“वैष्णो देवी की आरती: (Vaishno Devi Ki Aarti) अद्भुत दिव्यता और चमत्कारी महिमा की पूरी जानकारी”
वैष्णो देवी की आरती: (Vaishno Devi Ki Aarti)
वैष्णो देवी भारत के सबसे प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों में से एक है। जम्मू-कश्मीर के त्रिकुटा पर्वत पर स्थित यह मंदिर देवी दुर्गा के रूप में पूजी जाने वाली माता वैष्णो देवी को समर्पित है। यहां हर दिन हजारों भक्त आते हैं। मंदिर में सुबह और शाम की आरती सबसे प्रमुख धार्मिक क्रियाओं में से एक है। आरती देवी की महिमा और आशीर्वाद प्राप्त करने का एक पवित्र तरीका है। इसे देखना और इसमें भाग लेना भक्तों के लिए एक अलौकिक अनुभव होता है।
वैष्णो देवी आरती (Vaishno Devi Ki Aarti) का महत्व
आरती को देवी मां के प्रति भक्ति और श्रद्धा प्रकट करने का पवित्र अनुष्ठान माना जाता है। यह पूजा का वह हिस्सा है जो देवी के आह्वान और आभार व्यक्त करने के लिए किया जाता है। आरती के समय मंत्रों और शंख की ध्वनि से पूरा वातावरण आध्यात्मिक हो जाता है। यह माना जाता है कि आरती में शामिल होने वाले भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उन्हें देवी मां का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
वैष्णो देवी आरती (Vaishno Devi Ki Aarti)
वैष्णो देवी आरती
(Vaishno Devi Ki Aarti)
जय वैष्णवी माता,
मैया जय वैष्णवी माता ।
हाथ जोड़ तेरे आगे,आरती मैं गाता ॥
॥ जय वैष्णवी माता..॥
शीश पे छत्र विराजे,
मूरतिया प्यारी ।
गंगा बहती चरनन,
ज्योति जगे न्यारी ॥
॥ जय वैष्णवी माता..॥ब्रह्मा वेद पढ़े नित द्वारे,
शंकर ध्यान धरे ।
सेवक चंवर डुलावत,
नारद नृत्य करे ॥
॥ जय वैष्णवी माता..॥सुन्दर गुफा तुम्हारी,
मन को अति भावे ।
बार-बार देखन को,
ऐ माँ मन चावे ॥
॥ जय वैष्णवी माता..॥भवन पे झण्डे झूलें,
घंटा ध्वनि बाजे ।
ऊँचा पर्वत तेरा,
माता प्रिय लागे ॥
॥ जय वैष्णवी माता..॥पान सुपारी ध्वजा नारियल,
भेंट पुष्प मेवा ।
दास खड़े चरणों में,
दर्शन दो देवा ॥
॥ जय वैष्णवी माता..॥जो जन निश्चय करके,
द्वार तेरे आवे ।
उसकी इच्छा पूरण,
माता हो जावे ॥
॥ जय वैष्णवी माता..॥इतनी स्तुति निश-दिन,
जो नर भी गावे ।
कहते सेवक ध्यानू,
सुख सम्पत्ति पावे ॥जय वैष्णवी माता,
मैया जय वैष्णवी माता ।
हाथ जोड़ तेरे आगे,
आरती मैं गाता ॥
आरती के दौरान होने वाले अनुष्ठान
वैष्णो देवी आरती (Vaishno Devi Ki Aarti) दो बार की जाती है – सुबह और शाम। आरती की शुरुआत मंत्रोच्चारण और घंटियों की आवाज के साथ होती है। पंडितों द्वारा दीपक जलाकर देवी को समर्पित किया जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान 108 दीपक उपयोग किए जाते हैं। यह वातावरण को दिव्यता से भर देता है और भक्तों को आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करता है।
FAQs: वैष्णो देवी आरती (Vaishno Devi Ki Aarti) के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. वैष्णो देवी आरती (Vaishno Devi Ki Aarti) कब होती है?
वैष्णो देवी आरती (Vaishno Devi Ki Aarti) दिन में दो बार होती है – सुबह और शाम। सुबह की आरती सूर्योदय से पहले और शाम की आरती सूर्यास्त के बाद की जाती है।
2. आरती के लिए कितने दीपकों का उपयोग होता है?
आरती के दौरान देवी मां को समर्पित करने के लिए 108 दीपकों का उपयोग किया जाता है।
3. क्या हर भक्त आरती में भाग ले सकता है?
हां, आरती में भाग लेना हर भक्त के लिए खुला है, लेकिन इसमें शामिल होने के लिए पहले ऑनलाइन बुकिंग करवानी पड़ती है।
4. वैष्णो देवी आरती (Vaishno Devi Ki Aarti) कितने समय तक चलती है?
आरती लगभग 2 घंटे तक चलती है। यह एक विस्तृत प्रक्रिया है जिसमें मंत्र, भजन और पूजा शामिल होते हैं।
5. आरती के दौरान कौन-कौन से मंत्र बोले जाते हैं?
आरती के दौरान वैष्णव मंत्र, दुर्गा चालीसा, और जयकारे बोले जाते हैं।
6. आरती के दौरान भक्तों को क्या करना चाहिए?
भक्तों को शांत रहकर ध्यान लगाना चाहिए और मंत्रोच्चारण के साथ देवी मां का स्मरण करना चाहिए।
7. क्या आरती देखने के लिए कोई ड्रेस कोड है?
आरती में भाग लेने वालों से सभ्य और पारंपरिक कपड़े पहनने की अपेक्षा की जाती है।
8. आरती के लिए कितनी फीस होती है?
आरती में शामिल होने के लिए ₹1,000 से ₹2,000 तक की फीस हो सकती है, जो स्थान और सेवा के आधार पर बदलती है।
9. क्या आरती लाइव देखी जा सकती है?
हां, कुछ चैनलों और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर आरती का लाइव प्रसारण किया जाता है।
10. क्या आरती के दौरान फोटोग्राफी की अनुमति है?
नहीं, आरती के दौरान फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की अनुमति नहीं है।
11. आरती के बाद भक्तों को क्या मिलता है?
आरती के बाद भक्तों को प्रसाद और चरणामृत दिया जाता है।
12. क्या आरती के दौरान संगीत बजता है?
हां, आरती के दौरान भक्ति संगीत और शंख-घंटी की ध्वनि से माहौल भक्तिमय बनता है।
13. क्या गर्भगृह में आरती देखी जा सकती है?
गर्भगृह में केवल विशेष अनुमति प्राप्त व्यक्ति ही आरती देख सकते हैं।
14. आरती की ऑनलाइन बुकिंग कैसे करें?
आरती के लिए बुकिंग श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट से की जा सकती है।
15. आरती का सबसे अच्छा समय कौन सा है?
आरती का सबसे अच्छा समय सुबह का है, जब वातावरण शांत और ऊर्जा से भरा होता है।