घर (House) के दक्षिण-पश्चिम कोने में ये चीजें रखने से बर्बाद हो सकता है सबकुछ! तुरंत हटाए
वास्तु शास्त्र के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम (South-West) कोना घर का सबसे महत्वपूर्ण भाग होता है। इसे नैऋत्य कोण भी कहा जाता है, और यह घर (House) की स्थिरता, समृद्धि और पारिवारिक सुख-शांति से जुड़ा होता है। इस दिशा पर शनि, राहु और पितरों का प्रभाव रहता है, इसलिए यहाँ गलत चीजें रखने से विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। यदि इस दिशा में वास्तु दोष हो, तो आर्थिक संकट, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं और रिश्तों में तनाव उत्पन्न हो सकता है।
इसलिए, यह जरूरी है कि इस कोने में सही वस्तुओं को रखा जाए और गलत चीजों को तुरंत हटा दिया जाए। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि घर (House) के दक्षिण-पश्चिम कोने में किन चीजों को नहीं रखना चाहिए और क्यों।
दक्षिण-पश्चिम कोने में जल तत्व (Water Element) का प्रभाव अच्छा नहीं माना जाता है। इस दिशा पर पृथ्वी तत्व का शासन होता है, और यदि यहाँ जल से संबंधित चीजें रखी जाएं तो यह नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न कर सकता है।
अगर आपके घर में दक्षिण-पश्चिम दिशा में पानी की टंकी या कोई अन्य जल स्रोत है, तो उसे तुरंत किसी और दिशा में शिफ्ट करें।
दक्षिण-पश्चिम दिशा स्थिरता और संतुलन से जुड़ी होती है, लेकिन यहाँ अत्यधिक गर्मी उत्पन्न करने वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरण रखने से नकारात्मक ऊर्जा बढ़ सकती है।
अगर पहले से इस दिशा में भारी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण रखे हुए हैं, तो उन्हें दक्षिण-पूर्व (South-East) दिशा में स्थानांतरित करें, क्योंकि वह अग्नि तत्व से जुड़ी होती है।
अगर घर (House) के दक्षिण-पश्चिम कोने में टूटी-फूटी, कबाड़ या बेकार सामान रखा जाए तो यह घर की समृद्धि और स्थिरता को प्रभावित कर सकता है।
इसलिए, अगर दक्षिण-पश्चिम कोने में कोई पुराना, टूटा या अनुपयोगी सामान पड़ा है, तो उसे तुरंत हटा दें।
दक्षिण-पश्चिम दिशा में दर्पण (Mirror) लगाना वास्तु दोष उत्पन्न कर सकता है। इस दिशा में दर्पण रखने से नकारात्मक ऊर्जा दोगुनी हो सकती है।
अगर दक्षिण-पश्चिम में दर्पण लगा हुआ है, तो इसे तुरंत हटा दें या काले कपड़े से ढक दें।
वास्तु के अनुसार पूजा घर के लिए उत्तर-पूर्व (North-East) दिशा सबसे शुभ मानी जाती है। यदि मंदिर या मूर्तियाँ दक्षिण-पश्चिम कोने में रखी जाएं, तो यह वास्तु दोष उत्पन्न कर सकता है।
अगर पूजा घर (House) दक्षिण-पश्चिम कोने में है, तो उसे उत्तर-पूर्व दिशा में स्थानांतरित करें।
अगर घर (House) की रसोई दक्षिण-पश्चिम कोने में बनी हो, तो यह वास्तु दोष उत्पन्न करता है। यह दिशा पृथ्वी तत्व की है, जबकि किचन में अग्नि तत्व होता है। दोनों के टकराव से नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
अगर पहले से रसोई इस कोने में बनी है, तो वास्तु दोष कम करने के लिए उत्तर-पूर्व दिशा में पीने का पानी रखें और रसोई में पीले रंग का उपयोग करें।
दक्षिण-पश्चिम दिशा घर के संतुलन, स्थिरता और समृद्धि से जुड़ी होती है। अगर इस कोने में गलत चीजें रखी जाएं, तो घर में नकारात्मक ऊर्जा, आर्थिक संकट और पारिवारिक समस्याएँ आ सकती हैं।
✔ पानी से जुड़ी कोई भी चीज़ ❌
✔ भारी इलेक्ट्रॉनिक्स ❌
✔ टूटी-फूटी और बेकार चीजें ❌
✔ दर्पण ❌
✔ पूजा घर ❌
✔ रसोई ❌
दक्षिण-पश्चिम कोना स्थिरता, समृद्धि और पारिवारिक सुख-शांति से जुड़ा होता है। यह पृथ्वी तत्व से प्रभावित होता है, इसलिए इस दिशा में वास्तु दोष होने पर जीवन में अस्थिरता आ सकती है।
नहीं, पानी की टंकी या कोई भी जल स्रोत इस दिशा में नहीं रखना चाहिए, क्योंकि यह आर्थिक संकट और मानसिक तनाव उत्पन्न कर सकता है।
नहीं, दक्षिण-पश्चिम दिशा में दर्पण (Mirror) नहीं होना चाहिए। यह नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाकर अशांति और आर्थिक हानि ला सकता है।
नहीं, पूजा घर या मंदिर इस दिशा में नहीं होना चाहिए। यह परिवार में तनाव और आर्थिक अस्थिरता पैदा कर सकता है। पूजा घर के लिए उत्तर-पूर्व (North-East) दिशा सबसे शुभ होती है।
नहीं, दक्षिण-पश्चिम कोने में रसोई नहीं होनी चाहिए, क्योंकि पृथ्वी तत्व और अग्नि तत्व के टकराव से घर में झगड़े और स्वास्थ्य समस्याएँ बढ़ सकती हैं।
हाँ, यह कोना घर की स्थिरता से जुड़ा होता है, इसलिए यहाँ भारी फर्नीचर और अलमारी रखना शुभ माना जाता है।
नहीं, भारी इलेक्ट्रॉनिक सामान जैसे माइक्रोवेव, हीटर और गीजर इस दिशा में रखने से वास्तु दोष उत्पन्न हो सकता है और घर में आर्थिक परेशानियाँ आ सकती हैं।
नहीं, दक्षिण-पश्चिम कोने में पुराना फर्नीचर, टूटी घड़ियाँ, कबाड़ और अनुपयोगी वस्तुएँ नहीं रखनी चाहिए। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा और आर्थिक रुकावटें आती हैं।
नहीं, दक्षिण-पश्चिम दिशा में देवी-देवताओं की मूर्तियाँ या तस्वीरें नहीं लगानी चाहिए। इससे घर की ऊर्जा प्रभावित हो सकती है।
नहीं, इस दिशा में लाल और काले रंग का अधिक प्रयोग नकारात्मक ऊर्जा बढ़ा सकता है। यहाँ हल्के और पृथ्वी तत्व से जुड़े रंग जैसे पीला, क्रीम और हल्का भूरा शुभ होते हैं।
हाँ, दक्षिण-पश्चिम दिशा में सीढ़ियाँ बनाना घर में स्थिरता और मजबूती लाने में मदद करता है।
हाँ, इस कोने में हरे-भरे पौधे या तुलसी का पौधा लगाना शुभ होता है, लेकिन कांटेदार पौधे (Cactus) नहीं लगाने चाहिए।
हाँ, इस दिशा में भारी सामान का स्टोर रूम बनाना अच्छा होता है, लेकिन कबाड़ या अनुपयोगी सामान न रखें।
नहीं, इस दिशा में शौचालय बनाना वास्तु दोष उत्पन्न कर सकता है और स्वास्थ्य व आर्थिक समस्याएँ बढ़ा सकता है। अगर पहले से बना हुआ है, तो साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें और वास्तु उपाय करें।
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