भक्तगण यहाँ नारियल बांधकर अपनी इच्छाएँ प्रकट करते हैं और उनकी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।
  4. रोगों से मुक्ति – सालासर बालाजी के चरणों में सिर झुकाने मात्र से रोगों से राहत मिलती है और मानसिक शांति प्राप्त होती है।

🚩 सालासर बालाजी तक कैसे पहुँचें?

सालासर बालाजी मंदिर राजस्थान के चूरू जिले में स्थित है। यहाँ पहुँचने के लिए निम्नलिखित मार्ग उपलब्ध हैं –

  1. सड़क मार्ग – राजस्थान और अन्य राज्यों से बस और टैक्सी सेवा उपलब्ध है।
  2. रेल मार्ग – निकटतम रेलवे स्टेशन सुजानगढ़ और सीकर है, जहाँ से मंदिर आसानी से पहुँचा जा सकता है।
  3. हवाई मार्ग – निकटतम हवाई अड्डा जयपुर है, जो सालासर से लगभग 180 किलोमीटर दूर है।

सालासर बालाजी चालीसा (Salasar Balaji Chalisa) न केवल एक धार्मिक पाठ है बल्कि भक्तों के जीवन में चमत्कारी प्रभाव डालने वाला एक दिव्य स्रोत भी है। जो भी श्रद्धालु इसे श्रद्धा और भक्ति से पढ़ता है, उसे सभी संकटों से मुक्ति मिलती है और जीवन में शांति व समृद्धि का अनुभव होता है।

सालासर बालाजी चालीसा (Salasar Balaji Chalisa) से जुड़े महत्वपूर्ण सवाल और जवाब


1. सालासर बालाजी कौन हैं?

सालासर बालाजी राजस्थान के चूरू जिले में स्थित हनुमानजी का एक चमत्कारी मंदिर है, जहाँ भक्तों की मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।

2. सालासर बालाजी की मूर्ति अन्य हनुमान मंदिरों से अलग क्यों है?

यहाँ हनुमानजी की मूर्ति दाढ़ी और मूंछ वाली है, जो अन्य मंदिरों से अलग और अनोखी बनाती है।

3. सालासर बालाजी चालीसा (Salasar Balaji Chalisa) क्या है?

बालाजी चालीसा 40 छंदों का एक पवित्र पाठ है, जिसमें हनुमानजी की महिमा और उनकी कृपा के गुणगान किए गए हैं।

4. सालासर बालाजी चालीसा (Salasar Balaji Chalisa) का पाठ करने से क्या लाभ होता है?

इस चालीसा का पाठ करने से संकटों से मुक्ति, नकारात्मक ऊर्जा का नाश, स्वास्थ्य लाभ और कार्य सिद्धि होती है।

5. सालासर बालाजी चालीसा (Salasar Balaji Chalisa) कब पढ़नी चाहिए?

मंगलवार और शनिवार को इसका पाठ करना सबसे शुभ माना जाता है, लेकिन इसे प्रतिदिन भी पढ़ा जा सकता है।

6. क्या सालासर बालाजी मंदिर में कोई विशेष अनुष्ठान होता है?

हाँ, यहाँ चोला चढ़ाने, सवामणी भोग अर्पण, हनुमान चालीसा पाठ और विशेष हवन-पूजन होते हैं।

7. सालासर बालाजी का मंदिर कहाँ स्थित है?

यह मंदिर राजस्थान के चूरू जिले में, सालासर गाँव में स्थित है।

8. सालासर बालाजी कैसे पहुँचा जा सकता है?

  • सड़क मार्ग: राजस्थान और आसपास के राज्यों से बस और टैक्सी सेवा उपलब्ध है।
  • रेल मार्ग: नजदीकी रेलवे स्टेशन सुजानगढ़ और सीकर है।
  • हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा जयपुर (180 किमी दूर) है।

9. सालासर बालाजी की स्थापना कब और कैसे हुई?

1760 में एक किसान जोधा राम को खुदाई के दौरान यह चमत्कारी मूर्ति मिली, जिसे बाद में सालासर में स्थापित किया गया

10. क्या सालासर बालाजी मंदिर में नारियल बाँधने की परंपरा है?

हाँ, भक्त नारियल बाँधकर अपनी मनोकामना प्रकट करते हैं, और जब उनकी इच्छा पूरी होती है, तो वे यहाँ दर्शन करने आते हैं

11. सालासर बालाजी में कौन-कौन से त्यौहार धूमधाम से मनाए जाते हैं?

यहाँ हनुमान जयंती, चैत्र पूर्णिमा, दीपावली और गुरुपूर्णिमा का विशेष महत्त्व है।

12. क्या सालासर बालाजी चालीसा (Salasar Balaji Chalisa) घर पर भी पढ़ सकते हैं?

हाँ, इसे घर पर श्रद्धा और भक्ति के साथ पढ़ सकते हैं, इससे घर में सुख-शांति बनी रहती है

13. क्या सालासर बालाजी चालीसा (Salasar Balaji Chalisa) से रोगों से मुक्ति मिलती है?

हाँ, इसका नियमित पाठ मानसिक और शारीरिक रोगों को दूर करता है और शक्ति व सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है।

14. क्या सालासर बालाजी मंदिर में ऑनलाइन दर्शन की सुविधा है?

हाँ, अब कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और यूट्यूब चैनल पर मंदिर के लाइव दर्शन उपलब्ध हैं।

15. सालासर बालाजी के दर्शन करने से क्या चमत्कारी लाभ होते हैं?

यहाँ आने वाले भक्तों को रोगों से मुक्ति, धन-वैभव, करियर में सफलता और शत्रु बाधा से मुक्ति मिलती है।

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