वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi) 2024: इस दिन करें ये उपाय, मिलेगी हर संकट से मुक्ति!
वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi) 2024: तिथि, महत्व, पूजा विधि और व्रत कथा
वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi) हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखती है। यह वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को आती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। 2024 में वरुथिनी एकादशी 24 अप्रैल को मनाई जाएगी।
यह एकादशी मन की शुद्धि, कर्मों के सुधार और आध्यात्मिक उन्नति के लिए बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन सत्य, अहिंसा और दान का विशेष महत्व होता है। भगवान विष्णु की कृपा से इस दिन व्रत रखने वाले भक्तों को सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त होती है। जो लोग इस दिन सच्चे मन से उपवास और भक्ति करते हैं, उन्हें सभी संकटों से मुक्ति मिलती है।
इस लेख में हम आपको वरुथिनी एकादशी की तिथि, महत्व, पूजा विधि, व्रत कथा और लाभ के बारे में विस्तार से बताएंगे।
वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi) 2024 की तिथि और शुभ मुहूर्त
2024 में वरुथिनी एकादशी 24 अप्रैल, बुधवार को मनाई जाएगी। हिंदू पंचांग के अनुसार,
- एकादशी तिथि प्रारंभ: 23 अप्रैल 2024, रात 08:39 बजे
- एकादशी तिथि समाप्त: 24 अप्रैल 2024, रात 06:15 बजे
- पारण (व्रत तोड़ने का समय): 25 अप्रैल 2024, सुबह 06:00 से 08:30 बजे तक
व्रत पारण का समय द्वादशी तिथि के अनुसार किया जाता है। सही समय पर पारण करने से व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है।
वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi) का धार्मिक महत्व
वरुथिनी एकादशी का अर्थ होता है “सुरक्षा प्रदान करने वाली एकादशी”। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा करने से व्यक्ति को बुरी शक्तियों, पापों और दुखों से मुक्ति मिलती है।
पुराणों के अनुसार, राजा मान्धाता ने इस एकादशी का व्रत रखकर मोक्ष प्राप्त किया था। इस दिन दान और पुण्य करने से सौ गुना फल प्राप्त होता है। जो लोग गरीबों, ब्राह्मणों और जरुरतमंदों की सहायता करते हैं, उन्हें सभी प्रकार के कष्टों से छुटकारा मिलता है।
जो भक्त इस दिन नियमपूर्वक व्रत रखते हैं, वे सभी पापों से मुक्त होकर विष्णु लोक में स्थान पाते हैं।
वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi) व्रत की पूजा विधि
वरुथिनी एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और शुद्ध वस्त्र धारण करें। पूजा विधि इस प्रकार है:
- भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने दीप जलाएं और गंगाजल से स्नान कराएं।
- पीले फूल, तुलसी के पत्ते, धूप और दीप अर्पित करें।
- भगवान विष्णु को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर) से स्नान कराएं।
- “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें।
- सतयुग की कथा सुनें और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
- ब्राह्मणों को भोजन कराएं और जरूरतमंदों को दान दें।
पूजा विधि पूरी करने के बाद संपूर्ण दिन उपवास करें और रात में भगवान का भजन-कीर्तन करें।
वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi) व्रत कथा
पुराणों के अनुसार, एक बार राजा मान्धाता ने इस व्रत को किया था। राजा बहुत धर्मपरायण और न्यायप्रिय थे, लेकिन एक बार उन्होंने अहंकार वश एक ऋषि का अपमान कर दिया। इससे उनका सारा राज्य बर्बाद हो गया।
राजा दुखी होकर वन में तपस्या करने चले गए। वहां उन्हें एक ऋषि ने वरुथिनी एकादशी व्रत करने की सलाह दी। राजा ने इस एकादशी का व्रत रखा और भगवान विष्णु की आराधना की।
व्रत के प्रभाव से उनके सभी पाप नष्ट हो गए और उन्हें स्वर्ग में स्थान प्राप्त हुआ। इस कथा से पता चलता है कि यह व्रत हर प्रकार के दुखों और पापों से मुक्ति दिलाता है।
वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi) के व्रत के नियम
- इस दिन सात्विक भोजन करें और लहसुन-प्याज का सेवन न करें।
- क्रोध, झूठ, निंदा और बुरे विचारों से बचें।
- दान और जरूरतमंदों की सेवा करें।
- जल, फलाहार और दूध का सेवन करें (यदि निर्जला व्रत न कर सकें)।
- श्रीहरि का ध्यान करें और कथा का श्रवण करें।
व्रत के इन नियमों का पालन करने से ईश्वर कृपा प्राप्त होती है और सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं।
वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi) का लाभ
इस व्रत को करने से अनेक लाभ प्राप्त होते हैं:
- पापों से मुक्ति मिलती है और आत्मा शुद्ध होती है।
- भविष्य में अच्छे कर्मों का फल मिलता है।
- धन, सुख और शांति की प्राप्ति होती है।
- बीमारी, कष्ट और दुःख दूर होते हैं।
- मोक्ष प्राप्त होता है और विष्णु लोक में स्थान मिलता है।
जो लोग इस एकादशी का व्रत रखते हैं, उन्हें अनगिनत पुण्य प्राप्त होते हैं और जीवन में हर क्षेत्र में सफलता मिलती है।
वरुथिनी एकादशी का व्रत करने से पापों का नाश, मोक्ष की प्राप्ति और भगवान विष्णु की कृपा मिलती है। यह एकादशी सुरक्षा और उन्नति प्रदान करती है।
इस दिन शुद्ध मन और भक्ति भाव से व्रत रखना चाहिए। दान, पूजा और सत्संग करने से अत्यधिक पुण्य लाभ होता है। अगर आप भी अपने जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और मोक्ष पाना चाहते हैं, तो वरुथिनी एकादशी का व्रत अवश्य करें।
वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi) 2024: अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1. वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi) 2024 कब है?
उत्तर: वरुथिनी एकादशी 2024 में 24 अप्रैल, बुधवार को मनाई जाएगी।
2. वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi) का महत्व क्या है?
उत्तर: यह एकादशी पापों से मुक्ति, मोक्ष प्राप्ति और भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है।
3. वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi) का व्रत कौन कर सकता है?
उत्तर: यह व्रत सभी पुरुषों और महिलाओं के लिए उपयुक्त है। विशेष रूप से वे लोग जो सुख-समृद्धि और मोक्ष की कामना रखते हैं।
4. क्या वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi) का व्रत बिना जल (निर्जला) रखा जा सकता है?
उत्तर: हां, लेकिन यदि स्वास्थ्य ठीक न हो तो फलाहार या जल ग्रहण कर सकते हैं।
5. इस दिन कौन-से खाद्य पदार्थ नहीं खाने चाहिए?
उत्तर: इस दिन अनाज, चावल, मसूर दाल, लहसुन, प्याज और तामसिक भोजन से परहेज करना चाहिए।
6. वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi) पर किस भगवान की पूजा की जाती है?
उत्तर: इस दिन भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा की जाती है।
7. वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi) की पूजा विधि क्या है?
उत्तर: इस दिन भगवान विष्णु की मूर्ति पर गंगाजल, फूल, धूप, दीप, तुलसी पत्र और प्रसाद चढ़ाकर मंत्रों का जाप करना चाहिए।
8. इस एकादशी की व्रत कथा क्या है?
उत्तर: राजा मान्धाता ने इस व्रत को रखकर अपने पापों का नाश किया और मोक्ष प्राप्त किया।
9. वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi) पर दान का क्या महत्व है?
उत्तर: इस दिन गरीबों को भोजन, वस्त्र और धन दान करने से सौ गुना पुण्य फल प्राप्त होता है।
10. क्या इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन जरूरी है?
उत्तर: हां, इस दिन शुद्ध विचार और ब्रह्मचर्य का पालन करना आवश्यक है।
11. वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi) का पारण (व्रत तोड़ने) का समय क्या है?
उत्तर: 2024 में पारण 25 अप्रैल को सुबह 06:00 से 08:30 बजे तक किया जाएगा।
12. क्या इस दिन व्रत के दौरान सो सकते हैं?
उत्तर: व्रत के दौरान अधिक सोने की बजाय भजन-कीर्तन और विष्णु भगवान का ध्यान करना चाहिए।
13. इस व्रत से क्या लाभ होते हैं?
उत्तर: इस व्रत से सभी पापों का नाश, मानसिक शांति, धन-वैभव और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
14. क्या इस दिन कोई विशेष मंत्र जाप करना चाहिए?
उत्तर: हां, “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का 108 बार जाप करना बहुत शुभ होता है।
15. क्या वरुथिनी एकादशी का व्रत करने से कष्ट दूर होते हैं?
उत्तर: हां, इस दिन व्रत और पूजा करने से सभी कष्ट, बाधाएं और नकारात्मक ऊर्जा नष्ट हो जाती है।