नवरात्रि में इन भोगों (Offerings) से प्रसन्न होंगी देवी माँ! जानें हर दिन का विशेष प्रसाद!
नवरात्रि भारत में बड़े हर्षोल्लास से मनाया जाने वाला पर्व है। यह माँ दुर्गा की नौ शक्तियों की आराधना का समय होता है। इस दौरान भक्त देवी को प्रसन्न करने के लिए विशेष भोग और प्रसाद चढ़ाते हैं। मान्यता है कि सही प्रसाद अर्पित करने से देवी शीघ्र प्रसन्न होती हैं और भक्तों को आशीर्वाद देती हैं। इस लेख में हम नवरात्रि के नौ दिनों के अनुसार देवी के प्रिय भोग (Offerings) और प्रसाद के बारे में विस्तार से जानेंगे।
नवरात्रि के पहले दिन माँ शैलपुत्री की पूजा होती है। इन्हें देवी पार्वती का रूप माना जाता है। माता को शुद्ध घी का भोग लगाने से आरोग्य और दीर्घायु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। घी से बनी मिठाइयाँ, जैसे मोदक या लड्डू, अर्पित करना भी शुभ माना जाता है। यह प्रसाद स्वास्थ्य को उत्तम बनाता है और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है।
दूसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। यह ज्ञान, तप और संयम की देवी मानी जाती हैं। इन्हें गुड़ और शक्कर का भोग लगाना शुभ माना जाता है। साथ ही खीर या गुड़ से बनी मिठाइयाँ अर्पित करने से देवी प्रसन्न होती हैं और भक्तों को धैर्य और साहस प्रदान करती हैं। यह प्रसाद जीवन में सकारात्मकता लाता है।
तीसरे दिन माँ चंद्रघंटा की पूजा होती है, जो शक्ति और साहस का प्रतीक हैं। इन्हें दूध और उससे बने व्यंजन, जैसे खीर, रबड़ी या मलाई मिश्री का भोग लगाना उत्तम माना जाता है। यह प्रसाद मानसिक शांति, सुख और समृद्धि लाने में सहायक होता है।
चौथे दिन माँ कूष्मांडा की आराधना की जाती है। इन्हें कद्दू (कूष्मांड) और मालपुए का भोग अर्पित किया जाता है। इसके अलावा, मिठाई या हलवा भी चढ़ाया जा सकता है। इस दिन प्रसाद ग्रहण करने से बुद्धि और स्वास्थ्य में वृद्धि होती है।
माँ स्कंदमाता, जो भगवान कार्तिकेय की माता हैं, उन्हें केले का भोग लगाना सबसे शुभ माना जाता है। केले से बनी मिठाइयाँ जैसे केले का हलवा या मालपुआ भी अर्पित किए जा सकते हैं। यह प्रसाद ग्रहण करने से संतान सुख और परिवार की खुशहाली प्राप्त होती है।
छठे दिन माँ कात्यायनी की पूजा की जाती है। इन्हें शहद का भोग अत्यंत प्रिय है। शहद से बने पकवान या मिठाइयाँ अर्पित करने से भक्तों को आकर्षण और सौंदर्य का वरदान मिलता है। यह प्रसाद सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है और मन को प्रसन्न रखता है।
सातवें दिन माँ कालरात्रि की उपासना की जाती है। इन्हें गुड़ और ज्वार से बने व्यंजन प्रिय हैं। गुड़ से बनी रोटी, हलवा या लड्डू का भोग अर्पित करना शुभ होता है। इससे भय, नकारात्मक शक्तियाँ और बुरी नजर दूर होती है।
आठवें दिन माँ महागौरी की पूजा की जाती है। इन्हें नारियल और उससे बने व्यंजन प्रिय हैं। नारियल की बर्फी, खीर या सूखे मेवे का भोग अर्पित करने से भक्तों को सौभाग्य, सुख-समृद्धि और सफलता मिलती है।
नवमी तिथि को माँ सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। इन्हें तिल और सिंघाड़े से बने पकवान अर्पित किए जाते हैं। तिल से बने लड्डू या हलवा विशेष रूप से चढ़ाया जाता है। यह प्रसाद सुख, शांति और सिद्धि प्रदान करता है।
देवी को भोग अर्पित करने से पहले हाथ धोकर शुद्धता बनाए रखना आवश्यक है। प्रसाद चाँदी, कांसे या मिट्टी के पात्र में अर्पित करना शुभ माना जाता है। भोग चढ़ाने के बाद प्रसाद को परिवार और भक्तों में बाँटना चाहिए, जिससे पुण्य और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
नवरात्रि में देवी के प्रिय भोग और प्रसाद अर्पित करने से भक्तों को सुख, समृद्धि, स्वास्थ्य और शक्ति प्राप्त होती है। सही विधि से प्रसाद चढ़ाने से देवी शीघ्र प्रसन्न होती हैं और जीवन में शुभता का संचार होता है। इस नवरात्रि, देवी के प्रिय प्रसाद अर्पित करके उनका आशीर्वाद प्राप्त करें और अपने जीवन को सफल और खुशहाल बनाएं।
देवी को भोग चढ़ाने से आशीर्वाद, सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। यह भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है, जिससे देवी शीघ्र प्रसन्न होती हैं।
हाँ, नवरात्रि के नौ दिनों में हर देवी के लिए अलग-अलग भोग चढ़ाने से विशेष फल मिलता है और देवी कृपा प्राप्त होती है।
घी, दूध, गुड़, केला, नारियल, शहद, खीर, हलवा, तिल और मालपुआ नवरात्रि में देवी को प्रिय भोग माने जाते हैं।
नहीं, देवी के मंदिर में भी भोग चढ़ाया जा सकता है। इसे बाद में प्रसाद रूप में भक्तों में बाँटना शुभ माना जाता है।
हाँ, देवी को फल, सूखे मेवे और मीठे पकवान का भोग चढ़ाना भी उत्तम होता है।
नहीं, मिठाइयों के अलावा फल, दाल, साबूदाना, नारियल और पंचामृत भी भोग स्वरूप चढ़ाया जा सकता है।
भोग शुद्धता और भक्ति के साथ बनाना चाहिए। इसे बनाते समय लहसुन और प्याज का उपयोग न करें और साफ-सफाई का ध्यान रखें।
हाँ, व्रतधारी सात्विक भोग, जैसे खीर, फल, साबूदाना खिचड़ी और मखाने का प्रसाद ग्रहण कर सकते हैं।
बच्चों को मीठा पसंद होता है, इसलिए खीर, हलवा, लड्डू या केले का भोग सबसे अच्छा होता है।
नवरात्रि में ज्यादातर मीठे भोग अर्पित किए जाते हैं, लेकिन कुछ देवी को सादा, सात्विक भोजन भी चढ़ाया जा सकता है।
हाँ, भोग चढ़ाने के बाद परिवार, बच्चों और जरूरतमंदों में बाँटना शुभ माना जाता है। इससे पुण्य की प्राप्ति होती है।
नहीं, माँ दुर्गा के भोग में तुलसी नहीं डाली जाती। यह विशेष रूप से भगवान विष्णु को अर्पित की जाती है।
घर में बना हुआ शुद्ध और सात्विक भोग अर्पित करना सबसे अच्छा होता है।
नहीं, माँ दुर्गा को किसी भी दिन भोग अर्पित किया जा सकता है, लेकिन नवरात्रि में इसका विशेष महत्व होता है।
नवरात्रि में खीर, नारियल, शहद, गुड़ और घी से बने व्यंजन चढ़ाने से सबसे अधिक आशीर्वाद प्राप्त होता है।
Lottery Sambad DEAR Goose Tuesday Result (30-09-2025): 1st Prize 76J-68945, Full 2nd–5th Lists, Seller Details…
Lottery Sambad DEAR Comet Tuesday Result Declared: 1st Prize Goes to 99B–93654 (30/09/2025) The Comet…
Lottery Sambad DEAR Godavari Tuesday Result Out: Check 1st Prize (77E-83016), Full Winning Lists &…
Official Kerala Lottery Results for 30-09-2025 - Sthree Sakthi (SS-487) Draw | Check The Winner…
The official Lottery Sambad – Dear Finch Monday Weekly results for 29 September 2025 are…
Lottery Sambad Dear Blitzen Monday Weekly Result Out: 1st Prize Ticket 97H-23583 (Draw 72) Summary…