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नवरात्रि में नवचंडी यज्ञ (Navchandi Yagya) कैसे करें? सही दिन, विधि और चमत्कारी लाभ जानें!

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नवरात्रि में नवचंडी यज्ञ (Navchandi Yagya) कैसे करें? सही दिन, विधि और चमत्कारी लाभ जानें!


नवरात्रि में कब और कैसे करें नवचंडी यज्ञ? (Navchandi Yagya) संपूर्ण जानकारी

नवचंडी यज्ञ का महत्व

नवचंडी यज्ञ (Navchandi Yagya) हिन्दू धर्म में एक शक्तिशाली और पवित्र अनुष्ठान माना जाता है। इसे विशेष रूप से नवरात्रि के दौरान किया जाता है, जब देवी दुर्गा की पूजा का विशेष महत्व होता है। इस यज्ञ में चंडी पाठ यानी दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाता है और अंत में हवन किया जाता है।

Contents

यह यज्ञ संकटों को दूर करने, नकारात्मक ऊर्जा समाप्त करने और समृद्धि प्राप्त करने के लिए किया जाता है। कहा जाता है कि इस यज्ञ को करने से देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में शांति एवं सफलता आती है।

इस यज्ञ को करने से राहु-केतु, शनि दोष और दुष्ट शक्तियों का प्रभाव कम हो जाता है। विशेष रूप से, यदि जीवन में विघ्न-बाधाएं, अचानक समस्याएं या नौकरी-व्यवसाय में रुकावटें आ रही हैं, तो यह यज्ञ बहुत प्रभावी होता है।


नवचंडी यज्ञ (Navchandi Yagya) करने का सही समय (कब करें?)

नवरात्रि के नौ दिनों में किसी भी दिन नवचंडी यज्ञ किया जा सकता है, लेकिन सबसे उत्तम दिन अष्टमी और नवमी माने जाते हैं। इन दिनों में देवी की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।

चैत्र और शारदीय नवरात्रि में इसे करने का विशेष महत्व होता है। अगर कोई व्यक्ति अपने जीवन में कोई विशेष इच्छा पूरी करना चाहता है, तो उसे महानिशा काल या संध्याकाल में यज्ञ करना चाहिए।

अगर किसी को राहु-केतु या शनि दोष से पीड़ित हैं, तो उन्हें रवि योग, अमृत योग या सर्वार्थ सिद्धि योग में नवचंडी यज्ञ करना चाहिए। इससे राशियों पर ग्रहों के बुरे प्रभाव कम हो जाते हैं और जीवन में सकारात्मकता आती है।


नवचंडी यज्ञ (Navchandi Yagya) करने की संपूर्ण विधि

1. यज्ञ की तैयारी:

  • सबसे पहले यज्ञ स्थल को शुद्ध करें और वहां गंगाजल छिड़कें।
  • एक कलश स्थापित करें और उसमें जल, आम के पत्ते, सुपारी, और एक सिक्का डालें।
  • यज्ञ वेदी पर गाय के गोबर से लीपे गए उपले रखें।
  • कुशा और लाल कपड़े से मंडप सजाएं।

2. संकल्प लेना:

  • यज्ञ शुरू करने से पहले संकल्प लें।
  • अपने नाम, गोत्र और उद्देश्य का उच्चारण करें।
  • ब्राह्मणों को भोजन और दक्षिणा देने का संकल्प करें।

3. चंडी पाठ:

  • दुर्गा सप्तशती के 700 श्लोकों का पाठ करें।
  • इस दौरान घी का दीपक जलाकर देवी की आराधना करें।
  • मंत्र जाप में रुद्राक्ष की माला का उपयोग करें।

4. हवन प्रक्रिया:

  • हवन कुंड में गाय के घी, काले तिल, चावल, जौ और आम की लकड़ी डालें।
  • प्रत्येक आहुति के साथ “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे” मंत्र का जाप करें।
  • हवन समाप्त होने के बाद आरती करें और प्रसाद वितरित करें।

नवचंडी यज्ञ (Navchandi Yagya) के लाभ

  1. नकारात्मक शक्तियों का नाश: यह यज्ञ नजर दोष, तंत्र-मंत्र बाधा और बुरी शक्तियों को खत्म करता है।
  2. ग्रहों के बुरे प्रभाव समाप्त होते हैं: विशेष रूप से राहु, केतु और शनि दोष से राहत मिलती है।
  3. धन और समृद्धि: यह यज्ञ आर्थिक समस्याओं को दूर करता है और व्यापार में उन्नति लाता है।
  4. मानसिक शांति और स्वास्थ्य लाभ: यज्ञ के दौरान निकलने वाली ऊर्जा से मन शांत रहता है और स्वास्थ्य लाभ मिलता है।
  5. परिवार में सुख-शांति: अगर घर में कलेश, आपसी झगड़े या तनाव हैं, तो यह यज्ञ बेहद लाभदायक होता है।

यज्ञ के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें

  • यज्ञ के दौरान शुद्धता बनाए रखें और सात्विक आहार ग्रहण करें।
  • यज्ञ में शुद्ध देसी घी और प्राकृतिक सामग्री का उपयोग करें।
  • अगर स्वयं यज्ञ कर रहे हैं, तो ब्राह्मण की सहायता लें ताकि कोई त्रुटि न हो।
  • यज्ञ के बाद गरीबों को भोजन कराएं और दान दें
नवरात्रि में नवचंडी यज्ञ (Navchandi Yagya) कैसे करें? सही दिन, विधि और चमत्कारी लाभ जानें!

क्या बिना ब्राह्मण के नवचंडी यज्ञ (Navchandi Yagya) कर सकते हैं?

अगर आप पूरी विधि जानते हैं, तो यह यज्ञ घर पर भी किया जा सकता है। लेकिन अगर आप मंत्र उच्चारण और प्रक्रिया में निपुण नहीं हैं, तो ब्राह्मण की सहायता अवश्य लें

आजकल ऑनलाइन नवचंडी यज्ञ की सुविधा भी उपलब्ध है, जहां विद्वान पंडित दूरस्थ पूजा करवाते हैं।


नवचंडी यज्ञ (Navchandi Yagya) न केवल देवी शक्ति को प्रसन्न करता है, बल्कि सभी प्रकार की समस्याओं का निवारण भी करता है। नवरात्रि में इसे करने से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है। अगर आप चाहते हैं कि आपका जीवन खुशहाल और बाधारहित हो, तो इस यज्ञ को अवश्य करें।

नवरात्रि में नवचंडी यज्ञ (Navchandi Yagya) से जुड़े महत्वपूर्ण FAQs

1. नवचंडी यज्ञ (Navchandi Yagya) क्या है?

नवचंडी यज्ञ एक विशेष हवन अनुष्ठान है, जिसमें दुर्गा सप्तशती के 700 श्लोकों का पाठ और हवन किया जाता है। यह देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त करने और संकटों से मुक्ति पाने के लिए किया जाता है।

2. नवचंडी यज्ञ (Navchandi Yagya) कब किया जाता है?

इस यज्ञ को नवरात्रि के किसी भी दिन किया जा सकता है, लेकिन अष्टमी और नवमी तिथि विशेष रूप से शुभ मानी जाती है।

3. नवचंडी यज्ञ (Navchandi Yagya) के लिए सबसे शुभ मुहूर्त कौन-सा होता है?

रवि योग, अमृत योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और महानिशा काल में नवचंडी यज्ञ करना विशेष रूप से लाभकारी होता है।

4. नवचंडी यज्ञ (Navchandi Yagya) करने से क्या लाभ होते हैं?

  • नकारात्मक शक्तियों का नाश
  • राहु-केतु और शनि दोष से मुक्ति
  • धन, समृद्धि और सुख-शांति की प्राप्ति
  • शत्रु बाधा और तंत्र-मंत्र दोष से सुरक्षा
  • मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति

5. क्या नवचंडी यज्ञ (Navchandi Yagya) घर पर किया जा सकता है?

हाँ, अगर विधि सही से जानते हैं तो घर पर भी कर सकते हैं, लेकिन किसी अनुभवी ब्राह्मण की सहायता लेना श्रेष्ठ होता है।

6. नवचंडी यज्ञ में कौन-कौन सी सामग्रियां आवश्यक होती हैं?

दुर्गा सप्तशती ग्रंथ, हवन कुंड, आम की लकड़ी, गौघृत, जौ, तिल, कुशा, लाल वस्त्र, अक्षत, चंदन, कलश, फल, फूल, पान, सुपारी, दीपक, हवन सामग्री, पंचमेवा, नारियल आदि।

7. नवचंडी यज्ञ कितने दिनों में पूरा किया जाता है?

यह यज्ञ एक ही दिन में भी किया जा सकता है, लेकिन कई लोग इसे 9 दिन तक भी करते हैं, जिससे इसका प्रभाव और अधिक बढ़ जाता है।

8. नवचंडी यज्ञ करने के लिए कितने ब्राह्मणों की आवश्यकता होती है?

आमतौर पर 9 ब्राह्मण इस यज्ञ को संपन्न कराते हैं, लेकिन एक व्यक्ति भी विधिपूर्वक इसे कर सकता है।

9. नवचंडी यज्ञ में कौन सा प्रमुख मंत्र प्रयोग किया जाता है?

इस यज्ञ में “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे” और दुर्गा सप्तशती के मंत्रों का जाप किया जाता है।

10. क्या नवचंडी यज्ञ सभी कर सकते हैं?

हाँ, सभी जाति-धर्म के लोग श्रद्धा और शुद्धता से यह यज्ञ कर सकते हैं।

11. क्या महिलाएं नवचंडी यज्ञ कर सकती हैं?

हाँ, महिलाएं भी नवचंडी यज्ञ कर सकती हैं, लेकिन उन्हें पवित्रता और नियमों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

12. नवचंडी यज्ञ करने से कितने समय में फल मिलता है?

यह यज्ञ बहुत शक्तिशाली होता है और इसके प्रभाव तुरंत या कुछ ही समय में दिखने लगते हैं।

13. नवचंडी यज्ञ के दौरान क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?

  • यज्ञ के दौरान शुद्ध आहार और संयम का पालन करें।
  • पूजा के समय मानसिक एकाग्रता और पूर्ण श्रद्धा रखें।
  • हवन सामग्री शुद्ध और प्राकृतिक होनी चाहिए।

14. नवचंडी यज्ञ करने के बाद क्या करें?

यज्ञ के बाद आरती करें, प्रसाद वितरित करें, ब्राह्मणों को भोजन कराएं और जरूरतमंदों को दान दें।

15. क्या ऑनलाइन नवचंडी यज्ञ करवाया जा सकता है?

हाँ, आजकल कई पंडित और मंदिर ऑनलाइन नवचंडी यज्ञ की सुविधा उपलब्ध कराते हैं, जिससे आप घर बैठे यज्ञ करवा सकते हैं।


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