घर में लक्ष्मी (Lakshmi in the house) का स्थायी वास चाहते हैं? तो मुख्य द्वार पर रखें ये 9 चमत्कारी चीजें!
मुख्य द्वार किसी भी घर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। यह न केवल घर में प्रवेश का माध्यम है, बल्कि ऊर्जा का प्रवेशद्वार भी माना जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, सकारात्मक ऊर्जा, धन, स्वास्थ्य और सुख-शांति का संबंध सीधे मुख्य द्वार से होता है। इसलिए, यह आवश्यक हो जाता है कि हम मुख्य द्वार की सजावट और स्थिति को विशेष रूप से ध्यान में रखें।
मुख्य द्वार की दिशा का वास्तु में बहुत महत्व है।
इन दिशाओं में बना हुआ द्वार शुभ माना जाता है। यदि आपका दरवाजा इन दिशाओं में नहीं है, तो कुछ वास्तु उपाय अपनाकर इसे संतुलित किया जा सकता है।
गंदा और टूटा हुआ दरवाजा नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है। इसलिए, मुख्य द्वार को हमेशा साफ, मजबूत और आकर्षक बनाए रखना चाहिए।
ध्यान रखें कि दरवाजे की कुंडी, हैंडल और ताले ठीक से काम कर रहे हों।
वास्तु के अनुसार, मुख्य द्वार पर “ॐ”, “स्वस्तिक” या “शुभ-लाभ” जैसे धार्मिक चिन्ह लगाना सकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित करता है।
प्रकाश को ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है।
यह उपाय देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए भी किया जाता है।
मुख्य द्वार के आसपास तुलसी का पौधा, फूलों के गमले या हरियाली लगाने से घर में शुद्ध वायुमंडल बना रहता है।
हरियाली केवल वास्तु के अनुसार नहीं, बल्कि स्वास्थ्य की दृष्टि से भी लाभदायक होती है।
नाम प्लेट को मुख्य द्वार पर लगाना अनिवार्य है, लेकिन उसकी दिशा और सामग्री का ध्यान रखना चाहिए।
यह घर में आने वाली अच्छी ऊर्जा को आकर्षित करता है और सामाजिक पहचान को भी मजबूत करता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, तोरण या बंदनवार मुख्य द्वार पर लगाने से नकारात्मक ऊर्जा बाहर रहती है।
तोरण से घर में आने वाला हर व्यक्ति सकारात्मक ऊर्जा महसूस करता है।
मुख्य द्वार के सामने दर्पण या शीशा लगाना वास्तु में वर्जित है।
यह एक आम गलती होती है, जिससे वास्तु दोष उत्पन्न होते हैं।
मुख्य द्वार पर घंटी या विंड चाइम्स लगाना शुभ होता है।
यह वास्तु का एक सरल और प्रभावी उपाय है।
मुख्य द्वार पर शुभ, लाभ, स्वागतम, ॐ, त्रिशूल, कलश या लक्ष्मी पैर जैसे प्रतीक चिन्ह लगाने से
चिन्हों को साफ और सुंदर बनाएं।
प्रवेश द्वार के पास कभी-कभी जल से भरा तांबे या मिट्टी का कलश रखना शुभ होता है।
यह विशेष रूप से पूजन-पर्व पर किया जाना चाहिए।
कुछ चीज़ें ऐसी होती हैं जिन्हें मुख्य द्वार के पास नहीं रखना चाहिए:
इनसे नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और घर में अशांति आती है।
त्योहारों जैसे दीपावली, धनतेरस, या विशेष शुक्रवार को मुख्य द्वार पर लक्ष्मी जी के पाँव के निशान बनाएं।
यह उपाय धन और समृद्धि को स्थायी बनाता है।
डोरबेल या घंटी की आवाज भी वास्तु के अनुसार मायने रखती है।
इसका संबंध ध्वनि चिकित्सा से भी जोड़ा गया है।
रोज़ाना या विशेष अवसरों पर मुख्य द्वार पर रंगोली या अल्पना बनाना शुभ माना गया है।
सप्ताह में एक बार रंगोली बनाना भी लाभकारी होता है।
वास्तु शास्त्र हमें यह सिखाता है कि घर का प्रवेश द्वार केवल दरवाज़ा नहीं है, बल्कि भाग्य, ऊर्जा और समृद्धि का मुख्य मार्ग है।
अगर आप चाहते हैं कि देवी लक्ष्मी आपके घर में स्थायी रूप से निवास करें, तो उपरोक्त 15 वास्तु उपायों को अपनाएं।
साफ-सुथरा, सुसज्जित और शुभता से भरा द्वार ही समृद्ध जीवन की कुंजी बन सकता है।
उत्तर: नहीं, मुख्य द्वार के सामने आईना लगाने से धन की ऊर्जा वापस लौट जाती है।
उत्तर: खास तौर पर दीपावली, शुक्रवार और पूर्णिमा के दिन शुभ होते हैं।
उत्तर: धातु की विंड चाइम्स उत्तर दिशा में और बांस की पूर्व दिशा में लगाएं।
उत्तर: नाम प्लेट उत्तर या पूर्व दिशा में होनी चाहिए और साफ-सुथरी हो।
उत्तर: हल्का भूरा, क्रीम, सफेद या लकड़ी का प्राकृतिक रंग शुभ होता है।
वास्तु के अनुसार प्रवेश द्वार पर क्या रखें? (FAQ)
उत्तर: उत्तर, पूर्व और उत्तर-पूर्व दिशा को वास्तु में सबसे शुभ माना गया है।
उत्तर: हाँ, यह शुद्धता, सकारात्मक ऊर्जा और धार्मिक वातावरण बनाए रखने में सहायक होता है।
उत्तर: ॐ, स्वस्तिक, शुभ-लाभ, त्रिशूल, लक्ष्मी पाँव जैसे चिन्ह लगाना शुभ होता है।
उत्तर: हाँ, यह सकारात्मक ऊर्जा को परावर्तित कर देता है, जिससे धन हानि हो सकती है।
उत्तर: हाँ, शाम के समय दीपक या प्रकाश स्रोत लगाने से सकारात्मक ऊर्जा आती है।
उत्तर: यह नकारात्मक ऊर्जा को रोकता है और शुभता का प्रतीक होता है।
उत्तर: धातु की विंड चाइम्स उत्तर दिशा में और बांस की विंड चाइम्स पूर्व दिशा में लगानी चाहिए।
उत्तर: हाँ, अव्यवस्थित या गंदे जूते-चप्पल नकारात्मक ऊर्जा लाते हैं।
उत्तर: शुक्रवार, दीपावली, धनतेरस, या पूर्णिमा पर बनाना शुभ होता है।
उत्तर: हाँ, साफ और स्पष्ट नाम प्लेट सामाजिक सम्मान और ऊर्जा आकर्षण में सहायक होती है।
उत्तर: नहीं, गहरे या काले रंग से नकारात्मक ऊर्जा आती है। हल्के रंग शुभ माने जाते हैं।
उत्तर: हाँ, यह सौंदर्य और शुभता का प्रतीक है और लक्ष्मी का स्वागत करता है।
उत्तर: हाँ, विशेष अवसरों पर जल से भरा कलश रखना अत्यंत शुभ माना गया है।
उत्तर: हाँ, यह नकारात्मकता लाता है और समृद्धि में बाधा डालता है।
उत्तर: हाँ, मधुर और स्पष्ट ध्वनि वाली डोरबेल घर में ऊर्जा का संचार करती है।
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