नवरात्रि में देवी को प्रसन्न करने के चमत्कारी ज्योतिषीय (Astrological) उपाय – हर इच्छा होगी पूरी!
नवरात्रि हिंदू धर्म का एक पवित्र पर्व है, जिसमें मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। इस दौरान भक्तगण व्रत, पूजा और साधना करके देवी को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। ज्योतिष के अनुसार, यदि विशेष उपाय किए जाएं, तो देवी की कृपा शीघ्र प्राप्त हो सकती है और सुख-समृद्धि, धन-वैभव और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। इस लेख में हम आपको ऐसे प्रभावशाली ज्योतिषीय (Astrological) उपाय बताएंगे, जो नवरात्रि में विशेष फलदायी सिद्ध हो सकते हैं।
मंत्र जाप देवी की कृपा पाने का सबसे प्रभावी तरीका है। यदि नवरात्रि में मां दुर्गा के बीज मंत्र का विधिपूर्वक जाप किया जाए, तो व्यक्ति की सभी समस्याएं दूर हो सकती हैं।
🔹 बीज मंत्र: “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे॥”
इस मंत्र का 108 बार जाप करने से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं, और घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है। मंत्र जाप के दौरान कमल या लाल रंग के आसन पर बैठना शुभ माना जाता है।
अगर आर्थिक समस्या बनी हुई है, तो श्री दुर्गा सप्तशती के पाठ के साथ कुबेर मंत्र (“ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धनं मे देहि दापय स्वाहा॥”) का जाप करना लाभकारी होता है।
नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने से देवी प्रसन्न होती हैं। इससे घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है। इसे जलाने के लिए कुछ नियमों का पालन करना चाहिए:
इस उपाय से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है, और घर में सकारात्मक वातावरण बनता है। यह उपाय शत्रु बाधा और दुर्भाग्य को दूर करने में भी मदद करता है।
लाल धागा या मोली को हाथ में बांधने से नजर दोष और बुरी शक्तियों से रक्षा होती है। इसे बांधते समय मंत्र का उच्चारण करें:
🔹 “ॐ दुं दुर्गायै नमः॥”
यदि घर में नकारात्मक ऊर्जा अधिक है या कोई अज्ञात भय रहता है, तो किसी योग्य पंडित से सिद्ध ताबीज धारण करें। इस उपाय से आत्मबल बढ़ता है, और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं।
दुर्गा सप्तशती का पाठ नवरात्रि के दौरान करने से असाध्य रोगों, आर्थिक परेशानियों और पारिवारिक कलह से मुक्ति मिलती है। पाठ करने के लिए:
यदि स्वयं पाठ न कर सकें, तो किसी योग्य पंडित से पाठ करवाएं। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और समस्त दोष दूर होते हैं।
भोग अर्पण से देवी को प्रसन्न किया जा सकता है। नवरात्रि में विभिन्न दिनों पर भिन्न-भिन्न भोग अर्पित करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
🔹 पहला दिन: गाय का दूध
🔹 दूसरा दिन: मिश्री और दही
🔹 तीसरा दिन: दूध से बनी मिठाई
🔹 चौथा दिन: मालपुआ
🔹 पांचवा दिन: केले का भोग
🔹 छठा दिन: शहद
🔹 सातवां दिन: गुड़
🔹 आठवां दिन: नारियल
🔹 नौवां दिन: हलवा-पूरी और चने
इन भोगों से मां दुर्गा की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
कलश स्थापना से देवी का आह्वान किया जाता है। इसे करने की विधि इस प्रकार है:
यह उपाय घर में धन, शांति और सकारात्मक ऊर्जा लाने में सहायक होता है।
अष्टमी और नवमी तिथि को कन्या पूजन करना बहुत शुभ माना जाता है। इसमें नौ कन्याओं और एक लंगूर को भोजन कराना चाहिए।
भोजन में हलवा, पूरी और चना अर्पित करें और उन्हें श्रद्धा पूर्वक दान दें। इससे देवी अखंड सौभाग्य, समृद्धि और कष्टों से मुक्ति का आशीर्वाद देती हैं।
ब्राह्मणों को भोजन कराने से पितृ दोष और ग्रह दोष शांत होते हैं और घर में सुख-शांति बनी रहती है।
नवरात्रि में मां दुर्गा को लाल चंदन और कुमकुम अर्पित करना विशेष फलदायी होता है। इससे:
🔹 रुका हुआ कार्य बनने लगता है।
🔹 कर्ज और आर्थिक तंगी दूर होती है।
🔹 मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति मिलती है।
पूजा के बाद सिंदूर, कुमकुम और लाल चंदन को माथे पर लगाने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है।
नवरात्रि में दुर्गा कवच का पाठ करने से व्यक्ति किसी भी प्रकार के भय, रोग, शत्रु और दरिद्रता से मुक्त हो जाता है।
🔹 सुबह और शाम इस पाठ का उच्चारण करने से देवी की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सभी बाधाएं समाप्त होती हैं।
रुद्राक्ष को देवी की कृपा का प्रतीक माना जाता है। नवरात्रि में पंचमुखी या गौरीशंकर रुद्राक्ष धारण करने से:
रुद्राक्ष को गंगाजल और कच्चे दूध से अभिषेक कर पहनना चाहिए।
नवरात्रि में इन विशेष ज्योतिषीय उपायों को अपनाने से मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त की जा सकती है। इन उपायों से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, सुख-समृद्धि और सफलता आती है। यदि इन उपायों को श्रद्धा और पूर्ण विश्वास के साथ किया जाए, तो देवी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं।
नवरात्रि में मां दुर्गा के मंत्रों का जाप, अखंड ज्योति जलाना और व्रत रखना देवी को प्रसन्न करने के सरल उपाय हैं।
मां दुर्गा का बीज मंत्र “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे॥” 108 बार जाप करना सबसे प्रभावशाली माना जाता है।
अखंड ज्योति जलाने से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं, घर में सुख-समृद्धि आती है और देवी की कृपा बनी रहती है।
हाँ, नवरात्रि में पंचमुखी या गौरीशंकर रुद्राक्ष धारण करने से ग्रह दोष दूर होते हैं और मानसिक शांति मिलती है।
मां दुर्गा को गुलाब, कमल और गुड़हल के फूल अर्पित करने से विशेष फल मिलता है।
हर दिन के अनुसार लाल, पीला, गुलाबी, हरा, सफेद, नीला, नारंगी, बैंगनी और सुनहरा रंग शुभ माना जाता है।
नहीं, नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा में तुलसी पत्ते का प्रयोग वर्जित है क्योंकि यह विष्णु पूजा के लिए अधिक उपयुक्त मानी जाती है।
देवी को दूध से बनी मिठाइयाँ, केसर युक्त खीर, मिश्री, गुड़ और नारियल का भोग अर्पित करना शुभ होता है।
कलश स्थापना से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है, धन-संपत्ति बढ़ती है और देवी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
नहीं, नवरात्रि में बाल कटवाना, शेविंग करना और नाखून काटना वर्जित माना जाता है।
हाँ, अष्टमी और नवमी को हवन करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और देवी की कृपा प्राप्त होती है।
कन्या पूजन से नवदुर्गा का आशीर्वाद मिलता है, पापों का नाश होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
हाँ, नवरात्रि में सात्विक भोजन करना चाहिए और लहसुन-प्याज से परहेज करना चाहिए।
दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से शत्रु बाधा, रोग, दरिद्रता और ग्रह दोष समाप्त होते हैं।
नवरात्रि के दौरान मंगल, चंद्र और शुक्र ग्रह अधिक प्रभावी रहते हैं, इसलिए इन ग्रहों की शांति के उपाय करना लाभकारी होता है।
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