नवरात्रि में कलश (Kalash) स्थापना की पूरी विधि! सही तरीका और शुभ मुहूर्त जानें
कलश (Kalash) स्थापना विधि: नवरात्रि में कलश स्थापना की सही विधि
नवरात्रि हिंदू धर्म में एक बहुत ही पावन और शुभ त्योहार माना जाता है। इस दौरान माता दुर्गा के नौ रूपों की आराधना की जाती है। नवरात्रि की शुरुआत कलश (Kalash) स्थापना से होती है, जिसे घटस्थापना भी कहा जाता है। यह विधि शास्त्रों में विशेष महत्व रखती है और सही तरीके से करने पर सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस लेख में हम कलश स्थापना की सही विधि, शुभ मुहूर्त और जरूरी नियमों के बारे में विस्तार से जानेंगे।
कलश (Kalash) स्थापना का महत्व
कलश (Kalash) को समृद्धि, शक्ति और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। यह माता दुर्गा का आह्वान करने का एक पवित्र माध्यम है। मान्यता है कि सही विधि से कलश स्थापना करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और सभी बाधाएं दूर होती हैं।
कलश स्थापना से घर का वातावरण शुद्ध होता है और नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है। यह विधि धार्मिक ग्रंथों में विशेष रूप से वर्णित है और इसे वैदिक विधि से करने का महत्व बताया गया है।
नवरात्रि 2025 में कलश (Kalash) स्थापना का शुभ मुहूर्त
नवरात्रि में कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त बहुत महत्वपूर्ण होता है। यह मुहूर्त पंचांग के अनुसार तय किया जाता है।
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📅 तारीख: [मुहूर्त अपडेट करें]
🕰 समय: [समय अपडेट करें]
कलश स्थापना को अभिजीत मुहूर्त में करना सबसे शुभ माना जाता है। इसके अलावा ब्रह्म मुहूर्त और प्रातःकाल में भी इसे किया जा सकता है।
कलश (Kalash) स्थापना के लिए जरूरी सामग्री
कलश स्थापना के लिए आपको कुछ आवश्यक पूजन सामग्री की जरूरत होगी:
- मिट्टी या तांबे का कलश
- गंगाजल या पवित्र जल
- मौली (कलावा)
- पान के पत्ते
- अक्षत (चावल)
- सुपारी
- सिक्का
- नारियल (जल में रखा जाने वाला)
- रोली और कुमकुम
- केसर
- साबुत हल्दी
- पंचमेवा
- गेहूं या जौ के बीज
- मिट्टी का पात्र (जौ बोने के लिए)
- लाल कपड़ा (कलश ढकने के लिए)
कलश (Kalash) स्थापना की सही विधि
1. पूजन स्थल की शुद्धि:
सबसे पहले घर के मंदिर या पूजा स्थल को अच्छी तरह साफ करें। वहां गंगाजल का छिड़काव करें, जिससे स्थान पवित्र हो जाए।
2. चौकी की स्थापना:
एक लकड़ी की चौकी लें और उस पर लाल या पीला कपड़ा बिछाएं। इसके ऊपर माता दुर्गा की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
3. जौ बोने की प्रक्रिया:
मिट्टी के पात्र में स्वच्छ मिट्टी डालकर उसमें जौ के बीज बोएं। यह समृद्धि और शुभता का प्रतीक माना जाता है।
4. कलश को स्थापित करें:
अब कलश में गंगाजल भरें और उसमें सुपारी, सिक्का, अक्षत, हल्दी और पंचमेवा डालें। कलश के मुख पर पान के पत्ते रखें और उसके ऊपर नारियल स्थापित करें।
5. कलश पर मौली बांधें:
कलश के गले पर मौली (कलावा) बांधें और उस पर कुमकुम व रोली का तिलक करें।
6. देवी का आह्वान करें:
कलश को माता दुर्गा का रूप मानकर उसकी विधिवत पूजा करें और देवी का आह्वान करें।
कलश (Kalash) स्थापना के बाद की पूजा विधि
- माता दुर्गा की आरती करें और उन्हें फूल, माला, धूप, दीप और प्रसाद अर्पित करें।
- नवरात्रि के दौरान अखंड ज्योति जलाएं, यह शुभता और सकारात्मकता का प्रतीक होती है।
- हर दिन दुर्गा सप्तशती का पाठ करें या मां दुर्गा के मंत्रों का जाप करें।
- व्रत और उपवास रखकर माता की कृपा प्राप्त करें।
- नौ दिनों तक कलश की पूजा करें और अंतिम दिन कलश का विसर्जन करें।
कलश (Kalash) स्थापना में ध्यान देने योग्य बातें
✅ शुद्धता और नियमों का पालन करें।
✅ सही मुहूर्त में कलश स्थापित करें।
✅ पूजा स्थल पर अखंड ज्योति जलाएं।
✅ कलश में ताजे फूल और जल रखें।
✅ पूजा में संकल्प अवश्य लें और भक्ति भाव से नवरात्रि का पालन करें।
कलश (Kalash) विसर्जन की विधि
नवरात्रि के अंतिम दिन (दशमी तिथि) को कलश विसर्जन किया जाता है।
📌 विधि:
- माता दुर्गा की पूजा करें और उन्हें पुष्पांजलि अर्पित करें।
- कलश का जल किसी पौधे में डालें या पवित्र नदी में विसर्जित करें।
- जौ को किसी नदी या बगीचे में डालें, यह शुभ माना जाता है।
- नारियल को प्रसाद रूप में परिवार में बांटें।
कलश स्थापना नवरात्रि का सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। इसे शुद्धता और सही विधि से करने से माता दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। यदि आपने सभी नियमों और शुभ मुहूर्त का पालन किया, तो नवरात्रि में किया गया यह पूजन अत्यंत फलदायी होगा।
कलश (Kalash) स्थापना से जुड़े सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न (FAQ)
1. कलश (Kalash) स्थापना क्या है?
कलश स्थापना नवरात्रि के दौरान की जाने वाली एक पवित्र विधि है, जिसमें कलश को देवी दुर्गा का प्रतीक मानकर उसकी पूजा-अर्चना की जाती है।
2. नवरात्रि में कलश (Kalash) स्थापना क्यों की जाती है?
यह माता दुर्गा का आह्वान करने के लिए की जाती है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और सुख-समृद्धि आती है।
3. नवरात्रि 2025 में कलश (Kalash) स्थापना का शुभ मुहूर्त क्या है?
नवरात्रि 2025 में कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त पंचांग के अनुसार निर्धारित होगा। सटीक जानकारी के लिए पंडित या पंचांग देखें।
4. कलश (Kalash) स्थापना के लिए कौन-कौन सी सामग्री चाहिए?
आपको मिट्टी या तांबे का कलश, गंगाजल, नारियल, जौ के बीज, सुपारी, मौली, पान के पत्ते, हल्दी, चावल, लाल कपड़ा, फूल, रोली, दीपक आदि की जरूरत होगी।
5. कलश (Kalash) स्थापना कहां करनी चाहिए?
पूजा स्थल को शुद्ध करके उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण) में कलश स्थापित करना सबसे शुभ माना जाता है।
6. कलश (Kalash) में कौन-सा जल डालना चाहिए?
कलश में गंगाजल या किसी पवित्र नदी का जल डालना सबसे उत्तम होता है। अगर ये उपलब्ध न हो तो स्वच्छ पानी का उपयोग करें।
7. कलश (Kalash) में नारियल क्यों रखा जाता है?
नारियल को देवी लक्ष्मी और मां दुर्गा का प्रतीक माना जाता है। यह समृद्धि, शुभता और शक्ति का प्रतीक होता है।
8. जौ बोना क्यों जरूरी है?
जौ को उगाने का अर्थ है नई ऊर्जा, उन्नति और समृद्धि का प्रतीक। यह नौ दिनों तक माता की कृपा का संकेत देता है।
9. कलश (Kalash) पर मौली (कलावा) क्यों बांधी जाती है?
मौली (कलावा) बांधने से सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और यह रक्षा कवच का काम करती है।
10. नवरात्रि में कलश (Kalash) स्थापना के दौरान कौन-कौन से नियम पालन करने चाहिए?
✔ पूजा स्थल की शुद्धि करें।
✔ सही मुहूर्त में कलश स्थापित करें।
✔ अखंड ज्योति जलाएं।
✔ नवरात्रि में सात्विक भोजन करें।
✔ भक्ति और श्रद्धा के साथ माता की पूजा करें।
11. क्या नवरात्रि में बिना कलश स्थापना के व्रत रख सकते हैं?
हाँ, आप बिना कलश स्थापना के भी माता की भक्ति कर सकते हैं, लेकिन कलश स्थापना करना शुभ और लाभकारी होता है।
12. नवरात्रि में कलश स्थापना के बाद रोज क्या करना चाहिए?
रोज माता की पूजा, दुर्गा सप्तशती का पाठ, दीप प्रज्वलन और भोग अर्पित करना चाहिए।
13. कलश स्थापना के बाद अखंड ज्योति जलाना जरूरी है क्या?
अगर संभव हो तो अखंड ज्योति जलाएं। यह माता की कृपा प्राप्ति का प्रतीक है, लेकिन अगर संभव न हो तो रोज दीप जलाएं।
14. कलश विसर्जन कब और कैसे करना चाहिए?
नवरात्रि के अंतिम दिन (दशमी तिथि) को कलश विसर्जन किया जाता है। कलश का जल पौधों में डालें और जौ को किसी पवित्र स्थान में रखें।
15. क्या किसी विशेष राशि के लोगों को कलश स्थापना नहीं करनी चाहिए?
कलश स्थापना कोई भी कर सकता है, लेकिन यदि कोई विशेष ग्रह दोष है तो पंडित से परामर्श लें।