नवरात्रि (Navratri) में जरूर करें इन शक्तिपीठों के दर्शन! भारत के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों की यात्रा
नवरात्रि (Navratri) भारत में मनाए जाने वाले सबसे पवित्र त्योहारों में से एक है। यह पर्व मां दुर्गा के नौ रूपों की उपासना का विशेष समय होता है। इस दौरान भक्त शक्ति पीठों और प्रसिद्ध देवी मंदिरों के दर्शन कर पुण्य अर्जित करते हैं। मान्यता है कि इन स्थानों पर पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। भारत में कई ऐसे पवित्र स्थल हैं, जहां नवरात्रि के दौरान भक्तों का भारी मेला लगता है। इस लेख में हम नवरात्रि में दर्शन के लिए प्रसिद्ध मंदिरों की विस्तृत जानकारी देंगे।
माता वैष्णो देवी का मंदिर भारत के सबसे प्रसिद्ध तीर्थस्थलों में से एक है। यह मंदिर जम्मू-कश्मीर के कटरा में स्थित है और त्रिकुटा पर्वत की गुफा में स्थित है। नवरात्रि के दौरान यहां लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।
मान्यता है कि मां वैष्णो देवी के दर्शन करने से भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। यहां माता वैष्णो देवी की तीन पिंडियों के रूप में पूजा की जाती है, जिन्हें महा सरस्वती, महा लक्ष्मी और महा काली के रूप में जाना जाता है। कटरा से भवन तक 13 किलोमीटर की कठिन चढ़ाई करनी पड़ती है, जिसे भक्त जय माता दी के जयघोष के साथ पूरा करते हैं। हेलीकॉप्टर सेवा भी उपलब्ध है, जिससे यात्रा आसान हो जाती है।
अम्बाजी मंदिर गुजरात के बनासकांठा जिले में स्थित है और यह 51 शक्तिपीठों में से एक है। इस मंदिर में मां अम्बे की पूजा की जाती है। नवरात्रि के दौरान यहां भव्य गरबा महोत्सव का आयोजन होता है, जिसमें देशभर से भक्त शामिल होते हैं।
मंदिर में मां की कोई मूर्ति नहीं है, बल्कि एक श्री यंत्र स्थापित है, जिसे देवी की शक्ति का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि यहां दर्शन करने से भक्तों को अद्भुत आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त होती है। मंदिर के आसपास का वातावरण अत्यंत दिव्य और पवित्र है।
कामाख्या मंदिर असम के गुवाहाटी में स्थित है और यह भारत के प्राचीनतम शक्तिपीठों में से एक है। यह मंदिर तंत्र साधना का प्रमुख केंद्र भी माना जाता है।
कामाख्या मंदिर में माता सती का गर्भस्थल गिरा था, इसलिए इसे अत्यंत शक्तिशाली मंदिर माना जाता है। यहां नवरात्रि के दौरान विशेष पूजा-अर्चना होती है, जिसे अंबुबाची महोत्सव के रूप में जाना जाता है। मान्यता है कि यहां मां के दर्शन करने से किस्मत चमकती है और सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
ज्वालामुखी मंदिर हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित है और इसे ज्वाला देवी का धाम भी कहा जाता है। यह मंदिर अपनी अद्भुत ज्वालाओं के लिए प्रसिद्ध है, जो प्राकृतिक रूप से जलती रहती हैं।
मां ज्वाला देवी की प्रतिमा नहीं है, बल्कि यहां शक्ति रूप में अग्नि की लपटें निकलती हैं। नवरात्रि के दौरान यहां विशेष आरती होती है और भक्त मनोकामना ज्योत जलाकर अपनी इच्छाएं पूर्ण करने की प्रार्थना करते हैं।
कालिका माता मंदिर गुजरात के पावागढ़ पर्वत पर स्थित है। इसे महाकाली शक्तिपीठ भी कहा जाता है। नवरात्रि के दौरान इस मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।
मंदिर तक पहुंचने के लिए सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं, लेकिन अब यहां रोपवे की सुविधा भी उपलब्ध है। कहा जाता है कि यहां मां के दर्शन करने से जीवन के सभी संकट दूर हो जाते हैं और भक्तों को अपार शांति मिलती है।
कालीघाट मंदिर कोलकाता में स्थित है और इसे मां काली का प्रमुख तीर्थस्थल माना जाता है। यह मंदिर सिद्ध शक्तिपीठों में शामिल है।
नवरात्रि के दौरान यहां विशेष पूजा और हवन का आयोजन किया जाता है। भक्त यहां आकर मां काली से सभी बुरी शक्तियों से रक्षा और समृद्धि की प्रार्थना करते हैं।
चिंतपूर्णी मंदिर हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में स्थित है। यह मंदिर मां चिंतपूर्णी देवी को समर्पित है, जिन्हें सभी चिंताओं को हरने वाली देवी माना जाता है।
नवरात्रि के समय यहां विशेष भंडारे और कीर्तन का आयोजन होता है। भक्त मानते हैं कि यहां सच्चे मन से मां से जो भी मांगा जाता है, वह अवश्य पूर्ण होता है।
मेहंदीपुर बालाजी मंदिर राजस्थान के दौसा जिले में स्थित है। यह मंदिर न केवल हनुमान जी बल्कि मां दुर्गा के चमत्कारी दरबार के रूप में भी प्रसिद्ध है।
नवरात्रि के दौरान यहां विशेष अनुष्ठान और हवन होते हैं। इस मंदिर में बुरी शक्तियों से मुक्ति के लिए भी लोग आते हैं।
तारापीठ मंदिर पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में स्थित है। यह मंदिर तंत्र साधना के लिए बहुत प्रसिद्ध है और यहां मां तारा की पूजा की जाती है।
नवरात्रि के समय यहां भक्त विशेष पूजा, बलिदान और हवन करते हैं। यह मंदिर अपने अद्भुत चमत्कारों के लिए भी जाना जाता है।
मां मनसा देवी का मंदिर उत्तराखंड के हरिद्वार में स्थित है और इसे इच्छा पूर्ति देवी के रूप में पूजा जाता है।
नवरात्रि के दौरान यहां विशेष आरती और अभिषेक किए जाते हैं। कहा जाता है कि जो भक्त मां मनसा देवी से सच्चे मन से प्रार्थना करते हैं, उनकी सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं।
नवरात्रि का समय देवी उपासना का सर्वश्रेष्ठ अवसर होता है। भारत में कई ऐसे पवित्र मंदिर हैं, जहां भक्त शक्ति की आराधना करने के लिए दूर-दूर से आते हैं। ये मंदिर आध्यात्मिक ऊर्जा, धार्मिक आस्था और अद्भुत चमत्कारों से भरपूर हैं। अगर आप भी नवरात्रि में किसी पवित्र स्थल की यात्रा करना चाहते हैं, तो उपरोक्त प्रसिद्ध मंदिरों में दर्शन अवश्य करें और मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करें। 🚩🛕
नवरात्रि में वैष्णो देवी (जम्मू), ज्वालामुखी (हिमाचल), कामाख्या (असम), अम्बाजी (गुजरात), कालिका माता (पावागढ़), कालीघाट (कोलकाता), चिंतपूर्णी (हिमाचल) और अन्य शक्तिपीठों के दर्शन शुभ माने जाते हैं।
हाँ, नवरात्रि में विशेष पूजा, भजन-कीर्तन और अतिरिक्त सुरक्षा की व्यवस्था होती है। हेलीकॉप्टर, घोड़े, पिट्ठू और पालकी सेवाएं भी उपलब्ध रहती हैं।
यहाँ विशाल गरबा महोत्सव होता है, जिसमें देशभर से भक्त शामिल होते हैं। मंदिर में श्री यंत्र की पूजा होती है, जो मां अम्बा का प्रतीक है।
कामाख्या मंदिर तंत्र साधना और शक्तिपीठों में से एक है। यहाँ माता सती का गर्भस्थल गिरा था, जिससे यह स्थल बेहद शक्तिशाली माना जाता है।
यहाँ माता की शक्ति के रूप में प्राकृतिक रूप से अग्नि प्रकट होती है, जो कभी बुझती नहीं। वैज्ञानिकों के अनुसार, यह भूमिगत प्राकृतिक गैस का परिणाम हो सकता है।
यह शक्तिपीठों में से एक है। मान्यता है कि यहाँ मां काली के दर्शन से सभी संकट दूर हो जाते हैं और जीवन में सुख-शांति आती है।
यहाँ माँ काली की विशेष पूजा, हवन और भव्य आरती होती है। इसे भारत के सिद्ध शक्तिपीठों में से एक माना जाता है।
मां चिंतपूर्णी को चिंताओं को हरने वाली देवी कहा जाता है। नवरात्रि में यहाँ दर्शन करने से सभी परेशानियां दूर होती हैं।
हाँ, यहाँ हनुमान जी और मां दुर्गा के विशेष हवन, अनुष्ठान और भूत-प्रेत बाधा निवारण पूजा की जाती है।
मां मनसा देवी को इच्छा पूर्ति देवी माना जाता है। भक्त यहाँ नारियल और चुनरी चढ़ाकर अपनी मनोकामना मांगते हैं।
हाँ, कई प्रमुख मंदिरों में ऑनलाइन दर्शन पास, आरती बुकिंग और यात्रा परमिट की सुविधा उपलब्ध होती है।
अधिकतर मंदिरों में शालीन वस्त्र पहनने की सलाह दी जाती है। कुछ मंदिरों में पारंपरिक परिधान पहनना अनिवार्य होता है।
हाँ, नवरात्रि के दौरान शक्ति पीठों की यात्रा करने से जीवन में शुभ फल, सफलता और आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है।
हाँ, नवरात्रि में कलश स्थापना, दुर्गा सप्तशती पाठ, कन्या पूजन और हवन करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
यात्रा के दौरान भीड़भाड़ से बचें, प्री-बुकिंग करें, उचित खान-पान लें, मंदिरों के नियमों का पालन करें और सावधानीपूर्वक यात्रा करें।
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