नारायणी देवी मंदिर, खलीकोट, ओडिशा (Narayani Devi Temple, Khalikote, Odisha)

Soma
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नारायणी देवी मंदिर, खलीकोट, ओडिशा Narayani Devi Temple, Khalikote, Odisha

नारायणी देवी मंदिर, खलीकोट, ओडिशा (Narayani Devi Temple, Khalikote, Odisha)

नारायणी देवी मंदिर एक हिंदू मंदिर है जो देवी दुर्गा को समर्पित है, जो नारायणी गांव में स्थित है, खलीकोट के पास, ओडिशा, भारत। मंदिर का निर्माण कालिंगन शैली में किया गया है।

Contents

कौन हैं नारायणी देवी?

Narayani Devi
Narayani Devi

नारायणी देवी धन, समृद्धि और प्रचुरता की देवी हैं। वह प्रेम, सौंदर्य और अनुग्रह की देवी भी हैं। वह एक दयालु और प्रेममयी देवी माँ हैं, और वह हमेशा अपने भक्तों की मदद के लिए मौजूद रहती हैं।

हम नारायणी देवी की पूजा क्यों करते हैं?

हम नारायणी देवी की पूजा करते हैं क्योंकि वह शक्ति, मार्गदर्शन और सुरक्षा का स्रोत हैं। वह हमारी बाधाओं को दूर करने और हमारे लक्ष्यों को प्राप्त करने में हमारी मदद करती है। वह हमारे जीवन को प्यार, खुशी और समृद्धि से भी भर देती है।

हम नारायणी देवी से क्या सीख सकते हैं?

नारायणी देवी हमें निस्वार्थता, करुणा और कृतज्ञता का महत्व सिखाती हैं। वह हमें यह भी सिखाती है कि सच्ची खुशी भीतर से आती है।

मंदिर का निर्माण 7 वीं शताब्दी ईस्वी के आस-पास का माना जाता है, लेकिन मंदिर की वर्तमान संरचना 18 वीं शताब्दी की है। मंदिर ओडिशा और भारत भर के हिंदुओं के लिए एक लोकप्रिय तीर्थ स्थल है।

मंदिर पहाड़ी की चोटी पर स्थित है, जो हरे-भरे जंगलों से घिरा हुआ है। मंदिर का मुख्य देवता नारायणी देवी हैं, जो माँ दुर्गा के दस भुजाओं वाली एक रूप हैं। देवी की मूर्ति काले पत्थर से बनी है और इसे बहुत शक्तिशाली माना जाता है।

मंदिर में अन्य कई देवताओं का भी निवास है, जिनमें गणेश, हनुमान और शिव शामिल हैं। मंदिर परिसर में अन्य कई मंदिरों के साथ-साथ एक तालाब और एक उद्यान भी शामिल है।

मंदिर जनता के लिए सुबह 6 बजे से शाम 8 बजे तक खुला रहता है। मंदिर की सबसे अच्छी यात्रा दुर्गा पूजा त्योहार के दौरान होती है, जो अक्टूबर के महीने में आयोजित किया जाता है।

मंदिर एक लोकप्रिय पर्यटक स्थल है और आसपास के ग्रामीण इलाकों के शानदार दृश्य प्रस्तुत करता है। मंदिर हिंदू धर्म और संस्कृति के बारे में जानने के लिए भी एक बेहतरीन स्थान है।

Narayani Devi Temple
Narayani Devi Temple (Image Source)

नारायणी देवी मंदिर, खलीकोट, ओडिशा (Narayani Devi Temple, Khalikote, Odisha) कैसे पंहुचा जाये ? How to Reach ?

Narayani Devi मंदिर खुलने का समय :

सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक .

Narayani Devi दर्शन करने का सर्वोत्तम समय :

नारायणी देवी मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय शारदीय नवरात्रि का समय है , आप अक्टूबर से जून तक किसी भी समय जा सकते हैं .

Narayani Devi नजदीकी बस स्टेशन : Bus Station

नारायणी देवी मंदिर का सबसे नजदीकी बस स्टेशन Berhampur Bus Station है जिसकी मंदिर से दूरी लगभग 6 km है .

Narayani Devi नजदीकी रेलवे स्टेशन : Railway Station

नारायणी देवी मंदिर का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन Berhampur Railway Station है जिसकी मंदिर से दूरी लगभग 3.5 km है .

Narayani Devi नजदीकी Airport :

नारायणी देवी मंदिर का सबसे नजदीकी Airport BIJU PATNAIL INTERNATIONAL AIRPOT , BHUBANESWAR है , जिसकी मंदिर से दूरी लगभग 170 km है .

नारायणी का अर्थ है?

नारायणी का अर्थ है “नारायण से संबंधित”। नारायण भगवान विष्णु का एक नाम है। इसलिए, नारायणी देवी को विष्णु की पत्नी लक्ष्मी के रूप में भी देखा जाता है। नारायणी देवी को धन, समृद्धि, और सौभाग्य की देवी के रूप में भी पूजा जाता है।

नारायणी नाम का उपयोग कई अन्य देवियों के लिए भी किया जाता है, जिनमें गंगा नदी, और देवी दुर्गा की एक विशेष रूप शामिल हैं।

नारायणी नाम के कुछ अन्य अर्थ इस प्रकार हैं:

  • जो नारायण की तरह है
  • जो नारायण से जुड़ी हुई है
  • जो नारायण का अनुसरण करती है
  • जो नारायण की भक्त है

नारायणी नाम एक शक्तिशाली और शुभ नाम है। यह नाम महिलाओं के लिए एक लोकप्रिय नाम है।

ॐ नमः नारायणी देवी!

FAQs: नारायणी देवी मंदिर, खलीकोट, ओडिशा


1. नारायणी देवी मंदिर कहाँ स्थित है?

नारायणी देवी मंदिर ओडिशा के गंजाम जिले के खलीकोट क्षेत्र में स्थित है। यह एक प्रसिद्ध धार्मिक और प्राकृतिक स्थल है।

2. नारायणी देवी मंदिर किसे समर्पित है?

यह मंदिर मां नारायणी को समर्पित है, जो देवी दुर्गा के एक रूप में पूजी जाती हैं।

3. मंदिर की खास बात क्या है?

मंदिर अपनी भव्य मूर्ति और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है। यह खलीकोट हिल्स की गोद में स्थित है, जो इसे और भी आकर्षक बनाता है।

4. नारायणी देवी मंदिर का धार्मिक महत्व क्या है?

यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए शक्ति और भक्ति का प्रतीक है। यहां आकर भक्त मां नारायणी से सुख, समृद्धि और शांति की प्रार्थना करते हैं।

5. मंदिर तक कैसे पहुँचा जा सकता है?

यह मंदिर खलीकोट रेलवे स्टेशन से करीब 14 किलोमीटर दूर है। सड़क मार्ग से भी यह मंदिर आसानी से पहुँचा जा सकता है।

6. क्या मंदिर के आसपास प्राकृतिक सौंदर्य है?

जी हाँ, मंदिर खलीकोट पहाड़ियों के बीच स्थित है और इसके आसपास हरियाली और झरनों का सुंदर दृश्य देखने को मिलता है।

7. मंदिर का निर्माण कब हुआ था?

मंदिर का सटीक निर्माण काल ज्ञात नहीं है, लेकिन इसे प्राचीन काल का माना जाता है और यह ओडिशा की पारंपरिक वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण है।

8. यहां कौन-कौन से त्योहार मनाए जाते हैं?

मंदिर में नवरात्रि, दुर्गा पूजा, और मकर संक्रांति बड़े धूमधाम से मनाए जाते हैं।

9. क्या मंदिर में विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं?

हाँ, मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना और हवन का आयोजन किया जाता है, खासकर नवरात्रि और अन्य पवित्र अवसरों पर।

10. क्या यहां पर्यटक भी आते हैं?

जी हाँ, मंदिर धार्मिक स्थल होने के साथ-साथ एक पर्यटन स्थल भी है। लोग यहां पूजा के साथ-साथ प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने आते हैं।

11. मंदिर का वातावरण कैसा है?

मंदिर का वातावरण बेहद शांत और आध्यात्मिक है। पहाड़ियों के बीच स्थित होने के कारण यहां सुकून का अनुभव होता है।

12. क्या मंदिर में किसी विशेष दिन दर्शन के लिए ज्यादा भीड़ होती है?

नवरात्रि और दुर्गा पूजा के समय यहां भक्तों की काफी भीड़ होती है। इन दिनों में दर्शन के लिए विशेष प्रबंध किए जाते हैं।

13. क्या मंदिर में प्रसाद वितरण की व्यवस्था है?

हाँ, मंदिर में प्रसाद वितरण की व्यवस्था है। भक्त मां नारायणी को प्रसाद चढ़ाकर उसका आशीर्वाद लेते हैं।

14. क्या मंदिर के आसपास ठहरने की सुविधा है?

मंदिर के पास ठहरने के लिए कुछ स्थानीय लॉज और धर्मशालाएं उपलब्ध हैं। आप खलीकोट या ब्रह्मपुर में भी ठहर सकते हैं।

15. नारायणी देवी मंदिर का सबसे अच्छा समय कौन सा है?

मंदिर दर्शन का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च है, जब मौसम सुहावना होता है और त्यौहारों का माहौल रहता है।

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