नवरात्रि (Navratri) में लक्ष्मी जी को ऐसे करें प्रसन्न, घर भर जाएगा धन और सुख से!
नवरात्रि (Navratri) में लक्ष्मी पूजा का महत्व
नवरात्रि (Navratri) का पर्व हिंदू धर्म में बहुत ही पवित्र और शुभ माना जाता है। यह पर्व मां दुर्गा और उनके नौ रूपों की पूजा का समय होता है। नवरात्रि के दौरान धार्मिक वातावरण, सत्संग, व्रत, और पूजन से पूरा वातावरण पवित्र हो जाता है। इसी समय मां लक्ष्मी की पूजा भी विशेष रूप से की जाती है, ताकि घर में धन, समृद्धि और सुख-शांति बनी रहे।
ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि के दौरान देवी त्रिदेवियों – महाकाली, महालक्ष्मी, और सरस्वती की पूजा करने से जीवन में तीनों प्रकार की शक्ति प्राप्त होती है – बल, धन, और ज्ञान। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि नवरात्रि में लक्ष्मी पूजा कैसे करें, ताकि देवी लक्ष्मी की कृपा हमेशा आपके घर में बनी रहे।
नवरात्रि (Navratri) के कौन से दिन करें लक्ष्मी पूजा?
नवरात्रि में अष्टमी और नवमी तिथि को लक्ष्मी पूजन करना बेहद शुभ माना जाता है। हालांकि कुछ लोग पांचवे दिन (पंचमी) या सप्तमी को भी यह पूजा करते हैं, लेकिन सबसे अधिक महत्व अष्टमी का होता है।
इस दिन मां दुर्गा के महागौरी रूप की पूजा होती है और इसी के साथ महालक्ष्मी का आह्वान कर उन्हें धन की अधिष्ठात्री देवी के रूप में पूजते हैं। इस दिन किया गया पूजन घर में स्थायी लक्ष्मी के निवास का प्रतीक माना जाता है।
लक्ष्मी पूजन से पहले की तैयारी
लक्ष्मी पूजन के लिए तैयारी करना बहुत आवश्यक होता है। आप जिस स्थान पर पूजा करेंगे वह स्थान साफ और पवित्र होना चाहिए। पूजा से पहले निम्नलिखित तैयारी कर लें:
- घर की साफ-सफाई करें, विशेषकर पूजा स्थान की।
- एक साफ लाल या पीला कपड़ा बिछाएं और उसके ऊपर लक्ष्मी माता की मूर्ति या चित्र रखें।
- पूजा सामग्री जैसे कमल का फूल, पंचामृत, धूप, दीपक, कपूर, सिंदूर, रोली, चावल, कलश, नारियल, आदि पहले से एकत्रित कर लें।
इन तैयारियों के साथ आप लक्ष्मी पूजन की शुरुआत कर सकते हैं।
लक्ष्मी जी की पूजा में आवश्यक सामग्री
लक्ष्मी पूजन के लिए विशेष सामग्री की आवश्यकता होती है, जिससे देवी प्रसन्न होती हैं। यहां प्रमुख सामग्री की सूची दी गई है:
- लक्ष्मी माता की मूर्ति या चित्र
- चौकी और लाल वस्त्र
- कमल का फूल और गुलाब
- कपूर, धूपबत्ती और दीपक
- पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और शक्कर)
- सिंदूर, रोली, अक्षत (चावल)
- नारियल और सुपारी
- केसर मिश्रित जल या गंगाजल
- मिठाई जैसे खीर, लड्डू, या हलवा
इन सामग्रियों से पूजा विधि को संपन्न किया जाता है और देवी को प्रसन्न किया जाता है।
लक्ष्मी पूजन की संपूर्ण विधि
लक्ष्मी पूजा को सही विधि से करने से उसका पूजा फल कई गुना बढ़ जाता है। नीचे दी गई है सरल पूजन विधि:
- पूजा स्थल पर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें।
- कलश स्थापित करें, उसमें जल, सुपारी, चावल और सिक्का डालें।
- लक्ष्मी माता का आवाहन करें और उन्हें दीपक जलाकर प्रणाम करें।
- पंचामृत से मूर्ति को स्नान कराएं।
- फूल, चावल, सिंदूर और हल्दी चढ़ाएं।
- देवी को मिठाई और फल का भोग लगाएं।
- लक्ष्मी मंत्र या लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें।
- अंत में आरती करें और सभी को प्रसाद वितरित करें।
लक्ष्मी माता को प्रसन्न करने वाले बीज मंत्र
लक्ष्मी पूजन के समय कुछ विशेष बीज मंत्र बोले जाते हैं, जो देवी को जल्दी प्रसन्न करते हैं:
- ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः।
- ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः।
- ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे।
इन मंत्रों का जाप करते हुए अगर कमल के फूल या कमलगट्टे की माला से जाप किया जाए, तो यह और भी फलदायक होता है।
लक्ष्मी पूजा में कौन से फूल चढ़ाएं?
माता लक्ष्मी को कुछ विशेष फूल बहुत प्रिय होते हैं। इन फूलों से पूजा करने पर देवी जल्दी प्रसन्न होती हैं:
- कमल का फूल (सबसे प्रिय)
- गुलाब का फूल
- चंपा और चमेली
- पीले रंग के पुष्प
यदि कमल न मिले तो लाल गुलाब से भी पूजा कर सकते हैं।
पूजा के दौरान रखें ये विशेष सावधानियां
लक्ष्मी पूजन करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है:
- पूजा करते समय मन एकाग्र रखें।
- शुद्धता और सात्विकता का विशेष ध्यान रखें।
- पूजा के दिन मांस-मदिरा से दूर रहें।
- किसी का अपमान या क्रोध न करें।
- अगर संभव हो तो इस दिन दान-पुण्य जरूर करें।
इन नियमों का पालन करने से पूजा का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है।
नवरात्रि (Navratri) में लक्ष्मी पूजन से होने वाले लाभ
लक्ष्मी पूजन से अनेक चमत्कारी लाभ प्राप्त होते हैं:
- घर में धन और समृद्धि आती है।
- पारिवारिक कलह और दरिद्रता दूर होती है।
- व्यापार में लाभ होता है।
- जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है।
- मन में शांति और संतोष का भाव रहता है।
नवरात्रि के शुभ समय में की गई पूजा बहुत फलदायी होती है।
नवरात्रि (Navratri) के विशेष उपाय लक्ष्मी प्राप्ति के लिए
यदि आप चाहते हैं कि नवरात्रि में मां लक्ष्मी की विशेष कृपा बनी रहे, तो ये छोटे-छोटे उपाय जरूर करें:
- रोजाना दीपक में देशी घी और कपूर जलाएं।
- घर के मुख्य द्वार पर रंगोली बनाएं।
- लक्ष्मीजी के मंत्रों का जाप करें।
- शुक्रवार को सात कन्याओं को भोजन कराएं।
- घर में शंख और घंटी बजाएं।
इन उपायों से आपके जीवन में स्थायी लक्ष्मी का वास होगा।
लक्ष्मी माता की आरती (पूजा के अंत में)
आरती के बिना कोई भी पूजा पूर्ण नहीं होती। लक्ष्मी जी की आरती इस प्रकार करें:
जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशदिन सेवत, हर विष्णु विधाता॥
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग माता।
सूर्य चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥
आरती के समय घंटी और शंख बजाकर पूरे मन से मां का स्मरण करें।
नवरात्रि (Navratri) में लक्ष्मी पूजन का सार
नवरात्रि के समय लक्ष्मी जी की पूजा करना बहुत ही शुभ और फलदायक माना गया है। यह ना सिर्फ आपको धन-समृद्धि देता है, बल्कि आपके जीवन में सकारात्मकता और शांति भी लाता है। यदि आप पूजा को सच्चे मन और सही विधि से करें, तो निश्चित ही मां लक्ष्मी की कृपा से आपका जीवन धन-धान्य से भर जाएगा।
यह रहे “नवरात्रि (Navratri) में लक्ष्मी पूजा कैसे करें” विषय पर आधारित 15 महत्वपूर्ण FAQs,
1. नवरात्रि (Navratri) में लक्ष्मी पूजा क्यों की जाती है?
नवरात्रि में लक्ष्मी पूजा करने से धन, समृद्धि और सुख-शांति की प्राप्ति होती है। यह समय देवी की कृपा पाने का शुभ अवसर होता है।
2. नवरात्रि (Navratri) में लक्ष्मी पूजन का सबसे शुभ दिन कौन सा होता है?
अष्टमी और नवमी तिथि को लक्ष्मी पूजन करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
3. क्या पूरे नवरात्रि (Navratri) में लक्ष्मी पूजा की जा सकती है?
हाँ, लेकिन विशेष रूप से अष्टमी और नवमी पर किया गया पूजन अधिक फलदायी होता है।
4. लक्ष्मी जी को कौन-से फूल अर्पित करें?
कमल का फूल सबसे प्रिय है। इसके अलावा गुलाब, चंपा और पीले फूल भी चढ़ाए जा सकते हैं।
5. लक्ष्मी पूजन के लिए कौन-कौन सी सामग्री जरूरी होती है?
लाल वस्त्र, दीपक, कपूर, धूप, फूल, मिठाई, कलश, नारियल, पंचामृत आदि आवश्यक होते हैं।
6. क्या नवरात्रि (Navratri) में लक्ष्मी जी की मूर्ति को स्नान कराना जरूरी है?
हाँ, स्नान के लिए पंचामृत या गंगाजल का उपयोग किया जाता है, जिससे मूर्ति की शुद्धि होती है।
7. लक्ष्मी जी को कौन-से भोग अर्पित करें?
खीर, लड्डू, मालपुआ, और मीठे फल जैसे सेब या अनार अर्पित किए जा सकते हैं।
8. लक्ष्मी जी को कौन से मंत्र से प्रसन्न किया जा सकता है?
ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः मंत्र का जाप सबसे प्रभावी माना जाता है।
9. क्या नवरात्रि (Navratri) में विशेष व्रत भी रखना चाहिए?
हाँ, व्रत रखने से मन की शुद्धि होती है और पूजा का फल कई गुना बढ़ता है।
10. पूजा के लिए कौन-सी दिशा में मुख करके बैठना चाहिए?
उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके पूजा करना श्रेष्ठ माना गया है।
11. क्या नवरात्रि (Navratri) में घर की सफाई जरूरी है?
जी हाँ, घर की साफ-सफाई से देवी लक्ष्मी का वास होता है।
12. पूजा के बाद आरती कैसे करें?
दीपक जलाकर घंटी बजाते हुए लक्ष्मी माता की आरती गाएं और फिर प्रसाद वितरित करें।
13. क्या नवरात्रि (Navratri) में लक्ष्मी जी की तस्वीर से भी पूजा की जा सकती है?
हाँ, यदि मूर्ति न हो तो चित्र से भी विधिपूर्वक पूजा की जा सकती है।
14. क्या नवरात्रि (Navratri) में लक्ष्मी जी के साथ अन्य देवियों की पूजा भी होती है?
हाँ, नवरात्रि में महालक्ष्मी, महासरस्वती, और महाकाली तीनों की पूजा की जाती है।
15. नवरात्रि (Navratri) में लक्ष्मी पूजा से क्या चमत्कारी लाभ होते हैं?
पूजा से दरिद्रता दूर होती है, व्यापार में वृद्धि होती है और घर में सुख-समृद्धि आती है।