यदि लक्ष्मी जी कृपा चाहिये तो इन 25 चीजों का रखें ध्यान !!! | लक्ष्मी जी कहाँ रहना पसंद नहीं करती है ?
विभिन्न पुराणों और शास्त्रों में ऐसी बातें कही गई हैं जिनमें बताया गया है कि लक्ष्मी का वास किस तरह से होता है और किन कार्यों से लक्ष्मी का लोप होता है। इसलिए, जो भी लक्ष्मी की कामना करता है, उसे ऐसे कार्य नहीं करने चाहिए।
- आलसी लोगों, भगवान में विश्वास न रखने वाले, बिगड़ैल लोगों, चोरों और ठगों के पास लक्ष्मी नहीं होती।
- जो व्यक्ति गुरु का अनादर करता है, गुरु के घर में चोरी करता है, गुरु की पत्नी लक्ष्मी पर बुरी नजर रखता है, उसके घर में लक्ष्मी नहीं टिकती और हमेशा के लिए लुप्त हो जाती है।
- जो व्यक्ति देवी-देवताओं के लिए बासी फूलों का उपयोग करता है वह गंदे और गंदे आसन पर बैठकर गंदा और दुर्गंधयुक्त रहता है। ऐसे लोगों के घर में लक्ष्मी का वास नहीं होता है।
- जो व्यक्ति ब्राह्मण, अग्नि, राख, गुरु या माता-पिता को पैरों से छूता है या छूता है, उसके घर से लक्ष्मी हमेशा के लिए चली जाती है।
- जो पुरुष एक पैर को दूसरे पैर से रगड़कर धोता है, जो गंदे स्थान पर सोता है, जो दिन में सोने वाली स्त्री के साथ शाम को संभोग करता है। उसके घर में कभी लक्ष्मी नहीं टिकती।
- जो व्यक्ति किसी घर में आता है और घर में बनी मिठाइयों को घर में रहने वाले लोगों को न बांटकर खाता है और घर की रसोई में भेदभाव करता है। लक्ष्मी उसे छोड़ देती है।
- लक्ष्मी उन लोगों से दूर रहती हैं जो अपने शरीर को संगीत वाद्ययंत्र की तरह बजाते हैं, मेज और कुर्सियों पर अपनी उंगलियां थपथपाते हैं और अपने सिर और पैरों को खुजलाते हैं।
- गंदे कपड़े पहनने वाले, अंधेरे घरों में रहने वाले, बदसूरत या अजीब कपड़े पहनने वाले और रूखा-सूखा भोजन करने वाले लोगों को लक्ष्मी छोड़ देती हैं।
- जो लोग गले की माला चबाते या तोड़ते हैं, आलसी होते हैं या शरीर पर धूल जमा करते हैं, लक्ष्मी उन्हें त्याग देती हैं।
- जो लोग दूसरे का धन चुराते हैं, जो लोग पराई स्त्रियों के साथ यौन संबंध बनाते हैं, जो लोग सूर्योदय के बाद भी सोते हैं। जो फर्श पर कीलों, कोयले, कांटों और तिनकों से व्यर्थ की बातें लिखती है, उसके घर में लक्ष्मी का वास नहीं होता है।
- जो भगवान की पूजा नहीं करते, जिनके बाल बिखरे हुए हैं, जो ब्राह्मणों का अपमान करते हैं, जो व्यर्थ में उंगलियों से नाचते हैं, जो निरर्थक भाषण देते हैं, जो नग्न स्त्रियों को देखते हैं। लक्ष्मी द्वारा त्याग दिया गया
- जो लोग जरूरत से ज्यादा हंसते हैं, जो लोग खाते समय हंसते हैं, जो लोग चलते समय पानी पीते हैं, जो लोग अतीत के बारे में चिंता और दुख व्यक्त करते हैं।
जो व्यक्ति अपने उपकारों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त नहीं करता। यदि आप बात करते समय उनसे बिना पूछे संपर्क करेंगे तो लक्ष्मी अकेली नहीं रहेंगी। - जो लोग मूर्ख होते हैं और धन के लिए प्रयास नहीं करते उनके घर में लक्ष्मी कभी निवास नहीं करतीं।
- जो गन्दी स्त्री पाप कर्मों में संलग्न रहती है, दूसरे पुरुषों में रुचि रखती है, भ्रष्ट स्वभाव वाली है, हर बात पर गुस्सा करती है, अपने पति पर अत्याचार करने के लिए क्रोध, प्रदर्शन, छल या मिथ्या भाषण का प्रयोग करती है। उसके घर में लक्ष्मी का वास नहीं होता है.
- जो महिलाएं अपना घर नहीं सजाती, जो महिलाएं अच्छी मानसिकता की नहीं होती, जो महिलाएं दूसरों के घरों के आसपास घूमती हैं, जो महिलाएं अक्सर अपना घर छोड़कर दूसरे लोगों के घर जाती हैं, जो महिलाएं शर्मीली नहीं होती, उनके घर में कभी लक्ष्मी नहीं आती . उन्हें अपने घरों में ही रहने दीजिए.
- जो स्त्री स्वभाव से निर्दयी और क्रूर है तथा दूसरों की निन्दा करने में तत्पर रहती है तथा दूसरों से वाद-विवाद करके अपने को चतुर समझती है, वह स्त्री ऐसे घर में नहीं रह सकती, मैं वहां नहीं हूं।
- जो स्त्री अपने पति से प्रेम नहीं करती उसके घर में लक्ष्मी नहीं रहती।
- जिस स्त्री के घर में पूजा का स्थान नहीं होता, वह भगवान के सामने भोजन नहीं करती, आरती नहीं गाती और उसके घर में लक्ष्मी नहीं रहती।
- जो स्त्री अपने गुरु का अपमान करती है उसके घर में लक्ष्मी एक क्षण भी नहीं ठहरती।
जिस व्यक्ति का गुरु नहीं होता उसके घर में लक्ष्मी का वास नहीं होता। - जो स्त्री बहुत अधिक खाती है, पकाकर खाती है या मिलावटी खाना परोसती है उसके घर में लक्ष्मी नहीं टिकती।
- जो स्त्री दिन में सोती है और अपने माता-पिता या ससुराल वालों का सम्मान नहीं करती, उसके घर में लक्ष्मी नहीं रहती।
- जिसके हृदय में प्रेम नहीं है, जो दूसरों के दुख से दुखी नहीं होता, उसके घर में लक्ष्मी नहीं रहती।
जो व्यक्ति परिश्रम नहीं करता और आलसी होता है उसके घर में लक्ष्मी नहीं टिकती। - जो व्यक्ति अपने घर में शिव, विष्णु, गणपति और शालिग्राम को स्थापित नहीं करता और प्रतिदिन इनकी पूजा नहीं करता, उसके घर में लक्ष्मी नहीं रहती।
- जो व्यक्ति स्तोत्र, मंत्र आदि का पाठ नहीं करता। लक्ष्मी से संबंध रखने वाला, अनावश्यक रूप से धन खर्च करने वाला या भोग-विलास में ही सुख समझने वाला होता है, उसके घर में लक्ष्मी नहीं रहती।
- जिसके घर में कलह होती है, जो बात-बात में अपनी पत्नी का अपमान करता है, जो अपनी पत्नी के साथ दासी जैसा व्यवहार करता है, जो सुख-दुख में उसका साथ नहीं देता, उसके घर में लक्ष्मी कभी स्थाई रूप से नहीं टिकती।
मां लक्ष्मी के निवास के बारे में विभिन्न धार्मिक ग्रंथों और पुराणों में कई तत्व बताए गए हैं, जो व्यक्ति के आचरण और चरित्र के साथ जुड़े हैं। लक्ष्मी निवास नहीं करती जहाँ अधर्म, दुराचार, अन्याय, छल-कपट, ईमानदारी की कमी, और दिव्यता के अनुरूप व्यवहार होता है। धार्मिक दृष्टिकोण से, जो व्यक्ति सच्चाई, ईमानदारी, धर्मपरायणता, नेक कर्मों को पसंद करता है और जो भगवान और सामाजिक न्याय में विश्वास रखता है, वहाँ लक्ष्मी का निवास होता है। अतः, लक्ष्मी का निवास उन स्थानों पर नहीं होता जहाँ अधर्म, अनैतिकता, दुर्व्यवहार, और दुराचार होता है।
लक्ष्मी जी कहाँ रहती है? | लक्ष्मी जी कहाँ निवास करती है? | लक्ष्मी घर में कैसे आती है?
FAQ :
लक्ष्मी जी कहाँ निवास करती है?
लक्ष्मी जी के निवास की विविधता है और इसे अलग-अलग परंपराओं और धार्मिक संस्कृतियों में विभिन्न तरीकों से व्याख्यात किया गया है।
कुछ लोग मानते हैं कि लक्ष्मी जी धन, समृद्धि, और सौभाग्य की देवी हैं, तो कुछ उन्हें दिव्यता, शक्ति, और स्वर्गीय सुख-शांति की प्रतिनिधित्व के रूप में मानते हैं।
कुछ परंपराओं में कहा जाता है कि लक्ष्मी जी धरती पर नहीं, बल्कि हृदय में निवास करती हैं। वे उन्हें पूजा और सेवा करने के लिए अपने हृदय में खोजना चाहिए।
हां कुछ धार्मिक मान्यताएं हैं जो बताती हैं कि लक्ष्मी जी का निवास वहाँ होता है जहां सत्य, ईमानदारी, सेवा भाव, धर्म, और प्रेम होता है। उन्हें देवी भक्ति, शुद्ध चित्त, और नेक करके पाया जा सकता है ।
घर में लक्ष्मी क्यों नहीं रहती?
लक्ष्मी अथवा धन की स्थिति घर में कई कारणों से प्रभावित हो सकती है। कुछ कारण ये हो सकते हैं:
वास्तु दोष: घर में वास्तु के अनुसार कोण और दिशाएं अहम होती हैं। अगर घर में वास्तु के अनुसार उपयुक्त व्यवस्था नहीं है, तो लक्ष्मी की स्थिति प्रभावित हो सकती है।
ऋण या कर्ज: अगर किसी के पास बहुत सारे ऋण हैं या बैंक या अन्य इंस्टीट्यूशन से कर्ज लिया हुआ है, तो यह धन की स्थिति को प्रभावित कर सकता है।
व्यय की अधिकता: अगर घर में व्यय अधिक हो रहा है और सेविंग्स कम हो रही है, तो भी लक्ष्मी की स्थिति प्रभावित हो सकती है।
परिवारिक संबंध: कई बार परिवार में बीचारे के बीच किसी वजह से विवाद होते हैं, जो धन की स्थिति को प्रभावित कर सकते हैं।
कर्मों का फल: किसी भी व्यक्ति के कर्मों का फल भी होता है। अगर कोई नियमित रूप से अच्छे कर्म करता है तो धन की स्थिति में सुधार हो सकता है।
इन सभी कारणों के अलावा भी अन्य कई परिस्थितियाँ हो सकती हैं जो लक्ष्मी की स्थिति को प्रभावित कर सकती हैं। यदि ऐसा लगता है कि लक्ष्मी की स्थिति में सुधार की जरूरत है, तो वास्तुशास्त्र, ध्यान और समझदारी से कुछ बदलाव किए जा सकते हैं।
पर्स में क्या रखने से लक्ष्मी आती है?
विभिन्न संस्कृतियों और धार्मिक दृष्टिकोण से यह माना जाता है कि कुछ वस्तुओं को पर्स में रखकर धन और समृद्धि की वृद्धि हो सकती है। यहां कुछ ऐसी वस्तुओं का उल्लेख है जिन्हें पर्स में रखने का आदान-प्रदान किया जाता है:
लक्ष्मी का चिन्ह (लक्ष्मी के तिरछे चिन्ह): यह चिन्ह धन, समृद्धि, और सौभाग्य को प्रतिष्ठित करने में माना जाता है।
धन की रक्षा के लिए सुरक्षा वस्त्र (धनी या धनवान बनाने का उपाय): इसमें सोने या सिल्वर के सिक्के, धन को प्रतिनिधित करने वाली कुछ वस्तुओं को रखा जा सकता है।
कुछ प्रकार के धार्मिक चिन्ह: कुछ लोग पर्स में माता लक्ष्मी की मूर्ति, स्वस्तिक, या अन्य धार्मिक चिन्ह रखते हैं।
खुशबू और इंसेंस: धन और समृद्धि को बढ़ाने के लिए कुछ लोग पर्स में धन के देवी या देवताओं की प्रार्थना के लिए खुशबू और इंसेंस रखते हैं।
स्पष्ट और ताजगी रखें: कई बार पर्स में धन आने की संभावना को बढ़ाने के लिए स्वच्छता और ताजगी बनाए रखने का भी महत्त्व होता है।
ये संकेतिक चीजें हैं और इन्हें धार्मिक या संस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्त्व दिया जाता है। वास्तव में, धन और समृद्धि का आना व्यक्ति के कर्मों, मेहनत, और सही नियत के साथ जुड़ा होता है।
लक्ष्मी क्यों रूठ जाती है?
लक्ष्मी के रूठ जाने के कई कारण हो सकते हैं। धर्म और संस्कृति के अनुसार, लक्ष्मी के रूठ जाने का कारण अक्सर हमारे कर्मों, व्यवहार, और आत्मिक स्थिति से जुड़ा होता है।
कुछ कारण इस प्रकार हो सकते हैं:
कर्मों का फल: हमारे कर्मों का प्रभाव हमारी धन और समृद्धि पर पड़ता है। अगर हम अच्छे कर्म करते हैं, धार्मिक और नैतिक मूल्यों को पालते हैं, तो लक्ष्मी हमारे पास रहती है। अगर अनैतिकता, दुर्व्यवहार, या अनुशासनहीनता है, तो धन की स्थिति प्रभावित हो सकती है।
उपयुक्त ध्यान न देना: कई बार हम अपने धन और समृद्धि को लेकर ध्यान नहीं देते हैं। अगर हम संपत्ति का सही उपयोग नहीं करते या उसे सही तरीके से निर्वहन नहीं करते, तो लक्ष्मी का रूठ जाना संभव है।
अप्रियता या अनुचित व्यय: धन की अप्रियता, अधिक व्यय, और अनुचित खर्च भी लक्ष्मी को रूठा सकता है।
संबंधों में विवाद: परिवारिक या सामाजिक संबंधों में विवाद भी लक्ष्मी को रूठा सकता है।
आत्मिक शुद्धता का अभाव: धन और समृद्धि की स्थिति में सुधार के लिए आत्मिक शुद्धता, ध्यान और नैतिकता का महत्त्वपूर्ण अंश हो सकता है।
लक्ष्मी का रूठ जाना व्यक्ति के आत्मिक स्थिति, कर्मों और व्यवहार पर निर्भर कर सकता है। इसलिए, धन और समृद्धि को बनाए रखने के लिए सही दिशा, संतुलन, और नैतिकता बहुत महत्त्वपूर्ण होती हैं।
सुबह उठकर क्या करना चाहिए जिससे लक्ष्मी आए?
सुबह उठकर अगर आप लक्ष्मी को अपने घर आने के लिए आमंत्रित करना चाहते हैं, तो कुछ आदतें और कामकाज जो आप नियमित रूप से कर सकते हैं, वो हैं:
पूजा और ध्यान: सुबह की शुरुआत में माता लक्ष्मी की पूजा और ध्यान करना अच्छा होता है। आप पूजा करके उन्हें आमंत्रित कर सकते हैं और उनसे धन और समृद्धि की कामना कर सकते हैं।
कर्मचारी के साथ संवाद: अपने घर में काम करने वाले कर्मचारियों और सेवाकर्ताओं के साथ अच्छे संवाद करना और उनकी मानवीयता का ध्यान रखना भी लक्ष्मी को प्रसन्न कर सकता है।
स्वच्छता और सजगता: घर की सफाई और सजगता बनाए रखना भी धन और समृद्धि की दिशा में मददगार हो सकता है।
नैतिकता और नियमितता: नैतिकता, नियमितता, और सही कार्यरत जीवन भी लक्ष्मी को प्रसन्न कर सकता है।
सही व्यवहार: अन्य लोगों के साथ उचित व्यवहार, सदभावना, और सहयोग करना भी धन और समृद्धि में मदद कर सकता है।
ये सभी कामकाज और आदतें धन और समृद्धि के प्राप्ति के लिए महत्त्वपूर्ण हो सकती हैं। लेकिन, यह भी याद रखना चाहिए कि धन का प्राप्ति मानवीय संबंधों, सही कार्यरत जीवन, और नैतिकता के साथ होती है।
लक्ष्मी घर में कैसे आती है?
लक्ष्मी का आना घर में कई तरीकों से हो सकता है, और इसमें कई कारक हो सकते हैं। यहां कुछ मुख्य तरीके हैं जिनसे लक्ष्मी घर में आ सकती है:
सजीव और शांतिपूर्ण वातावरण: घर में शांति, प्रेम, और सजीवता का वातावरण बनाना लक्ष्मी को आने के लिए एक महत्त्वपूर्ण कारक हो सकता है।
उचित वास्तु-फेंगशुई: वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में सही तरीके से व्यवस्थित और साफ-सुथरा महसूस होना चाहिए।
कर्मों का फल: आपके कर्मों का असर भी होता है। अच्छे कर्म, नैतिकता, और धार्मिकता से यह संभव है कि लक्ष्मी घर में आए।
सही नियत और उचित व्यवहार: आपका नियत और व्यवहार भी महत्त्वपूर्ण होता है। यदि आप नेक नीयत से काम करते हैं और अच्छे व्यवहार करते हैं, तो यह लक्ष्मी को आकर्षित कर सकता है।
संबंधों की मानवीयता: घर में मानवीय संबंधों का महत्त्व भी होता है। प्रेम, सहयोग, और सामर्थ्यपूर्ण संबंध लक्ष्मी को आने में मदद कर सकते हैं।
समृद्धि के संकेत: जैसे धन की संकेतों को पहचानने के लिए स्वामित्व की चीजों को साफ रखना, धन की संभावना को बढ़ा सकता है।
ये सभी तत्व और कारक एक संतुलित और सकारात्मक वातावरण बनाने में मदद कर सकते हैं, जिससे लक्ष्मी का आना संभव हो सकता है।
लक्ष्मी को क्या गुस्सा आता है?
लक्ष्मी को गुस्सा या नाराज़गी का अहसास नहीं होता। लेकिन, उसका आना और जाना हमारे कर्मों और जीवनशैली के साथ जुड़ा होता है। अगर हम अधिकता, बेईमानी, अनैतिकता, और अनुचितता के माध्यम से अपने धन का उपयोग करते हैं, तो धन की स्थिति में दृढ़ता नहीं बनी रहती और हमारे पास धन की स्थिति में सुधार हो सकती है।
इसके बावजूद, हम अक्सर लक्ष्मी को “रूठ जाना” या “आना-जाना” की भावना से जोड़ते हैं, जो हमारे धन और समृद्धि के संबंध में हमारी दृष्टि है। हमारी जीवनशैली, कर्मों का परिणाम होता है, और यदि हम नेक और सही कार्य करते हैं, तो धन और समृद्धि का अनुभव होता है।
लक्ष्मी को गुस्सा नहीं आता, लेकिन हमारे कर्मों का फल हमें धन और समृद्धि के संबंध में अनुभव कराता है। इसलिए, नेक कार्यों का पालन करते हुए और नैतिकता के साथ जीवन जीने से हम अपनी स्थिति को सुधार सकते हैं।
लक्ष्मी आपके घर कितने बजे आती है?
लक्ष्मी जैसे कि धर्म और संस्कृति के अनुसार, किसी विशेष समय या बजे में आती नहीं है। वह हमारे जीवन में धन, समृद्धि और शुभता की स्थिति का प्रतिनिधित्व करती है।
लेकिन कुछ लोग लक्ष्मी का स्वागत करने के लिए किसी विशेष दिन या समय को चुनते हैं, जैसे दीपावली, अमावस्या, विशेष पूजा के दिन या अपनी प्राथमिकता और श्रद्धा के आधार पर।
अंत में, लक्ष्मी की उपस्थिति ध्यान, नैतिकता, नेक कर्मों और आत्मिक संयम के साथ जुड़ी होती है, और यह किसी निश्चित समय सीमा पर नहीं होती।
लक्ष्मी जी के पैर कहां लगाएं?
धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से, लक्ष्मी माता के पैरों को सम्मान देना बहुत महत्त्वपूर्ण माना जाता है। इसीलिए, विभिन्न प्रथाओं और पूजा की अवस्थाओं में लोग लक्ष्मी माता के पैरों को स्पर्श करते हैं और उनके चरणों में अपना माथा या सिर रखते हैं। धनागमन के लिये लक्ष्मी जी के पैर को दरवाजे के दाहिनी तरफ़ लगाना चाहिये .
यह प्रक्रिया एक प्रकार का सम्मान और भक्ति का प्रकटीकरण मानी जाती है। यह धार्मिक प्रथा व्यक्ति की श्रद्धा और विश्वास पर आधारित होती है।
लेकिन, यह भी ध्यान देने वाली बात है कि ऐसी प्रथा या क्रिया का आधार धर्म, संस्कृति और व्यक्तिगत विश्वास पर निर्भर करता है।
शुक्रवार को क्या करने से धन आता है?
धर्म और संस्कृति के अनुसार, शुक्रवार को धन और समृद्धि को बढ़ाने के लिए कुछ विशेष कार्यों और उपायों को अपनाया जा सकता है। यह तरीके लोगों के विश्वास और आध्यात्मिक धारणाओं पर निर्भर करते हैं, लेकिन यह उनमें से कुछ हैं:
लक्ष्मी पूजा: शुक्रवार को माता लक्ष्मी की पूजा और अर्चना करना। लक्ष्मी माता की पूजा करके धन और समृद्धि की कामना की जाती है।
किसी धर्मिक स्थल पर दान करना: धन दान करना, चारित्रिक संबंधों में नैतिकता बनाए रखने के लिए और धन की स्थिति में सुधार के लिए किया जाता है।
शुक्रवार को व्रत रखना: कुछ लोग शुक्रवार को व्रत रखते हैं, जिससे वे लक्ष्मी माता की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
स्वच्छता और सजगता: अपने घर और आसपास की सजगता और स्वच्छता बनाए रखना भी धन और समृद्धि को बढ़ा सकता है।
ये कुछ धार्मिक और सांस्कृतिक उपाय हैं जिन्हें लोग शुक्रवार को धन और समृद्धि को बढ़ाने के लिए अपना सकते हैं। यह उनकी भक्ति, श्रद्धा और आध्यात्मिक अनुष्ठान पर निर्भर करता है।