नवरात्रि में कौन सा दीपक (Oil Lamp) जलाने से मिलेगी देवी की विशेष कृपा जानिए सही दीपक का रहस्य!
नवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसमें माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। इस दौरान दीपक जलाने का विशेष महत्व होता है, क्योंकि दीपक शुद्धता, ऊर्जा और सकारात्मकता का प्रतीक है। सही दीपक का चयन करने से देवी माँ की कृपा जल्दी प्राप्त होती है। इस लेख में हम जानेंगे कि नवरात्रि में कौन से दीपक (Oil Lamp) जलाने चाहिए और उनका क्या महत्व है।
घी का दीपक नवरात्रि पूजा में सबसे शुभ माना जाता है। इसे जलाने से सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और घर में शांति एवं समृद्धि आती है। खासकर गाय के घी से दीपक जलाने पर देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में धन-धान्य की वृद्धि होती है।
रोज़ाना सुबह और शाम घी का दीपक जलाने से नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है और घर का वातावरण पवित्र रहता है। यह स्वास्थ्य और आध्यात्मिक उन्नति में भी सहायक होता है। दीपक को तुलसी के पास या मंदिर में जलाने से इसका प्रभाव और अधिक बढ़ जाता है।
यदि घी महंगा हो या उपलब्ध न हो, तो विशेष रूप से अष्टमी और नवमी के दिन इसे जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है। इससे देवी अन्नपूर्णा और लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
सरसों के तेल का दीपक जलाना भी नवरात्रि में बेहद लाभदायक होता है। यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और घर में सुरक्षा और स्थायित्व लाता है।
शनिवार और मंगलवार को विशेष रूप से सरसों के तेल का दीपक जलाना शुभ होता है, क्योंकि यह शनि और मंगल दोष को शांत करता है। इसके अलावा, यह राहु-केतु के अशुभ प्रभाव को भी कम करता है।
यदि घर में किसी प्रकार की बाधा, अशुभ शक्तियों या नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव हो, तो सरसों के तेल का दीपक मुख्य द्वार पर जलाना चाहिए। इससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और देवी माँ की कृपा प्राप्त होती है।
तिल के तेल का दीपक नवरात्रि में जलाने से पितृ दोष, ग्रह बाधा और नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए अच्छा है, जिनकी कुंडली में शनि या राहु-केतु दोष हो।
इस दीपक को जलाने से पितरों की कृपा प्राप्त होती है और घर में आर्थिक परेशानियाँ दूर होती हैं। इसे अष्टमी और नवमी को जलाना अधिक शुभ होता है। यदि परिवार में कोई लगातार बीमार रहता हो या मानसिक अशांति बनी रहती हो, तो इस दीपक को जलाना आवश्यक है।
दीपक में उपयोग किए जाने वाले धागे (बाती) का भी विशेष महत्व होता है। कपास की बत्ती सबसे सामान्य और शुभ मानी जाती है। यदि आप देवी माँ की विशेष कृपा चाहते हैं, तो रुई की चार मुखी बत्ती जलाना उत्तम माना जाता है।
अगर स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ हैं तो लाल रंग की सूती बत्ती का प्रयोग करें। व्यापार में वृद्धि के लिए पीले रंग की बत्ती और शत्रुओं से रक्षा के लिए नीले रंग की बत्ती का उपयोग करें।
दिन | दीपक (Oil Lamp) का प्रकार | लाभ |
---|---|---|
रविवार | घी का दीपक | धन-वैभव और सुख-शांति |
सोमवार | घी या तिल के तेल का दीपक | मानसिक शांति और समृद्धि |
मंगलवार | सरसों के तेल का दीपक | शत्रुओं से रक्षा |
बुधवार | घी का दीपक | बुद्धि और ज्ञान वृद्धि |
गुरुवार | घी का दीपक | व्यापार में सफलता |
शुक्रवार | घी का दीपक | देवी लक्ष्मी की कृपा |
शनिवार | सरसों या तिल के तेल का दीपक | ग्रह दोष निवारण |
नवरात्रि में घी, सरसों और तिल के तेल के दीपक जलाने से देवी माँ की कृपा प्राप्त होती है और जीवन की बाधाएँ समाप्त होती हैं। सही दीपक का चयन करने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है और घर में शांति एवं समृद्धि आती है। पूजा के दौरान सही विधि और नियमों का पालन करना आवश्यक है, ताकि दीपक जलाने का पूर्ण लाभ मिल सके।
नवरात्रि में दीपक जलाना सकारात्मक ऊर्जा, देवी माँ की कृपा और आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक है। यह नकारात्मक शक्तियों को दूर करता है और घर में शांति एवं समृद्धि लाता है।
गाय के घी का दीपक सबसे शुभ माना जाता है, क्योंकि यह देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करता है और घर में धन-धान्य बढ़ाता है।
हाँ, सरसों और तिल के तेल का दीपक जलाना भी शुभ माना जाता है। यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और ग्रह दोष को शांत करता है।
दीपक सुबह और शाम जलाना सबसे उत्तम होता है। अमावस्या या अष्टमी-नवमी के दिन विशेष रूप से दीपक जलाने से अधिक लाभ मिलता है।
कपास की बत्ती सबसे शुभ होती है। चारमुखी बत्ती देवी माँ की विशेष कृपा दिलाती है। लाल बत्ती स्वास्थ्य, पीली व्यापार, और नीली शत्रु नाश के लिए उपयोगी होती है।
तुलसी के पास दीपक जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और वैवाहिक जीवन सुखी होता है।
हाँ, मुख्य द्वार पर दीपक जलाने से नकारात्मक शक्तियाँ दूर रहती हैं और देवी माँ का सुरक्षा कवच प्राप्त होता है।
अगर दीपक अचानक बुझ जाए, तो उसे फिर से जलाएं और माँ दुर्गा से प्रार्थना करें। यह किसी भी नकारात्मक संकेत को रोकने में मदद करता है।
हाँ, रात्रि में दीपक जलाने से देवी माँ का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है और घर में शांति बनी रहती है।
दिन | दीपक (Oil Lamp) का प्रकार | लाभ |
---|---|---|
रविवार | घी का दीपक | धन-वैभव और सुख-शांति |
सोमवार | घी या तिल के तेल का दीपक | मानसिक शांति और समृद्धि |
मंगलवार | सरसों के तेल का दीपक | शत्रु नाश और सुरक्षा |
बुधवार | घी का दीपक | बुद्धि और ज्ञान वृद्धि |
गुरुवार | घी का दीपक | व्यापार में सफलता |
शुक्रवार | घी का दीपक | देवी लक्ष्मी की कृपा |
शनिवार | सरसों या तिल के तेल का दीपक | ग्रह दोष निवारण |
हाँ, टूटा हुआ दीपक नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है और इसे उपयोग नहीं करना चाहिए।
अगर घी उपलब्ध न हो, तो सरसों या तिल के तेल का दीपक जलाना शुभ होता है।
दीपक जलाते समय “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे” मंत्र का जाप करने से देवी माँ की कृपा प्राप्त होती है।
कम से कम एक दीपक तो अवश्य जलाना चाहिए। यदि संभव हो, तो नौ दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है।
हाँ, अष्टमी या नवमी को दीपदान करने से देवी माँ प्रसन्न होती हैं और जीवन की सभी बाधाएँ दूर होती हैं।
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