तुलसी चालीसा (Tulasi Chalisa) का चमत्कार! जानिए माता तुलसी की महिमा और इसके अद्भुत लाभ!

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तुलसी चालीसा (Tulasi Chalisa) का चमत्कार! जानिए माता तुलसी की महिमा और इसके अद्भुत लाभ!

तुलसी चालीसा (Tulasi Chalisa) का चमत्कार! जानिए माता तुलसी की महिमा और इसके अद्भुत लाभ!


तुलसी चालीसा (Tulasi Chalisa) – माता तुलसी की महिमा का वर्णन

तुलसी का महत्व

भारत में तुलसी को देवी का स्वरूप माना जाता है। इसे “हरि प्रिया” कहा जाता है क्योंकि यह भगवान विष्णु को अति प्रिय है। हिंदू धर्म में तुलसी का धार्मिक, आध्यात्मिक और औषधीय महत्व है। तुलसी के पौधे को घर में लगाना शुभ माना जाता है, क्योंकि यह सकारात्मक ऊर्जा और शुद्धता लाता है। तुलसी चालीसा एक भक्तिपूर्ण स्तुति है, जिसमें माता तुलसी की महिमा, कृपा और चमत्कारी प्रभावों का वर्णन किया गया है। इस चालीसा का नियमित पाठ करने से व्यक्ति को सुख, समृद्धि और मानसिक शांति प्राप्त होती है।

Contents
तुलसी चालीसा (Tulasi Chalisa) का चमत्कार! जानिए माता तुलसी की महिमा और इसके अद्भुत लाभ!तुलसी चालीसा (Tulasi Chalisa) – माता तुलसी की महिमा का वर्णनतुलसी का महत्वतुलसी माता का पौराणिक महत्वतुलसी चालीसा (Tulasi Chalisa)तुलसी चालीसा (Tulasi Chalisa) का महत्वतुलसी चालीसा (Tulasi Chalisa) के पाठ के लाभतुलसी चालीसा (Tulasi Chalisa) का पाठ करने की विधितुलसी माता की विशेष पूजातुलसी विवाह का महत्वतुलसी के औषधीय गुणतुलसी का वैज्ञानिक महत्वतुलसी से जुड़े कुछ धार्मिक नियमतुलसी चालीसा (Tulasi Chalisa) का संपूर्ण पाठतुलसी चालीसा (Tulasi Chalisa) का पाठ क्यों करें?तुलसी चालीसा (Tulasi Chalisa) से जुड़े महत्वपूर्ण सवाल और जवाब1. तुलसी चालीसा (Tulasi Chalisa) क्या है?2. तुलसी माता कौन हैं?3. तुलसी चालीसा (Tulasi Chalisa) का पाठ कब करना चाहिए?4. तुलसी चालीसा (Tulasi Chalisa) के पाठ से क्या लाभ होता है?5. तुलसी विवाह क्यों किया जाता है?6. तुलसी के बिना कोई पूजा अधूरी क्यों मानी जाती है?7. क्या तुलसी चालीसा (Tulasi Chalisa) से स्वास्थ्य लाभ भी होता है?8. क्या रात में तुलसी के पत्ते तोड़ने चाहिए?9. तुलसी माता की पूजा कैसे करें?10. क्या महिलाएँ तुलसी के पौधे को छू सकती हैं?11. तुलसी के कितने प्रकार होते हैं?12. क्या तुलसी माता की पूजा से आर्थिक समस्या दूर होती है?13. क्या तुलसी के पौधे को घर में लगाना शुभ होता है?14. क्या तुलसी माता की सूखी पत्तियों का उपयोग किया जा सकता है?15. तुलसी चालीसा (Tulasi Chalisa) कितने दिनों तक लगातार पढ़ना चाहिए?

तुलसी माता का पौराणिक महत्व

पौराणिक कथाओं में तुलसी माता को भगवान विष्णु की अनन्य भक्त बताया गया है। एक कथा के अनुसार, तुलसी माता पहले “वृंदा” नाम की एक देवी थीं, जो एक महान पति-व्रता स्त्री थीं। उनके पति जलंधर को भगवान शिव भी पराजित नहीं कर सके, क्योंकि वृंदा का अटूट पतिव्रत धर्म उसकी रक्षा कर रहा था। परंतु, भगवान विष्णु ने छल से वृंदा का तप भंग किया, जिससे उनका पतिव्रत धर्म टूट गया और जलंधर मारा गया। दुखी होकर वृंदा ने स्वयं को त्याग दिया, और भगवान विष्णु ने उन्हें तुलसी के रूप में अमर कर दिया। तभी से तुलसी विवाह और पूजा में महत्वपूर्ण मानी जाती हैं।

तुलसी चालीसा (Tulasi Chalisa)

तुलसी चालीसा
(Tulasi Chalisa)

॥ दोहा ॥

जय जय तुलसी भगवती सत्यवती सुखदानी ।
नमो नमो हरि प्रेयसी श्री वृन्दा गुन खानी ॥
श्री हरि शीश बिरजिनी, देहु अमर वर अम्ब ।
जनहित हे वृन्दावनी अब न करहु विलम्ब ॥

॥ चौपाई ॥

धन्य धन्य श्री तलसी माता ।
महिमा अगम सदा श्रुति गाता ॥

हरि के प्राणहु से तुम प्यारी ।
हरीहीँ हेतु कीन्हो तप भारी ॥

जब प्रसन्न है दर्शन दीन्ह्यो ।
तब कर जोरी विनय उस कीन्ह्यो ॥

हे भगवन्त कन्त मम होहू ।
दीन जानी जनि छाडाहू छोहु ॥ ४ ॥

सुनी लक्ष्मी तुलसी की बानी ।
दीन्हो श्राप कध पर आनी ॥

उस अयोग्य वर मांगन हारी ।
होहू विटप तुम जड़ तनु धारी ॥

सुनी तुलसी हीँ श्रप्यो तेहिं ठामा ।
करहु वास तुहू नीचन धामा ॥

दियो वचन हरि तब तत्काला ।
सुनहु सुमुखी जनि होहू बिहाला ॥ ८ ॥

समय पाई व्हौ रौ पाती तोरा ।
पुजिहौ आस वचन सत मोरा ॥

तब गोकुल मह गोप सुदामा ।
तासु भई तुलसी तू बामा ॥

कृष्ण रास लीला के माही ।
राधे शक्यो प्रेम लखी नाही ॥

दियो श्राप तुलसिह तत्काला ।
नर लोकही तुम जन्महु बाला ॥ १२ ॥

यो गोप वह दानव राजा ।
शङ्ख चुड नामक शिर ताजा ॥

तुलसी भई तासु की नारी ।
परम सती गुण रूप अगारी ॥

अस द्वै कल्प बीत जब गयऊ ।
कल्प तृतीय जन्म तब भयऊ ॥

वृन्दा नाम भयो तुलसी को ।
असुर जलन्धर नाम पति को ॥ १६ ॥

करि अति द्वन्द अतुल बलधामा ।
लीन्हा शंकर से संग्राम ॥

जब निज सैन्य सहित शिव हारे ।
मरही न तब हर हरिही पुकारे ॥

पतिव्रता वृन्दा थी नारी ।
कोऊ न सके पतिहि संहारी ॥

तब जलन्धर ही भेष बनाई ।
वृन्दा ढिग हरि पहुच्यो जाई ॥ २० ॥

शिव हित लही करि कपट प्रसंगा ।
कियो सतीत्व धर्म तोही भंगा ॥

भयो जलन्धर कर संहारा ।
सुनी उर शोक उपारा ॥

तिही क्षण दियो कपट हरि टारी ।
लखी वृन्दा दुःख गिरा उचारी ॥

जलन्धर जस हत्यो अभीता ।
सोई रावन तस हरिही सीता ॥ २४ ॥

अस प्रस्तर सम ह्रदय तुम्हारा ।
धर्म खण्डी मम पतिहि संहारा ॥

यही कारण लही श्राप हमारा ।
होवे तनु पाषाण तुम्हारा ॥

सुनी हरि तुरतहि वचन उचारे ।
दियो श्राप बिना विचारे ॥

लख्यो न निज करतूती पति को ।
छलन चह्यो जब पारवती को ॥ २८ ॥

जड़मति तुहु अस हो जड़रूपा ।
जग मह तुलसी विटप अनूपा ॥

धग्व रूप हम शालिग्रामा ।
नदी गण्डकी बीच ललामा ॥

जो तुलसी दल हमही चढ़ इहैं ।
सब सुख भोगी परम पद पईहै ॥

बिनु तुलसी हरि जलत शरीरा ।
अतिशय उठत शीश उर पीरा ॥ ३२ ॥

जो तुलसी दल हरि शिर धारत ।
सो सहस्त्र घट अमृत डारत ॥

तुलसी हरि मन रञ्जनी हारी ।
रोग दोष दुःख भंजनी हारी ॥

प्रेम सहित हरि भजन निरन्तर ।
तुलसी राधा में नाही अन्तर ॥

व्यन्जन हो छप्पनहु प्रकारा ।
बिनु तुलसी दल न हरीहि प्यारा ॥ ३६ ॥

सकल तीर्थ तुलसी तरु छाही ।
लहत मुक्ति जन संशय नाही ॥

कवि सुन्दर इक हरि गुण गावत ।
तुलसिहि निकट सहसगुण पावत ॥

बसत निकट दुर्बासा धामा ।
जो प्रयास ते पूर्व ललामा ॥

पाठ करहि जो नित नर नारी ।
होही सुख भाषहि त्रिपुरारी ॥ ४० ॥

॥ दोहा ॥

तुलसी चालीसा पढ़ही तुलसी तरु ग्रह धारी ।
दीपदान करि पुत्र फल पावही बन्ध्यहु नारी ॥

सकल दुःख दरिद्र हरि हार ह्वै परम प्रसन्न ।
आशिय धन जन लड़हि ग्रह बसही पूर्णा अत्र ॥

लाही अभिमत फल जगत मह लाही पूर्ण सब काम ।
जेई दल अर्पही तुलसी तंह सहस बसही हरीराम ॥

तुलसी महिमा नाम लख तुलसी सूत सुखराम ।
मानस चालीस रच्यो जग महं तुलसीदास ॥

तुलसी चालीसा (Tulasi Chalisa) का चमत्कार! जानिए माता तुलसी की महिमा और इसके अद्भुत लाभ!
तुलसी चालीसा (Tulasi Chalisa) का चमत्कार! जानिए माता तुलसी की महिमा और इसके अद्भुत लाभ!

तुलसी चालीसा (Tulasi Chalisa) का महत्व

चालीसा हिंदू धर्म में किसी भी देवी-देवता की 40 चौपाइयों में रचित स्तुति होती है। तुलसी चालीसा का पाठ करने से घर में शांति, सुख, समृद्धि और रोगों से मुक्ति मिलती है। इसे करने से माता तुलसी की कृपा प्राप्त होती है और व्यक्ति को आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग मिलता है। तुलसी चालीसा को प्रभु विष्णु की भक्ति के साथ किया जाए तो अधिक लाभकारी होता है।

तुलसी चालीसा (Tulasi Chalisa) के पाठ के लाभ

  1. घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है।
  2. स्वास्थ्य लाभ मिलता है, क्योंकि तुलसी रोगनाशक गुणों से भरपूर है।
  3. विवाह और पारिवारिक सुख में वृद्धि होती है।
  4. आर्थिक समृद्धि और कर्जों से मुक्ति मिलती है।
  5. मन की शांति और तनाव से राहत मिलती है।
  6. भूत-प्रेत और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा होती है।
  7. भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।

तुलसी चालीसा (Tulasi Chalisa) का पाठ करने की विधि

तुलसी चालीसा (Tulasi Chalisa) का पाठ करने से पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें। तुलसी माता की दीप जलाकर पूजा करें और स्फटिक की माला से पाठ करें। इस चालीसा को प्रत्येक गुरुवार और एकादशी के दिन पढ़ना बहुत शुभ माना जाता है। नियमित पाठ करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।

तुलसी माता की विशेष पूजा

तुलसी माता की पूजा करने के लिए निम्नलिखित सामग्री आवश्यक होती है:

  • तुलसी पत्ते
  • कुमकुम और अक्षत (चावल)
  • दीपक और अगरबत्ती
  • जल और गंगाजल
  • प्रसाद (गुड़ या मिश्री)

पूजा में तुलसी माता को जल चढ़ाएं, दीप जलाएं और तुलसी चालीसा का पाठ करें। इस पूजा से घर में शुभता और पवित्रता बनी रहती है।

तुलसी विवाह का महत्व

कार्तिक मास में देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी विवाह का विशेष महत्व होता है। इस दिन तुलसी माता का विवाह भगवान शालिग्राम (भगवान विष्णु) से कराया जाता है। इस अनुष्ठान को करने से सभी प्रकार के वैवाहिक दोष समाप्त होते हैं और शीघ्र विवाह के योग बनते हैं।

तुलसी के औषधीय गुण

तुलसी केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि औषधीय गुणों से भरपूर है। तुलसी के पत्ते प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) बढ़ाते हैं और कई रोगों से बचाते हैं। तुलसी सर्दी, जुकाम, बुखार, खांसी, मधुमेह और हृदय रोगों में लाभकारी होती है।

तुलसी का वैज्ञानिक महत्व

वैज्ञानिक दृष्टि से तुलसी वातावरण को शुद्ध करने का कार्य करती है। तुलसी के पत्तों में एंटीबायोटिक और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो शरीर को रोगों से बचाते हैं। तुलसी का नियमित सेवन करने से मानसिक शांति और एकाग्रता बढ़ती है।

तुलसी से जुड़े कुछ धार्मिक नियम

  1. रात में तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए।
  2. तुलसी को हमेशा स्वच्छ और शुद्ध जल चढ़ाना चाहिए।
  3. महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान तुलसी के पौधे को नहीं छूना चाहिए।
  4. तुलसी पत्ते बिना स्नान किए नहीं तोड़ने चाहिए।
  5. तुलसी को हमेशा घर के आंगन या पूजा स्थल पर लगाना चाहिए।

तुलसी चालीसा (Tulasi Chalisa) का संपूर्ण पाठ

तुलसी चालीसा (Tulasi Chalisa) के 40 चौपाइयों के माध्यम से माता तुलसी की महिमा, कृपा और चमत्कारी प्रभावों का वर्णन किया गया है।

(आप चाहें तो संपूर्ण तुलसी चालीसा यहाँ जोड़ सकते हैं)

तुलसी चालीसा (Tulasi Chalisa) का पाठ क्यों करें?

तुलसी चालीसा (Tulasi Chalisa) केवल एक धार्मिक पाठ नहीं, बल्कि जीवन को सकारात्मक और शुद्ध बनाने का माध्यम है। इसका नियमित पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में शांति, समृद्धि और आरोग्य आता है। तुलसी माता की कृपा से सभी संकट दूर होते हैं और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है। इसलिए, हर व्यक्ति को अपने जीवन में तुलसी चालीसा का पाठ जरूर करना चाहिए।


तुलसी चालीसा (Tulasi Chalisa) से जुड़े महत्वपूर्ण सवाल और जवाब

1. तुलसी चालीसा (Tulasi Chalisa) क्या है?

तुलसी चालीसा (Tulasi Chalisa) माता तुलसी की स्तुति में रचित 40 चौपाइयों का भजन है, जिसमें उनके गुण, महिमा और कृपा का वर्णन किया गया है।

2. तुलसी माता कौन हैं?

तुलसी माता को भगवान विष्णु की प्रिय भक्त माना जाता है। वह पहले वृंदा देवी थीं, जिन्हें भगवान ने तुलसी का रूप दिया।

3. तुलसी चालीसा (Tulasi Chalisa) का पाठ कब करना चाहिए?

तुलसी चालीसा (Tulasi Chalisa) का पाठ प्रतिदिन, विशेष रूप से गुरुवार और एकादशी के दिन करने से शुभ फल मिलता है।

4. तुलसी चालीसा (Tulasi Chalisa) के पाठ से क्या लाभ होता है?

  • घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
  • बीमारियों और नकारात्मक ऊर्जा से बचाव होता है।
  • वैवाहिक जीवन सुखी बनता है।
  • भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।

5. तुलसी विवाह क्यों किया जाता है?

तुलसी विवाह कार्तिक मास की देवउठनी एकादशी को तुलसी माता और भगवान शालिग्राम (विष्णु) का विवाह कराया जाता है, जिससे वैवाहिक दोष समाप्त होते हैं।

6. तुलसी के बिना कोई पूजा अधूरी क्यों मानी जाती है?

भगवान विष्णु और लक्ष्मी की पूजा में तुलसी दल (पत्ते) आवश्यक होते हैं। बिना तुलसी के भोग स्वीकार नहीं किया जाता।

7. क्या तुलसी चालीसा (Tulasi Chalisa) से स्वास्थ्य लाभ भी होता है?

हाँ, तुलसी माता के पत्तों में औषधीय गुण होते हैं, जो सर्दी, खांसी, बुखार, मधुमेह और हृदय रोगों में लाभकारी होते हैं।

8. क्या रात में तुलसी के पत्ते तोड़ने चाहिए?

नहीं, रात में तुलसी के पत्ते तोड़ना वर्जित माना गया है, क्योंकि इसे अपशकुन माना जाता है।

9. तुलसी माता की पूजा कैसे करें?

सुबह स्नान के बाद दीप जलाएं, जल अर्पित करें, तुलसी चालीसा का पाठ करें और अंत में प्रसाद चढ़ाकर आरती करें।

10. क्या महिलाएँ तुलसी के पौधे को छू सकती हैं?

हाँ, लेकिन मासिक धर्म के दौरान तुलसी माता को नहीं छूना चाहिए।

11. तुलसी के कितने प्रकार होते हैं?

मुख्यतः दो प्रकार की तुलसी होती हैं:

  1. श्री तुलसी (राम तुलसी – हरे पत्ते वाली)
  2. कृष्ण तुलसी (काले पत्ते वाली)

12. क्या तुलसी माता की पूजा से आर्थिक समस्या दूर होती है?

हाँ, तुलसी माता की पूजा करने और तुलसी चालीसा का पाठ करने से आर्थिक बाधाएँ दूर होती हैं और समृद्धि बढ़ती है।

13. क्या तुलसी के पौधे को घर में लगाना शुभ होता है?

हाँ, तुलसी का पौधा घर में लगाने से पॉजिटिव एनर्जी आती है और वास्तु दोष दूर होते हैं।

14. क्या तुलसी माता की सूखी पत्तियों का उपयोग किया जा सकता है?

हाँ, तुलसी की सूखी पत्तियाँ भी उतनी ही पवित्र मानी जाती हैं और पूजा में प्रयोग की जा सकती हैं।

15. तुलसी चालीसा (Tulasi Chalisa) कितने दिनों तक लगातार पढ़ना चाहिए?

मनोकामना पूर्ति के लिए 11, 21 या 40 दिनों तक तुलसी चालीसा का पाठ करना शुभ माना जाता है।

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