नवरात्रि में देवी के 9 रूपों की पूजा (Prayer) का सही तरीका! जानें हर दिन की सही विधि और उपाय!
नवरात्रि में देवी के विभिन्न रूपों की पूजा (Prayer) का सही तरीका
नवरात्रि हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जिसमें मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। इस दौरान श्रद्धालु उपवास, जप-तप और साधना करके देवी को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। लेकिन कई लोग सही पूजा विधि नहीं जानते, जिससे उनकी भक्ति का पूरा फल नहीं मिल पाता। इस लेख में हम आपको नवरात्रि में मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा (Prayer) करने की सही विधि और आवश्यक नियमों के बारे में विस्तार से बताएंगे।
पहला दिन – मां शैलपुत्री की पूजा (Prayer) विधि
नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री की आराधना को समर्पित होता है। मां शैलपुत्री हिमालय पुत्री हैं और यह नवदुर्गा का पहला रूप है।
पूजा (Prayer) विधि:
- प्रातः स्नान कर साफ वस्त्र पहनें और मां की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
- माता को सफेद फूल, दूध और गंगाजल अर्पित करें।
- “ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
- मां को देशी घी से बनी चीजों का भोग लगाएं।
- पहले दिन घी का दीपक जलाने से स्वास्थ्य लाभ मिलता है।
विशेष उपाय:
- इस दिन गाय को हरा चारा खिलाने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
- कन्याओं को भोजन कराएं, यह बहुत शुभ माना जाता है।
दूसरा दिन – मां ब्रह्मचारिणी की पूजा (Prayer) विधि
दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है, जो तपस्या और ज्ञान का प्रतीक हैं।
पूजा (Prayer) विधि:
- स्नान कर शुद्ध स्थान पर माता का पूजन करें।
- मां को सुगंधित फूल, चंदन, और कच्चा दूध अर्पित करें।
- “ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः” मंत्र का जाप करें।
- इस दिन शक्कर या मिश्री का भोग लगाना शुभ होता है।
विशेष उपाय:
- इस दिन सफेद वस्त्र पहनें और ब्राह्मणों को भोजन कराएं।
- मां ब्रह्मचारिणी की कृपा से धैर्य और आत्मबल प्राप्त होता है।
तीसरा दिन – मां चंद्रघंटा की पूजा (Prayer) विधि
मां चंद्रघंटा सिंह पर सवार होती हैं और उनके माथे पर अर्धचंद्र होता है।
पूजा (Prayer) विधि:
- स्नान कर मां की स्वर्णाभा युक्त मूर्ति का पूजन करें।
- मां को केसर मिश्रित दूध, कमल का फूल, और गुड़ अर्पित करें।
- “ॐ देवी चंद्रघंटायै नमः” मंत्र का जाप करें।
- इस दिन घंटी बजाकर पूजा करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
विशेष उपाय:
- माता को केसर या चंदन का तिलक करें, इससे शांति और समृद्धि बढ़ती है।
- इस दिन गाय के दूध का दान करने से घर में सुख-शांति आती है।
चौथा दिन – मां कूष्मांडा की पूजा (Prayer) विधि
मां कूष्मांडा को सृष्टि की रचनाकार कहा जाता है।
पूजा (Prayer) विधि:
- स्नान कर आसन पर बैठें और मां का ध्यान करें।
- मां को मधुर व्यंजन, मालपुआ, और सिंदूर अर्पित करें।
- “ॐ देवी कूष्मांडायै नमः” मंत्र का जाप करें।
विशेष उपाय:
- इस दिन नारियल का भोग लगाने से आर्थिक समृद्धि मिलती है।
- संतरों का दान करें, जिससे स्वास्थ्य अच्छा रहेगा।
पांचवा दिन – मां स्कंदमाता की पूजा (Prayer) विधि
मां स्कंदमाता भगवान कार्तिकेय की माता हैं और इनकी कृपा से ज्ञान और बुद्धि की प्राप्ति होती है।
पूजा (Prayer) विधि:
- मां को केले का भोग, पीले फूल, और हल्दी अर्पित करें।
- “ॐ देवी स्कंदमातायै नमः” मंत्र का जाप करें।
- इस दिन पीले वस्त्र पहनना शुभ होता है।
विशेष उपाय:
- इस दिन गरीबों को भोजन कराने से मां प्रसन्न होती हैं।
- माता को केले अर्पित करने से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
छठा दिन – मां कात्यायनी की पूजा (Prayer) विधि
मां कात्यायनी शक्ति और पराक्रम की देवी हैं।
पूजा (Prayer) विधि:
- मां को गुड़, लाल फूल, और हलवा अर्पित करें।
- “ॐ देवी कात्यायन्यै नमः” मंत्र का जाप करें।
- इस दिन लाल रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है।
विशेष उपाय:
- इस दिन कन्याओं को लाल चुनरी भेंट करें।
- मां कात्यायनी की पूजा करने से विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं।
सातवां दिन – मां कालरात्रि की पूजा (Prayer) विधि
मां कालरात्रि नकारात्मक शक्तियों का नाश करने वाली देवी हैं।
पूजा (Prayer) विधि:
- मां को गुड़, काले तिल, और सरसों के तेल का दीपक अर्पित करें।
- “ॐ देवी कालरात्र्यै नमः” मंत्र का जाप करें।
विशेष उपाय:
- इस दिन भूत-प्रेत बाधा से मुक्ति के लिए मां की पूजा करें।
- गरीबों को काले वस्त्र दान करना शुभ होता है।
आठवां दिन – मां महागौरी की पूजा (Prayer) विधि
मां महागौरी श्वेत वस्त्रधारी और शांति का प्रतीक हैं।
पूजा (Prayer) विधि:
- मां को दूध, हलवा, और सफेद फूल अर्पित करें।
- “ॐ देवी महागौर्यै नमः” मंत्र का जाप करें।
विशेष उपाय:
- इस दिन कन्याओं को भोजन कराएं और उन्हें उपहार दें।
- दूध और मिश्री का दान करने से समृद्धि आती है।
नौवां दिन – मां सिद्धिदात्री की पूजा (Prayer) विधि
मां सिद्धिदात्री सभी सिद्धियों की देवी हैं।
पूजा (Prayer) विधि:
- मां को कमल का फूल, तुलसी, और शंख अर्पित करें।
- “ॐ देवी सिद्धिदात्र्यै नमः” मंत्र का जाप करें।
विशेष उपाय:
- इस दिन गरीबों को अन्न दान करें।
- मां को पीली वस्तुएं अर्पित करने से हर मनोकामना पूरी होती है।
नवरात्रि में मां दुर्गा के सभी रूपों की सही विधि से पूजा करने से सुख, समृद्धि, और शांति प्राप्त होती है। इन नियमों का पालन करें और मां की कृपा प्राप्त करें!
नवरात्रि में देवी के विभिन्न रूपों की पूजा (Prayer) से जुड़े महत्वपूर्ण सवाल और उनके जवाब
1. नवरात्रि में देवी के किन-किन रूपों की पूजा (Prayer) की जाती है?
नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है:
- शैलपुत्री
- ब्रह्मचारिणी
- चंद्रघंटा
- कूष्मांडा
- स्कंदमाता
- कात्यायनी
- कालरात्रि
- महागौरी
- सिद्धिदात्री
2. नवरात्रि में पूजा (Prayer) के लिए कौन-कौन से आवश्यक नियम हैं?
- स्नान करके शुद्ध वस्त्र पहनें।
- घी या तेल का दीपक जलाएं।
- सात्विक आहार ग्रहण करें और नकारात्मक विचारों से दूर रहें।
- मंत्र जाप और आरती करें।
- कन्या पूजन और दान-पुण्य करें।
3. नवरात्रि में उपवास कैसे रखें?
उपवास में फलाहार, साबूदाना, सिंघाड़ा, मखाना, आलू, और दूध-फल खा सकते हैं। अनाज, प्याज और लहसुन से बचें।
4. मां दुर्गा की पूजा (Prayer) में कौन-कौन से मंत्र महत्वपूर्ण हैं?
- “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे”
- “जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी”
- “ॐ देवी दुर्गायै नमः”
5. नवरात्रि में कलश स्थापना कैसे करें?
- साफ मिट्टी के पात्र में जौ बोएं।
- उस पर जल से भरा कलश रखें।
- कलश के ऊपर नारियल और आम के पत्ते रखें।
- मंत्र जाप के साथ कलश की पूजा करें।
6. नवरात्रि में कौन सा रंग पहनना शुभ होता है?
हर दिन विशेष रंग पहने जाते हैं:
- पहला दिन – पीला
- दूसरा दिन – हरा
- तीसरा दिन – भूरा
- चौथा दिन – नारंगी
- पांचवां दिन – सफेद
- छठा दिन – लाल
- सातवां दिन – नीला
- आठवां दिन – गुलाबी
- नौवां दिन – बैंगनी
7. क्या नवरात्रि में बाल कटवा सकते हैं?
नहीं, नवरात्रि में बाल कटवाना, शेविंग करना और नाखून काटना शुभ नहीं माना जाता।
8. नवरात्रि में कौन-से भोग देवी को अर्पित करने चाहिए?
- शैलपुत्री – घी
- ब्रह्मचारिणी – मिश्री
- चंद्रघंटा – दूध
- कूष्मांडा – मालपुआ
- स्कंदमाता – केला
- कात्यायनी – शहद
- कालरात्रि – गुड़
- महागौरी – नारियल
- सिद्धिदात्री – तिल
9. नवरात्रि में कन्या पूजन क्यों किया जाता है?
कन्या पूजन का अर्थ मां दुर्गा की ऊर्जा को बाल रूप में पूजना है। इससे देवी की कृपा प्राप्त होती है।
10. नवरात्रि के दौरान कौन-से काम नहीं करने चाहिए?
- मांस-मदिरा का सेवन न करें।
- झूठ, छल-कपट और क्रोध से बचें।
- नकारात्मक विचार और अपशब्द न बोलें।
- दिन में सोना और बाल धोना शुभ नहीं माना जाता।
11. नवरात्रि में कौन-सा दीपक जलाना शुभ होता है?
- घी का दीपक – सकारात्मक ऊर्जा और सुख-समृद्धि के लिए।
- सरसों के तेल का दीपक – नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए।
12. दुर्गा सप्तशती का पाठ कब और कैसे करें?
सुबह या रात को शुद्ध मन से दुर्गा सप्तशती पढ़नी चाहिए। इसे 7, 9 या 11 दिन में पूरा करना शुभ माना जाता है।
13. नवरात्रि में कौन-से फूल देवी को चढ़ाने चाहिए?
- शैलपुत्री – सफेद कमल
- ब्रह्मचारिणी – अपराजिता
- चंद्रघंटा – बेला
- कूष्मांडा – गेंदे का फूल
- स्कंदमाता – गुलाब
- कात्यायनी – चमेली
- कालरात्रि – रातरानी
- महागौरी – पारिजात
- सिद्धिदात्री – लाल गुलाब
14. अष्टमी और नवमी पर क्या विशेष पूजा करनी चाहिए?
अष्टमी और नवमी को कन्या पूजन, हवन और भोग प्रसाद वितरण करना बहुत शुभ होता है।
15. नवरात्रि में माता को प्रसन्न करने का सबसे सरल उपाय क्या है?
- मां के 108 नामों का जाप करें।
- नवरात्रि व्रत कथा का पाठ करें।
- मां को मीठा भोग अर्पित करें और जरूरतमंदों को भोजन कराएं।