नवरात्रि (Navratri) में ये चीज़ें खाएं और इनसे बचें! सही आहार से बढ़ाएं उपवास का लाभ
नवरात्रि (Navratri) एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जिसमें माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। इस दौरान भक्तगण उपवास रखते हैं और सात्त्विक आहार ग्रहण करते हैं। सही भोजन का चयन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह शरीर को ऊर्जा भी प्रदान करता है।
लेकिन अक्सर लोगों को यह समझ नहीं आता कि उपवास में क्या खाएं और क्या नहीं। गलत आहार लेने से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है और उपवास का महत्व भी कम हो सकता है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि नवरात्रि में कौन-कौन से खाद्य पदार्थ उपयुक्त हैं और किनसे बचना चाहिए।
नवरात्रि (Navratri) उपवास केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि इसका वैज्ञानिक और आध्यात्मिक महत्व भी है। उपवास से शरीर डिटॉक्स होता है, पाचन तंत्र को आराम मिलता है और मन को शांति मिलती है।
शास्त्रों के अनुसार, सात्त्विक भोजन का सेवन करने से व्यक्ति की ऊर्जा बढ़ती है और ध्यान व पूजा में एकाग्रता आती है। वहीं, तामसिक और राजसिक भोजन से शरीर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है, जिससे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। इसलिए, सही आहार का चयन करना जरूरी है।
साबूदाना उपवास का सबसे लोकप्रिय भोजन है। इसमें कार्बोहाइड्रेट प्रचुर मात्रा में होता है, जिससे शरीर को तुरंत ऊर्जा मिलती है। आप साबूदाना खिचड़ी, साबूदाना वड़ा या साबूदाना पापड़ बना सकते हैं।
गेहूं के आटे के बजाय उपवास में कुट्टू का आटा या सिंघाड़े का आटा इस्तेमाल किया जाता है। इनसे पराठे, पूरी और चीला बनाए जा सकते हैं। ये ग्लूटेन-फ्री होते हैं और पाचन के लिए अच्छे माने जाते हैं।
उपवास में फल सबसे उत्तम आहार हैं। सेब, केला, अनार, पपीता, संतरा और अंगूर आसानी से पचने वाले फल हैं। इनके अलावा, बादाम, काजू, अखरोट और किशमिश का सेवन भी फायदेमंद रहता है।
मखाना सुपरफूड माना जाता है। इसे घी में भूनकर या दूध के साथ मिलाकर खाया जा सकता है। यह एंटीऑक्सीडेंट और प्रोटीन से भरपूर होता है।
उपवास में चावल नहीं खाए जाते, लेकिन समा के चावल (व्रत के चावल) और राजगिरा का सेवन किया जा सकता है। ये हल्के होते हैं और जल्दी पच जाते हैं।
दूध, दही, पनीर और छाछ का सेवन करना उपवास में लाभदायक होता है। ये प्रोटीन और कैल्शियम से भरपूर होते हैं और शरीर को ऊर्जा देते हैं।
उपवास में साधारण नमक निषेध होता है। इसकी जगह सेंधा नमक (रॉक सॉल्ट) का इस्तेमाल किया जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए अधिक लाभदायक माना जाता है।
उपवास में शरीर को हाइड्रेट रखना जरूरी होता है। नारियल पानी और नींबू पानी पीने से शरीर में ऊर्जा बनी रहती है और डिहाइड्रेशन नहीं होता।
प्याज और लहसुन तामसिक भोजन माने जाते हैं। उपवास के दौरान इनका सेवन वर्जित होता है क्योंकि ये शरीर में नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न कर सकते हैं।
उपवास में गेहूं और मैदा निषेध होते हैं। इनकी जगह कुट्टू, सिंघाड़ा या राजगिरा का आटा इस्तेमाल किया जाता है।
नवरात्रि में साधारण चावल और दालें नहीं खाई जातीं, क्योंकि ये सामान्य आहार में आते हैं। इनकी जगह समा के चावल और साबूदाना का सेवन किया जाता है।
मांस, मछली, अंडे आदि तामसिक भोजन माने जाते हैं, इसलिए नवरात्रि में इनका सेवन पूरी तरह वर्जित होता है।
शराब और कैफीन (चाय, कॉफी) शरीर में विषैले तत्व बढ़ाते हैं, जिससे उपवास का शुद्धिकरण प्रभाव कम हो जाता है। इनकी जगह हर्बल टी, नारियल पानी और दूध लेना बेहतर होता है।
बाजार में मिलने वाले नमकीन, चिप्स, बिस्किट और जूस में रासायनिक तत्व होते हैं, जो उपवास के दौरान वर्जित होते हैं।
✔ नियमित अंतराल पर भोजन करें, ताकि शरीर में ऊर्जा बनी रहे।
✔ पर्याप्त पानी पिएं ताकि डिहाइड्रेशन न हो।
✔ तले-भुने भोजन से बचें और हल्का व पोषक आहार लें।
✔ अधिक मिठाई न खाएं, क्योंकि यह वजन बढ़ा सकती है।
✔ शारीरिक और मानसिक शुद्धता बनाए रखें।
नवरात्रि का उपवास केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि शरीर को स्वस्थ रखने का भी एक माध्यम है। सही आहार से यह शरीर को ऊर्जा और मन को शांति प्रदान करता है।
नवरात्रि में उपवास रखने से शरीर और मन की शुद्धि होती है। यह आध्यात्मिक उन्नति के साथ-साथ शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है।
हाँ, नवरात्रि उपवास में पानी पीना जरूरी होता है ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे। नारियल पानी और नींबू पानी भी ले सकते हैं।
हाँ, दूध, दही, पनीर और छाछ उपवास में सेवन योग्य होते हैं क्योंकि ये ऊर्जा और पोषण प्रदान करते हैं।
गेहूं और चावल की जगह कुट्टू का आटा, सिंघाड़े का आटा, समा के चावल और राजगिरा खाया जाता है।
सेब, केला, अनार, पपीता, संतरा और अंगूर आदि फल उपवास में खाए जा सकते हैं।
सामान्य नमक (सफेद नमक) नहीं खा सकते, लेकिन सेंधा नमक (रॉक सॉल्ट) का सेवन किया जा सकता है।
चाय और कॉफी ली जा सकती है, लेकिन ज्यादा मात्रा में न लें। इसकी जगह हर्बल टी या नींबू पानी बेहतर विकल्प हैं।
नहीं, मांसाहार (मांस, मछली, अंडा) पूरी तरह वर्जित होता है क्योंकि यह तामसिक भोजन माना जाता है।
नहीं, प्याज और लहसुन को तामसिक भोजन माना जाता है, इसलिए उपवास में इनका सेवन नहीं किया जाता।
साधारण चावल नहीं खा सकते, लेकिन समा के चावल (व्रत के चावल) खा सकते हैं।
हाँ, चीनी खा सकते हैं, लेकिन गुड़ या शहद ज्यादा अच्छा विकल्प है क्योंकि ये प्राकृतिक होते हैं।
नहीं, प्रोसेस्ड और पैकेज्ड फूड में कई रसायन और परिरक्षक होते हैं, जो उपवास के लिए उपयुक्त नहीं होते।
हाँ, साबूदाना उपवास का सबसे लोकप्रिय भोजन है। इससे खिचड़ी, वड़ा और खीर बनाई जा सकती है।
हाँ, लेकिन घी और गुड़ से बनी हल्की मिठाई जैसे मखाने की खीर, नारियल लड्डू और साबूदाना खीर लेना सही रहेगा।
मांसाहार, शराब, प्याज, लहसुन, गेहूं, चावल, प्रोसेस्ड फूड, कैफीन और ज्यादा तले-भुने भोजन से बचना चाहिए।
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