घर में लक्ष्मी (Lakshmi in the house) का स्थायी वास चाहते हैं? तो मुख्य द्वार पर रखें ये 9 चमत्कारी चीजें!
वास्तु के अनुसार प्रवेश द्वार पर क्या रखें?
घर का मुख्य द्वार—सिर्फ प्रवेश का मार्ग नहीं
मुख्य द्वार किसी भी घर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। यह न केवल घर में प्रवेश का माध्यम है, बल्कि ऊर्जा का प्रवेशद्वार भी माना जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, सकारात्मक ऊर्जा, धन, स्वास्थ्य और सुख-शांति का संबंध सीधे मुख्य द्वार से होता है। इसलिए, यह आवश्यक हो जाता है कि हम मुख्य द्वार की सजावट और स्थिति को विशेष रूप से ध्यान में रखें।
1. दरवाजे की दिशा और उसकी महत्वता
मुख्य द्वार की दिशा का वास्तु में बहुत महत्व है।
- पूर्व दिशा: ऊर्जा और सकारात्मकता का स्रोत।
- उत्तर दिशा: धन और समृद्धि के लिए उत्तम।
- उत्तर-पूर्व: आध्यात्मिक विकास और मानसिक शांति।
इन दिशाओं में बना हुआ द्वार शुभ माना जाता है। यदि आपका दरवाजा इन दिशाओं में नहीं है, तो कुछ वास्तु उपाय अपनाकर इसे संतुलित किया जा सकता है।
2. दरवाजे की साफ-सफाई और सजावट
गंदा और टूटा हुआ दरवाजा नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है। इसलिए, मुख्य द्वार को हमेशा साफ, मजबूत और आकर्षक बनाए रखना चाहिए।
- रोज़ाना पोछा लगाएं।
- दरवाजे पर तोरण (आम या अशोक पत्तियों) लगाएं।
- सुंदर रंग या लकड़ी का दरवाज़ा रखें।
ध्यान रखें कि दरवाजे की कुंडी, हैंडल और ताले ठीक से काम कर रहे हों।
3. मुख्य द्वार पर “ॐ” या “स्वस्तिक” का चिन्ह
वास्तु के अनुसार, मुख्य द्वार पर “ॐ”, “स्वस्तिक” या “शुभ-लाभ” जैसे धार्मिक चिन्ह लगाना सकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित करता है।
- लाल या पीले रंग से बनाया गया स्वस्तिक विशेष रूप से शुभ माना गया है।
- यह घर में धन और सुख-शांति बनाए रखने में सहायक होता है।
- हर त्योहार या अमावस्या/पूर्णिमा पर इन चिह्नों को दोबारा बनाना शुभ होता है।
4. मुख्य द्वार पर दीपक या लाइट
प्रकाश को ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है।
- हर शाम मुख्य द्वार पर दीया जलाना या लाइट ऑन करना बहुत शुभ होता है।
- यह अंधकार को दूर कर घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ाता है।
- गोधूलि वेला में दीप जलाना विशेष लाभदायक माना गया है।
यह उपाय देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए भी किया जाता है।
5. तुलसी का पौधा या हरियाली
मुख्य द्वार के आसपास तुलसी का पौधा, फूलों के गमले या हरियाली लगाने से घर में शुद्ध वायुमंडल बना रहता है।
- तुलसी को पूर्व या उत्तर दिशा में रखें।
- इससे वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और नकारात्मक शक्तियाँ दूर रहती हैं।
हरियाली केवल वास्तु के अनुसार नहीं, बल्कि स्वास्थ्य की दृष्टि से भी लाभदायक होती है।
6. नाम प्लेट का सही स्थान और सामग्री
नाम प्लेट को मुख्य द्वार पर लगाना अनिवार्य है, लेकिन उसकी दिशा और सामग्री का ध्यान रखना चाहिए।
- तांबे, पीतल या लकड़ी की नाम प्लेट उत्तम होती है।
- नाम स्पष्ट और साफ होना चाहिए।
- उत्तर या पूर्व दिशा में नाम प्लेट लगाना शुभ होता है।
यह घर में आने वाली अच्छी ऊर्जा को आकर्षित करता है और सामाजिक पहचान को भी मजबूत करता है।
7. शुभ तोरण या बंदनवार लगाएं
वास्तु शास्त्र के अनुसार, तोरण या बंदनवार मुख्य द्वार पर लगाने से नकारात्मक ऊर्जा बाहर रहती है।
- आम, अशोक या नारियल के पत्तों से बनी बंदनवार सर्वोत्तम होती है।
- त्योहारों या शुभ अवसरों पर इसे न बदलें, बल्कि नियमित साफ करें।
तोरण से घर में आने वाला हर व्यक्ति सकारात्मक ऊर्जा महसूस करता है।
8. द्वार के पास दर्पण न लगाएं
मुख्य द्वार के सामने दर्पण या शीशा लगाना वास्तु में वर्जित है।
- इससे धन और शुभ ऊर्जा वापस लौट जाती है।
- दर्पण अगर लगाना ही हो तो साइड वॉल पर लगाएं, लेकिन कभी भी सामने नहीं।
यह एक आम गलती होती है, जिससे वास्तु दोष उत्पन्न होते हैं।
9. घंटी या विंड चाइम्स
मुख्य द्वार पर घंटी या विंड चाइम्स लगाना शुभ होता है।
- विंड चाइम्स की मधुर ध्वनि से नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है।
- धातु की विंड चाइम्स उत्तरी दिशा में और बांस की विंड चाइम्स पूर्व दिशा में लगाएं।
यह वास्तु का एक सरल और प्रभावी उपाय है।
10. दरवाजे पर शुभ प्रतीक चिन्ह
मुख्य द्वार पर शुभ, लाभ, स्वागतम, ॐ, त्रिशूल, कलश या लक्ष्मी पैर जैसे प्रतीक चिन्ह लगाने से
- धन, समृद्धि और स्वास्थ्य में वृद्धि होती है।
- देवी लक्ष्मी का स्थायी वास होता है।
- यह धार्मिक और मानसिक शांति प्रदान करता है।
चिन्हों को साफ और सुंदर बनाएं।
11. द्वार पर जल से भरा कलश रखें
प्रवेश द्वार के पास कभी-कभी जल से भरा तांबे या मिट्टी का कलश रखना शुभ होता है।
- इसमें आम के पत्ते और नारियल रखें।
- यह अतिथि देवो भव की परंपरा को दर्शाता है।
- साथ ही यह घर में आने वाले को पवित्रता और स्वागत का भाव देता है।
यह विशेष रूप से पूजन-पर्व पर किया जाना चाहिए।
12. मुख्य द्वार के आस-पास न रखें ये चीज़ें
कुछ चीज़ें ऐसी होती हैं जिन्हें मुख्य द्वार के पास नहीं रखना चाहिए:
- जूते-चप्पल बिखरे हुए
- कचरा या धूल
- शव या पुरानी टूटी मूर्तियाँ
- अनावश्यक कबाड़
इनसे नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और घर में अशांति आती है।
13. लक्ष्मी के चरण—आवागमन का प्रतीक
त्योहारों जैसे दीपावली, धनतेरस, या विशेष शुक्रवार को मुख्य द्वार पर लक्ष्मी जी के पाँव के निशान बनाएं।
- चावल के आटे या कुमकुम से बनाना शुभ होता है।
- यह संकेत करता है कि देवी लक्ष्मी स्वयं आपके घर में प्रवेश कर रही हैं।
यह उपाय धन और समृद्धि को स्थायी बनाता है।
14. मुख्य द्वार की घंटी या डोरबेल
डोरबेल या घंटी की आवाज भी वास्तु के अनुसार मायने रखती है।
- तेज, मधुर और स्पष्ट आवाज वाली घंटी शुभ होती है।
- टूटे या बिना आवाज की घंटी से नकारात्मकता आती है।
- घंटी घर में आने वाले को ऊर्जा का अनुभव कराती है।
इसका संबंध ध्वनि चिकित्सा से भी जोड़ा गया है।
15. दरवाजे पर रंगोली या अल्पना
रोज़ाना या विशेष अवसरों पर मुख्य द्वार पर रंगोली या अल्पना बनाना शुभ माना गया है।
- इससे देवी लक्ष्मी का गृह प्रवेश होता है।
- रंगोली घर में रंग और ऊर्जा का संचार करती है।
सप्ताह में एक बार रंगोली बनाना भी लाभकारी होता है।
द्वार से ही आती है लक्ष्मी
वास्तु शास्त्र हमें यह सिखाता है कि घर का प्रवेश द्वार केवल दरवाज़ा नहीं है, बल्कि भाग्य, ऊर्जा और समृद्धि का मुख्य मार्ग है।
अगर आप चाहते हैं कि देवी लक्ष्मी आपके घर में स्थायी रूप से निवास करें, तो उपरोक्त 15 वास्तु उपायों को अपनाएं।
साफ-सुथरा, सुसज्जित और शुभता से भरा द्वार ही समृद्ध जीवन की कुंजी बन सकता है।
FAQs: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1: क्या प्रवेश द्वार पर आईना लगाना सही है?
उत्तर: नहीं, मुख्य द्वार के सामने आईना लगाने से धन की ऊर्जा वापस लौट जाती है।
2: लक्ष्मी पैर कौन से दिन बनाएं?
उत्तर: खास तौर पर दीपावली, शुक्रवार और पूर्णिमा के दिन शुभ होते हैं।
3: किस धातु की विंड चाइम्स सबसे अच्छी होती है?
उत्तर: धातु की विंड चाइम्स उत्तर दिशा में और बांस की पूर्व दिशा में लगाएं।
4: नाम प्लेट कहाँ लगाएं?
उत्तर: नाम प्लेट उत्तर या पूर्व दिशा में होनी चाहिए और साफ-सुथरी हो।
5: दरवाज़े पर कौन सा रंग शुभ होता है?
उत्तर: हल्का भूरा, क्रीम, सफेद या लकड़ी का प्राकृतिक रंग शुभ होता है।
वास्तु के अनुसार प्रवेश द्वार पर क्या रखें? (FAQ)
1. मुख्य द्वार की कौन-सी दिशा सबसे शुभ मानी जाती है?
उत्तर: उत्तर, पूर्व और उत्तर-पूर्व दिशा को वास्तु में सबसे शुभ माना गया है।
2. क्या मुख्य द्वार पर तुलसी का पौधा रखना शुभ होता है?
उत्तर: हाँ, यह शुद्धता, सकारात्मक ऊर्जा और धार्मिक वातावरण बनाए रखने में सहायक होता है।
3. प्रवेश द्वार पर कौन-कौन से धार्मिक चिन्ह लगाने चाहिए?
उत्तर: ॐ, स्वस्तिक, शुभ-लाभ, त्रिशूल, लक्ष्मी पाँव जैसे चिन्ह लगाना शुभ होता है।
4. दरवाजे के सामने दर्पण लगाना वास्तु दोष देता है?
उत्तर: हाँ, यह सकारात्मक ऊर्जा को परावर्तित कर देता है, जिससे धन हानि हो सकती है।
5. क्या प्रवेश द्वार पर लाइट या दीया जलाना ज़रूरी है?
उत्तर: हाँ, शाम के समय दीपक या प्रकाश स्रोत लगाने से सकारात्मक ऊर्जा आती है।
6. मुख्य द्वार पर तोरण क्यों लगाया जाता है?
उत्तर: यह नकारात्मक ऊर्जा को रोकता है और शुभता का प्रतीक होता है।
7. विंड चाइम्स कहाँ लगानी चाहिए?
उत्तर: धातु की विंड चाइम्स उत्तर दिशा में और बांस की विंड चाइम्स पूर्व दिशा में लगानी चाहिए।
8. क्या मुख्य द्वार पर जूते-चप्पल रखने से वास्तु दोष होता है?
उत्तर: हाँ, अव्यवस्थित या गंदे जूते-चप्पल नकारात्मक ऊर्जा लाते हैं।
9. लक्ष्मी पाँव किस दिन बनाए जाते हैं?
उत्तर: शुक्रवार, दीपावली, धनतेरस, या पूर्णिमा पर बनाना शुभ होता है।
10. क्या नाम प्लेट लगाना वास्तु के अनुसार जरूरी है?
उत्तर: हाँ, साफ और स्पष्ट नाम प्लेट सामाजिक सम्मान और ऊर्जा आकर्षण में सहायक होती है।
11. क्या काले रंग का मुख्य दरवाजा वास्तु में अच्छा है?
उत्तर: नहीं, गहरे या काले रंग से नकारात्मक ऊर्जा आती है। हल्के रंग शुभ माने जाते हैं।
12. क्या प्रवेश द्वार पर रंगोली बनाना शुभ होता है?
उत्तर: हाँ, यह सौंदर्य और शुभता का प्रतीक है और लक्ष्मी का स्वागत करता है।
13. क्या मुख्य द्वार पर जल से भरा कलश रखा जा सकता है?
उत्तर: हाँ, विशेष अवसरों पर जल से भरा कलश रखना अत्यंत शुभ माना गया है।
14. क्या टूटा हुआ दरवाजा वास्तु दोष पैदा करता है?
उत्तर: हाँ, यह नकारात्मकता लाता है और समृद्धि में बाधा डालता है।
15. क्या मुख्य द्वार की घंटी का वास्तु में महत्व है?
उत्तर: हाँ, मधुर और स्पष्ट ध्वनि वाली डोरबेल घर में ऊर्जा का संचार करती है।