नवरात्रि में 9 दिनों तक करें ये 15 जरूरी काम, वरना नहीं मिलेगा मां दुर्गा (Maa Durga) का आशीर्वाद!
नवरात्रि हिन्दू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जिसमें मां दुर्गा (Maa Durga) के नौ रूपों की पूजा की जाती है। यह पर्व सात्विकता, संयम और भक्ति का प्रतीक होता है। इन नौ दिनों में कुछ विशेष नियमों का पालन करने से घर में शांति, सकारात्मकता और समृद्धि बनी रहती है। आइए जानते हैं कि नवरात्रि के दौरान किन नियमों का पालन करना चाहिए।
नवरात्रि में घर को शुद्ध और स्वच्छ रखना बहुत आवश्यक होता है। पूजा से पहले घर की धूल-मिट्टी साफ करें, खासकर पूजा स्थल को। रोजाना गंगाजल या गौमूत्र का छिड़काव करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना करना शुभ माना जाता है। इसे घर के उत्तर-पूर्व दिशा में रखें और उसमें जल, आम के पत्ते, सुपारी और नारियल रखें। यह सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है।
यदि संभव हो तो अखंड ज्योति जलाएं। इससे घर में शांति, सुख और समृद्धि आती है। घी या सरसों के तेल का दीपक जलाएं और इसे पूजा स्थल के दाएं ओर रखें।
हर दिन मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा करें। पूजा में चावल, फल, फूल, कपूर और नैवेद्य का विशेष ध्यान रखें। मंत्रों का उच्चारण शुद्ध हृदय से करें।
यदि आप नवरात्रि का व्रत रखते हैं तो सात्विक भोजन करें। प्याज, लहसुन और मांसाहार पूरी तरह त्याग दें। फलाहार में साबूदाना, कुट्टू आटा, सिंघाड़ा आटा, दूध और फल का सेवन करें।
नवरात्रि के दौरान शराब, सिगरेट, मांसाहार, अंडा, लहसुन और प्याज का सेवन नहीं करना चाहिए। ये चीजें नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाती हैं और देवी की कृपा प्राप्त नहीं होती।
इन नौ दिनों में ब्रह्मचर्य का पालन करना अत्यंत आवश्यक होता है। पति-पत्नी को भी इन दिनों में संयम रखना चाहिए। इससे मन और आत्मा की शुद्धि होती है।
नवरात्रि में सफेद, लाल, पीला, गुलाबी या हरा रंग शुभ माना जाता है। काले कपड़े पहनने से नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
नवरात्रि के दौरान झूठ, धोखा, क्रोध और अहंकार से बचें। अच्छे कर्म करें, दान करें और गरीबों की मदद करें।
अगर संभव हो तो रोज नन्ही कन्याओं को भोजन कराएं। कन्याओं को मां दुर्गा का रूप माना जाता है और इससे देवी की कृपा जल्दी प्राप्त होती है।
नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती, रामायण या श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इससे मन को शांति मिलती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
नवरात्रि के दौरान घर में शांति बनाए रखें। लड़ाई-झगड़ा करने से मां दुर्गा की कृपा कम हो जाती है और घर में नकारात्मकता बढ़ती है।
हर दिन मां दुर्गा को प्रसाद चढ़ाएं। प्रसाद में फल, दूध, मेवे, हलवा-पूरी और खीर का विशेष महत्व होता है।
अगर संभव हो तो रात में जागरण या कीर्तन करें। इससे मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और मनोकामनाएं पूरी करती हैं।
अष्टमी या नवमी के दिन कन्या पूजन और हवन करना बेहद शुभ होता है। इससे पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है।
नवरात्रि केवल उत्सव नहीं बल्कि आध्यात्मिक शुद्धिकरण का पर्व है। इन नौ दिनों में सात्विकता, नियमों और अनुशासन का पालन करने से मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। इसलिए, नवरात्रि में इन नियमों का पालन अवश्य करें और मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करें।
नवरात्रि में घर की शुद्धता और स्वच्छता बहुत महत्वपूर्ण होती है। गंदगी से नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है, जबकि साफ-सुथरा वातावरण सकारात्मकता और शांति लाता है। पूजा स्थल को विशेष रूप से साफ रखें और गंगाजल का छिड़काव करें।
कलश स्थापना सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि का प्रतीक है। यह देवी मां के स्वागत का प्रतीक माना जाता है। इसे घर की उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करें और इसमें जल, आम के पत्ते, सुपारी और नारियल रखें।
अखंड ज्योति जलाने से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और घर में सुख-समृद्धि आती है। यह मां दुर्गा को प्रसन्न करने का एक महत्वपूर्ण तरीका है। दीपक में देशी घी या तिल का तेल इस्तेमाल करें।
व्रत रखने से शरीर और मन शुद्ध होते हैं। यह आध्यात्मिक और स्वास्थ्य लाभ देता है। व्रत में सात्विक भोजन करें, जैसे साबूदाना, कुट्टू आटा, सिंघाड़ा आटा, दूध और फल।
इन नौ दिनों में लहसुन, प्याज, मांसाहार, शराब, तम्बाकू और तामसिक भोजन से बचें। यह नकारात्मकता लाता है और आध्यात्मिक शक्ति को कमजोर करता है।
नवरात्रि में लाल, पीला, सफेद, गुलाबी और हरा रंग शुभ माना जाता है। काले और भूरे रंग से बचें क्योंकि ये नकारात्मकता का प्रतीक होते हैं।
ब्रह्मचर्य से मन और आत्मा की शुद्धि होती है। यह शक्ति को संचित करता है और देवी मां की कृपा प्राप्त करने में मदद करता है।
हाँ, नवरात्रि में झूठ बोलना, धोखा देना और बुरे कर्म करना वर्जित होता है। यह पुण्य को नष्ट कर सकता है और देवी मां की कृपा प्राप्त नहीं होती।
दुर्गा सप्तशती या रामायण का पाठ करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में सुख-शांति बनी रहती है। इससे व्यक्ति का आध्यात्मिक बल भी बढ़ता है।
नवरात्रि के दौरान झगड़ा और कलह करने से मां दुर्गा अप्रसन्न होती हैं और घर में अशांति बनी रहती है। इसीलिए, परिवार में स्नेह और प्रेम बनाए रखना चाहिए।
मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए फल, दूध, हलवा-पूरी, पंचामृत और खीर का भोग लगाना चाहिए। इससे घर में धन-धान्य और समृद्धि आती है।
रात में जागरण और भजन-कीर्तन करने से सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और देवी मां की कृपा प्राप्त होती है। इससे मनोवांछित फल भी मिलता है।
कन्या पूजन और हवन से नवरात्रि का पूर्ण फल प्राप्त होता है। कन्याओं को भोजन कराना मां दुर्गा की कृपा पाने का सबसे उत्तम तरीका माना जाता है।
यह एक अंधविश्वास माना जाता है, लेकिन कुछ लोग इसे नजर दोष से बचने के लिए उपयोग करते हैं। यदि आप देवी मां की पूजा सही विधि से करें, तो किसी और उपाय की जरूरत नहीं होती।
नवरात्रि में “ॐ दुं दुर्गायै नमः”, “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे” और “ॐ जगदंबिकायै नमः” मंत्रों का जाप करना शुभ माना जाता है। इससे सकारात्मक ऊर्जा मिलती है और देवी मां की कृपा प्राप्त होती है।
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