नवरात्रि में ये 10 काम करने से मिलेगा देवी (Goddess) का आशीर्वाद, लेकिन इन गलतियों से बचें!
नवरात्रि हिंदू धर्म का एक पवित्र पर्व है, जिसमें मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। इस दौरान भक्त उपवास, पूजा-पाठ, और सत्संग करते हैं ताकि वे देवी (Goddess) की कृपा प्राप्त कर सकें। लेकिन इस दौरान कुछ नियमों का पालन करना जरूरी होता है। अगर हम सही तरीके से नवरात्रि का पालन करें, तो हमें देवी मां का आशीर्वाद मिलता है, लेकिन गलतियां करने पर इसका प्रभाव कम हो सकता है। आइए विस्तार से जानें कि नवरात्रि में क्या करें और क्या न करें।
नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है। सुबह और शाम देवी के मंत्रों का जाप करें, आरती करें और धूप-दीप जलाएं। यदि संभव हो तो अखंड ज्योति जलाएं, जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
नवरात्रि में शुद्ध आहार और उपवास का विशेष महत्व होता है। इससे शरीर और मन दोनों शुद्ध रहते हैं। यदि पूर्ण उपवास संभव न हो तो साबूदाना, सिंघाड़े का आटा, और फल खाएं। उपवास रखने से मानसिक शांति मिलती है और ध्यान शक्ति बढ़ती है।
अष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन करना अत्यंत शुभ माना जाता है। नौ कन्याओं को भोजन कराएं और उनके पैर धोकर आशीर्वाद लें। इससे देवी मां की कृपा प्राप्त होती है।
नवरात्रि में घर को शुद्ध और स्वच्छ रखना चाहिए। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मक शक्तियां दूर रहती हैं।
नवरात्रि में मां दुर्गा के भजन-कीर्तन करना अत्यंत लाभकारी होता है। इससे घर में आध्यात्मिक माहौल बनता है और मन प्रसन्न रहता है।
इस पावन पर्व पर दान-पुण्य करने का विशेष महत्व है। गरीबों को अन्न, वस्त्र, और धन दान करें। इससे देवी मां की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
नवरात्रि के दौरान तामसिक भोजन जैसे लहसुन, प्याज, मांस, मछली, और शराब का सेवन वर्जित होता है। ये चीजें नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती हैं और पूजा का प्रभाव कम कर सकती हैं।
शास्त्रों के अनुसार, नवरात्रि में बाल और नाखून काटना अशुभ माना जाता है। इसे करने से देवी की कृपा कम हो सकती है। इस दौरान शुद्धता बनाए रखना महत्वपूर्ण होता है।
नवरात्रि शांति और भक्ति का पर्व है। इस दौरान क्रोध, ईर्ष्या, और अहंकार से बचना चाहिए। दूसरों को अपशब्द न कहें और सभी के साथ प्रेमपूर्वक व्यवहार करें।
नवरात्रि के दौरान चमड़े से बनी वस्तुओं जैसे बेल्ट, जूते, पर्स आदि का उपयोग न करें। ये अशुद्ध माने जाते हैं और पूजा के प्रभाव को कम कर सकते हैं।
इस पावन समय में शुद्धता बनाए रखना आवश्यक है। किसी शवदाह गृह या अन्य अपवित्र स्थानों पर जाने से बचें ताकि आपकी आध्यात्मिक ऊर्जा प्रभावित न हो।
नवरात्रि के दौरान किसी को धोखा देना, झूठ बोलना, या छल-कपट करना बहुत ही अशुभ माना जाता है। इससे आपके पुण्य नष्ट हो सकते हैं और देवी मां नाराज हो सकती हैं।
नवरात्रि केवल पूजा-पाठ और उपवास का समय नहीं है, बल्कि यह आत्मशुद्धि और सही जीवनशैली अपनाने का अवसर भी है। इस दौरान ध्यान, योग, और संयम का पालन करें। दिनचर्या को अनुशासित करें और अपने विचारों को शुद्ध रखें।
नवरात्रि केवल एक धार्मिक पर्व नहीं है, बल्कि यह एक आध्यात्मिक और वैज्ञानिक प्रक्रिया भी है। इस दौरान यदि हम सही नियमों का पालन करें और गलतियों से बचें, तो हमें मां दुर्गा की कृपा अवश्य प्राप्त होगी। उपवास, पूजा-पाठ, और सात्त्विक जीवनशैली अपनाने से मन और शरीर दोनों शुद्ध होते हैं। इसलिए, नवरात्रि के संस्कारों और परंपराओं को पूरी श्रद्धा से निभाएं और देवी मां का आशीर्वाद प्राप्त करें।
नवरात्रि मुख्य रूप से चार प्रकार की होती है – चैत्र नवरात्रि, शारदीय नवरात्रि, गुप्त नवरात्रि, और आषाढ़ नवरात्रि। इनमें से चैत्र और शारदीय नवरात्रि का सबसे अधिक महत्व है।
नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है – शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, और सिद्धिदात्री।
नहीं, उपवास के साथ-साथ सच्ची श्रद्धा, भक्ति, और अच्छे कर्म करना भी आवश्यक होता है। मन और विचारों की शुद्धता भी उतनी ही महत्वपूर्ण है।
सात्त्विक भोजन करें, जिसमें फल, दूध, साबूदाना, सिंघाड़े का आटा, कुट्टू का आटा, मूंगफली, मखाना, आदि शामिल हों।
हाँ, नवरात्रि में लहसुन और प्याज को तामसिक भोजन माना जाता है, इसलिए इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
नवरात्रि में शुद्धता और संयम का पालन करना आवश्यक होता है। मांसाहार और शराब से नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है, जिससे पूजा का प्रभाव कम हो सकता है।
शास्त्रों के अनुसार, नवरात्रि में बाल और नाखून नहीं काटने चाहिए, क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है।
नहीं, नवरात्रि तप और भक्ति का समय होता है, इसलिए इस दौरान शादी, गृह प्रवेश, और अन्य शुभ कार्य करने से बचना चाहिए।
हाँ, नवरात्रि का उपवास केवल महिलाओं के लिए नहीं, बल्कि पुरुषों के लिए भी उतना ही लाभकारी और शुभ होता है।
हर दिन एक विशेष रंग का महत्व होता है। उदाहरण के लिए, पहले दिन पीला, दूसरे दिन हरा, तीसरे दिन ग्रे, चौथे दिन नारंगी, पाँचवें दिन सफेद, छठे दिन लाल, सातवें दिन नीला, आठवें दिन गुलाबी, और नवमी के दिन बैंगनी रंग पहनना शुभ माना जाता है।
अखंड ज्योति जलाने से सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है, घर में सुख-समृद्धि आती है, और मां दुर्गा की कृपा बनी रहती है।
नहीं, बल्कि नवरात्रि में घर की सफाई करना बहुत शुभ माना जाता है। इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और देवी मां का वास होता है।
कन्या पूजन अष्टमी और नवमी के दिन किया जाता है। इससे मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं, क्योंकि छोटी कन्याओं को देवी का स्वरूप माना जाता है।
चैत्र नवरात्रि के नवें दिन भगवान राम का जन्म हुआ था, इसलिए इसे राम नवमी के रूप में मनाया जाता है।
नवरात्रि समाप्त होने पर कलश विसर्जन करें, व्रत तोड़ने के लिए सात्त्विक भोजन करें, और जरूरतमंदों को भोजन या दान करें।
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