नवरात्रि में सप्तशती पाठ (Saptashati Path) का सही नियम! इसे गलत किया तो नहीं मिलेगा पूरा फल?

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नवरात्रि में सप्तशती पाठ (Saptashati Path) का सही नियम! इसे गलत किया तो नहीं मिलेगा पूरा फल?

नवरात्रि में सप्तशती पाठ (Saptashati Path) का सही नियम! इसे गलत किया तो नहीं मिलेगा पूरा फल?


नवरात्रि में सप्तशती पाठ (Saptashati Path) का सही नियम

श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ नवरात्रि के दौरान विशेष रूप से किया जाता है। यह मां दुर्गा की कृपा प्राप्त करने और जीवन की सभी बाधाओं को दूर करने के लिए अत्यंत प्रभावी माना जाता है। लेकिन सही विधि से सप्तशती पाठ (Saptashati Path) करना आवश्यक है, वरना इसका पूर्ण लाभ नहीं मिलता। इस लेख में हम आपको शुद्ध एवं सही नियमों के बारे में विस्तार से बताएंगे।

Contents
नवरात्रि में सप्तशती पाठ (Saptashati Path) का सही नियम! इसे गलत किया तो नहीं मिलेगा पूरा फल?नवरात्रि में सप्तशती पाठ (Saptashati Path) का सही नियमश्री दुर्गा सप्तशती पाठ का महत्वसप्तशती पाठ (Saptashati Path) करने का सही समयसप्तशती पाठ (Saptashati Path) की आवश्यक सामग्रीसप्तशती पाठ (Saptashati Path) करने की सही विधिनवरात्रि में सप्तशती पाठ (Saptashati Path) के विशेष नियमसप्तशती पाठ (Saptashati Path) के विभिन्न प्रकारनवरात्रि में सप्तशती पाठ (Saptashati Path) से होने वाले लाभसप्तशती पाठ (Saptashati Path) में होने वाली सामान्य गलतियांक्या सप्तशती पाठ (Saptashati Path) बिना गुरु के किया जा सकता है?क्या सप्तशती पाठ (Saptashati Path) घर पर कर सकते हैं?नवरात्रि में सप्तशती पाठ (Saptashati Path) का सही नियम – 15 महत्वपूर्ण FAQs1. सप्तशती पाठ (Saptashati Path) क्या है?2. नवरात्रि में सप्तशती पाठ (Saptashati Path) क्यों किया जाता है?3. सप्तशती पाठ (Saptashati Path) करने का सही समय क्या है?4. सप्तशती पाठ (Saptashati Path) कितने दिनों तक करना चाहिए?5. सप्तशती पाठ (Saptashati Path) के लिए कौन-सी सामग्री आवश्यक है?6. सप्तशती पाठ (Saptashati Path) करने का सही तरीका क्या है?7. सप्तशती पाठ (Saptashati Path) के दौरान कौन-कौन से मंत्र पढ़ने चाहिए?8. क्या महिलाएं मासिक धर्म में सप्तशती पाठ कर सकती हैं?9. सप्तशती पाठ (Saptashati Path) के दौरान क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?10. सप्तशती पाठ (Saptashati Path) से क्या लाभ मिलता है?11. क्या सप्तशती पाठ घर पर किया जा सकता है?12. बिना गुरु के सप्तशती पाठ किया जा सकता है?13. सप्तशती पाठ करने से क्या संकट टल सकते हैं?14. सप्तशती पाठ के बाद क्या करना चाहिए?15. सप्तशती पाठ करने में सबसे बड़ी गलतियां कौन-सी होती हैं?

श्री दुर्गा सप्तशती पाठ का महत्व

श्री दुर्गा सप्तशती को चंडी पाठ भी कहा जाता है। यह मार्कंडेय पुराण का एक अंश है, जिसमें मां दुर्गा के 700 श्लोक संकलित हैं। यह तीन भागों में विभाजित है – प्रथम चरित्र (माहात्म्यम), मध्यम चरित्र (दुर्गास्तुति) और उत्तर चरित्र (दुर्गा कवच, अर्गला स्तोत्र, कीलक मंत्र)

नवरात्रि में सप्तशती पाठ करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है, सुख-समृद्धि बढ़ती है और शत्रु बाधा खत्म होती है। विशेष रूप से महालक्ष्मी, महाकाली और महासरस्वती की कृपा प्राप्त करने के लिए यह पाठ सर्वोत्तम उपाय है।


सप्तशती पाठ (Saptashati Path) करने का सही समय

नवरात्रि के दौरान सुबह और शाम दोनों समय सप्तशती पाठ किया जा सकता है। लेकिन ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4-6 बजे) में किया गया पाठ सबसे अधिक प्रभावशाली होता है। यदि संभव न हो तो सूर्योदय के समय पाठ करें।

रात्रि में पाठ करना भी शुभ होता है, लेकिन इसे निर्विघ्न करने के लिए शुद्धता और सही नियमों का पालन आवश्यक है। विशेषकर अष्टमी और नवमी के दिन पाठ करना बेहद लाभकारी माना जाता है।


सप्तशती पाठ (Saptashati Path) की आवश्यक सामग्री

सही विधि से सप्तशती पाठ करने के लिए कुछ आवश्यक सामग्रियों की जरूरत होती है:

  • मां दुर्गा की मूर्ति या चित्र
  • शुद्ध जल और गंगाजल
  • पवित्र आसन (कुश, ऊन या रेशम का)
  • रुद्राक्ष या चंदन की माला
  • कपूर, धूप, दीप, अगरबत्ती
  • फूल, अक्षत, सिंदूर, लाल वस्त्र
  • नैवेद्य (मिठाई, फल, पंचामृत)

यह सारी सामग्री पवित्र और शुद्ध होनी चाहिए। किसी भी अशुद्ध वस्तु से पूजा करने पर पाठ का पूरा लाभ नहीं मिलता।


सप्तशती पाठ (Saptashati Path) करने की सही विधि

  1. स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें।
  2. पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें।
  3. मां दुर्गा की मूर्ति या चित्र के सामने दीप प्रज्वलित करें।
  4. ध्यान और संकल्प करें कि आप यह पाठ किस उद्देश्य से कर रहे हैं।
  5. गणेश वंदना और गुरु वंदना करें।
  6. नवार्ण मंत्र (“ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे”) का जाप करें।
  7. श्री दुर्गा सप्तशती के अध्यायों का विधिपूर्वक पाठ करें।
  8. अर्गला स्तोत्र, कीलक मंत्र और कवच का पाठ करें।
  9. महाआरती करें और प्रसाद वितरण करें।

नवरात्रि में सप्तशती पाठ (Saptashati Path) के विशेष नियम

  1. शुद्धता बनाए रखें – स्नान के बिना पाठ न करें।
  2. रोज़ एक ही स्थान पर बैठकर पाठ करें।
  3. शुद्ध उच्चारण के साथ पाठ करें, गलत उच्चारण से दोष उत्पन्न हो सकता है।
  4. संकल्प लेकर ही पाठ शुरू करें, अधूरा पाठ नहीं करें।
  5. मासिक धर्म के दौरान महिलाएं पाठ नहीं करें।
  6. शाकाहारी भोजन ग्रहण करें और सात्विक आहार का पालन करें।
  7. क्रोध, अपशब्द और बुरे विचारों से बचें।

सप्तशती पाठ (Saptashati Path) के विभिन्न प्रकार

1. एक दिन में सप्तशती पाठ – यदि पूरी 700 श्लोकों का पाठ एक दिन में करना हो, तो इसे विशेष विधि से पूरा करना चाहिए।

2. नौ दिनों में पाठ – नवरात्रि के प्रत्येक दिन एक अध्याय पढ़ने का नियम।

3. त्रिपथक विधि – यह तीन भागों में विभाजित होता है और प्रत्येक भाग को क्रमशः सुबह, दोपहर और शाम को पढ़ा जाता है।

4. सिद्ध कुंजिका स्तोत्र सहित पाठ – जो भक्त अल्प समय में फल चाहते हैं, वे कुंजिका स्तोत्र के साथ सप्तशती का पाठ कर सकते हैं।


नवरात्रि में सप्तशती पाठ (Saptashati Path) से होने वाले लाभ

  1. मां दुर्गा की कृपा से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं।
  2. नकारात्मक शक्तियां और बुरी ऊर्जा समाप्त होती हैं।
  3. धन, सुख और समृद्धि में वृद्धि होती है।
  4. मन की शांति और आत्मबल बढ़ता है।
  5. बीमारियों से मुक्ति मिलती है और स्वास्थ्य अच्छा रहता है।
  6. किसी भी संकट या शत्रु बाधा से सुरक्षा मिलती है।
  7. परिवार में प्रेम और सौहार्द बढ़ता है।

सप्तशती पाठ (Saptashati Path) में होने वाली सामान्य गलतियां

  1. गलत उच्चारण से पाठ का प्रभाव कम हो सकता है।
  2. आसन बदलना – हर दिन एक ही स्थान पर पाठ करें।
  3. बीच में रुकना – पाठ को बीच में छोड़ना अशुभ माना जाता है।
  4. अनियमितता – नवरात्रि में हर दिन पाठ करें, छोड़ने से दोष उत्पन्न हो सकता है।
  5. शुद्धता का ध्यान न रखना – गंदे कपड़े, बिना स्नान किए या अशुद्ध स्थान पर पाठ करने से लाभ नहीं मिलता।

क्या सप्तशती पाठ (Saptashati Path) बिना गुरु के किया जा सकता है?

सप्तशती पाठ को बिना गुरु दीक्षा के भी किया जा सकता है, लेकिन शुद्धता और विधि का विशेष ध्यान रखना चाहिए। यदि आप सही उच्चारण और नियम नहीं जानते, तो किसी योग्य गुरु से सीखना उचित रहेगा।

नवरात्रि में सप्तशती पाठ (Saptashati Path) का सही नियम! इसे गलत किया तो नहीं मिलेगा पूरा फल?
नवरात्रि में सप्तशती पाठ (Saptashati Path) का सही नियम! इसे गलत किया तो नहीं मिलेगा पूरा फल?

क्या सप्तशती पाठ (Saptashati Path) घर पर कर सकते हैं?

हाँ, सप्तशती पाठ घर पर भी किया जा सकता है। इसके लिए बस शुद्धता और नियमों का पालन करना आवश्यक है। अगर घर में पाठ किया जा रहा है, तो घर के वातावरण को सात्विक बनाए रखना बहुत जरूरी है।


नवरात्रि में श्री दुर्गा सप्तशती पाठ करने से मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है और जीवन की सभी परेशानियां दूर होती हैं। लेकिन यह तभी प्रभावी होगा जब इसे सही विधि और नियमों के अनुसार किया जाए। इसलिए शुद्धता, उच्चारण, नियमों और संकल्प का विशेष ध्यान रखें।

नवरात्रि में सप्तशती पाठ (Saptashati Path) का सही नियम – 15 महत्वपूर्ण FAQs

1. सप्तशती पाठ (Saptashati Path) क्या है?

श्री दुर्गा सप्तशती एक पवित्र ग्रंथ है, जिसमें मां दुर्गा के 700 श्लोक संकलित हैं। इसे चंडी पाठ भी कहा जाता है और यह मार्कंडेय पुराण का एक महत्वपूर्ण भाग है।

2. नवरात्रि में सप्तशती पाठ (Saptashati Path) क्यों किया जाता है?

नवरात्रि के दौरान सप्तशती पाठ करने से मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है, नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

3. सप्तशती पाठ (Saptashati Path) करने का सही समय क्या है?

ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4-6 बजे) में पाठ करना सबसे शुभ होता है। यदि यह संभव न हो, तो सूर्योदय या संध्या समय में भी किया जा सकता है।

4. सप्तशती पाठ (Saptashati Path) कितने दिनों तक करना चाहिए?

यह नौ दिनों (नवरात्रि) तक किया जाता है, लेकिन एक दिन, तीन दिन या संपूर्ण नवरात्रि तक इसे करने की विभिन्न विधियाँ हैं।

5. सप्तशती पाठ (Saptashati Path) के लिए कौन-सी सामग्री आवश्यक है?

मां दुर्गा की मूर्ति/चित्र, शुद्ध जल, धूप, दीप, फूल, लाल वस्त्र, नैवेद्य, रुद्राक्ष माला आदि की आवश्यकता होती है।

6. सप्तशती पाठ (Saptashati Path) करने का सही तरीका क्या है?

  • स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें।
  • मां दुर्गा की पूजा करें और संकल्प लें।
  • शुद्ध उच्चारण के साथ पाठ करें।
  • अंत में महाआरती और प्रसाद वितरण करें।

7. सप्तशती पाठ (Saptashati Path) के दौरान कौन-कौन से मंत्र पढ़ने चाहिए?

  • दुर्गा कवच
  • अर्गला स्तोत्र
  • कीलक मंत्र
  • नवार्ण मंत्र (ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे)

8. क्या महिलाएं मासिक धर्म में सप्तशती पाठ कर सकती हैं?

परंपरागत रूप से मासिक धर्म के दौरान पाठ नहीं किया जाता, लेकिन यह व्यक्तिगत श्रद्धा और विश्वास पर निर्भर करता है।

9. सप्तशती पाठ (Saptashati Path) के दौरान क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?

  • गलत उच्चारण न करें।
  • शुद्धता और सात्विक आहार का पालन करें।
  • नियमित रूप से पाठ करें, बीच में न छोड़ें।

10. सप्तशती पाठ (Saptashati Path) से क्या लाभ मिलता है?

  • मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है।
  • नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं।
  • आर्थिक, मानसिक और शारीरिक कष्ट समाप्त होते हैं।

11. क्या सप्तशती पाठ घर पर किया जा सकता है?

हाँ, इसे घर पर किया जा सकता है, लेकिन पूजा स्थल की शुद्धता बनाए रखना आवश्यक है।

12. बिना गुरु के सप्तशती पाठ किया जा सकता है?

हाँ, लेकिन शुद्ध उच्चारण और सही विधि का ध्यान रखना जरूरी है। यदि संभव हो तो गुरु से मार्गदर्शन लेना लाभकारी रहेगा।

13. सप्तशती पाठ करने से क्या संकट टल सकते हैं?

हाँ, यह शत्रु बाधा, बुरी नजर, धन संबंधी समस्या, पारिवारिक कलह और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों को दूर करता है।

14. सप्तशती पाठ के बाद क्या करना चाहिए?

  • महाआरती करें।
  • प्रसाद वितरण करें।
  • दान या भोजन वितरण करें।

15. सप्तशती पाठ करने में सबसे बड़ी गलतियां कौन-सी होती हैं?

  • गलत उच्चारण करना।
  • बीच में पाठ छोड़ देना।
  • अपवित्र स्थान या बिना स्नान किए पाठ करना।

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