विश्वनाथ चालीसा: (Vishwanath Chalisa) जानिए कैसे इस चालीसा से मिलता है काशी के विश्वनाथ का आशीर्वाद!
विश्वनाथ चालीसा (Vishwanath Chalisa) काशी के प्रसिद्ध विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग की स्तुति है, जो भगवान शिव के परम पवित्र और शक्तिशाली रूप के रूप में प्रतिष्ठित है। यह चालीसा एक भव्य स्तुतिपाठ है, जिसमें भगवान शिव के सभी गुणों और शक्तियों का वर्णन किया गया है। विश्वनाथ शब्द का अर्थ होता है ‘सार्वभौमिक ईश्वर’, और काशी का यह ज्योतिर्लिंग दुनिया भर में प्रसिद्ध है। यह चालीसा उनके भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक प्रार्थना है, जो भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए इसे श्रद्धा भाव से पढ़ते हैं।
विश्वनाथ का महत्व
काशी का विश्वनाथ मंदिर भारतीय संस्कृति और धर्म का एक अभिन्न हिस्सा है। यह मंदिर एक अत्यंत पवित्र स्थल है, जिसे प्रत्येक हिंदू व्यक्ति अपनी यात्रा का हिस्सा मानता है। भगवान शिव का यह स्वरूप काशी के विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग में प्रकट हुआ है, जिसे आदि काल से पूजा जाता रहा है। इस मंदिर का विशेष धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व है, और इसके दर्शन करने से सभी पापों का नाश होता है।
विश्वनाथ चालीसा (Vishwanath Chalisa)
विश्वनाथ चालीसा
(Vishwanath Chalisa)
। श्री गणेशाय नमः ।
श्री स्वामी सामर्थाय नमः ।॥ दोहा ॥
विश्वनाथ को सुमिर मन । धर गणेश का ध्यान ।
भैरव चालीसा रचूं । कृपा करहु भगवान॥
बटुकनाथ भैरव भजं । श्री काली के लाल ।
छीतरमल पर कर कृपा । काशी के कुतवाल॥॥ चौपाई ॥
जय जय श्रीकाली के लाला । रहो दास पर सदा दयाला॥
भैरव भीषण भीम कपाली । क्रोधवन्त लोचन में लाली॥कर त्रिशूल है कठिन कराला । गल में प्रभु मुण्डन की माला॥
कृष्ण रूप तन वर्ण विशाला । पीकर मद रहता मतवाला॥रुद्र बटुक भक्तन के संगी । प्रेत नाथ भूतेश भुजंगी॥
त्रैल तेश है नाम तुम्हारा । चक्र तुण्ड अमरेश पियारा॥शेखरचंद्र कपाल बिराजे । स्वान सवारी पै प्रभु गाजे॥
शिव नकुलेश चण्ड हो स्वामी । बैजनाथ प्रभु नमो नमामी॥अश्वनाथ क्रोधेश बखाने । भैरों काल जगत ने जाने॥
गायत्री कहैं निमिष दिगम्बर । जगन्नाथ उन्नत आडम्बर॥क्षेत्रपाल दसपाण कहाये । मंजुल उमानन्द कहलाये॥
चक्रनाथ भक्तन हितकारी । कहैं त्र्यम्बक सब नर नारी॥संहारक सुनन्द तव नामा । करहु भक्त के पूरण कामा॥
नाथ पिशाचन के हो प्यारे । संकट मेटहु सकल हमारे॥कृत्यायु सुन्दर आनन्दा । भक्त जनन के काटहु फन्दा॥
कारण लम्ब आप भय भंजन । नमोनाथ जय जनमन रंजन॥हो तुम देव त्रिलोचन नाथा । भक्त चरण में नावत माथा॥
त्वं अशतांग रुद्र के लाला । महाकाल कालों के काला॥ताप विमोचन अरि दल नासा । भाल चन्द्रमा करहि प्रकाशा॥
श्वेत काल अरु लाल शरीरा । मस्तक मुकुट शीश पर चीरा॥काली के लाला बलधारी । कहाँ तक शोभा कहूँ तुम्हारी॥
शंकर के अवतार कृपाला । रहो चकाचक पी मद प्याला॥कशी के कुतवाल कहाओ । बटुक नाथ चेतक दिखलाओ ॥
रवि के दिन जन भोग लगावें । धूप दीप नैवेद्य चढ़ावें॥दरशन करके भक्त सिहावें । दारुड़ा की धार पिलावें॥
मठ में सुन्दर लटकत झावा । सिद्ध कार्य कर भैरों बाबा॥नाथ आपका यश नहीं थोड़ा । करमें सुभग सुशोभित कोड़ा॥
कटि घूँघरा सुरीले बाजत । कंचनमय सिंहासन राजत॥नर नारी सब तुमको ध्यावहिं । मनवांछित इच्छाफल पावहिं॥
भोपा हैं आपके पुजारी । करें आरती सेवा भारी॥भैरव भात आपका गाऊँ । बार बार पद शीश नवाऊँ॥
आपहि वारे छीजन धाये । ऐलादी ने रूदन मचाये॥बहन त्यागि भाई कहाँ जावे । तो बिन को मोहि भात पिन्हावे॥
रोये बटुक नाथ करुणा कर । गये हिवारे मैं तुम जाकर॥दुखित भई ऐलादी बाला । तब हर का सिंहासन हाला॥
समय व्याह का जिस दिन आया । प्रभु ने तुमको तुरत पठाया॥विष्णु कही मत विलम्ब लगाओ । तीन दिवस को भैरव जाओ॥
दल पठान संग लेकर धाया । ऐलादी को भात पिन्हाया॥पूरन आस बहन की कीनी । सुर्ख चुन्दरी सिर धर दीनी ॥
भात भेरा लौटे गुण ग्रामी । नमो नमामी अन्तर्यामी॥॥ दोहा ॥
जय जय जय भैरव बटुक । स्वामी संकट टार ।
कृपा दास पर कीजिए । शंकर के अवतार॥
जो यह चालीसा पढे । प्रेम सहित सत बार ।
उस घर सर्वानन्द हों । वैभव बढ़ें अपार॥। । इति श्री बटुक भैरव चालीसा । ।
॥ श्रीगुरुदत्तात्रेयार्पणमस्तु ॥
|| श्री स्वामी समर्थापर्ण मस्तु||
विश्वनाथ चालीसा (Vishwanath Chalisa) की रचना
विश्वनाथ चालीसा (Vishwanath Chalisa) का निर्माण भक्त सूरदास द्वारा किया गया था। यह चालीसा भगवान शिव की 40 श्लोकों में स्तुति करती है। इसमें भगवान शिव के रूप, गुण, और महिमा का विस्तृत वर्णन किया गया है। यह चालीसा भक्तों को भगवान शिव के करीब लाने और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए प्रभावशाली रूप से रचित है। यह श्लोक न केवल भगवान शिव की स्तुति करते हैं, बल्कि जीवन के संघर्षों में मदद करने के लिए शिव के आशीर्वाद की प्रार्थना भी करते हैं।
चालीसा का प्रभाव
विश्वनाथ चालीसा (Vishwanath Chalisa) का नियमित पाठ करने से भक्तों को मानसिक शांति और आत्मिक संतुलन प्राप्त होता है। यह चालीसा न केवल भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का एक उपाय है, बल्कि यह आत्मविश्वास और आंतरिक शक्ति का संचार भी करती है। जब कोई भक्त पूरे विश्वास और श्रद्धा के साथ इस चालीसा का पाठ करता है, तो भगवान शिव उसकी सभी इच्छाओं को पूरा करने के लिए उनकी सहायता करते हैं।
विश्वनाथ चालीसा (Vishwanath Chalisa) के लाभ
- मनोकामनाओं की पूर्ति: विश्वनाथ चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति की सभी इच्छाएँ पूरी होती हैं।
- पापों का नाश: यह चालीसा पापों को दूर करने में मदद करती है, जिससे व्यक्ति को शांति और सुख मिलता है।
- आध्यात्मिक उन्नति: नियमित रूप से विश्वनाथ चालीसा का पाठ करने से आत्मिक उन्नति होती है और भगवान शिव के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होता है।
- मानसिक शांति: चालीसा के पाठ से मानसिक तनाव कम होता है और मन को शांति मिलती है।
विश्वनाथ चालीसा (Vishwanath Chalisa) का पाठ कैसे करें?
विश्वनाथ चालीसा (Vishwanath Chalisa) का पाठ बहुत सरल है, लेकिन इसे श्रद्धा और ध्यान से करना चाहिए। यह चालीसा सुबह या शाम को भगवान शिव के समक्ष बैठकर पढ़नी चाहिए। यदि संभव हो तो गंगा जल का छिड़काव करें और एक दीपक जलाकर शांति से इस चालीसा का पाठ करें। पाठ करते समय पूरे मन से भगवान शिव के प्रति श्रद्धा और आस्था रखें।
विश्वनाथ चालीसा (Vishwanath Chalisa) काशी के विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग की स्तुति करने का एक अत्यंत प्रभावशाली तरीका है। यह चालीसा न केवल भगवान शिव के प्रति श्रद्धा और आस्था को प्रगाढ़ करता है, बल्कि यह जीवन को सही दिशा में मार्गदर्शन करने के लिए भी एक अमूल्य साधन है। यदि हम इस चालीसा का श्रद्धा भाव से पाठ करें, तो निश्चित ही भगवान शिव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
FAQs: विश्वनाथ चालीसा (Vishwanath Chalisa)
1. विश्वनाथ चालीसा (Vishwanath Chalisa) क्या है?
विश्वनाथ चालीसा (Vishwanath Chalisa) एक धार्मिक स्तुति है, जिसमें भगवान शिव के काशी के विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग की 40 श्लोकों के माध्यम से पूजा और स्तुति की जाती है।
2. विश्वनाथ चालीसा (Vishwanath Chalisa) का पाठ क्यों किया जाता है?
विश्वनाथ चालीसा (Vishwanath Chalisa) का पाठ भगवान शिव के आशीर्वाद प्राप्त करने, पापों का नाश करने और मानसिक शांति के लिए किया जाता है।
3. विश्वनाथ चालीसा (Vishwanath Chalisa) का महत्व क्या है?
यह चालीसा काशी के विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग की महिमा का वर्णन करती है और भक्तों को भगवान शिव के निकट लाने में मदद करती है।
4. विश्वनाथ चालीसा (Vishwanath Chalisa) का पाठ कब करना चाहिए?
विश्वनाथ चालीसा (Vishwanath Chalisa) का पाठ सुबह या शाम को भगवान शिव के समक्ष श्रद्धा और ध्यान से करना चाहिए।
5. विश्वनाथ चालीसा (Vishwanath Chalisa) को कौन रचते हैं?
विश्वनाथ चालीसा (Vishwanath Chalisa) की रचना भक्त सूरदास ने की थी, जो भगवान शिव के भक्त थे।
6. क्या विश्वनाथ चालीसा (Vishwanath Chalisa) का पाठ किसी विशेष समय में किया जाता है?
कोई विशेष समय नहीं है, लेकिन महाशिवरात्रि जैसे खास अवसरों पर इसे विशेष रूप से पढ़ा जाता है।
7. विश्वनाथ चालीसा (Vishwanath Chalisa) के कितने श्लोक होते हैं?
विश्वनाथ चालीसा (Vishwanath Chalisa) में 40 श्लोक होते हैं, जो भगवान शिव की स्तुति और महिमा का वर्णन करते हैं।
8. क्या विश्वनाथ चालीसा (Vishwanath Chalisa) के पाठ से मानसिक शांति मिलती है?
हाँ, नियमित रूप से विश्वनाथ चालीसा का पाठ मानसिक शांति, तनाव में कमी और आंतरिक संतुलन प्रदान करता है।
9. क्या विश्वनाथ चालीसा (Vishwanath Chalisa) का पाठ सभी के लिए करना अनिवार्य है?
यह अनिवार्य नहीं है, लेकिन जो व्यक्ति भगवान शिव की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, वे इसे श्रद्धा से पाठ कर सकते हैं।
10. विश्वनाथ चालीसा (Vishwanath Chalisa) का पाठ करने से कौन-कौन से लाभ होते हैं?
इसका पाठ करने से मनोकामनाओं की पूर्ति, पापों का नाश, और आध्यात्मिक उन्नति होती है।
11. क्या विश्वनाथ चालीसा (Vishwanath Chalisa) का पाठ किसी खास स्थान पर करना जरूरी है?
विश्वनाथ चालीसा (Vishwanath Chalisa) का पाठ घर पर भी किया जा सकता है, लेकिन अगर आप काशी जा रहे हैं, तो वहां भगवान शिव के विश्वनाथ मंदिर में इसे पढ़ने का विशेष महत्व है।
12. क्या विश्वनाथ चालीसा (Vishwanath Chalisa) का पाठ करने से जीवन में समस्याएं दूर हो सकती हैं?
जी हाँ, विश्वनाथ चालीसा (Vishwanath Chalisa) का पाठ जीवन में आने वाली समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकता है और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त कर सकता है।
13. क्या विश्वनाथ चालीसा (Vishwanath Chalisa) का पाठ अकेले किया जा सकता है?
हाँ, यह चालीसा अकेले भी पढ़ी जा सकती है। इसे श्रद्धा और भक्ति से पढ़ना चाहिए।
14. क्या विश्वनाथ चालीसा (Vishwanath Chalisa) का पाठ करने से पुण्य मिलता है?
हां, नियमित रूप से इस चालीसा का पाठ करने से पुण्य मिलता है और व्यक्ति के जीवन में सुख और समृद्धि आती है।
15. क्या विश्वनाथ चालीसा (Vishwanath Chalisa) का पाठ किसी विशेष भाषा में किया जाता है?
विश्वनाथ चालीसा (Vishwanath Chalisa) मुख्य रूप से हिंदी में होती है, लेकिन इसे अन्य भाषाओं में भी अनुवादित किया जा सकता है।