नवरात्रि (Navratri) में इन 9 फलों का चढ़ावा लाएगा देवी की विशेष कृपा – जानें कौन-सा फल किस दिन चढ़ाएं!

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नवरात्रि (Navratri) में इन 9 फलों का चढ़ावा लाएगा देवी की विशेष कृपा – जानें कौन-सा फल किस दिन चढ़ाएं!


नवरात्रि (Navratri) में इन 9 फलों का चढ़ावा लाएगा देवी की विशेष कृपा – जानें कौन-सा फल किस दिन चढ़ाएं!

नवरात्रि (Navratri) में देवी को चढ़ाए जाने वाले 9 खास फल

नवरात्रि (Navratri) हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसमें माता दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। इस दौरान श्रद्धालु व्रत रखते हैं और माता को विभिन्न भोग अर्पित करते हैं। नवरात्रि में फलों का विशेष महत्व होता है, क्योंकि ये न केवल स्वास्थ्यवर्धक होते हैं बल्कि देवी को प्रसन्न करने के लिए भी उपयोग किए जाते हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि नवरात्रि के 9 दिनों में कौन-कौन से फल चढ़ाने चाहिए और उनका क्या महत्व है।

Contents

1. पहले दिन – सेब (Maa Shailputri)

पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा होती है, जो पवित्रता और शक्ति की प्रतीक हैं। माता को सेब चढ़ाना बहुत शुभ माना जाता है।

सेब का महत्व:

  • सेब स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होता है और इसे ऊर्जा का स्रोत माना जाता है।
  • यह जीवन शक्ति को बढ़ाने वाला फल है, इसलिए इसे देवी को चढ़ाने से मानसिक और शारीरिक बल प्राप्त होता है।
  • सेब चढ़ाने से परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

कैसे चढ़ाएं?

  • सुबह लाल रंग के कपड़े पहनकर माता शैलपुत्री को ताजे लाल सेब अर्पित करें।
  • सेब का प्रसाद परिवार के सदस्यों में बांटें, इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।

2. दूसरे दिन – केला (Maa Brahmacharini)

दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है, जो तपस्या और संयम की देवी मानी जाती हैं। उन्हें केला चढ़ाना विशेष फलदायी होता है।

केले का महत्व:

  • यह तप और धैर्य का प्रतीक माना जाता है।
  • नवरात्रि में केले का भोग लगाने से मानसिक शांति और आत्मविश्वास बढ़ता है।
  • यह आरोग्य और दीर्घायु प्रदान करने वाला फल है।

कैसे चढ़ाएं?

  • माता को पीले रंग के केले अर्पित करें।
  • केले का प्रसाद लेने से घर में सुख-शांति और आर्थिक समृद्धि आती है।

3. तीसरे दिन – अनार (Maa Chandraghanta)

तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा होती है, जो साहस और शौर्य की प्रतीक मानी जाती हैं। उन्हें अनार चढ़ाना शुभ होता है।

अनार का महत्व:

  • अनार रक्त संचार को सुधारता है और इसे चढ़ाने से शक्ति और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।
  • मां चंद्रघंटा को अनार चढ़ाने से भय, नकारात्मक ऊर्जा और मानसिक तनाव दूर होता है।
  • अनार को समृद्धि का प्रतीक भी माना जाता है, इसलिए इसे देवी को अर्पित करने से घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है।

कैसे चढ़ाएं?

  • माता को ताजे लाल अनार चढ़ाएं।
  • इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करें और परिवार में बांटें

4. चौथे दिन – संतरा (Maa Kushmanda)

मां कूष्मांडा की पूजा नवरात्रि के चौथे दिन की जाती है। इन्हें ऊर्जा और ब्रह्मांड की रचना करने वाली शक्ति माना जाता है।

संतरे का महत्व:

  • संतरा ऊर्जा और ताजगी का प्रतीक है।
  • यह माता को चढ़ाने से स्वास्थ्य और सकारात्मकता मिलती है।
  • संतरा अच्छी सेहत और रोगमुक्त जीवन देने वाला फल माना जाता है।

कैसे चढ़ाएं?

  • माता को मीठा और ताजा संतरा अर्पित करें।
  • इसे प्रसाद रूप में ग्रहण करने से शरीर में शक्ति बनी रहती है।

5. पांचवे दिन – नारियल (Maa Skandamata)

पांचवे दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है, जो संतान सुख और कल्याण की देवी मानी जाती हैं।

नारियल का महत्व:

  • नारियल सुख, समृद्धि और सफलता का प्रतीक है।
  • इसे चढ़ाने से संतान संबंधी कष्ट दूर होते हैं
  • नारियल को देवी को अर्पित करने से घर में खुशहाली आती है

कैसे चढ़ाएं?

  • माता को पूरा नारियल या नारियल पानी अर्पित करें।
  • इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करने से मानसिक और शारीरिक लाभ मिलता है।

6. छठे दिन – अंगूर (Maa Katyayani)

छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा होती है, जो प्रेम और विवाह की देवी मानी जाती हैं।

अंगूर का महत्व:

  • अंगूर प्रेम, सुख और आनंद का प्रतीक है।
  • इसे माता को चढ़ाने से विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं
  • अंगूर शक्ति और ऐश्वर्य प्रदान करता है।

कैसे चढ़ाएं?

  • माता को हरे या काले अंगूर अर्पित करें।
  • इसे प्रसाद रूप में ग्रहण करें और परिवार में बांटें।

7. सातवें दिन – अमरूद (Maa Kalaratri)

सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा होती है, जो नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियों को दूर करने वाली देवी मानी जाती हैं।

अमरूद का महत्व:

  • अमरूद आरोग्य और स्वास्थ्य का प्रतीक है।
  • इसे माता को चढ़ाने से शत्रु नाश और सुरक्षा प्राप्त होती है।
  • अमरूद आध्यात्मिक उन्नति और मानसिक शांति प्रदान करता है।

कैसे चढ़ाएं?

  • माता को ताजा और बिना कटे अमरूद चढ़ाएं।
  • इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करने से शारीरिक और मानसिक लाभ मिलता है।

8. आठवें दिन – पपीता (Maa Mahagauri)

आठवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है, जो शुद्धता और सौंदर्य की देवी हैं।

पपीते का महत्व:

  • पपीता पाचन तंत्र को सुधारता है और इसे चढ़ाने से शरीर शुद्ध रहता है
  • यह आरोग्य और रोगमुक्त जीवन देने वाला फल है।
  • पपीता दीर्घायु और स्वास्थ्य का प्रतीक माना जाता है।

कैसे चढ़ाएं?

  • माता को पका हुआ पपीता अर्पित करें।
  • इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करें और दूसरों में बांटें।

9. नौवें दिन – बेर (Maa Siddhidatri)

नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है, जो सभी प्रकार की सिद्धियां देने वाली देवी मानी जाती हैं।

बेर का महत्व:

  • बेर साधना और सिद्धि का प्रतीक है।
  • इसे माता को चढ़ाने से सभी इच्छाएं पूरी होती हैं
  • बेर धन, ऐश्वर्य और सौभाग्य को बढ़ाता है।

कैसे चढ़ाएं?

  • माता को ताजा और मीठा बेर अर्पित करें।
  • इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करें और दूसरों में बांटें।
नवरात्रि (Navratri) में इन 9 फलों का चढ़ावा लाएगा देवी की विशेष कृपा – जानें कौन-सा फल किस दिन चढ़ाएं!
नवरात्रि (Navratri) में इन 9 फलों का चढ़ावा लाएगा देवी की विशेष कृपा – जानें कौन-सा फल किस दिन चढ़ाएं!


नवरात्रि में विशेष रूप से फलों का भोग लगाने से देवी प्रसन्न होती हैं और उनकी असीम कृपा प्राप्त होती है। यदि आप सही दिन सही फल अर्पित करते हैं, तो आपको अध्यात्मिक और भौतिक लाभ दोनों मिल सकते हैं।

नवरात्रि (Navratri) में देवी को चढ़ाए जाने वाले 9 खास फलों से जुड़े महत्वपूर्ण सवाल-जवाब

1. नवरात्रि (Navratri) में देवी को फल चढ़ाने का क्या महत्व है?

नवरात्रि में फल चढ़ाने से देवी प्रसन्न होती हैं और भक्तों को स्वास्थ्य, समृद्धि और सुख-शांति का आशीर्वाद मिलता है। फल शुद्धता और भक्ति का प्रतीक होते हैं।

2. क्या नवरात्रि (Navratri) में किसी भी फल को चढ़ाया जा सकता है?

नहीं, हर दिन के अनुसार विशेष फल चढ़ाने की परंपरा होती है, जो देवी के अलग-अलग रूपों को समर्पित होते हैं।

3. माता शैलपुत्री को कौन-सा फल चढ़ाना शुभ होता है?

पहले दिन माता शैलपुत्री को सेब चढ़ाने से सकारात्मक ऊर्जा और स्वास्थ्य का लाभ मिलता है।

4. मां ब्रह्मचारिणी की पूजा में कौन-सा फल अर्पित करना चाहिए?

दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी को केला चढ़ाने से धैर्य, संयम और आरोग्य की प्राप्ति होती है।

5. मां चंद्रघंटा को कौन-सा फल चढ़ाना चाहिए?

तीसरे दिन मां चंद्रघंटा को अनार चढ़ाने से शक्ति और मानसिक शांति मिलती है।

6. मां कूष्मांडा की पूजा में कौन-सा फल चढ़ाया जाता है?

चौथे दिन मां कूष्मांडा को संतरा चढ़ाने से ऊर्जा और सेहत अच्छी रहती है।

7. मां स्कंदमाता को किस फल का भोग लगाना चाहिए?

पांचवें दिन मां स्कंदमाता को नारियल चढ़ाने से संतान सुख और समृद्धि प्राप्त होती है।

8. मां कात्यायनी को कौन-सा फल चढ़ाने से विशेष लाभ होता है?

छठे दिन मां कात्यायनी को अंगूर चढ़ाने से वैवाहिक जीवन में सुख और प्रेम बढ़ता है।

9. मां कालरात्रि को किस फल का अर्पण करना शुभ माना जाता है?

सातवें दिन मां कालरात्रि को अमरूद चढ़ाने से नकारात्मक ऊर्जा और शत्रु बाधाएं दूर होती हैं।

10. मां महागौरी को कौन-सा फल चढ़ाने से विशेष कृपा मिलती है?

आठवें दिन मां महागौरी को पपीता चढ़ाने से शरीर शुद्ध और रोग मुक्त रहता है।

11. मां सिद्धिदात्री को कौन-सा फल चढ़ाने से सिद्धियां प्राप्त होती हैं?

नौवें दिन मां सिद्धिदात्री को बेर चढ़ाने से आध्यात्मिक और भौतिक सफलता मिलती है।

12. क्या इन फलों का प्रसाद ग्रहण करना जरूरी है?

हाँ, माता को चढ़ाए गए फल को प्रसाद के रूप में ग्रहण करने से सकारात्मक ऊर्जा और आशीर्वाद प्राप्त होता है।

13. क्या फल चढ़ाने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं?

हाँ, यदि श्रद्धा और विश्वास के साथ माता को फल अर्पित किए जाएं, तो मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं।

14. क्या व्रतधारी लोग इन फलों को खा सकते हैं?

हाँ, नवरात्रि के दौरान व्रतधारी लोग इन फलों का सेवन कर सकते हैं, जिससे ऊर्जा और स्वास्थ्य बना रहता है।

15. क्या किसी विशेष रंग के फल चढ़ाने से अधिक लाभ होता है?

हाँ, हर देवी के अनुसार उनके पसंदीदा रंग के फल चढ़ाने से अधिक सकारात्मक प्रभाव मिलता है, जैसे लाल सेब, पीला केला, संतरा, हरा अंगूर आदि।

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