नवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसमें माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। इस दौरान लाखों श्रद्धालु देवी मंदिरों (Devi Temples) की यात्रा करते हैं और माँ के दर्शन करके अपनी मनोकामनाएँ पूरी करने की प्रार्थना करते हैं। भारत में कई प्रसिद्ध देवी मंदिर हैं, जो अपनी चमत्कारी शक्तियों और आध्यात्मिक ऊर्जा के लिए प्रसिद्ध हैं। इस लेख में हम नवरात्रि के दौरान दर्शन करने योग्य कुछ प्रमुख देवी मंदिरों की जानकारी देंगे।
वैष्णो देवी मंदिर भारत के सबसे महत्वपूर्ण शक्ति पीठों में से एक है। यह मंदिर जम्मू-कश्मीर के कटरा में स्थित है और यहाँ हर साल लाखों भक्त माँ वैष्णो देवी के दर्शन के लिए आते हैं।
यहाँ माँ वैष्णो देवी तीन पिंडियों के रूप में विराजमान हैं, जिन्हें महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती कहा जाता है। मंदिर तक पहुँचने के लिए श्रद्धालुओं को 13 किलोमीटर की चढ़ाई करनी पड़ती है, जिसे पैदल, खच्चर, पालकी या हेलीकॉप्टर से तय किया जा सकता है।
मान्यता है कि यहाँ माता के दर्शन करने से सभी इच्छाएँ पूरी होती हैं। विशेष रूप से नवरात्रि के समय इस मंदिर की यात्रा का विशेष महत्व होता है।
कामाख्या देवी मंदिर असम के गुवाहाटी में नीलांचल पहाड़ी पर स्थित एक प्रसिद्ध शक्ति पीठ है। यह मंदिर माँ कामाख्या को समर्पित है, जिन्हें सृष्टि की देवी माना जाता है।
इस मंदिर की सबसे अनोखी विशेषता यह है कि यहाँ मूर्ति की बजाय एक चट्टान की पूजा की जाती है, जो माँ की शक्ति का प्रतीक है। हर साल यहाँ अंबुबाची मेला लगता है, जिसे माँ की प्राकृतिक शक्तियों का उत्सव माना जाता है।
नवरात्रि के दौरान, यह मंदिर विशेष पूजा-अर्चना और अनुष्ठानों के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध होता है। श्रद्धालु यहाँ आकर संतान प्राप्ति, वैवाहिक सुख और मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करते हैं।
कालीघाट काली मंदिर कोलकाता में स्थित है और इसे माँ काली के सबसे प्रमुख मंदिरों में से एक माना जाता है। यह मंदिर 51 शक्ति पीठों में से एक है और यहाँ माँ सती के दाहिने पैर की उंगलियाँ गिरी थीं।
यहाँ माँ काली को भयंकर रूप में पूजा जाता है, जिनकी जीभ बाहर निकली होती है और वे राक्षसों का संहार करती हैं। भक्त मानते हैं कि यहाँ माँ काली की पूजा करने से शत्रु नाश, धन-संपत्ति और सफलता की प्राप्ति होती है।
नवरात्रि के समय यहाँ विशेष हवन, बलि और आरती का आयोजन किया जाता है, जिसमें हजारों श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं।
अम्बाजी मंदिर गुजरात के बनासकांठा जिले में स्थित है और यह भारत के प्राचीन शक्ति पीठों में से एक है। इस मंदिर में माँ अम्बा देवी की पूजा की जाती है।
यहाँ की सबसे अनोखी बात यह है कि इस मंदिर में कोई मूर्ति नहीं है, बल्कि यहाँ एक श्री यंत्र स्थापित है, जिसे माँ की शक्ति का प्रतीक माना जाता है। नवरात्रि के समय इस मंदिर में गरबा और डांडिया का भव्य आयोजन किया जाता है, जिसमें दूर-दूर से लोग आते हैं।
मान्यता है कि माँ अम्बाजी की कृपा से कष्टों का नाश होता है और जीवन में समृद्धि आती है।
मीनाक्षी देवी मंदिर तमिलनाडु के मदुरै में स्थित है और इसे दक्षिण भारत के सबसे सुंदर मंदिरों में से एक माना जाता है। यह मंदिर माँ मीनाक्षी (पार्वती) और भगवान सुंदरेश्वर (शिव) को समर्पित है।
इस मंदिर की वास्तुकला बेहद भव्य है और इसमें 14 विशाल गोपुरम (गेटवे टॉवर) हैं। यहाँ माँ मीनाक्षी को सुंदरता, प्रेम और शक्ति का प्रतीक माना जाता है।
नवरात्रि के समय इस मंदिर में विशेष अनुष्ठान, उत्सव और शोभायात्रा का आयोजन किया जाता है। श्रद्धालु मानते हैं कि यहाँ दर्शन करने से वैवाहिक जीवन सुखी होता है और मनोकामनाएँ पूरी होती हैं।
त्रिपुर सुंदरी मंदिर त्रिपुरा राज्य के उदयपुर में स्थित है और इसे भारत के 51 शक्ति पीठों में गिना जाता है।
माँ त्रिपुर सुंदरी को सौंदर्य और शक्ति की देवी माना जाता है। मंदिर में एक चतुर्भुजी मूर्ति है, जिसे सोरोषीनी माता भी कहा जाता है। नवरात्रि के दौरान, यहाँ हजारों श्रद्धालु आकर विशेष यज्ञ और हवन करते हैं।
मान्यता है कि यहाँ माँ की पूजा करने से सभी दुख समाप्त हो जाते हैं और जीवन में शांति और समृद्धि आती है।
ज्वालामुखी देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित है और यह देवी के सजीव ज्योति स्वरूप के लिए प्रसिद्ध है।
इस मंदिर की सबसे अनोखी विशेषता यह है कि यहाँ माँ की कोई मूर्ति नहीं है, बल्कि धरती से प्राकृतिक ज्वालाएँ निकलती हैं, जिन्हें देवी का प्रतीक माना जाता है। नवरात्रि के दौरान यहाँ विशेष आरती और भजन संध्या का आयोजन किया जाता है।
श्रद्धालु मानते हैं कि यहाँ दर्शन करने से जीवन में आने वाली सभी बाधाएँ दूर हो जाती हैं और कर्मों का शुद्धिकरण होता है।
नवरात्रि के दौरान देवी मंदिरों की यात्रा करना एक आध्यात्मिक और धार्मिक अनुभव होता है। भारत के विभिन्न हिस्सों में स्थित ये प्रसिद्ध मंदिर न केवल धार्मिक आस्था को मजबूत करते हैं, बल्कि जीवन में शांति, समृद्धि और सुख भी प्रदान करते हैं। यदि आप इस नवरात्रि किसी देवी मंदिर की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं, तो उपरोक्त मंदिरों में से किसी एक का चयन जरूर करें और माँ की असीम कृपा प्राप्त करें।
नवरात्रि के दौरान देवी दुर्गा की विशेष पूजा होती है। इस समय मंदिरों में जाकर दर्शन करने से शुभ फल मिलता है और मनोकामनाएँ पूरी होती हैं।
वैष्णो देवी (जम्मू), कामाख्या देवी (असम), कालीघाट काली मंदिर (कोलकाता), अम्बाजी मंदिर (गुजरात), ज्वालामुखी देवी (हिमाचल), मीनाक्षी मंदिर (तमिलनाडु) आदि नवरात्रि में विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं।
हाँ, ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि में देवी मंदिरों की यात्रा करने से अधिक पुण्य मिलता है और जीवन में शांति, समृद्धि और सुख आता है।
नवरात्रि के दौरान देवी मंदिरों में महाआरती, हवन, दुर्गा सप्तशती पाठ, भजन संध्या और कन्या पूजन जैसे अनुष्ठान किए जाते हैं।
वैष्णो देवी की यात्रा के लिए आरक्षित ट्रेन या फ्लाइट टिकट, होटल बुकिंग और मौसम के अनुसार कपड़े साथ ले जाना चाहिए। पैदल यात्रा के लिए अच्छे जूते और आवश्यक दवाएँ साथ रखें।
हाँ, नवरात्रि के दौरान देशभर के प्रमुख देवी मंदिरों में भारी भीड़ होती है। यात्रा के लिए पहले से योजना बनाना जरूरी है।
हाँ, कई प्रसिद्ध मंदिरों में ऑनलाइन लाइव दर्शन और पूजा की सुविधा उपलब्ध होती है, जैसे वैष्णो देवी, कामाख्या देवी और ज्वालामुखी मंदिर।
मंदिर जाने से पहले शुद्धता, सात्विक भोजन, संयम और श्रद्धा का पालन करना चाहिए। कई भक्त व्रत भी रखते हैं।
मंदिरों में हलवा, चने, नारियल, मिश्री, फल, पंचमेवा और दुर्गा सप्तशती पाठ का भोग चढ़ाया जाता है।
हाँ, भारत के 51 शक्ति पीठों में से किसी एक की यात्रा करना अति शुभ माना जाता है, विशेष रूप से नवरात्रि के समय।
इस समय रथ यात्रा, डांडिया, गरबा, कन्या पूजन, अखंड ज्योति प्रज्वलन और भव्य हवन जैसे विशेष आयोजन किए जाते हैं।
हाँ, नवरात्रि के समय देवी मंदिरों में वस्त्र, भोजन, धन, कन्याओं को उपहार आदि का दान करना बेहद पुण्यदायी माना जाता है।
हाँ, लेकिन भीड़ अधिक होने के कारण सुरक्षा का ध्यान रखना जरूरी है। परिवार या समूह में यात्रा करना बेहतर होता है।
कुछ मंदिरों में VIP दर्शन, विशेष आरती पास और ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा मिलती है जिससे भीड़ में आसानी से दर्शन किए जा सकते हैं।
मंदिर यात्रा के दौरान शुद्ध आचरण, संयम, सफाई, भीड़ में सतर्कता और नियमों का पालन जरूरी होता है।
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