विश्वकर्मा भगवान जी की आरती:(Vishwakarma Bhagawan Ji Ki Aarti) चमत्कारी महिमा, विधि और संपूर्ण जानकारी!
विश्वकर्मा भगवान को शिल्प, निर्माण और तकनीकी कौशल के देवता के रूप में जाना जाता है। उनकी आरती का पाठ करने से समृद्धि, सफलता और सुरक्षा की प्राप्ति होती है। इस लेख में हम विश्वकर्मा भगवान जी की आरती, उनकी महिमा, पूजन विधि और महत्व को विस्तार से समझेंगे।
🛕 विश्वकर्मा भगवान कौन हैं?
विश्वकर्मा जी को सृष्टि का प्रथम इंजीनियर और वास्तुकार कहा जाता है। उन्होंने देवताओं के दिव्य महलों, अस्त्र-शस्त्र, रथ, और नगरों का निर्माण किया। पौराणिक कथाओं के अनुसार, स्वर्ग लोक, द्वारका, लंका, पुष्पक विमान और इंद्र का महल भी उन्होंने ही बनाया था।
वेदों और पुराणों में इन्हें वास्तु, धातु, यांत्रिकी और तकनीकी ज्ञान का स्वामी बताया गया है। विश्वकर्मा जयंती पर विशेष रूप से उनकी पूजा होती है, खासकर इंजीनियर, कारीगर, बढ़ई, लोहार, मशीनों से जुड़े लोग और फैक्ट्री मालिक उनकी पूजा करते हैं।
इनकी पूजा करने से व्यवसाय में वृद्धि, कार्य में सफलता, और मशीनरी से होने वाली दुर्घटनाओं से सुरक्षा मिलती है।
विश्वकर्मा भगवान जी की आरती: (Vishwakarma Bhagawan Ji Ki Aarti)
विश्वकर्मा भगवान जी की आरती:
(Vishwakarma Bhagawan Ji Ki Aarti)
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु,
जय श्री विश्वकर्मा ।
सकल सृष्टि के करता,
रक्षक स्तुति धर्मा ॥जय श्री विश्वकर्मा प्रभु,
जय श्री विश्वकर्मा ।आदि सृष्टि मे विधि को,
श्रुति उपदेश दिया ।
जीव मात्र का जग में,
ज्ञान विकास किया ॥जय श्री विश्वकर्मा प्रभु,
जय श्री विश्वकर्मा ।ऋषि अंगीरा तप से,
शांति नहीं पाई ।
ध्यान किया जब प्रभु का,
सकल सिद्धि आई ॥जय श्री विश्वकर्मा प्रभु,
जय श्री विश्वकर्मा ।रोग ग्रस्त राजा ने,
जब आश्रय लीना ।
संकट मोचन बनकर,
दूर दुःखा कीना ॥जय श्री विश्वकर्मा प्रभु,
जय श्री विश्वकर्मा ।जब रथकार दंपति,
तुम्हारी टेर करी ।
सुनकर दीन प्रार्थना,
विपत सगरी हरी ॥जय श्री विश्वकर्मा प्रभु,
जय श्री विश्वकर्मा ।एकानन चतुरानन,
पंचानन राजे।
त्रिभुज चतुर्भुज दशभुज,
सकल रूप साजे ॥जय श्री विश्वकर्मा प्रभु,
जय श्री विश्वकर्मा ।ध्यान धरे तब पद का,
सकल सिद्धि आवे ।
मन द्विविधा मिट जावे,
अटल शक्ति पावे ॥जय श्री विश्वकर्मा प्रभु,
जय श्री विश्वकर्मा ।श्री विश्वकर्मा की आरती,
जो कोई गावे ।
भजत गजानांद स्वामी,
सुख संपति पावे ॥जय श्री विश्वकर्मा प्रभु,
जय श्री विश्वकर्मा ।
सकल सृष्टि के करता,
रक्षक स्तुति धर्मा ॥

🌟 विश्वकर्मा भगवान जी की महिमा
विश्वकर्मा भगवान सृजन, निर्माण और कला के देवता हैं। उनकी कृपा से नई खोजें, तकनीकी विकास और वास्तुकला में सफलता मिलती है।
हिंदू शास्त्रों में इन्हें देवताओं के शिल्पकार और ब्रह्मांड के निर्माता के रूप में वर्णित किया गया है। इनके बिना अर्थव्यवस्था, उद्योग और प्रगति की कल्पना भी नहीं की जा सकती।
कई लोग मानते हैं कि जो व्यक्ति पूरी श्रद्धा और विश्वास से उनकी पूजा करता है, उसके कार्य में रुकावटें दूर हो जाती हैं और उसे समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
विशेष रूप से मशीनरी, उद्योग और कंस्ट्रक्शन से जुड़े लोग उनकी पूजा करते हैं ताकि उनका कार्य सुरक्षित और लाभदायक बना रहे।
🔥 विश्वकर्मा भगवान जी की आरती (Vishwakarma Bhagawan Ji Ki Aarti) का महत्व
आरती का पाठ करने से मन को शांति, ऊर्जा और सकारात्मकता मिलती है। विश्वकर्मा भगवान की आरती करने से कार्य में सफलता, समृद्धि और उन्नति प्राप्त होती है।
जो लोग उद्योग, मशीन, फैक्ट्री, वाहन, भवन निर्माण या कारीगरी से जुड़े हैं, उन्हें नियमित रूप से आरती करनी चाहिए। इससे सभी प्रकार की बाधाएं समाप्त हो जाती हैं और नया जोश और ऊर्जा प्राप्त होती है।
शास्त्रों के अनुसार, जब भी किसी शुभ कार्य की शुरुआत होती है तो आरती गाने से सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है और नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती हैं।
🏡 विश्वकर्मा भगवान जी की पूजा विधि
- स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- पूजा स्थान को साफ करें और भगवान की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
- चंदन, फूल, धूप, दीप, और नैवेद्य अर्पित करें।
- गंगाजल से भगवान का अभिषेक करें।
- शुद्ध घी का दीपक जलाएं और अगरबत्ती लगाएं।
- भगवान विश्वकर्मा जी की आरती गाएं।
- प्रसाद का वितरण करें और सभी को आरती में शामिल करें।
जो लोग मशीनों, फैक्ट्री या उद्योग में काम करते हैं, वे अपने औजार, मशीन और उपकरणों की भी पूजा करते हैं ताकि किसी प्रकार की हानि या दुर्घटना न हो।
🎶 विश्वकर्मा भगवान जी की आरती(Vishwakarma Bhagawan Ji Ki Aarti)
🚩 जय जय श्री विश्वकर्मा, जय जय विश्वकर्मा।
तुमको निशिदिन ध्यावत, हर विष्णु महेश्वर ध्याता॥
🚩 जय जय श्री विश्वकर्मा, जय जय विश्वकर्मा।
तेरे दर्शन को निर्बल, हर कोई हर्ष मनाता॥
🚩 जय जय श्री विश्वकर्मा, जय जय विश्वकर्मा।
तेरी महिमा अपरंपार, सब कोई गुण गाता॥
🚩 जय जय श्री विश्वकर्मा, जय जय विश्वकर्मा।
तेरी पूजा जो करता, दुःख दरिद्र मिटाता॥
🚩 जय जय श्री विश्वकर्मा, जय जय विश्वकर्मा।
तू ही यंत्रों का ज्ञाता, तेरा ही नाम जपाता॥
🚩 जय जय श्री विश्वकर्मा, जय जय विश्वकर्मा।
तेरी कृपा से सब कार्य, शुभ मंगलमय होता॥
🚩 जय जय श्री विश्वकर्मा, जय जय विश्वकर्मा।
🏭 विश्वकर्मा जयंती का महत्व
विश्वकर्मा जयंती हर साल कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन विशेष रूप से इंजीनियर, फैक्ट्री मालिक, शिल्पकार और तकनीकी क्षेत्र से जुड़े लोग भगवान विश्वकर्मा की पूजा-अर्चना और आरती करते हैं।
इस दिन मशीनों, औजारों और कार्यस्थलों की विशेष पूजा की जाती है ताकि कार्य में सफलता, उन्नति और सुरक्षा बनी रहे।
भारत के कई राज्यों में इस दिन विशेष आयोजन, हवन और भंडारे किए जाते हैं। इस दिन नए उद्योगों और मशीनों का उद्घाटन करना शुभ माना जाता है।
🚜 विश्वकर्मा भगवान की कृपा कैसे प्राप्त करें?
- प्रतिदिन भगवान विश्वकर्मा का ध्यान करें।
- सप्ताह में कम से कम एक बार उनकी आरती गाएं।
- कार्यस्थल और मशीनों को साफ रखें और नियमित पूजा करें।
- श्रमिकों, कर्मचारियों और गरीबों की सहायता करें।
- अपने कार्य में ईमानदारी और मेहनत से काम करें।
जो व्यक्ति श्रद्धा और विश्वास से भगवान विश्वकर्मा की पूजा करता है, उसे समृद्धि, सफलता और सुख प्राप्त होता है।
विश्वकर्मा भगवान तकनीकी ज्ञान, वास्तुकला और निर्माण कार्यों के देवता हैं। उनकी पूजा और आरती करने से जीवन में उन्नति, सुख-शांति और समृद्धि प्राप्त होती है।
जो लोग इंडस्ट्री, इंजीनियरिंग, फैक्ट्री और मशीनों से जुड़े हैं, उन्हें विशेष रूप से विश्वकर्मा जी की आरती करनी चाहिए ताकि उनका कार्य सफल और सुरक्षित बना रहे।
अगर आप भी अपने व्यवसाय, कार्यक्षेत्र और जीवन में उन्नति चाहते हैं, तो नियमित रूप से भगवान विश्वकर्मा जी की आरती करें और उनकी कृपा प्राप्त करें। 🚩🔱
विश्वकर्मा भगवान जी की आरती (Vishwakarma Bhagawan Ji Ki Aarti) से जुड़ी महत्वपूर्ण FAQs
1. विश्वकर्मा भगवान कौन हैं?
विश्वकर्मा भगवान को शिल्प, वास्तु, निर्माण और तकनीकी कौशल के देवता माना जाता है। वे देवताओं के महल, अस्त्र-शस्त्र और स्वर्गलोक की रचना करने वाले दिव्य इंजीनियर हैं।
2. विश्वकर्मा भगवान की आरती (Vishwakarma Bhagawan Ji Ki Aarti) कब करनी चाहिए?
विश्वकर्मा भगवान की आरती (Vishwakarma Bhagawan Ji Ki Aarti) प्रतिदिन सुबह या शाम, विशेष रूप से विश्वकर्मा जयंती, दीपावली और किसी नए निर्माण कार्य की शुरुआत पर करनी चाहिए।
3. विश्वकर्मा जयंती कब मनाई जाती है?
विश्वकर्मा जयंती कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है, जो आमतौर पर सितंबर-अक्टूबर में आती है।
4. विश्वकर्मा जी की पूजा कौन करता है?
विशेष रूप से इंजीनियर, कारीगर, फैक्ट्री मालिक, लोहार, मशीन ऑपरेटर, आर्किटेक्ट और निर्माण कार्य से जुड़े लोग उनकी पूजा करते हैं।
5. विश्वकर्मा भगवान की आरती (Vishwakarma Bhagawan Ji Ki Aarti) करने से क्या लाभ होते हैं?
इससे व्यापार में वृद्धि, मशीनरी की सुरक्षा, कार्य में सफलता, वास्तु दोष से मुक्ति और जीवन में समृद्धि प्राप्त होती है।
6. विश्वकर्मा जी की पूजा में कौन-कौन से पूजन सामग्री लगती है?
फूल, धूप, दीप, चंदन, नैवेद्य, प्रसाद, गंगाजल, लाल वस्त्र और औजारों की पूजा के लिए हल्दी-कुमकुम का उपयोग किया जाता है।
7. क्या मशीनों की पूजा भी विश्वकर्मा पूजा में होती है?
हाँ, इस दिन मशीनों, औजारों और वाहनों की पूजा की जाती है ताकि वे सही तरीके से कार्य करें और दुर्घटनाएं न हों।
8. विश्वकर्मा भगवान की आरती (Vishwakarma Bhagawan Ji Ki Aarti) कैसे करें?
आरती करने के लिए दीपक जलाएं, अगरबत्ती लगाएं, फूल चढ़ाएं और पूरे मन से “जय जय श्री विश्वकर्मा” आरती गाएं।
9. क्या विश्वकर्मा पूजा घर पर भी की जा सकती है?
हाँ, इसे घर, फैक्ट्री, वर्कशॉप और उद्योगों में किया जा सकता है। पूजा के लिए प्रतिमा या चित्र रखकर श्रद्धापूर्वक आरती करें।
10. विश्वकर्मा जी की पूजा के दिन क्या करना चाहिए?
इस दिन स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें, औजारों और मशीनों की सफाई करें, भगवान की पूजा करें और जरूरतमंदों को दान दें।
11. विश्वकर्मा भगवान का वाहन कौन सा है?
भगवान विश्वकर्मा का वाहन हाथी माना जाता है, जो शक्ति और बुद्धिमत्ता का प्रतीक है।
12. क्या विश्वकर्मा जी को कोई विशेष भोग लगाया जाता है?
जी हाँ, उन्हें खीर, मिठाई, फल और पंचामृत का भोग लगाया जाता है।
13. विश्वकर्मा पूजा के दिन कौन-से मंत्र का जाप करें?
“ॐ विश्वकर्मणे नमः” मंत्र का 108 बार जाप करना शुभ होता है।
14. विश्वकर्मा भगवान की कृपा कैसे प्राप्त करें?
नियमित आरती, पूजा, दान-पुण्य और श्रम का सम्मान करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है।
15. क्या विश्वकर्मा जी केवल हिंदू धर्म में पूजनीय हैं?
मुख्यतः वे हिंदू धर्म में पूजनीय हैं, लेकिन कई अन्य धर्मों के लोग भी निर्माण और तकनीकी क्षेत्र में सफलता के लिए उनकी पूजा करते हैं।